इन्टरनेट की हानियाँ
1. इन्फॉर्मेशन लॉस– हमारी महत्वपूर्ण इन्फॉर्मेशन या को महत्वपूर्ण फाइल आसानी से हैकर्स द्वारा हैक की जा सकती हैं। हमारे द्वारा स्टोर की जाने वाली डिटेल्स की सिक्योरिटी का कोई सबूत नहीं है, जैसे- अकाउंट नम्बर्स, पासवर्ड्स आदि, इसलिये, सेसिटीव इन्फॉर्मेशन को युजर्स द्वारा सावधानीपूर्वक स्टोर किया जाना चाहिये।
2. स्पैम- अनावश्यक ईमेल्स, एड्वरटाइजमेन्ट्स को कभी-कभी स्पैम कहा जाता है, क्योंकि उनमें सिस्टम को धीमा करने और यूज़र्स को बहुत सारी समस्याओं का सामना करने की क्षमता होती है। स्पैम ईमेल्स भ्रम पैदा करते हैं, क्योंकि उनके साथ महत्वपूर्ण ईमेल्स भी स्टोर किये जाते हैं।
3. वायरस अटैक्स– मालवेयर या वायरस का खतरा इतना घातक होता है, जो सिस्टम को वृहद रूप से प्रभावित करता है। यह तुरंत सभी फाइल्स को डिलिट कर देता है और सिस्टम को क्रश करने का कारण बन जाता है। वायरस अटैक तीन तरह से संभव है। पहला, यह सिलेक्टेड फाइल्स पर अटैक करता है। दूसरा, यह एक्जिक्यूटेबल बूट फाल्स को क्षति पहुँचाता है, और इन सभी में सबसे खतरनाक मैको वायरस है, जो फाल्स के सभी पार्ट्स को रेप्लिकेट जो फाइल्स के सभी पट्स को रेप्लिकेट तथा एक्सपांड करने की क्षमता रखता है।
4. वर्चुअल वर्ल्ड- इन्टरनेट का उपयोग करने वाले लोग वर्चुअल तथा रियल वर्ल्ड के बीच के अंतर को भूल चुके हैं। इससे लोग बहुत जल्द ड्रिपेस हो जाते हैं और उनमें सामाजिक अलगाव तथा मोटापे की समस्या पैदा हो जाती है। मोटापा किसी भी फिजिकल एक्सरसाइज की कमी के कारण होता है। इसलिये इंटरनेट के बजाय बाहर जाकर खेलना तथा एक्सरसाइज करना बेहतर है।
5. मनी फ्रॉड्स- ऑनलाइन बिजनेस, वर्चुअल शॉप्स तथा क्रेडिट कार्ड के उपयोग की शुरुआत के साथ अब बाजार जाने के बिना चीजों को खरीदना बेहद आसान हो गया है। वैध साइट्स के अलावा कुछ अन्य सोशल मीडिया एडवरटाइजिंग साइट्स भी है, जो पैसो की धोखाधड़ी करती है। ये साइट्स आपकी पर्सनल इन्फॉर्मेशन, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और यहाँ तक कि पिन कोड भी प्राप्त करने की कोशिश करती हैं। एक बार जब उन्हें इन्फॉर्मेशन प्राप्त हो जाती है, आप आसानी से मनी फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं।
6. ऑनलाइन ब्रेटनिंग वा हेरेसमेन्ट- यदि कोई आपकी पर्सनल आईटी या ईमेल एड्रेस प्राप्त करने की कोशिश करता है, तो चैट सम, ऑनलाइन मैसेजेस तथा ईमेल के माध्यम से परेशान (हैरेस) करना आसान हो जाता है।