कम्प्यूटर हमें स्वस्थ और दीर्घायु बनाने के लिए अथक प्रयासरत है। कम्प्यूटर के चिकित्सा के क्षेत्र में क्या योगदान हैं इन सेक्शन में चर्चा की गई है।
1)कम्प्यूटर असिस्टेड डाइग्नोसिस (Computer Assisted Diagnosis) – यह एक ऐसी सुविधा है जिसमें हार्डवयर अथवा सॉफ्टवेयर, चिकित्सकों को रोगियों के परीक्षण में सहायता करते हैं। रोगी के लक्षणों को कम्प्युटर में इनपुट (Input) किया जाता है
सॉफ्टवेयर इस रोगी के लक्षणों का तुलना अब तक के पिछले रोगिया के कम्प्यूटर में स्टार लक्षणों व रोगों से करते हैं और रोग का पता लगाते हैं।
2) कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (Computed Tomography) – यह एक ऐसा सुविधा है जिसमें कैट स्कैनिंग (CAT Scanning) की जाती है| इसमें x-ray, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मिलकर रोगी के आन्तरिक अंगों त्रिविमीय ( Three Dimensional) चित्र प्रस्तुत करते हैं। चिकित्सक इस चित्र से रोगी के रोग को अधिक शुद्धता से जाँच सकते हैं।
3) कम्प्यूटराइज्ड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (Computerized Life Support System) – यह नसिंग (Nursing aid) सहायता है, जिससे गम्भीर अवस्था के रोगों का लगातार प्रेक्षण (monitor) किया जाता है और रोगी को हृदयगति, तापमान और रक्तचाप में प्राणघातक बदलाव को अलार्म (Alarm) से सूचित किया जाता है।
यह सिस्टम कम्प्यूटर द्वारा ही संचालित होता है। आजकल कम्प्यूटरों का उपयोग विकलांगों के लिये भी बढ़ रहा है। ऐसे पोर्टेबल कम्प्यूटर ( Portable Computers) तैयार किये गये हैं
जो मानव की आवाज से निर्देश प्राप्त करते हैं। यहाँ तक कि नेत्रहीनों के लिए भी कम्प्यूटर तैयार कर लिये गये हैं।