पर्सनल कम्प्यूटर का विकास संभवत: पहला माइक्रोप्रोसेसर बनने के कई वर्षों बाद K 8086 प्रोसेसर के साथ शुरू हुआ। पहले के पर्सनल कम्प्यूटर में सभी कार्य एक फ्लॉपी डिस्क पर होते थे।
फिर हार्ड डिस्क का आविष्कार हुआ और हमें फ्लॉपी डिस्क की अपेक्षाकृत अधिक टिकाऊ तथा अधिक मात्रा में डाटा को स्टोर करने वाली एक डिवाइस मिली। इस सेक्शन में हम पर्सनल कम्प्यूटर के विकास क्रम पर चर्चा करेंगे।
1) पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer)- प्रथम आई.बी.एम. पी.सी. में इंटेल 8086 माइक्रोप्रोसेसर लगा हुआ था। यह 8 बिट प्रोसेसर था जो आई.बी.एम. पी.सी. के उस समय को आवश्यकता को पूरा करता था।
इस माइक्रोप्रोसेसर का मुख्य कार्य डाटा, मेमोरी एंड्स तथा Points of Instruction को स्टोर करना था। इस माइक्रोप्रोसेसर में यह सुविधा प्रदान करने के लिये पानी डाटा स्थानांतरण व डाटा प्रोसेसिंग के लिये 14 रजिस्टर लगे थे।
इसकी संचय क्षमता 128 से 640 KB तक थी तथा इसके पलापी इल की संख्या 1 या 2 थी। इस प्रकार के कम्प्यूटर में हार्डडिस्क नहीं होती थी तथा गणना गति (computational speed) 8 मेगाहर्टज में थी। इसकी मेमोरी 1 MB तक होती थी। डाटा बस का आकार 8 बिट तथा ऐड्स (Address) बस का आकार 20 बिट होता था।
2) पी.सी.एक्स.टी. (PC-XT) – इसमें 8088 नामक माइक्रोप्रोसेसर लगा हुआ था। इस प्रकार के कम्प्यूटर की स्टोर क्षमता 640 किलोबाइट थी तथा माइक्रोप्रोसेसर 8 बिट का था। इसमें फ्लॉपी ड्राइव्स की संख्या । या 2 तक थी।
लेकिन इस प्रकार के कम्प्यूटरों में हाडडिस्क होती थी तथा गणना गति 10-12 मेगाहर्ट्ज में थी। इसकी मेमोरी । मेगाबाइट तक होती थी तथा इसमें डाटाबेस का आकार (size) 8 बिट तथा ऐड्स बस का आकार 20 बिट होता था।
3) पी.सी.ए. टी. (PC-AT) – इस प्रकार के कम्प्यूटर में 80286 नामक माइक्रोप्रोसेसर लगा हुआ था। इसमें कुछ अतिरिक्त गुण थे जिनमें से एक प्रोग्राम प्रोसेसिंग की गति तेज होना था। इसकी गति 8086 की अपेक्षा अधिक थी।
इस प्रकार के कम्प्यूटर की स्टोरेज क्षमता | MB से 2 MB तक थी। इसमें फ्लॉपी ड्राइव की संख्या या 2 थी। इस प्रकार के कम्प्यूटरों में हार्डडिस्क होती थी तथा इसकी गणना गति 16-20 मेगाहर्टज में होती थी।
इसकी अधिकतम मेमारी 16 MB तक होती थी तथा इसमें डाटाबेस का आकार 16 विट तथा ऐड्स बस का आकार 24 बिट तक होता है। इन कम्प्यूटरों को सारणी 21 में संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।
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