ऑटोमैटिक टेलर मशीन या ए.टी.एम. (ATM) ऐसी मशीन है जो हमें प्रायः बैंक कैम्पस में, शॉपिंग मॉल्स (shopping (malls) में, रेलवे स्टेशनों पर हवाई अड्डों पर बस स्टैण्ड पर तथा अन्य महत्वपूर्ण बाजारों तथा सार्वजनिक स्थानों पर मिल जाती है।
यह इनपुट डिवाइस का एक विशिष्ट रूप है। ए.टी.एम. की सहायता से आप किसी भी समय यहाँ तक की अर्धरात्रि में भी पैसे निकाल सकत है।
यद्यपि कुछ ए.टी.एम. केवल 12 घरा को सेवा देते हैं, परन्तु अधिकतर ए.टी. एम. चौबीस घंटों की सेवा प्रदान करते हैं।
ए.टी.एम. की सहायता से आप पैसे जमा कर सकते हैं, अपने ऋण की अदायगी कर सकते हैं, अपने बिलों का भुगतान कर सकते हैं
अपने खाते के लेन देन तथा बकाया (balance) भी जान सकते हैं। आप ए.टी.एम. का प्रयोग तभी कर सकते हैं
जब आपके पास एटी.एम. कार्ड तथा एक Valid Personal Identification Number जिसे संक्षेप में पिन (PIN) कहा जाता है
की ए टी एम बैंक के मुख्य कम्प्यूटर से जुड़ा होता है तथा यह ऑनलाइन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
एटीएम के विकास के साथ ही बैंकिग पहले से कहीं अधिक आसान हो गयी है तथा लोग अपने ए.टी.एम. के साथ ही बैंकिंग लेन देन को आमतौर पर प्राथमिकता देते हैं।
इसका कारण है कि अब उन्हें बैंक के काउन्टर में घंटों कतारबद्ध होकर खड़ा नहीं होना पड़ता, अतः इससे परेशानी से मुक्ति के साथ समय की भी बचत होती है।
एक और जहाँ ग्राहकों को इससे राहत मिली है वहीं दूसरी ओर बैंकों के मानव संसाधन (human staffing) पर आ रही लागत भी कम हुई हैं।
इसकी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि ग्राहक-संतुष्टि है, क्योंकि इसमें गलती होने की संभावना बिल्कुल न के बराबर है।
ए.टी.एम. के अनगिनत फायदे हैं, साथ ही इसके नकारात्मक पहलू (negative aspects) ये हैं कि इसमें धोखाधड़ी के लिए पर्याप्त अवसर है तथा बिजली की अनुपस्थिति में इससे कार्य नहीं लिया जा सकता है।