स्लीप प्रॉब्लम्स sleep problem kya hai?

• स्लीप प्रॉब्लम्स sleep problem

सोने के समय, बहुत करीब से टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से नींद की समस्या हो सकती है। यह प्रभाव इस तथ्य जुड़ा है कि ब्लु लाइट जैसे सेल फोन्स, ई-रीडर्स तथा कम्प्युटर्स से निकलने वाली लाइट मस्तिष्क को उत्तेजित करता से है।

2014 के एक अध्ययन के ऑथर्स ने पाया कि यह ब्लु लाइट शरीर के नेचरल सर्केडियन रिदम को बिगाड़ने के लिए पर्याप्त है। यह डिस्टर्बेन्स नींद को कठिन बना सकता है या अगले दिन व्यक्ति को कम सतर्क महसूस करा सकता है। मस्तिष्क पर ब्लु लाइट के संभावित प्रभाव से बचने के लिए, लोग सोने से एक या दो घंटे पहले ब्लु लाइट उत्सर्जित करने वाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेसस का उपयोग करना बंद कर सकते हैं।

इसके बजाए शांत करने के लिए जेन्टल एक्टिविटीज, जैसे किताब पढ़ना, जेन्टल स्ट्रेचेस करना तथा स्नान करना विकल्प हैं।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *