Author: Twinkle

  • Typing Input Devices Kya Hai?

    टाइपिंग इनपुट डिवाइसेज़ कम्प्यूटर की वे इनपुट डिवाइसेज़ हैं जिनका प्रयोग डाटा को टाइप करके इनपुट करने के लिये किया जाता है। की-बोर्ड तथा टर्मिनल इसी तरह की डिवाइसेज़ हैं यद्यपि टर्मिनल थोड़ा असामान्य है।

    की-बोर्ड (Keyboard)

    की-बोर्ड कम्प्यूटर का एक अभिन्न अंग तथा प्राथमिक इनपुट उपकरण है। आइए इस सेक्शन में हम यह जानते हैं कि की-बोर्ड क्या है ?

    की बोर्ड कम्प्यूटर का एक पेरिफेरल (peripheral) है जो आंशिक रूप से टाइपराइटर के की-बोर्ड की भांति होता है की बोर्ड को टेक्सट तथा कैरेक्टर इनपुट के लिए डिज़ायन (desgin) किया गया है।

    साथ ही यह कम्प्यूटर के ऑपरेशन्स को कंट्रोल (नियंत्रित) भी करता है। भौतिक रूप से, कम्प्यूटर का की-बोर्ड आयताकार या लगभग आयताकार बटनों या कीज़ (keys) को एक व्यवस्था होती है।

    की बोर्ड में सामान्यतः कीज़ (keys) आंकत होती है अथवा छपी हुई होती है। अधिकतर स्थितियों में, किसी कीज़ (key) को दबाने पर की बोर्ड एक लिखित चिह्न (written symbol) भेजता है।

    किन्तु कुछ संकेतों (symbol) को बनाने के लिए कई कोन को साथ साथ या एक क्रम में दबाने या पकड़े रहने की आवश्यकता पड़ती है।

    अन्य कीज़ (key) कोई संकेत नहीं बनाती बल्कि कम्यूटर अथवा की बाद के ऑपरेशन्स को प्रभावित करती हैं। की-बोर्ड की लगभग आधी कीज़ (keys) अक्षर, संख्या या चिह्न (characters) बनाती है।

    अन्य कुन्जी (key) की दबाने पर क्रियाएँ (actions) होती है तथा कुछ क्रियाओं actions) को सम्पन्न करने के लिए एक से अधिक कुजियों को एक साथ दबाया जाता है।

  • Input Device Kya Hai?

    इनपुट डिवाइसेज़ (Input Devices) हमार हाथ और पैर की भाँति है जिसके द्वारा हम अपना श्रम इनपुट करते हैं। इसी प्रकार, कम्प्यूटरों में भी कई इनपुट डिवाइसेज़ (input devices) होती है।

    यह डिवाइस कम्प्यूटर के मस्तिष्क की निर्देशित करती हैं। कि वह क्या करें। इनपुट डिवाइसेज़ (input devices) कई रूप में उपलब्ध है

    सभी के विशिष्ट उद्देश्य हैं। टाइपिंग के लिए हमारे पास की बोर्ड होते हैं, जो हमारे निर्देशों को टाइप करते हैं। माउस की सहायता में कमाण्ट्स को एक बार या दो बार क्लिक कर एक्जिक्यूट किया जाता है।

    इसका प्रयोग चयन (select) तथा अचयन (desclect) के लिए भी करते हैं। जॉयस्टिक, ट्रैकबॉल कमोबेश माउस के समान ही होते हैं। स्कैनर आकृतियाँ (images) का सी.पी.यू. में इनपुट करते हैं।

    इसके अतिरिक्त, ऑडियो तथा विडियो इनपुट करने के लिए भी डिवाइसेज़ हैं। इस अध्याय में बाजार में अब तक उपलब्ध प्रत्येक इनपुट डिवाइसेज पर पूरी चर्चा की जा रही है।

    इनपुट डिवाइस (Input Device)

    आइए हम अध्याय की शुरूआत यह जानने के प्रयास से करें कि इनपुट डिवाइसेज़ क्या है ? इनपुट डिवाइसेज़ से डिवाइसेज़ हैं

    जो हमारे निर्देशों या आदेशों (commands) को कम्प्यूटर के मस्तिष्क सी. पी. यू. तक पहुँचाते हैं। की-बोर्ड, माउस, स्कॅनर इत्यादि प्रचलित इनपुट डिवाइसेज़ हैं।

  • Lokapriy Microprocessors Kaun Se Hai?

    इन्टेल निःसंदेह सबसे पहली प्रोसेसर निर्माता कंपनी है तथा आज सर्वाधिक लोकप्रिय भी है। लेकिन अब बाजार में केवल इण्टेल नहीं है बल्कि कुछ और भी है जिनके प्रोसेसर उपयोग हो रहे हैं।

    आइए इस खण्ड में यह जानते हैं कि बाजार में विभिन्न प्रकार के प्रोसेसर कौन कौन से हैं? आज बाजार में हम तीन प्रकार के प्रोसेसर सामान्यतः देखते हैं। ये प्रोसेसर इण्टेल, ए.एम.डी. तथ आई.बी.एम. के हैं।

    इण्टेल प्रोसेसर (Intel Processor)

    इण्टल कॉरपोरेशन ने दुनिया में माइको प्रोससर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। इण्टल कॉरपोरेशन ने ही सबसे पहला माइक्रो प्रोसेसर बनाया था। इसके द्वारा बनाये जा रहे प्रोसेसर्स इण्टेल प्रोसेसर कह जाते हैं।

    इण्टेल प्रोसेसर का प्रयोग अधिकतर माइको पर्सनल कम्प्यूटर में होता है। सेलेगन (celeron), पेण्टियम, इटेनियम इसकी प्रसिद्ध फेमली (family) है।

    ए.एम.डी. प्रोसेसर (AMD Processor)

    ए.एम.डी. का पूर्ण रूप एडवांस्ड माइको डिवाइसेज (Advanced Micro Devices) है। आज इन्टेल के बाद सबसे अधिक उपयोग होने वाला प्रोसेसर ए. एम. डी. प्रोसेसर ही है। ए.एम.डी. प्रोसेसर के प्रमुख फेमली मेम्बर्स में डयूरॉन, ऐथलॉन, ऑपेट्रॉन प्रमुख हैं।

    मोटोरोला प्रोसेसर (Motorola Processor)

    मोटोरोला प्रॉसेसर, मोटोरोला द्वारा बनायी जाने वाली प्रोसेसर है। इन्हें फ्रीस्कल प्रोसेसर के नाम से जाना जाता है। प्रायः सभी ऐपल कंप्यूटरों में इसी प्रोसेसर का प्रयोग होता है।

  • CISC & RISC Kya Hai?

    सिस्क से तात्पर्य कॉम्प्लेक्स इंस्ट्रक्शन सेट कम्प्यूटर है । सिस्क चिए जैस मोराटोला 68040 या इण्टेल, पेण्टियम प्रोग्रामर्स को कई इंस्ट्रक्शन प्रदान करते हैं।

    साथ ही इसमें प्रोसेसिंग सर्किटरी होता है जिसमें कई विशिष्ट उद्देशीय सर्किट होते हैं जो उच्च गति के साथ इन इंस्ट्रक्शन्स का एक्जिक्यूट करते हैं।

    क्योंकि चिप में हर सारे प्रोसेसिंग दुल्स (tools) होते हैं| सिस्क डिजायन प्रोग्रामर के काम को आसान बना देता है । सिस्क चिप्स जटिल (complex) तथा महंगे होते हैं तथा थे।

    ज्यादा विद्युत धारा खपत करने के कारण गर्म हो जाते हैं। रिस्क से तात्पर्य रिड्यूसर इंस्ट्रक्शन सेट कम्प्यूटर (Reduced Instruction Set Computer) हैं।

    रिस्क चीप बेयर बोन्स (bare bones) इंस्ट्रक्शन सेट प्रदान करता है । इस कारण रिस्क चिप्स कम जटिल होते हैं तथा ये कम महंगे और ऊर्जा उपभोग (power usage) में अधिक दक्ष (efficient) होते.हैं।

    रिस्क डिजायन की कमी यह है कि कम्प्यूटर को कई प्रोसेसिंग ऑपरेशन्स को पूरा करने के लिए ऑपरेशन्स को दोहराना पड़ता है । सिस्क चिप्स की अपेक्षाकृत रिस्क चिप्स तेज प्रोसेसिंग प्रदान करते हैं ।

  • System Clock Kya Hai?

    आइये इस खण्ड में हम यह जानते हैं कि सिस्टम क्लॉक की कम्प्यूटर में क्या भूमिका है ?कम्प्यूटर के अंदर घटनाएँ एक नियत गति पर होती है

    जिसे एक छोटे इलेक्ट्रॉनिक इमर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस छोटे इलेक्ट्रॉनिक इमर एि (drummer) को सिस्टम क्लॉक कहते हैं। यह भाग एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है

    जो बड़ी तेज गति के साथ तरंगें (pulses) निर्मित करता है जिसे दस लाख चक्र प्रति सेकण्ड (millions of cyeles per second) में मापा जाता है।

    प्रोसेसर क्लॉक की दर (Rate) इसका क्लॉक गति कही जाती है तथा क्लॉक की एक धड़कन (pulse) को क्लॉक टिक (clock tick) कहा जाता है । सिस्टम क्लॉक सामान्यतः समय तथा तिथि को बनाए रखने के लिए कुछ नहीं करता है |

    अधिकतर कम्प्यूटरों में इस काम के लिए एक दूसरा सर्किट होता है। सिस्टम क्लॉक कम्प्यूटर की आंतरिक गतिविधि यों को सिंक्रोनाइज (Synchronise) करता है।

  • Processor Speed Kya Hai?

    इस खण्ड में हम यह जानते हैं कि प्रोसेसर स्पीड क्या है ? (What is processor speed?) प्रोसेसर स्पीड (Processor (Speed) या प्रोसेसर गति से तात्पर्य प्रोसेसर द्वारा सूचनाओं को एक्जिक्यूट करने की गति से होता है।

    प्रोसेसर की गति मेगा हर्ट्ज (Megahertz) में मापी जाती है। किसी प्रोसेसर की गति प्रोसेसर के द्वारा प्रयोग की जा रही डाटा बस (Data Bus) पर निर्भर करती है।

    डाटा बस (Data Bus) प्रोसेसर में डाटा के आवागमन के लिए प्रयोग की जाती है। ये डाटा बस 8 बिट्स 16 बिट्स 32 बिट्स, 64 बिट्स 128 बिट्स को होती है। 8 बिट्स से तात्पर्य एक समय में 8 बिट्स डाटा ट्रांसफर होने से है।

    इसी प्रकार 128 बिट्स डाटा बस (Bits Data Bus ) से तात्पर्य एक समय में 128 बिट्स डाटा ट्रांसफर होने से है। डाटा बस (Data Bus) का साइज जितना अधिक होगा, प्रोसेसर की गति उतनी ही अधिक होगी।

  • Instructions Set Kya Hai?

    आइये अब हम यह जानते हैं कि इंस्ट्रक्शनस सेट क्या होता है? (What is instructions set ?)) प्रत्येक प्रोसेसर कम्प्यूटर मेमोरी से करैक्टर प्राप्त करना या फिर दो संख्याओं के बीच तुलना करक बड़ी संख्या प्राप्त करने जैसे ऑपरेशन्स करता है।

    इन ऑपरेशन्स में प्रत्येक का अपना एक यूनिक नम्बर होता है जिसे इंस्ट्रक्शन कहते हैं। प्रातंसर के इंस्ट्रक्शन की सूची को इंस्ट्रक्शन सेट कहा जाता है।

    अलग-अलग प्रोसेसर का अलग अलग इंस्ट्रक्शन सट्स होता है। यही कारण है कि प्रोग्राम को एक विशेष प्रोसेसर को ध्यान में रखकर विकसित किया जाता है।

    सी.पी.यू. के निर्देश (Instruction), जो कमाण्ड्स (Commands) को एक्निक्यूट करने हेतु हैं, कन्ट्रोल यूनिट (Control Unit) में तैयार किये जाते हैं। इन्स्ट्रक्शन सेट (Instruction set) ऐस सभी ऑपरेशन्स की सूची तैयार करता है

    जो सी. पी.यू. कर सकता है। इन्स्ट्रक्शन सेट (Instruction set) का प्रत्येक निदेश (Instruction) माइक्रोकोड (micro codes) में व्यक्त किया जाता है जो सी.पी. यू. को यह बताता है कि जटिल ऑपरेशन्स को कैसे एक्जिक्यूट किया जाय।

  • Central Processing (Bus) Kya Hai?

    आइये हम यह जानते है कि बस क्या है ? (What is a bus ? ) यस कम्प्यूटर के कम्पोनेन्टस (components) के मध्य एक पाथ (path) का कार्य करती है।

    कम्प्यूटर में दो मुख्य बस होती है। पहली आंतरिक अथवा सिस्टम बस तथा दूसरी बाहरी अथवा एक्सैनशन (expansion) बस होती है।

    सिस्टम बस सदरबाई पर स्थित रहता है तथा सी.पी.यू.को मदरबोर्ड पर स्थित अन्य डिवाइसेज (devices) से जानता है।

    एक्सप्रेशन (expansion) बम का कार्य सी.पी.यू. को बाहरी डिवाइसेज़ डिवाइसेज़ जैसे की बोर्ड, माउस, मॉडम प्रिन्टर इत्यादि से जोड़ना होता है।

    डिस्क ड्राइव तथा अन्य आन्तरिक डिवाइस के नार बस में प्लग (plug) किये होते हैं। सिस्टम बस के दो भाग डाटा यस तथा ऐड्स बस होते हैं।

    डाटा बस एक विद्युतीय पाथ (electrical path) होता है जो मदरबोर्ड पर सी.पी.यू. ममारी तथा अन्य हार्डवयर डिवाइसेज़ को जोड़ता है।

    वस्तुतः बस समांतर तारा का एक समूह होता है। बस से तारा को संख्या हार्डवेयर कम्पनिन्ट्स के मध्य डाटा के आवागमन की प्रभावित करता है।

    क्योंकि प्रत्येक तार एक समय में एक बिट डाटा स्थानांतरित कर सकता है, एक आठ तारों वाला बस एक समय में आठ बिट अर्थात् एक बाइट ले जा सकता है।

    ऐड्रेस यस डाटा बस को तरह ही तारों का एक समूह होता है। ऐड्रेस बस केवल सी पी यू तथा रेम का जोड़ना है तथा मेमोरी ऐड्रेस का हो वहन करता है। रैम में प्रत्येक वाइट एक संख्या के साथ जुड़ा होता है जो इसका मारी ऐड्रेस (address) होता है।

  • Central Processing Unit Register Kya Hai?

    मेन मेमोरी के बारे में आप अगले अध्याय में विस्तार से जानगे । इस खण्ड में आइय मेमोरी से संबंधित एक महत्वपूर्ण सहायक रजिस्टर के चारे में जानते हैं।

    तो आइये जानते हैं कि रजिस्टर किसे कहते हैं और इनके कार्य क्या है? यह कितने प्रकार के होते हैं? कम्प्यूटर निर्देश (Instructions) सी.पी. यू. के द्वारा एक्जिक्यूट किए जाते हैं।

    निर्देशों को एक्यूट करने के लिए सूचनाओं का आदान प्रदान होता है। सूचनाओं के संतोषजनक (satisfactory) रूप व तेज गति से आदान-प्रदान के लिए कम्प्यूटर का सी.पी.यू. मेमारी यूनिट का प्रयोग करता है।

    इस समारी यूनिट को रजिस्टर (register) कहते हैं। रजिस्टर मेन मेमोरी के भाग नहीं होते हैं। इनमें सूचनाएं अस्थाई रूप से स्टोर रहती हैं।

    किसी भी रजिस्टर का आकार उसको बिट स्टोर करने की क्षमता के बराबर होता है। उदाहरण के लिए यदि कोई रजिस्टर 8 बिट स्टोर कर सकता है तो इसे 8- बिट रजिस्टर कहते हैं।

    इन दिनों 16 बिट रजिस्टर वाले कम्प्यूटर तो सामान्य है जब 32-बिट तथा 64-बिट को प्रोसेसर भी उपलब्ध हैं। रजिस्टर जितने अधिक बिट की होगी उतनी ही अधिक तेजी से कम्प्यूटर में डाटा प्रामसिंग का कार्य सम्पन्त होगा। कम्प्यूटर में प्रायः निम्न प्रकार के रजिस्टर होते हैं।

    1) मेमोरी ऐड्स रजिस्टर (Memory Address Register) – यह कम्प्यूटर निर्देश (Instruction) की एक्टिथ मैमोरी लोकेशन (location) को स्टार करता है।

    2) मेमोरी बफर रजिस्टर (Memory Buffer Register ) – यह रजिस्टर मेमारी से पड़ गए. या लिखे गए किसी शब्द के कंटेन्ट्स (Contents) को स्टार करता है।

    3) प्रोग्राम कन्ट्रोल रजिस्टर (Program Control Register) – यह रजिस्टर एक्जिक्यूट होने वाले अगले निर्देश का एंड्स (Address) स्टोर करता है।

    4) एक्युमुलेटर रजिस्टर (Accumulator Register ) – यह रजिस्टर एक्जिक्यूट होते हुए डाटा को उसके माध्यमिक (middle) रिजल्ट व अन्तिम रिजल्ट (Result) को स्टोर करता है। प्रायः से रजिस्टर सूचनाओं के एक्जिक्यूशन समय प्रयोग होते हैं।

    5) इन्स्ट्रक्शन रजिस्टर ( Instruction Register) – यह रजिस्टर एक्जिक्यूट होने वाली सूचना को स्टोर करता है।

    6) इनपुट / आउटपुट रजिस्टर (Input / Output Register) – यह रजिस्टर विभिन्न इनपुट / आउटपुट डिवाइस मध्य सूचनाओं के आवागमन के लिए प्रयोग होता है।

  • Control Unit Kya Hai?

    आइये इस खण्ड में हम जानते हैं कि कंट्रोल यूनिट क्या है ? यह भाग कम्प्यूटर को आन्तरिक क्रियाओं (Internal operations) की नियंत्रण करता है।

    यह इनपुट आउटपुट क्रियाओं को नियंत्रित करता है, साथ ही समारी और ए.एल.यू. (ALU) के मध्य डाटा के आदान प्रदान को निर्देशित करता है।

    यह प्रोग्राम को एक्जिक्यूट करने के लिए प्रोग्राम के निर्देशों (Instructions) को ममारी में से प्राप्त करता है। निर्देशों क विद्युत संकेतों (Electric Signals) में परिवर्तित करके यह उचित डिवाइसेज तक पहुँचाता है|

    जिससे डाटा प्रोसेसिंग हेतु डाटा, मेमोरी में कहाँ उपस्थित है, क्या किया करनी है तथा प्रोसेसिंग के पश्चात आउटपुट मेमारी में कहाँ स्टोर होना इन सभी निर्देशों के विद्युत संकेत, सिस्टम बस (System Bus) की कंट्रोल बस (Control Bus) के माध्यम से कम्प्यूटर के विभिन्न भागों (Components) तक संचारित होते हैं।