Ring Topology kya hai?

रिंग टोपोलॉजी में प्रत्येक डिवाइस इसके दोनों तरफ ये डिवाइसेस से कनेक्टेड रहती हैं। एक डिवाइस में इसके दोनों तरफ पॉइंट-टू-पॉइन्ट लिंक होती है। यह स्ट्रक्चर एक रिंग बनाता है,

इस प्रकार इसे रिंग टोपोलॉजी के रूप में जाना जाता है। यदि कोई डिवाइस किसी अन्य डिवाइस पर डेटा सेंड करना चाहती है, तो वह डेटा को एक ही डायरेक्शन में सेंड करती है, और यदि अन्य डिवाइस से डेटा इन्टेड होता है, तो रिपिटर इस डेटा को तब तक फॉरवर्ड करता रहता है जब तक इन्टेंडेड डिवाइस इसे रिसिव नहीं करती है।

रिंग टोपोलॉजी के लाभ-

1. इन्स्टॉल करना आसान है।

2. टोपोलॉजी में किसी डिवाइस को एड या रिमूव करने के रूप में मैनेज करना आसान है। इस हेतु केवल दो ि को चेन्ज करने की आवश्यकता होती है।

रिंग टोपोलॉजी की हानियाँ

1. एक लिंक फैल्योर सम्पूर्ण नेटवर्क को फैल कर सकती है क्योंकि फैल्योर के कारण सिंग्नल करता है।

2. डेटा ट्रैफिक की समस्या है, क्योंकि सारा डेटा एक ही रिंग में सर्क्यूलेट होता है।

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