Computer का आविष्कार क्यों हुआ? | 5 Hidden points invented?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो कि मानव द्वारा निर्मित किया गया है

Why computer was invented

यहां हम कंप्यूटर के बारे में जानेंगे, Computer का आविष्कार किया गया, कंप्यूटर की विशेषताओं और कंप्यूटर और मानव के बीच अंतर.

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Computer का आविष्कार क्यों हुआ?

Computer का आविष्कार Charles Babbage द्वारा किया गया है जैसे कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है.

Necessity is the mother of invention अर्थात ‘आ आविष्कार की जननी है।’ द्वितीय विश्वयुद्ध के समय यह अनुभव किया गया कि सामरिक स्थिति प्राप्त करने के लिये आवश्यक है कि विज्ञान तथा तकनीकी क्षेत्र विकास किया जाये। हवाई जहाजों, पनडुब्बियों तथा लम्बी दूरी तक मार करने वाले और मकाबला करने के लिये आवश्यक था कि ऐसी उच्च क्षमता वाली युक्ति विकसित की जान जिसकी सहायता से न दिखने वाले लक्ष्य पर भी आक्रमण किया जा सके.

इस आवश्यक की पर्ति के लिये रडार का आविष्कार हुआ। रडार की सहायता से शत्रु का स्थान, उसके आने बढ़ने की दिशा एवं गति का पता लगाया जा सकता था। इसके पश्चात् आवश्यक था कि बन्दूकों को रडार द्वारा बताये गये निशानों पर केन्द्रित किया जाये ताकि इनसे की जाने वाली गोलाबारी लक्ष्य का अचूक भेदन कर सके, परन्तु इसके लिये अत्यन्त सूक्ष्म समय में जटिल गणनाओं को करके सत्य एवं विश्वसनीय परिणाम प्राप्त होना आवश्यक था.

मनुष्य की तत्कालीन क्षमताओं के आधार पर यह असम्भव था। अब एक ऐसी मशीन की आवश्यकता अनुभव की गई जो बिना किसी त्रुटि के इस प्रकार की गणनाओं को सूक्ष्म समय में कर सके। यह आवश्यकता ही कम्प्यूटर के आविष्कार की जननी बनी.

कम्प्यूटर की विशेषतायें

कम्प्यूटर की तेजी से बढ़ रही ख्याति ने यह सिद्ध कर दिया है कि कम्प्यूटर अति शक्तिशाली और बहुउपयोगी यन्त्र है। कम्प्यूटर अपनी निम्नलिखित विशेषताओं के कारण ही आज इस ऊँचाई पर जा पहुँचा है

कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है, जो एक बार कार्य शुरू होने के पश्चात् कार्य के समापन तक बिना किसी मानवीय सहायता के कार्य कर सकता है

कम्प्यूटर की गति अति तीव्र होती है। यह एक सेकण्ड में इतना कार्य कर सकता है, जिसे कोई मनुष्य दिन-रात काम करके वर्ष-भर में भी पूरा नहीं कर सकता। एक शक्तिशाली कम्प्यूटर एक सेकण्ड में 30 से 40 लाख तक साधारण गणितीय संगणनायें कर सकता है।

अति तीव्र गति होने के साथ Computer अति यथार्थ भी होता है। इसकीयथार्थता कम्प्यूटर की संरचना पर निर्भर करती है। किसी भी कम्प्यूटर में सभी कार्य और संगणनायें समान यथार्थता से पूर्ण होते हैं। यदि कहीं कोई त्रुटि होती है। तो उसका कारण कम्प्यूटर की तकनीक नहीं बल्कि मानवीय त्रुटि होती है।

(4) अध्यवसाय

मानव से भिन्न, Computer थकानरहित एवं त्रुटिरहित होता है।कम्प्यूटर अनिश्चित काल तक बिना किसी शिकायत के टिरहित कार्य कर सकता है। इसी उस समय जब बहुत अधिक कार्य कम समय में और यथार्थता से करना हो। 
कारण कम्प्यूटर मानव से अधिक उपयोगी होता है, विशेष रूप से

(5) निपुणता

Computer इतना निपुण होता है कि पलभर में कई तरह के अलग-अलग कार्य बड़ी यथार्थता एवं तीव्रता से करता है। Computer में एक कार्य से दूसरे काय को लाने के लिये प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं पड़ती और यह बहुत सरलता से बिना समय नष्ट किये ऐसा कर पाने में सक्षम है। असीमित भण्डारण क्षमता- कम्प्यूटर में असीमित भण्डारण क्षमता होती है। कम्प्यूटर अपने भीतर अरबों-खरबों सूचनाओं को एक साथ सुरक्षित रख सकता है और आवश्यकता होने पर सुनियोजित ढंग से उन्हें उपलब्ध करा सकता है।

कम्प्यूटर के असामर्थ्य अथवा कमियाँ 

दुनियाँ में शायद ही कोई ऐसी चीज हो, जिसमें सब सामर्थ्य तथा गुण हों। प्रत्येक वस्तु और प्राणी में कहीं न कहीं कुछ असामर्थ्य रह जाता है। यद्यपि Computer PC असीमित कार्यों को करने में समर्थ है, इस कारण से आज यह जीवन का अभिन्न अंग बन गया है, लेकिन इसमें कुछ असामर्थ्य भी हैं, जिन्हें जानना आवश्यक है। Computer में निम्नलिखित असामर्थ्य (कमियाँ) हैं.

कम्प्यूटर कोई चमत्कारी यन्त्र नहीं है। कम्प्यूटर केवल वही कार्य कर सकता है जिसको करने का उसे निर्देश दिया जाता है और साथ में कार्य करने की विधि तथा सूचना दी जाती है। कम्प्यूटर अपनी तरफ से कोई कार्य नहीं कर सकता। Computer के पास कृत्रिम बुद्धि होती है, जो मानव-रचित है। कम्प्यूटर के पास अपना कोई बुद्धि, विवेक नहीं होता।

कम्प्यूटर एक मशीन है, अतः उसकी अपनी कोई भावना नहीं होती। मनुष्य ने कम्प्यूटर में स्मृति तो डाल दी लेकिन हृदय या आत्मा नहीं डाल पाया। इसलिये जिस प्रकार मानव में ज्ञान, स्वाद, अनुभव, भावना आदि गुण होते हैं वैसे गुण कम्प्यूटर के पास नहीं होते हैं।

कम्प्यूटर और मानव

Computer मानव द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार कार्य करता है। कम्प्यूटर में किसी कार्य को करने के लिये हम जो सूत्र टाइप करते हैं, उसे निर्देश कहते हैं। जिस प्रकार आपके अध्यापक जब आपको लिखने का आदेश देते हैं तो आप अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखते हैं, उसी प्रकार Computer भी हमारे आदेश के अनुसार कार्य करता है। कम्प्यूटर को यदि दो संख्याओं का योग करने का निर्देश दिया जाये तो वह योग करेगा।

मानवकम्प्यूटर

(1) मानव से गलती हो सकती है।

(1) कम्प्यूटर गलती नहीं करता।

(2) मानव कठिन कार्य अधिक समय में

(2) कम्प्यूटर कठिन कार्य कुछ ही सेकण्डों करता है।

(3) मानव नया सोच सकता है।

(3)कम्प्यूटर नया नहीं सोच सकता।

(4) मानव सजीव है।
(4) कम्प्यूटर एक यन्त्र (मशीन) है।
(5) मानव कार्य करने से थक जाता है(5) कम्प्यूटर कार्य करने से थकता नहीं


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By Ram

मेरा नाम राम है और मैं इस वेबसाइट को मैनेज करता हूं. मेरी बचपन से ही Computer में बहुत ही अधिक रुचि थी, और मैं पिछले 5 साल से कंप्यूटर के बारे में सीख रहा हूं सीखते सीखते मैंने यह सोचा क्यों ना मुझे यह सब जानकारी मेरे उन दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए जो कि कंप्यूटर के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं यही कारण है कि हमने यह ब्लॉग आप लोगों के लिए बनाया है.

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