सिमुलेशन के प्रकार (Type of Simulation)
ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफेस (Brain Computer Interface) एक ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफेस सिमूलेशन में प्रत्येक भाग लेने वाला सीधा अपने ब्रेन (brain) को सिमुलेशन कम्प्यूटर के साथ जोड़कर बाहर से प्रवेश लेता है
कम्प्यूटर सेंसरी डाटा (sensory data) को उनमें ट्रांसफर करता है और उनकी इच्छाओं तथा क्रियाओं को वापस पढ़ता है। इस प्रकार से वे सिमुलेटैड विश्व से इन्टरैक्ट (interact) करते हैं और उससे फीडबैक (feedback) प्राप्त करते हैं।
सहभागी, थोड़ी देर के लिये यह भूल जाने के लिये कि वे एक वर्चुअल रियल्म (Virtual realm) में हैं, अर्थात् (“passing through the veil”), एडजेस्टमेन्ट (adjustment) भी प्राप्त कर सकते हैं।
जब सिमुलेशन के अंदर हों, तब सहभागी की चेतना (consciousness), एक ‘अवतार’ के द्वारा प्रदर्शित होती है जो सहभागी के असली रूप से भिन्न दिखता है।
• वर्चुअल लोग (Virtual People) – वर्चुअल पीपुल (Virtual people) सिमुलेशन में प्रत्येक निवासी सिमुलेटैड दुनिया का बाशिन्दा होता है। उनका ‘बाहरी’ वास्तविकता में कोई ‘यथार्थ’ शरीर नहीं होता।
कदाचित प्रत्येक पूर्णतः सिमुलेटैड एन्टिटी ( entity) है जिसके पास उपयुक्त स्तर की कानश्यसनैस (consciousness) अर्थात् चेतन अवस्था है
जिसका इम्प्लीमेंटेशन सिमुलेशन के अपने लाजिक (अर्थात् स्वयं की फिजिक्स/भौतिकी का उपयोग करते हुए) के इस्तेमाल से हो।
इनको एक सिमूलेशन से दूसरे में डाउनलोड किया जा सकता है या उसे आरकाइव में रखा जा सकता है और फिर जब आवश्यकता हो निकाला जा सकता है।
यह भी संभव है कि एक सिमुलेटेड एन्टिटी (simulated entity) सिमुलेशन से पूर्णतः हटायी जा सकती है जिसमें माइन्ड ट्रांसफर (mind transfer) को एक सिन्थेटिक बॉडी (Synthetic body) में कर किया जा सकता है।
इसका उदाहरण है “जब मूवी वर्चुआसिटी (virtuosity) में एस आई डी 6.7 (SID 6.7) अपनी सिमुलेटैड रियलिटी से बच जाता है”। यह वर्ग दो और प्रकारों में विभाजित हो सकता है।
वर्चुअल पीपुल – वर्चुअल वर्ल्ड (Virtual people virtual world) – इसमें एक एक्सटर्नल रियलिटी (external reality) आर्टीफिशियल कानशियसनैस (artificial consciousness) में अलग से सिमुलेट (simulate) होती है।
→ सौलिपसिस्टिक सिमुलेशन (solipsistic simulation) – इसमें कॉनशियसनेस (consciousness) सिमुलैट होती है और भाग लेने वाले जिसको “विश्व” मानते हैं वह केवल उनके दिमाग में होता है।
एैमीग्रेशन (Emigration) – एक एैमीग्रेशन सिमुलेशन में भाग लेने वाले सिमुलेशन में बाहरी रियलिटी से प्रवेश करते हैं; जैसे ब्रेन कम्प्यूटर इन्टरफेस सिमुलेशन (brain-computer interface simulation) में किन्तु अधिक बड़ी मात्रा में।
प्रवेश पर भाग लेने वाला अपनी मैन्टल प्रोसेसिंग (mental processing) को एक वर्चुअल पर्सन (virtual person) में अस्थाई रूप से रीलोकेट (relocate) करने के लिये माइन्ड ट्रांसफर (mind transfer) का उपयोग करता है।
सिमुलेशन हो जाने के बाद भाग लेने वाले का माइन्ड (mind) अपनी आउटर-रियलिटी बाडी (outer-reality body) में नई यादों और अनुभवों, जो उसने अन्दर प्राप्त किये, के साथ फिर वापस ट्रांसफर (transfer) हो जाता है।
• इंटरमिंगिल्ड (Intermingled) – एक इन्टरमिंगिल्ड सिमुलेशन दोनों प्रकार की चेतन अवस्थाओं (कानशियसनैस) का समर्थन करता है।
आउटर रियलिटी से खिलाड़ी जो विजिट (visit) कर रहे हैं (एक ब्रेन कम्प्यूटर इन्टरफेस सिमुलेशन की तरह) अथवा एैमीग्रेट (emigrate) कर रहे हैं
और वर्चुअल पीपुल जो सिमुलेशन के निवासी हैं, अतः बाहरी रियलिटी (outer reality) में कोई भौतिक शरीर नहीं है।
मैट्रिक्स चलचित्र (मूवीज) में इन्टरमिंगिल्ड (Intermingled) प्रकार का सिमुलेशन है। वे न केवल मानवीय मन रखते हैं, (जबकि उनका भौतिक मन बाहर ही रहता है) अपितु एजेन्ट (agent) भी जो स्वतंत्र सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हैं और कम कम्प्यूटैड रियल्म (Computed realm) के लिये देते हैं।