Author: Ram

  • Radio Frequency kya hai?

    रेडियो आवृत्ति (Radio Frequency)

    रेडियो आवृत्ति (Radio Frequency) रेडियो आवृति (संक्षिप्त रूप RR या f) एक शब्दावली है, जो ऐसी विशेषताओं वाले प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current या AC) के लिये प्रयुक्त होता है, जिसमें यदि किसी एन्टिना (antenna) में धारा प्रवाहित की जाये तो ताररहित प्रसारण (broadcasting) तथा अथवा संचारण हेतु उपयुक्त विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र (Electormagnatic (EM) field) उत्पन्न हो जाता है।

    Radio frequency

    ये आवृत्तियाँ विद्युत चुम्बकीय विकिरण स्पेक्ट्रम (electromagnetic radiation spectrum) के अधिकांश भाग को आच्छादित करती है, जिनका विस्तार नौ किलो हन (9KH) जो ताररहित संचार आवृत्ति का निम्नतम आवंटन है (यह मानव के श्रवण क्षमता की सीमा के अन्तर्गत है) से हजारों गीगाहर्ट्ज (GHz) तक होता है।

    जब किसी एन्टिना में एक RF धारा प्रवाहित की जाती है, तो यह एक विद्युतचुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है, जो अन्तरिक्ष से होकर प्रसारित होता है। यह क्षेत्र कभी-कभी RF क्षेत्र कहलाता है। तकनीकी शब्दावली से अलग इसे “रेडियोक्त (radiowave) ” कहा जाता है। किसी भी RF क्षेत्र में एक तरंगदैर्ध्य (wavelength) होता है, जो आवृत्ति का व्युत्क्रमानुपाती होता है। वायुमंडल या बाह्य अंतरिक्ष में, यदि आवृत्ति f मेगाहर्ट्ज तथा तरंगदैर्घ्य s मीटर है, तब s=300/f

    किसी RF संकेत (RF signal) को आवृत्ति उसके संगत EM क्षेत्र के तरंगदैर्घ्य का व्युत्क्रमानुपाती होता है। 9 किलोहर्ट्ज पर फ्री-स्पेस (froc-space) तरंगदेर्घ्य लगभग 33 किलोमीटर या 21 मील होता है। उच्चतम रेडियो आवृचियों पर, EM तरंगदैर्ध्यलगभग एक मिलीमीटर (mm) होता है। जैसे-जैसे RF स्पेक्ट्रम के पार भी आवृत्ति बढ़ती जाती है, EM कर्जा इन्फ्रारेड (Infrared या IR), दृश्य, अल्ट्रावायलेट (ultraviolet या UV), एस किरणें तथा गामा किरणों के रूप में पायी जाती हैं।

    कई प्रकार के ताररहित डिवाइसेस RF क्षेत्रों का उपयोग करती है। ताररहित व सेल्यूलर टेलीफोन, रेडियो व टेलीविजन प्रसारण केन्द्र, उपग्रह संचारण स्टेशन (Satellite communication stations) क्या द्वि-मार्गी (two-way) रेडियो सेवा सभी RF स्पेक्ट्रम के अन्तर्गत कार्य करते हैं। कुछ ताररहित डिवाइसेस IR या दृष्टिगोचर प्रकाश आवृत्तियों (visible-light frequencies) के माध्यम से कार्य करती है, जिनका विद्युतचुम्बकीय तरंगदैर्घ्य RF क्षेत्रों के तरंगदैर्ध्य से छोटा होता है। उदाहरण के रूप में अधि कांश टेलीविजन सेटों के रिमोट कन्ट्रोल बॉक्स, कम्प्यूटर के कुछ कॉर्डलेस की बोर्ड व माउस तथा कुछ ताररहित हाई-फाई स्टीरियो हेडसेट के नाम लिये जा सकते हैं।

    RF स्पेक्ट्रम कई रेंजो या बैण्डों में विभाजित होता है। निम्नतम आवृत्ति वाले सेगमेन्ट (segment) के अपवाद को छोड़कर, प्रत्येक बैण्ड आवृत्ति में वृद्धि को 10 को घात के संगत निरूपित करता है। सारणी 2.1 में RF स्पेक्ट्रम में आठ बैण्डों को उनके तथा बैण्डविद्य रेंज (Bandwidth range) के साथ दिखाया गया है। SHP एवं EHF बैण्ड को प्रायः माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम के रूप में जाना जाता है।

  • VSAT kya hai?

    वीसैट (VSAT)

    वीसैट (VSAT) वीसैट एक छोटा अचर अर्थ स्टेशन (earth station) है, जो उपग्रह आधारित संचार नेटवर्क को स्थापित करने में आवश्यक संचार लिंक को उपलब्ध कराता है। यह उन लोगों के लिए कम लागत वाला एक समाधान (cost-effective solution) प्रस्तुत करता है,

    (Vsat)

    जिन्हें एक स्वतंत्र कम्यूनिकेशन्स नेटवर्क की आवश्यकता होती है ताकि वे बडी संख्या में भौगोलिक रुप से बिखरे साइटों को संयोजित कर सकें तथा जहाँ अन्य संयोजन विकल्पों को कार्यान्वित करना सम्भव नहीं है।

    सैट (SAT) नेटवर्क इन्टरनेट, डाटा, लैन (LAN), वॉइस (Voice)/ फैक्स संचार को सपोर्ट करने में सक्षम मूल्य वर्धित उपग्रह-आधारित सेवाएँ प्रदान करता है तथा शक्तिशाली, विश्वसनीय, निजी एवं सार्वजनिक नेटवर्क संचार समाधान प्रदान कर सकता है । वीसैट में लीज्ड लाइनों (leased lines) एवं अन्य ताररहित संचार माध्यमों की अपेक्षा निश्चित रूप से स्पष्ट लाभ मिलता है।

  • Broad Band Connection kya hai?

    ब्रॉड बैण्ड संयोजन (Broad Band Connection)

    जब कई प्रयोक्ता इण्टरनेट संयोजन को लैन के माध्यम से साझा करते हैं तब नेटवर्क तथा इन्टरनेट सेवा प्रदाता के बीच का कनेक्शन (Connection) उपयुक्त होना चाहिये ताकि प्रयोक्ता के सभी प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।

    Broadband connection

    इसका प्रायः तात्पर्य यह होता है कि सभी प्रयोक्ता के द्वारा निर्मित यातायात (traffic) को एक ही समय में सपोर्ट किया जाये। सौभाग्यवश, टेलीफोन कम्पनियाँ, केबल टी. वी. सेवाएँ तथा अन्य सप्लायर्स यथा बड़ी नेटवर्क कम्पनियाँ तथा उपग्रह सेवा प्रदाताओं के माध्यम से समर्पित उच्च गति के डेटा सर्किट उपलब्ध होते हैं। ये उच्च गति की सेवाएँ ब्रॉड बैण्ड संयोजन कहलाती हैं क्योंकि ये फाइबर ऑप्टिक्स (Fiber optics), माइक्रोवेव (Microwave) तथा अन्य प्रौद्योगिकियों जैसे माध्यम को प्रयोग करते हैं जो कई संकेतों को एक बार में नियंत्रित कर सकते हैं।

    ब्रॉड बैण्ड का मतलब वैसे संयोजन से है जो सबसे अधिक तेज डायल-अप संयोजन से भी तेज गति से डेटा का संचार कर सके।

    यदि आप लैन के माध्यम से विद्यालय या कार्यालय में संयोजन करते हैं तो लैन का इण्टरनेट संयोजन उच्च गति वाला संयोजन जो सम्भवत: T1 या T3 होता है, के माध्यम से हो सकता है यहाँ तक कि नेटवर्क पर सैकड़ों की संख्या में प्रयोक्ता होने के बाद भी ये अत्यधिक तेज संयोजन (connection), बड़ी फाइलों तथा जटिल वेब पेजों को भी शीघ्र डाउनलोड कर पाते हैं।

    अब ब्रॉड बैण्ड की सेवा घरों में भी व्यक्तिगत रूप से प्रयोग करने हेतू उपलब्ध है जो 56. के. बी. पी. एस. मोडेम संयोजन से कई गुणा अधिक तेज तथा सस्ते हैं। ब्रॉड बैण्ड संयोजन की न्यूतमम गति 256 किलो बाइट प्रति सेकण्ड होती

  • Internet VS Interanet kya hai?

    इण्टरनेट बनाम इण्टरनेट (Internet VS Interanet)

    इन्टरनेट तथा इन्टनेट दो समान दिखने वाले शब्द तो है परन्तु इसमें कई स्पष्ट अंतर है। दोनों के यदि शाब्दिक अर्थ पर विचार करें तो सम्भवतः इनके मध्य के अंतर स्पष्ट हो जायें। उदाहरणार्थ आपने सुना होगा कि इंटर स्कूल्स (Inter Schools) प्रतियोगिता होने वाला है। ठीक उसी प्रकार कभी-कभी इंटरा स्कूल (Intra School) प्रतियोगिता होती है। दोनों में मुख्य अंतर यह है कि इंटर स्कूल प्रतियोगिता में कई विद्यालयों के बीच प्रतियोगिता होती है जबकि इंटरा स्कूल प्रतियोगिता स्कूल के अन्दर अर्थात् किसी विशेष स्कूल के बच्चों एवं बच्चियों के मध्य की प्रतियोगिता को कहा जाता है।

    ठीक उसी प्रकार, इंटरनेट में कई नेटवर्क व्यापक रूप से विश्वस्तर पर एक साथ जुड़े होते हैं। जबकि इंटरनेट में किसी विशेष संगठन का निजी नेटवर्क ही होता है। सैन (LAN) को इंटनेट के उदाहरण के रूप में कुछ हद तक समझा जा सकता है। इण्टरनेट तथा इष्टनेट दोनों में बुनियादी अंतर इसके बतावरण (environment) का भी होता है।

    दोनों के साइटों को भी अलग ढंग से डिजाइन किया जाता है। दोनों के पाठकगण (audience) वर्ग अलग होते हैं। दोनों की एक्सेस गति में भी अंतर होता है। दोनों के प्लेटफॉर्म तपा परिचालन तंत्र (operating system) में भी विभिन्नताएँ हो सकती हैं। इसके अंतर को सारांशतः इस प्रकार समझा जा सकता है-

    इण्टरनेट को सर्वदा अंग्रेजी के बड़े अक्षर से शुरू करते हैं जबकि इण्टरनेट को हमेशा अंग्रेजी के छोटे अक्षर से शुरू करते हैं, यदि यह वाक्य को प्रारम्भ नहीं करता है।

    इण्टरनेट संजालों (networks) का संजाल (network) है। अधिकतर व्यापारिक नेटवर्क वस्तुतः इण्टरनेटवर्क (internetworks) होते है अतः वे दो या अधिक लोकल एरिया नेटवर्क से बने होते हैं।

    किसी कम्पनी का इण्टरनेटवर्क कई अलग-अलग नेटवकों पर बना होता है। कई कम्पनी के इण्टरनेट विशेष भवन के अंदर हो होता है तथा अन्य पूरे विश्व में इसके कार्यालयों में स्थित होता है।

    किसी कम्पनी का इण्टरनेट उपस्थिति कई सर्वरों के समूह से निर्मित होता है तथा सार्वजनिक तथा निजी दोनों ही तरह के प्रयोक्ताओं को सेवाएँ प्रदान करता है।

    इण्टरनेट किसी निजी इण्टरनेटवर्क के अंदर स्थित प्लेटफॉर्म युक्त क्लाइण्ट/सवंर कम्प्यूटिंग नेटवर्क होता है। इसे निजी इण्टरनेट के रूप में भी समझा जा सकता है। यह इण्टरनेट सेवाओं में प्रयुक्त होने वाले टूल्स तथा सेवाओं का प्रयोग करता है परन्तु इसका प्रयोग अत्यंत निजी होता है।

    इण्टरनेट में भी वेब साइट, एफ.टी.पी. सर्वर तथा विशेष इंटरएक्टिव क्लाइण्ट/सर्वर एप्लिकेशन्स इण्टरनेट की भाँति हो सकते हैं परन्तु इसकी गति अधिक होने के साथ ही यह ज्यादा सुरक्षित होता है और इसे किसी विशेष प्लेटफॉर्म की आवश्यकता नहीं होती है।

    इण्टरनेट के लिए वेबसाइट को डिजायन करना इण्टरनेट वेबसाइट को डिजाइन करने की अपेक्षाकृत अधिक मुश्किल होता है।

    इण्टरनेट वेबसाइट को डिजायन करने में फाइल के आकार को छोटा रखा जाता है ताकि तेजी के साथ डाउनलोड या एक्सेस हो सके। जबकि इण्टरनेट वेबसाइट की फाइल के आकार बढ़े हो सकते हैं क्योंकि इसकी एक्सेस गति तेज होती है।

    इण्टरनेट वेबसाइट ब्राउजर के एक बड़े श्रृंख्ला पर ठीक-ठीक कार्य करती है जबकि इण्टरनेट वेबसाइट को एक विशेष प्रकार के ब्राउजर के लिए तैयार किया जाता है।

  • Internet Service Provider (ISP) kya hai?

    इण्टरनेट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider)

    इष्टरनेट का पूरा खर्च किसी को वहन नहीं करना पड़ता, बल्कि इण्टरनेट पर किये जाने वाले कार्य के बदले प्रत्येक प्रयोक्ता अपने हिस्से का भुगतान करता है। नेटवर्क एक साथ संयोजित होते हैं तथा कैसे परस्पर जुड़े तप्पा इस परस्पर संयोजन पर होने वाले खर्च की राशि कहाँ से लायें, यह निर्णय करते हैं। विद्यालय या विश्वविद्यालय अथवा एक कम्पनी अपने संयोजन का भुगतान क्षेत्रीय नेटवर्क को करती है तथा वह क्षेत्रीय नेटवर्क इस एक्सेस के लिए राष्ट्रीय प्रदाता को भुगतान करता है।

    वह कम्पनी जो इण्टरनेट एक्सेस प्रदान करती है इण्टरनेट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider) कहलाती है। किसी अन्य कम्पनी की तरह ही इण्टरनेट सेवा प्रदाता अपने सेवाओं के लिए प्रयोक्ता से पैसा लेती है। सामान्यतः इण्टरनेट सेवा प्रदाता दो तरह की शुल्क राशि लेती हैं

    इण्टरनेट प्रयोग करने के लिए

    इण्टरनेट संयोजन (connection) देने के लिए।

    आइ. एस. पी. (ISP) के सभी ग्राहकों को इण्टरनेट प्रयोग के बदले में शुल्क राशि का भुगतान करना ही होता है। अधिकतर मामलों में आई. एस. पी. ग्राहक पर एक निश्चित माहवार शुल्क लगाती है। इसमें ग्राहकों को समयावधि, संचार की दूरी तथा डेटा डाउनलोड या अपलोड की मात्रा के लिए स्वतंत्रता दी जाती है। प्रयोग शुल्क के बदले आई. एस. पी. ग्राहक के कम्प्यूटर से गंतव्य स्थान तक तथा अन्य स्थानों से ग्राहक के कम्प्यूटर तक पैकेट को ले जाने और लाने पर सहमत होते हैं।

    यद्यपि प्रयोग शुल्क एक निश्चित दर पर लगाया जाता है, आई. एस. पो. प्रयोक्ता के वर्गों के अनुसार इसे निर्धारित करते हैं, उदाहरणार्थ, आई. एस. पी. एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान से एक व्यक्ति की तुलना में अधिक शुल्क लगाते हैं, क्योंकि एक व्यक्तिगत प्रयोक्ता इण्टरनेट का प्रयोग एक कम्प्यूटर पर कभी-कभी करता है, जबकि व्यवसायिक प्रतिष्ठान में इण्टरनेट का प्रयोग कई लोग करते हैं तथा वहाँ प्रतिदिन डेटा स्थानांतरण की मात्रा बड़ी होती है। इसके अतिरिक्त आई. एस. पी. इण्टरनेट का शुल्क इस बात पर भी तय करता है कि उस ग्राहक के पास कौन सा संयोजन है। वैसे ग्राहक जिनके पास बड़ी मात्रा में डेटा को स्थानांतरित करने के योग्य संयोजन है, को कम क्षमता के संयोजन वाले ग्राहकों की तुलना में अधिक शुल्क देने होते हैं।

    एक अन्य प्रकार का संयोजन शुल्क भी वैसे ग्राहकों के लिए निर्धारित होता है जिनके पास उनके साइट तथा आई. एस. पी. के मध्य अलग से एक समर्पित (dedicated) संयोजन होता है। बी. एस. एन. एल. (BSNL), बी. एस एन एल. (VSNL). रिलायन्स (Reliance), सिफी (Sify), भारती (Bharti) भारत के कुछ खास इण्टरनेट सेवा प्रदाताओं के नाम हैं।

  • Specification kya hai?

    • स्पेसिफिकेशन specification

    कलेक्शन्स की डिलेट्स एक CSV फाइल में आइटम कैटेगरी, आइटम ID, आइटम नाम, आइटम टाइप, कन्डीशन के रूप में कॉलम हैडिंग्स के साथ स्टोर किया जाता है।

    यदि आइटम कैटेगरी, बुक है, तो आइटम टाइप या तो एकेडमिक या नॉन एकेडमिक हो सकता है, और आइटम ID के आगे ‘B’ प्रिफिक्स होना चाहिए। एकेडमिक के केस में क्लासेस में एंटर किया जाएगा।

    यदि आइटम कैटेगरी बुक है, तो आइटम सिंगल लाइन, फोर लाइन, फाइव लाइन हो सकता है, और आइटमID को ‘N’ के साथ प्रिफिक्स किया जाएगा।

    कंडीशन सिर्फ फिट, मेन्डिंग की आवश्यकता या अनफिट हो सकती है। आइटम के नवीनीकरण के बाद डेटा को एक अन्य CSV फाइल में स्टोर किया जाता है, जिसमें निम्नलिखित कॉलम हेडिग्स होती हैं: आइटम ID, आइटम नेम, आइटम कैटेगरी, आइटम क्वान्टिटी तथा प्राइज। आइटम कैटेगरी, पेपर बेग्स, नोटबुक्स तथा बुक्स हो सकती हैं। केस में क्लॉस भी एंटर की जाएगी।

    बुक्स के आर्डर स्टोर करने के लिए एक और CSV फाइल क्रिएट की जाती है, जो आइटम कैटेगरी, आइटम नेम, क्वान्टिटी तथा प्राइज को स्टोर करती है। आर्डर के केस में, नवीनीकृत CSV क्वालिटी को अपडेट करेगी।

    प्रभावी निर्णय को सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि सेल्स नवीनीकृत आइटम्स को शो करने के लिए एप्रोप्रिएट प्लॉट्स का उपयोग करके विभिन्न डेटा प्लॉट किए जाएँ।

  • Project Discriptions kya hai ?

    प्रोजेक्ट डिस्क्रिप्शन्स (Project Discriptions)

    इस सेक्शन में प्रोजेक्ट वर्क्स के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जिन्हें प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग के अंतर्गत ग्रुप्स में लिया जाता है। यद्यपि, एक ग्रुप, गाइड टीचर के कन्सल्टेशन से किसी अन्य प्रोजेक्ट का चयन कर सकता है।

    1. प्रोजेक्ट : आनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म (Project Online Shopping Platform)

    डिस्क्रिप्शन मुरूगन ने एक आनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म APPAREL EASY लॉन्च करने की योजना बनाई हैं। वह दो व्यापक क्षेणियों (ब्रॉड कैटेगरीज) के व्यापारों की योजना बना रहा है- पुरुष, महिला। दोनों कैटेगरीज श्रेणियों के अंतर्गत कपड़े तथा फूटवियर्स होंगे तथा एसेसरीज सब-कैटेगरी के अंतर्गत होगी। इसके अलावा अपने शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर वह दो मेगा इवेन्ट्स लॉन्च करने की योजना बना रहा है- फैस्टिवल सेल (दीवाली से लेकर क्रिसमस के एक महीने पहले) तथा एंड आफ सीजन सेल (फरवरी तथा अगस्त) मुरुगन मेगा इवेन्ट्स पर विशेष ध्यान देने के साथ अपने मंथली रेवन्यू जनरेशन सेल्स तथा कैटेगरी वाइज सेल का रिकॉर्ड भी रखना चाहते हैं। मैन्युफेक्चर्स द्वारा दिए जा रहे डिस्काउंट्स, पेमेन्ट साइट्स याAPPAREL EASY पोर्टल द्वारा प्रमोशनल कैम्पेन के रूप में दिए जाने वाले किसी डिस्काउंट पर भी एक रिकार्ड रखा जाना चाहिए।

    स्पेसिफिकेशन पुरुषों तथा महिलाओं के परिधानों (अपैरल्स) की डिटेल्स डेटा फाइल में अपैरल कोड, नाम, कैटेगरी, साइज, प्राइज, कस्टमर का नाम, पैमेन्ट मोड, डिस्काउंट कोड आदि के रूप में फिल्ड के साथ स्टोर किया जाना चाहिए।

    यदि कैटेगरी मेन (पुरुष) है, तो अपैरल्स मेन के ट्राउजर्स, शर्ट, जीन्स, टी-शर्ट हो सकते हैं। यदि कैटेगरी विमन (महिला) है, तो अपरैल्स स्कर्ट, टॉप, जीन्स, कुर्ता आदि हो सकते हैं।

    यदि पेमेन्ट मोड क्रेडिट या डेबिट कार्ड है, तो क्रेडिट कार्ड नम्बर, नाम CVV और वैलिडिटी एंटर की जाना चाहिए। यदि पैमेन्ट मोड कैश आन डिलिवरी (COD) है, तो कोई डिटेल नहीं पुछी जाना चाहिए।

    सेल के लिए रेन्डमली मर्चेन्डाइस सिलेक्ट होता है। सिलेक्ट किए गए मर्चेन्डाइज, टोटल मर्चेन्डाइज के 70 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

    डिस्काउंट कोड या तो FEST (फेस्टिवल के लिए) या EOS (एंड आफ सीजन के लिए) हो सकता है। FEST के लिए डिस्काउंट 10 प्रतिशत तथा EOS के लिए 15 प्रतिशत होगा।

    आपको मुरुगन की सभी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डेटा स्ट्रक्चर को विजुअलाइज करने की आवश्यकता है, और फिर पायथन पांडा का उपयोग इम्प्लिमेन्ट करें। इसके बाद, आपको मर्चेन्डाइज की डिटेल्स को आनलाइन सेल करने के लिए सॉफ्टवेयर डिजाइन करने की आवश्यकता है। वहीं ई-कॉमर्स साइट पर आने वाले कस्टमर्स की संख्या के भी रिकॉर्ड्स रखने होते हैं। मुरुगन को फ्युचर मार्केटिंग और प्रमोशन स्ट्रेटेजीस के लिए डिसिजन लेने में सहायता करने के लिए कलेक्ट किए गए डेटा को उचित रूप से प्लॉट किया जाना चाहिए।

  • Teamwork kya hai ?Components of Teamwork

    टीमवर्क (Teamwork) टीमवर्क के कम्पोनेन्ट्स (Components of Teamwork)

    कई रियल लाइफ टास्क्स बहुत कॉम्प्लेक्स होते हैं और उन्हें अचिव करने में योगदान देने के लिए बहुत से व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। किसी टास्क को पूरा करने के लिए व्यक्तियों द्वारा सामूहिक रूप से किया गया प्रयास टीम वर्क कहलाता है।

    उदाहरण के लिए, कई स्पोर्ट्स में प्लेयर्स की टीम होती है। एक क्रिकेट टीम का उदाहरण लेते हैं। हम देखते है। कि भले ही कोई बॉलर अच्छी तरह बॉल फेंके, लेकिन यदि फिल्डर कैच नहीं लेता है, तो विकेट नहीं लिया जा सकता है। इसलिए कैच लेने के लिए बॉलर के साथ फिल्डर को भी प्रयासों की जरूरत होती है। एक क्रिकेट मैच जीतने के लिए बेटिंग, बॉलिंग तथा फिल्डिंग तीनों क्षेत्रों के टीम के मेम्बर्स के योगदान की आवश्यकता होती है।

    टीमवर्क के कम्पोनेन्ट्स (Components of Teamwork)

    टेक्निकल प्रोफिशिएन्सी के अलावा अन्य कम्पोनेन्ट्स की एक विस्तृत विविधता एक सफल टीम वर्क बनाती है। इसमें लक्ष्य हासिल करने के लिए विशिष्ट भूमिकाओं वाले कुशल टीम मेम्बर्स सम्मिलित होते हैं।

    (A) दूसरों के साथ कम्युनिकेट करना: जब व्यक्तियों का ग्रुप एक जॉब परफॉर्म करता है, तो टीम के मेम्बर्स के बीच इफेक्टिव कम्युनिकेशन होना जरूरी है। इस तरह का कम्युनिकेशन ई-मेल्स, टेलीफोन्स या ग्रुप मीटिंग्स अरेन्ज करके किया जाता है। यह टीम के मेम्बर्स को एक-दूसरे को समझने और लक्ष्य को प्रभावी ढंग से हासिल करने के लिए उनकी प्रॉब्लम्स की सॉर्ट आउट करने में सहायता करता है।

    (B) दूसरों की सुनना: किसी जॉब को एक्जिक्युट करते समय दूसरों के विचारों को समझने की आवश्यकता होती है। यह तब हासिल किया जा सकता है, जब टीम के मेम्बर्स, ग्रुप मीटिंग्स में एक-दूसरे को सुनते हैं और उनके द्वारा सहमति प्राप्त स्टेप्स को फॉलो करते हैं।

    (C) दूसरों के साथ शेयर करनाः किसी जॉब को परफॉर्म करने के लिए आइडियाज, इमेजेस तथा टूल्स को एक-दूसरे के साथ शेयर करने की आवश्यकता होती है। शेयरिंग, टीमवर्क का एक महत्वपूर्ण कम्पोनेन्ट है। टीम का कोई भी मेम्बर, जो किसी निश्चित एरिया से अच्छी तरह परिचित है, तो उसे समय सीमा के अंदर लक्ष्य को प्रभावी ढंग से हासिल करने के लिए एक्सपर्टाइज तथा एक्सपीरिएंस को दूसरों को शेयर करना चाहिए।

    (D) दूसरों का सम्मान करनाः टीम के प्रत्येक मेम्बर के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए। ग्रुप मीटिंग्स में रखे गए सभी विचारों तथा आइडियाज का सम्मान करके उन पर विधिवत विचार किया जा सकता है। किसी पर्टिक्युलर मेम्बर के व्यूज का सम्मान नहीं करने से समस्या हो सकती है, यानि हो सकता है कि यह अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे

    (E) दूसरों की सहायता करनाः सभी मेम्बर्स की सहायता करना सफलता की कुंजी है। कभी-कभी जो लोग टीम का हिस्सा नहीं होते हैं, उनसे भी किसी जॉब को पूरा करने के लिए सहायता की जाती है।

    (F) पार्टिसिपेट करनाः टीम के सभी मेम्बर्स को प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पार्टिसिपेट करने और ग्रुप मीटिंग्स में डिस्कशन करने के लिए एक-दूसरे द्वारा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। साथ ही प्रत्येक मेम्बर का एक्टिव पार्टिसिपेशन होना चाहिए ताकि वे टीम में अपने महत्व को महसूस कर सकें।

  • Technology children effect

    Technology children effect problem

    बच्चों के दिमाग विकसित होने की स्थिति में होते हैं, और एक वयस्कों के दिमाग की तुलना में टेक्नोलॉजी के प्रभावों तथा इसके अति प्रयोग के प्रति अधिक सेन्सिटिव हो सकते हैं। विभिन्न अध्ययनों के 2018 रिव्यु में विभिन्न टेक्नोलॉजीस का उपयोग करने वाले बच्चों के संभावित प्रतिकूल प्रभावों का उल्लेख किया गया है। जो बच्चे टेक्नोलॉजी का अत्यधिक उपयोग करते हैं, उनमें समस्याओं का अनुभव होने की संभावना अधिक हो सकती है,

    जिनमें निम्न बिन्दु सम्मिलित है-

    शैक्षणिक प्रदर्शन (एकेडमिक परफॉर्मेन्स) की कमी

    ध्यान की कमी

    रचनात्मकता (क्रिएशन) की कमी

    भाषा के विकास में देरी

    सामाजिक तथा भावनात्मक विकास में देरी

    शारीरिक निष्क्रियता (फिजिकल इनएक्टिविटी) तथा मोटापा • नींद की खराब गुणवत्ता (पुअर स्लीप क्वालिटी)

    सामाजिक मुद्दे, जैसे सामाजिक असंगति तथा चिता

    आक्रामक व्यवहार (एग्रेसिव बिहेवियर्स)

    इन टेक्नोलॉजीस की लत

    उच्च BMI

    रिसर्च ने बच्चों को इन टेक्नोलॉजीस के साथ स्वस्थ तरीके से इन्टरेक्ट करने के लिए उनके समय को मानिटर तथा दिलचस्प विकल्प प्रदान करके सिखाने के महत्व को भी नोट किया।। इसके अतिरिक्त, 15-16 आयु वर्ग के किशोरों के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने हाई डिजिटल मीडिया का उपयोग किया था, उनमें ध्यान में कमी का सक्रियता विकार या अटेन्शन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर (ADHD) के लक्षण विकसित होने की संभावना बढ़ गई थी।

    इसका अर्थ यह नहीं है कि डिजिटल मीडिया का उपयोग ADHD का कारण बनता है, बल्कि दोनों के बीच एक सम्बन्ध है। इस सम्बन्ध का क्या अर्थ है, यह निर्धारित करने के लिए अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।

    2015 की रिसर्च में ऑथर्स ने पाया कि टेक्नोलॉजी सभी उम्र के बच्चों तथा किशोरों के समग्र स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। रिसर्चर्स ने सभी बच्चों में स्क्रीन टाइम को कंट्रोल करने वाले माता-पिता तथा देखभाल करने वालो के महत्व को नोट किया।

    अमेरिकन एकेडमिक आफ पीडियाट्रिक्स 18 महीने से कम उम्र के बच्चों को पूरी तरह से स्क्रीन टाइम से बचने की सलाह देता है, जबकि 2-5 साल के बच्चों के पास एक वयस्क के साथ दिन में 1 घंटे से अधिक हाई क्वालिटी व्युइंग का समय नहीं है।

  • स्लीप प्रॉब्लम्स sleep problem kya hai?

    • स्लीप प्रॉब्लम्स sleep problem

    सोने के समय, बहुत करीब से टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से नींद की समस्या हो सकती है। यह प्रभाव इस तथ्य जुड़ा है कि ब्लु लाइट जैसे सेल फोन्स, ई-रीडर्स तथा कम्प्युटर्स से निकलने वाली लाइट मस्तिष्क को उत्तेजित करता से है।

    2014 के एक अध्ययन के ऑथर्स ने पाया कि यह ब्लु लाइट शरीर के नेचरल सर्केडियन रिदम को बिगाड़ने के लिए पर्याप्त है। यह डिस्टर्बेन्स नींद को कठिन बना सकता है या अगले दिन व्यक्ति को कम सतर्क महसूस करा सकता है। मस्तिष्क पर ब्लु लाइट के संभावित प्रभाव से बचने के लिए, लोग सोने से एक या दो घंटे पहले ब्लु लाइट उत्सर्जित करने वाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेसस का उपयोग करना बंद कर सकते हैं।

    इसके बजाए शांत करने के लिए जेन्टल एक्टिविटीज, जैसे किताब पढ़ना, जेन्टल स्ट्रेचेस करना तथा स्नान करना विकल्प हैं।