ताररहित लैन संयोजन (WLAN Connections)
ताररहित लैन संयोजन आज बिल्कुल आम है। यह जिस प्रोद्योगिकी पर आधारित है उसे वाई-फाई (Wi-Fi) के नाम से जानते हैं। इसका पूर्ण रूप वायरलेस फीडिलिटी (Wireless fidelity) है। वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क के दौरान ली गयी दूरी को मीलों (miles) में नापने के बजाय फीट या मीटर में नापा जाता है। अतः यह प्रौद्योगिकी सीधे-सीधे आई. एस. पी. (ISP) से नहीं जुड़ती है जैसा कि वायरलेस वैन अथवा उपग्रह संयोजन में होता है।
अपितु इसका प्रयोग किसी अन्य लैन या यंत्र से जुड़ने के पश्चात उसके माध्यम से इण्टरनेट एक्सेस प्राप्त किया जाता है। ताररहित वैन में, एक ताररहित एक्सेस प्वाइन्ट (access point) ताररहित हब या स्वीच के रूप में कार्य करता है। ताररहित लैन में मुख्य रुप से एक ताररहित एक्सेस प्वाइण्ट का प्रयोग होता है जो ताररहित कम्प्यूटरों को तारयुक्त (wired) लैन से जोड़ता है तथा इस प्रकार वे लैन के संसाधनों का प्रयोग करने के साथ ही रुटर (router) के माध्यम से इण्टरनेट से भी जुड पाते हैं।
इन्टरनेट से जुड़ने के लिए ताररहित एक्सेस प्वाइन्ट किसी अन्य डिवाइस की भाँति तारयुक्त लैन से जुड़ता है तथा फिर ताररहित एन. आई. सी. (NICs) वाले कम्प्यूटर लैन को एक्सेस कर पाते हैं। ताररहित एक्सेस प्वाइन्ट फायरवॉल रुटर्स तथा स्वीच जैसे फीचरों के साथ खरीदे जा सकते हैं। ताररहित एक्सेस प्वाइन्ट एक मानक हब के पोर्ट अथवा लैन से संबद्ध स्वीच से जुड़े हो सकते हैं।
ताररहित लैन का उल्लेख होने के साथ ही हॉट स्पॉट्स (hot spots) का नाम आना स्वाभाविक है। हॉट स्पॉटस सार्वजनिक ताररहित लैनस् (WLANS) होते हैं जो आपको प्रमुख हवाई अड्डों, मनोरंजन स्थलों, रेस्तराओं इत्यादि में इण्टरनेट की सुविध प्रदान करने के उद्देश्य से उपलब्ध होते हैं। ये सार्वजनिक होने के कारण असुरक्षित भी होते हैं तथा इनके साथ अनेक प्रकार के खतरे जुड़े होते हैं।