कंप्यूटेशनल मॉडलिंग (Computational Modeling)
कंप्यूटेशनल मॉडलिंग में समस्याओं को गणित व लॉजिक के रूप में पेश किया जाता है। इनका प्रयोग सिमुलेशन में व बुद्धिमत्ता की विशेष व साधारण विशेषताओं के लिए किया जाता है।
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इनका प्रयोग एक खास कॉग्निटिव सोच को समझने के लिए सहायक है।
• सांकेतिक मॉडलिंग- ये एक्सपर्ट सिस्टम्स व सामान्य नॉलेज बेस्ड सिस्टम्स की तकनीकों पर आधारित सिस्टम हैं। इनका प्रयोग मुख्यतः इन्फॉरमेशन इंजीनियरिंग व साधारण सिस्टमिक्स में होता है।
सब सिंबॉलिक मॉडलिंग- इसमें कनेक्शनिस्ट व न्यूरल नेटवर्क मॉडल शामिल हैं। यह इस बात पर आधारित है कि मस्तिष्क एक साधारण नोडों का जाल है तथा इनके जुड़ने की प्रकृति से सिस्टम अपनी शक्ति लेता है।
इस ऐप्रोच को ‘न्यूरल नेट्स’ नामक किताब में दर्शाया गया है। कुछ लोगों का यह मानना है कि ये सिस्टम, सिस्टम के कार्यों को बार-बार रिपीट करते रहते हैं तथा आसान व साधारण नियमों को भी कठिन व विषम बनाकर पेश करते हैं।
उपरोक्त एप्रोच इंटीग्रेटिड कंप्यूटेशनल मॉडल की जनरलाइज्ड फार्म है जो सिंथेटिक / ऐब्सट्रैक्ट AI को दर्शाती है। एक व्यक्ति की व समाज या संगठन की निर्णय लेने की प्रक्रिया को यह विस्तार देती है व उसमें सुधार लाती है