प्रोजेक्टर्स का प्रयोग चित्र (image) को एक प्रोजेक्शन स्क्रीन (Projection Screen) या इसी प्रकार की सतह (surface) पर प्रदर्शित करने के लिए श्रोता (audience) को दिखाने के उद्देश्य से होता है। प्रोजेक्टर निम्नलिखित प्रकार के होते हैं|
विडियो प्रोजेक्टर (Video Projectors)
विडियो प्रोजेक्टर एक विडियो संकेत (video signal) लेता है तथा लेस प्रणाली (lens system) का प्रयोग कर प्रोजेक्शन स्कॉन पर उसके अनुरूप इमेज को प्रोजेक्ट करता है।
सभी विडियो प्रोजेक्टर बहुत हो तेन रोशनी का प्रयोग इमेज को प्रोजेक्ट करने में करते हैं तथा सभी आधुनिक प्रोजेक्टर्स में मानवीय सेटिंग्स (manual settings) के माध्यम से वनों (curves), अस्पष्टताओं (blurs) तथा अन्य अनियमितताओं को सुधारने की क्षमता होती है।
विडियो प्रोजेक्टर्स का प्रयोग व्यापक रूप से कान्फ्रेन्स रूम प्रस्तुति (conference room presentations), क्लास रूम प्रशिक्षण (classroom training) तथा होम चिबेटर अनुप्रयोगों (home theatre applications) में होता है।
विडियो प्रोजक्टर एक कैबिनेट (cabinet) में रिअर प्रोजेक्शन स्कोन ( rear-projection screen) के साथ भी बनाया जा सकता है
जो एक यूनीफाइड (unified) डिस्प्ले डिवाइस का निर्माण करता है तथा परत थियेटर अनुप्रयोगों के लिए लोकप्रिय है
पोर्टेबल (portable) प्रोजेक्टर के लिए सामान्य डिस्प्ले रिजालूशन में एस.वी.जी.ए. (8002600 पिक्सेल), एक्स.जी.ए. (1024×768 पिक्सेल) तथा 720 पी. (1280×720 पिक्सल) सम्मिलित हैं।
मूवी प्रोजेक्टर (Movie Projector)
मूवी प्रोजेक्टर एक ऑप्टो मेकनिकल (optomechanical) डिवाइस होती है जो चलचित्रों (moving-pictures) को प्रोजेक्शन स्क्रीन पर प्रोजेक्ट कर प्रदर्शित करती है।
अधिकतर ऑप्टिकल तथा मेकनिकल तत्व (elements) इल्यूमिनेशन् (illurnination) तथा नियंत्रको छोड़कर कैमरों में उपलब्ध है।
स्लाइड प्रोजेक्टर (Slide Projector)
स्लाइड प्रोजेक्टर फोटोग्राफिक स्लाइस (photographic slides) को देखने के लिए एक ऑप्टी मेकनिकल (opto- mechanical) डिवाइस होती है।
इसमें विद्युत प्रकाश बल एक परावर्तक लेन्स, एक स्लाइड होल्डर तथा फोकस करने वाला एक लेन्स होता है।
स्लाइड को क्षतिग्रस्त होने में बचाने के लिए उष्मा को अवशोषित करने वाले शोश (heat absorbing glass) का समतल टुकड़ा प्रकाश मार्ग से परावर्तक सेन्स तथा स्लाइड के बीच लगा होता है।
शीशा (glass) दृश्य तरंगदेव्यं (visible wavelengths) का संचारित करता है। लेकिन इन्फ्रारेड को अवशोषित कर लेता है।
प्रकाश पारदर्शी स्लाइड तथा लेन्स से होकर गुजरता है तथा परिणाम (resulting) आकृति को बंद करके एक लम्बवत (perpendicular) समतल स्क्रीन पर प्रोजेक्ट किया जाता है
ताकि श्रोतागण (audience) इसके परावर्तन (reflection) को देख पायें। विकल्प के रूप में, आकृति (image) को एक पारभासी (translucent) रिअर प्रोजेक्शन स्क्रीन पर प्रोजेक्ट किया जाता है
जो अक्सर निकट दर्शी (close viewing) के लगातार स्वचालित प्रदर्शन के लिए प्रयोग किया जाता है।
इस प्रकार का प्रोजेक्शन ओता के द्वारा प्रकाश किरण (stream) में बाधा को अथवा प्रोजेक्टर के झटके (bumping with the projector) को भी नजरअंदाज करता है।
स्लाइड प्रोजेक्टर्स 1950 तथा 1960 के दशकों में मनोरंजन के रूप में सामान्य रूप से प्रचलित थे।