World Wide Web ka Itihaas kya hai?

वर्ल्ड वाइड वेब का इतिहास

वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार सन् 1989 में एक ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने किया था। वे उस समय CERN में काम करते थे। मूल रूप से, यह दुनियाभर के वैज्ञानिकों के बीच ऑटोमेटेड इन्फॉर्मेशन शेयर करने की आवश्यकता को पूरा करने के लिये उनके द्वारा विकसित किया गया था, ताकि वे एक-दूसरे के साथ अपने एक्सपेरिमेन्ट्स तथा स्टडीज के डेटा तथा रिजल्ट्स को आसानी से शेयर कर सकें।

CERN, जहाँ टिम बर्नर्स ने काम किया, 100 से अधिक देशों के 1700 से अधिक वैज्ञानिकों की कम्यूनिटी है। ये वैज्ञानिक CERN साइट पर कुछ समय बिताते थे और बाकी समय वे अपनी यूनिवर्सिटीज तथा अपने देश में नेशनल लेबोरेटरीज में काम करते थे, इसलिए रिलाएबल कम्युनिकेशन टूल्स की आवश्यकता थी, ताकि वे इन्फॉर्मेशन का आदान- प्रदान कर सकें।

इस समय इन्टरनेट तथा हाइपरटेक्स्ट उपलब्ध थे, लेकिन किसी ने भी यह नहीं सोचा कि एक डॉक्यूमेन्ट को दूसरे से लिंक करने या शेयर करने के लिये इन्टरनेट का उपयोग कैसे किया जाए। टिन ने तीन मेन टेक्नोलॉजीस पर ध्यान केन्द्रित किया, जो कम्प्यूटर को एक-दूसरे, HTML, URL तथा HTTP को समझने में सक्षम बना सकें। इसलिये, www आविष्कार के पीछे का उद्देश्य रिसेन्ट कम्प्यूटर टेक्नोलॉजिस, डेटा नेटवर्क्स तथा हाइपरटेक्सट को युजर फ्रेंडली तथा इफेक्टिव ग्लोबल इन्फॉर्मेशन सिस्टम में कम्बाइन करना था।

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