Author: Twinkle

  • Workstation kya hai

    वर्कस्टेशन आकार में माइको कम्प्यूटर के समान होने के बावजूद अधिक शक्तिशाली होते हैं तथा ये विशेष रूप से जटिल (complex) कार्यों के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं।

    इस प्रकार के कम्प्यूटर माइक्रो कम्प्यूटर के सभी लक्षणों को अपने अन्दर रखते हैं तथा माइक्रो कम्प्यूटर के समान ही एक समय में एक ही यूजर (user) के द्वारा संचालित किए जाते हैं।

    इनकी कार्यक्षमता मिनी कम्प्यूटरों के समान होती है। इनका प्रयोग मूलतः वैज्ञानिकों, अभियंताओं (Engineers) तथा अन्य विशेषज्ञों द्वारा होता है। ये माइला कम्प्यूटर की अपेक्षा महंगे होते हैं।

    किन्तु, माइक्रो कम्प्यूटर में अपार बदलाव तथा इसके बृहद स्तर पर विकास के बाद अब वर्कस्टेशन का प्रचलन कम हुआ है तथा माइक्रो कम्प्यूटर के उन्नत उत्पाद ने इसका स्थान लेना प्रारम्भ कर दिया है। अब माइक्रो कम्प्यूटर भी उन्नत ग्राफिक्स (advanced graphics) तथा संचार क्षमताओं के साथ बाजार में उपलब्ध हो रहे हैं।

  • Aakar ke aadha par computer ke prakar (types of computers based on size)

    कंप्यूटरों को उनके कार्य के आधार पर माइक्रा वर्कस्टेशन, मिनी, मेनफ्रेम तथा सुपर में वर्गीकृत किया जा सकता है। कभी-कभ यह वर्गीकरण प्रायगिक नहीं होता फिर भी यही प्रचलन में है ।

    1) माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computers)

    तकनीक के क्षेत्र में सन् 1970 में एक क्रांतिकारी आविष्कार हुआ। यह आविष्कार माइक्रोप्रोसेसर (Microprocesar) क था

    जिसके उपयोग से सस्ती कम्प्यूटर प्रणाली (computer system) बनाना सम्भव हुआ। ये कम्प्यूटर एक डेस्क (Del) पर अथवा एक बीफकस में भी रखे जा सकते हैं।

    ये छोटे कम्प्यूटर माइको कम्प्यूटर कहलाते हैं। माइको कम्प्यूटर कीम में मस्त और आकार में छोटे होते हैं इसलिए में व्यक्तिगत उपयोग (personal use) के लिए घर या बाहर किसी भी कार्य में लगाये जा सकते हैं।

    अत: इन्हें पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer) या पी. सी. (PC) भी कहते हैं।माइको कम्प्यूटर घरों में, विद्यालयों को कक्षाओं में और दफ्तरों में लगाये जाते हैं। घरों में से परिवार के खर्च का ब्योरा रखहैं तथा मनोरंजन के साधन के रूप में काम आते हैं।

    विद्यालयों को कक्षाओं में ये विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र तैयार करने विभिन्न विषयों की शिक्षा प्रदान करने आदि के काम आते हैं। दफ्तरों में माइक्रो कम्प्यूटर एक सहायक के रूप आते हैं। इनसे पत्र लेखन, फाइलों का रख रखाव व अन्य कार्य किये जा सकते हैं।

    काम व्यापार में माइको कम्प्यूटरों का व्यापक उपयोग है। व्यवसाय बड़ा हो या छोटा, माइक्रो कम्प्यूटर दोनों में उपयोगी है। चोट व्यवसाय में यह किये गये व्यापार का ब्यौरा रखता है, पत्र-व्यवहार के लिए पत्र तैयार करता है, उपभोक्ताओं के लिए बिल (bill) बनाकर देता है और नियमित लेखांकन (Accounting) करता है।

    बड़े व्यवसायों इन्हें वर्ड प्रोसेसिंग (Word Processing) और फाइल मेन्टेनेन्स (maintainance) में उपयोग करते हैं। विश्लेषण के साधन के रूप में इनका उपयोग कर व्यापार में निर्णय भी लिये जाते हैं।

    माइको कम्प्यूटर में एक ही सौ. पी. यू. (CPU) लगा होता है। वर्तमान समय में माइक्रो कम्प्यूटर का विकास तेजी से रहा है। परिणामस्वरूप माइक्रो कम्प्युटर एक पुस्तक के आकार, फोन के आकार और यहाँ तक कि घड़ी आकार में भी आ रहे हैं।

    माइको कम्प्यूटर 20-25 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक की कीमत में उपलब्ध है। माइक्रोप्रोसेसर तकनीक में बढ़ते हुए विकास के साथ माइक्रो कम्प्यूटर छोटा तथा पोर्टेबल हो गया है। ये विभिन्न आकार तथा स्वरूप में पाये जाते हैं, जिनकी चर्चा आगे है

    1) डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computers)

    2) लैपटॉप /नोटबु (Laptops/Notebooks)

    3) पामटॉप कम्प्यूटर (Polmtop Computers)

    1) डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computers) पर्सनल कम्प्यूटर का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला प्रकार डॅस्कटॉप कम्प्यूटर है। डेस्कटॉप जैसाकि नाम से उपलक्षित होता है, एक ऐसा कम्प्यूटर है जिसे डेस्क पर सेट किया जा सकता है तथा यह वहीं से कार्य कर सकत है।

    इसमें एक सी. पी. यू. (एक कैबिनेट जो मदरबोर्ड तथा अन्य भागों को ढके रहता है), मॉनीटर, की- बोर्ड तथा मार होते हैं। इन्हें हम अलग अलग देख सकते हैं। डेस्कटॉप कम्प्यूटर की कीमत कम होती है

    परन्तु इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मुश्किल होता है। आज आप नवीनतम कनफिगयूरेशन (configuration) के साथ डेस्कटॉप कम्प्यूटर 20-25 हजार रुपयों की रेन्ज में ले सकते हैं।

    2) नोटबुक तथा लॅपटॉप (Notebook and Laptop) नोटबुक तथा लैपटाप पर्यायवाची होते हैं यद्यपि कई कम्पनियाँ लैपटॉप के साथ अन्य फीचर्स को प्रदान करते हैं तथा लैपटॉप को नोटबुक की अपेक्षाकृत थोड़े महंगे दामों में बेचते हैं।

    डेस्कटॉप कम्प्यूटर से भिन्न नोटबुक तथा लैपटॉप में कुछ भी अलग से नहीं होता है। सभी इनपुट आउटपुट तथा प्रोसेसिंग युक्तियाँ एक डिब्बे में समावेशित होती हैं जो आपकी यात्रा में प्रयोग किये जाने वाले ब्रीफकेस (briefcase) की होता है।

    आमतौर पर यात्रा के दौरान या कुर्सी पर बैठकर इन्हें गोद में रखकर परिवर्तित किया जा सकता है इसलिए इस पागोट के ऊपर (laptop or at the top of lap) कहा जाता है। नोटबुक तथा लैपटॉप वजन में एक किलोग्राम से भी कम होते हैं। ये डेस्कटॉप से महँगे होते हैं|

    परन्तु उन्हें एक जगह से दूसरी सेकता है। यह पोर्टल होता है अर्थात् इसे आप कहीं भी अपने साथ ले जा सकता में बैटरी पैक होता है जो बिजली जाने के बादाम 45 घंटे बैंक प्रदान करता है।

    3) पामटॉप कम्प्यूटर (Polmtop Computers) – पॉमटॉप सबसे अधिक पोर्टेबल (pinable) पसंतान कम्प्यूटर होते हैं तथा आपके हथेली में पकड़े जा सकते हैं। इन्हें पॉकेट कम्प्यूटर भी कहा जाता है। यद्यपि यह अधिकारिक रूप में मान्य नहीं है। पॉमटॉप कार्यालयों में प्रचलित नहीं है। पॉप कम्प्यूटर कई स्वरूप में अब उपलब्ध है। ये टैबलेट पी.सी. तथा पी.डी.ए. हो सकते है|

    टैबलेट पी सी (Tablet PC)- टैबलेट पी. सी. अधिक पोर्टल तथा लैपटॉप कम्प्यूटर के सभी लक्षणों (फीचर्स) से युक्त होते हैं। ये लैपटॉप की तुलना में अधिक हल्के होते हैं तथा निर्देशों की इनपुट करने के लिए स्टायलम (stylus) या डिजिटल पेन का प्रयोग करते हैं।

    यूजर (user) निर्देशों को स्क्रीन पर सीधे सीध लिख सकता है। आपक टेवलट पी. सी. में पूर्व निर्मित माइक्रोफोन तथा विशिष्ट सॉफ्टवेयर होता है, जो इनपुट का मौखिक रूप में प्राप्त करता है। आप इसका प्रयोग एक सी. पी. यू. की तरह परम्परागत तरीके में की बोर्ड तथा एक मॉनीटर का जोड़ने में कर सकते हैं।

    पर्सनल डिजिटल असिसटेण्ट (Personal Digital Assistant) – पर्सनल डिजिटल असिस्टेण्ट एक सैन्ड हेल्ड (handheld) पर्सनल कम्प्यूटर है जो टेबलेट पी. सी. की तरह है तथा इसे एक प्रकार का पामटॉप कम्प्यूटर भी कह सकत है। पी.डी.ए. अब अन्य विशेषताओं जैसे- कैमरा, सेलफान, म्यूजिक प्लेयर, इत्यादि के साथ उपलब्ध है।

    यह एक छोटे से कैलकुलेटर की भाँति होता है तथा इसका प्रयोग नोट लिखने, एड्रेस प्रदर्शित करने, टेलिफोन नम्बर तथा मुलाकात (appointments) का प्रदर्शित करने में किया जाता है। पी. डी. ए (PDA) अब एक पैन के साथ भी उपलब्ध है जिसकी सहायता से यूजर instructions को directly इनपुट कर सकता है। प्रयोक्ता की आवश्यकता अनुसार इसमें अलग से एक छोटा की-बोर्ड तथा माइक्रोफोन टेक्स्ट तथा आवाज़ को इनपुट करने के उद्देश्य से लगाए जा रहे है।

  • Computerke special udesh (special purpose computer)

    विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर ऐस कम्प्यूटर हैं जिन्हें किसी विशेष कार्य के लिए तैयार किया जाता है। इनके सी. पी. यू. (CPU) की क्षमता उस कार्य के अनुरूप होती है जिसके लिए इन्हें तैयार किया गया है।

    इनमें यदि अनेक सी. पी. यू. (CPU) की आवश्यकता हो तो इनको स्ट्रक्च (संरचना) अनेक सी. पी. यू. (CPU) वाली कर दी जाती है।

    उदाहरणार्थ, Music Recording (संगीत संपादन) करने हेतु किसी स्टूडियो (Studio) में लगाया जाने वाला कम्प्यूटर विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर (Special Purpose Computer) होगा।

    इसमें संगीत (music) से सम्बन्धित उपकरणों का जोड़ा जा सकता है और संगीत को विभिन्न प्रभाव देकर इसको रिकार्डिंग की जा सकती है।

    फिल्म उद्योग में फिल्म एडिटिंग के लिए विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटरों का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा

    विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर निम्नलिखित क्षेत्रों में भी उपयोगी हैं

    1) अन्तरिक्ष विज्ञान

    2) मौसम विज्ञान

    3) युद्ध में प्रक्षेपास्त्रों का नियन्त्रण

    4)अनुसंधान एवं शोध

    5)उपग्रह संचालन

    5) चिकित्सा

    6) यातायात नियन्त्रण कृषि विज्ञान

    7) समुद्र-विज्ञान

    8) इंजीनियरिंग

  • Mechanism ke adhar par computer ke prakar (types of computermechanism)

    Digital computer

    डिजिटल कम्प्यूटर का कम्प्यूटर होता है जो अंक (digits) की गणना करता है। जब अधिकतर लोग कम्प्यूटर के बारे विचार विमर्श करते हैं तो डिजिटल कम्प्यूटर हो केन्द्रबिन्दु होता है।

    डिजिटल कम्प्यूटर से कम्प्यूटर हैं जो व्यापार (Business) को चलाते हैं, घर का बजट तैयार करते हैं और अन्य सभी कार्य, जो कम्प्यूटर कर सकता है, करते हैं।

    अतः सत्य है कि अधिकतर कम्प्यूटर डिजिटल कम्प्यूटर को श्रेणी में आते हैं। डिजिटल कम्प्यूटर डाटा (Data) और प्रोग्राम (Program) को 0 तथा 1 में परिवर्तित करके उनको इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में ले आता है।

    Hybrid computer

    हायब्रिड (Hybrid) का अर्थ संकरित अर्थात् अनेक गुण-धर्म युक्त होना है। वे कम्प्यूटर जिनमें एनालॉग कम्प्यूटर और डिजिटल कम्प्यूटर, दोनों के गुण हों, हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) कहलाते हैं।

    जैसे- कम्प्यूटर की एनालॉग डिवाइस किसी रोगी के लक्षणों अर्थात् तापमान, रक्तचाप आदि को मापती है। ये परिमाप बाद में डिजिटल पार्ट के द्वारा अंकों (digits) में बदले जाते हैं। इस प्रकार रोगी के स्वास्थ्य में आये उतार-चढ़ाव का तत्काल प्रेक्षण (monitor) किया जा सकता है।

    Analog computer

    एनालॉग कम्प्यूटर के कम्प्यूटर होते हैं जो भौतिक मात्राओं (physical parameters), जैसे- दाब (Pressure), तापमान, लम्बाई आदि को मारकर उनके परिमाप (values) अंकों में व्यक्त करते हैं|

    ये कम्प्यूटर किसी राशि का परिमाप तुलना के आधार पर करते हैं। जैसे कि एक धर्मामीटर कोई गणना नहीं करता है अपितु यह पार के सम्बन्धित प्रसार (Relative Expansion) की तुलना करके शरीर के तापमान को मापता है।

    एनालॉग कम्प्यूटर मुख्य रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रयोग किये जाते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में मात्राओं (Quantities) का अधिक उपयोग होता है। ये कम्प्यूटर केवल अनुमानित परिमाप (approximate value) ही देते हैं।

    उदाहरणार्थ, एक पेट्रोल पम्प में लगा एनालॉग कम्प्यूटर, पम्प से निकले पेट्रोल की मात्रा को मापता है और लीटर में दिखाता and है तथा उसके मूल्य की गणना करके स्क्रीन पर दिखाता है।

  • Analog computer kya hai

    एनालॉग कम्प्यूटर में कम्प्यूटर होते हैं जो भौतिक मात्राओं (physical parameters), जैसे-पब (Pressure), तापमान, लम्बाई आदि को मापकर उनके परिमाप (values) अंक में करते हैं।

    ये कम्प्यूटर किसी राशि का परिमाप तुलना के आधार पर करते हैं। जैसे कि एक धर्मामीटर कोई गणना नहीं करता है

    अपितु यहा के सम्बन्धित प्रसार (Relative Expansion) की तुलना करके शरीर के तापमान को मापता है। एनालॉग कम्प्यूटर मुख्य रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रयोग किये जाते हैं

    क्योंकि इन क्षेत्रों में मात्राओं (Quantities) का अधिक उपयोग होता है। ये कम्प्यूटर केवल अनुमानित परिमाप (approximate value) ही देते हैं।

    उदाहरणार्थ, एक पेट्रोल पम्प में लगा एनालॉग कम्प्यूटर, पम्प से निकले पेट्रोल की मात्रा को पता है और लीटर में दिखाता है तथा उसके मूल्य की गणना करके स्क्रीन पर दिखाता है।

  • Computer ke prakar (types of computer)

    पिछले सेक्शन हमने कम्प्यूटर की परिभाषा कम्प्यूटर को विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगिता तथा इसके विकास को भरपूर चर्चा |

    इस सेक्शन में हम जानते है कि कम्प्यूटर के कितने प्रकार है ? (How many types are there of a computer ?)

    चूंकि कम्प्यूटर विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग होनेवाला यह है इसलिए ऐसी संभावना है कि क्षेत्र विशेष के हिसाब से इसके कम्प्यूटर भी अलग हो।

    कम्प्यूटर जो आप अपने व्यक्तिगत कार्यों में प्रयोग करते हैं वैज्ञानिक रिसर्च तथा चिकित्सीय जाँच में प्रयोग होने वाले कम्प्यूटर से अलग होते हैं।

    कुछ कम्प्यूटर सामान्य उदद्देशीय (for general purpose) होते है तो कुछ कम्प्यूटर विशेष उद्देश्य (for specific purpose) को पति के लिए बनाए जाते हैं। कम्प्यूटर को उनके काम करने के तरीके के आधार पर एनालॉग, डिजिटल तथा हायब्रीड में वर्गीकृत किया जा सकता है।

    इसी प्रकार कम्प्यूटर को इसक आकार के आधार पर साधको वर्कस्टेशन, मिनी मेनफ्रेम तथा सुपर कम्प्यूटर में वर्गीकृत किया जा सकता है।

    वस्तुत: कंप्यूटरों का सीधे सीधे अर्थात् प्रत्यक्षतः (direct) वर्गीकरण करना कठिन है, इसलिए इन्हें हम निम्नलिखित तीन आधारों पर वर्गीकृत करते हैं।

    1) कार्यप्रणाली (mechanism)

    2) उद्देश्य (purpose)

    3) आकार (size)

  • Computer Ki Pratham Pedhi

    सन् 1946 में एकर्ट और मुचली के एनिएक (ENIAC) नामक कम्प्यूटर के निर्माण से ही कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी का प्रारम्भ हो गया।

    इस पौड़ी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था जिसका आविष्कार सन् 1904 में किया गया।

    इस पीढ़ी में एनिएक के अलावा और भी कई अन्य कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम एडसेक (EDSAC- Electronic Delay Storage Automatic Calculator), एडवेक (EDVAC Electronic Discrete Variable Auto- – matic Computer), यूनिक (UNIVAC Universal Automatic Computer) एवं यूनिवेक-1 (UNIVAC-1) है।

    प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित लक्षण (attributes) थे-

    1) वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग

    2) पंचकार्ड पर आधारित

    3) स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग

    4) बहुत ही नाजुक और कम विश्वसनीय

    5) बहुत सारे एयर कंडीशनरों का प्रयोग

    6)मशीनी तथा असेम्बली भाषाओं (machine and assembly languages) में प्रोग्रामिंग

  • Computer Ki Pidhiya: Generation of Computer

    कम्प्यूटरों पीढ़ी सम्भवतः एक महत्त्वपूर्ण चर्चा का विषय है। आइए जानते हैं कि कम्प्यूटर की विभिन्न पौड़ियाँ, उनके काल, उन पीढ़ियों के मुख्य विकास तथा विशेषताएं क्या-क्या है ?

    (What are the different generations of computer and their period, main invention and characteristics ?)

    सन् 1946 में प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, वैक्यूम ट्यूब ( Vacuum tube) युक्त एनिएक (ENIAC) कम्प्यूटर की शुरूआत कम्प्यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया।

    कम्प्यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्वपूर्ण डिवाइसेज की सहायता से कम्प्यूटर ने आज तक की तय की। इस विकास के क्रम को हम कम्प्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार पर निम्नलिखित पाँच पीढ़ियों में बाँटते हैं

    • First generation: 1946-1946
    • Second generation: 1956-1964
    • Third generation: 1964-1971
    • Fourth generation: 1971 To Present
    • Fifth generation: Present and future

  • Atanasoff Berry Computer kya hai

    1945 में एानांसरोफ (Atancevoff) तथा क्लीफॉर्ट बेरी (Clifford Berry) ने एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन को विकसित किया जिसका नाम ए प्रो. सी. (ABC) रखा गया।

    ए. बी. सी. (ABC) शब्द एटानासोफ बेरी कम्प्यूटर (Atanasoll. Berry [Computer) का रूप है। ए. बी. सी. (ABC) सबसे पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर (Electronic Digital Computers) डिजीटल अवधारणा (concepts) तब भी वहाँ थी जब मशीनें यांत्रिक (mechanical) या विद्युत यांत्रिक (electro- mechanical) होती थीं।

    1935 में, कोनार्ड जयूज (Konard Zuse) जो जर्मन थे, ने पहला डिजीटल कम्प्यूटर द्विआधारी अंकगणित तथा प्रोग्राम नियंत्रण का प्रयोग कर बनाया। इसका नाम जेड प्रथम (Z1) था।

    यह एक यांत्रिक (mechanical) मशीन थी। बाद में उन्होंने एक मशीन ज़ेड द्वितीय (Z2) बनायी जिसमें उन्होंने विद्युत चुम्बकीय रिलेश (electro-magnetic) relays ) का प्रयोग किया।

    1945-46 के दौरान, जॉन विलियम मुचली (John William Mauchly) तथा जे.पी. एकर्ट (J.P. Eckert) ने सl बसे पहले सामान्य उद्देशीय कम्प्यूटर (General Purpose Computer) का विकास पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय (University of Pennsyl- vania) में किया जिसका नाम एनिएक (ENIAC) रखा गया

    जिसका पूर्ण रूप इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिक इन्टीग्रेटर एण्ड कम्प्यूटर (Electronic Numeric Integrator And Computer)

    हमने कम्प्यूटरों तथा सूचना प्रौद्योगिकी (IT) में आये व्यापक बदलावों को देखा। किन्तु आने वाले दिनों में यह हो सकताहै कि हम आज जिसे प्रयोग कर रहे हैं वह कल कम्प्यूटर के विकास अध्याय का अंश बन जाये।

  • Dr. Howard Aiken kon hai Mark – 1 kya hai

    सन् 1940 में विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटिंग (electromechanical computing) शिखर पर पहुँच चुकी थी। आई. बी. एम.(TBM) के चार शीर्ष इंजीनियरों व डॉ. हॉवर्ड आईकेन (Dr. Howard Aiken) (1900- 1973) ने सन् 1944 में एक मशीन को विकसित किया यह विश्व का सबसे पहला विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटर (Electromechanical Computer) था।

    इसका नाम ऑटोमेटिक सीक्वेन्स कन्ट्रोल्ड केल्कुलेटर (Automatic Sequence Controlled Calculator) रखा गया। इसे हावर्ड विश्वविद्यालय को सन् 1944 के फरवरी महीने में भेजा गया

    जो विश्वविद्यालय में 7 अगस्त 1944 को प्राप्त हुआ। इसी विश्वविद्यालय में इसका नाम मार्क | पड़ा

    मार्क – I में 500 मील लम्बाई के तार व 30 लाख विद्युत संयोजन (connections) थे। यह 6 सैकण्ड में एक गुणा (multiplication) और 12 सेकण्ड में एक भाग (division) की क्रिया कर सकता था।

    19 वीं शताब्दी के चौथे दशक के मध्य में इलेक्ट्रॉनिक अवधारणाएँ (concepts) तेजी से बढ़ रही थीं। इनसे कम्प्यूटर भी अछूते नहीं थे।

    आई.बी.एम. मार्क इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी (technology) के आने के साथ ही पुराना हो गया। इस प्रौद्योगिकी में केवल विद्युतीय धारा द्वारा निर्मित संकेत ही आवश्यकताओं को प्रोसेस करते थे

    इस प्रौद्योगिकी पर आधारित डिवाइसेज में किसी movable पुर्जे को आवश्यकता नहीं थी। अतः यह तेज सिद्ध हुआ।