Author: Ram

  • Switch or Bridge Mein antar kya hai?

    स्विच तथा ब्रिज के बीच अंतर switch and Bridge

    1. स्विच –स्विच मूल रूप से एक हार्डवेयर या एक डिवाइस होती है, जो विभिन्न इनपुट पोर्टस में आने वाले डेटा को विशेष आउटपुट पोर्ट में लाने के लिए जिम्मेदार होता है, जो डेटा को डिजायर्ड डेस्टिनेशन तक ले जाएगा। इस प्रकार, इसका उपयोग मुख्य रूप से विभिन्न नेटवर्क डिवाइसेस जैसे कि राउटर, सर्वर आदि के बीच डेटा पैकेट के ट्रांसफर के लिए किया जाता है। यह वास्तव में एक डेटा लिक लेयर डिवाइस (लेयर 2 डिवाइस) है, जो यह सुनिश्चित करता है कि फॉरवर्ड किए जा रहे पैकेट एरर फ्री तथा एक्यूरेट हों। डेटा लिंक लेयर में डेटा को फॉरवर्ड करने के लिए स्विच MAC एड्रेस का उपयोग करता है। चूँकि स्विच मल्टिपल पोर्टस से डेटा इनपुट करता है, इसलिए इसे मल्टिपोर्ट ब्रिज भी कहा जाता है।

    2. ब्रिज -एक ब्रिज मूल रूप से एक डिवाइस है, जो सिंगल नेटवर्क को विभिन्न नेटवर्क सेग्मेन्ट्स में विभाजित करने के लिए जिम्मेदार है। इस प्रकार, सिंगल नेटवर्क को विभिन्न नेटवर्क सेग्मेन्ट्स में विभाजित करने की प्रक्रिया को नेटवर्क ब्रिजिंग कहा जाता है। प्रत्येक नेटवर्क सेग्मेन्ट इस प्रकार एक सेपरेट कोलाइजन को रिप्रेजेन्ट करता है, जहाँ प्रत्येक डोमेन का एक अलग बैंडविड्थ होता है। ब्रिज का उपयोग करके नेटवर्क की परफॉर्मेन्स में सुधार किया जा सकता है, क्योंकि नेटवर्क पर होने वाले कोलाइजन्स की संख्या कम हो जाती है। ब्रिज यह निर्णय करता है। कि आने वाले नेटवर्क ट्रैफिक को फॉरवर्ड या फिल्टर किया जाता है। MAC (मीडिया एक्सेस कंट्रोल) एड्रेस टेबल को मेन्टेन रखने के लिए ब्रिज भी जिम्मेदार होता है।

  • Computer Network kya hai Computer Network Advantage?

    कम्प्यूटर नेटवर्क computer network

    कम्प्यूटर नेटवर्क विभिन्न डिवाइसेस का ग्रुप है जो एक ट्रांसमिशन मिडियम जैसे, वायर्स, केबल्स आदि के माध्यम से कनेक्टेड होता है। ये डिवाइसेस कम्प्यूटर्स, प्रिंटर्स, कनेक्टेड होता है। ये डिवाइसेस कम्प्यूटर्स, प्रिन्टर्स, स्कैनर्स, फैक्स मशीन्स इत्यादि हो सकती है। नेटवर्क दो कम्प्यूटर्स जितना छोटा भी हो सकता है और असंख्य डिवाइसेस जितना बड़ा भी हो सकता है। एक ट्रेडिशनल नेटवर्क केवल डेस्कटॉप, कम्प्यूटर्स, को ही समाविष्ट करता है, जबकि मॉडर्न नेटवर्क में लेपटॉप्स, टेब्लेट्स, स्मार्टफोन्स, टेलीविजन्स, गेमिंग कन्सोल्स, स्मार्ट एम्प्लाएन्सेस तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सम्मिलित है। सरल शब्दों में, कम्प्यूटर नेटवर्क दो या अधिक कनेक्टेड कम्प्यूटर्स का बना होता है। यह कनेक्शन दोहरा होता है-

    (a) फिजिकल वायर्स, केबल्स तथा वायरलेस मीडिया (सेल फोन्स के एटमॉस्फियर के साथ) के माध्यम से।

    (b) लॉजिकल फिजिकल मीडिया के माध्यम से डेटा को ट्रांसपोर्ट करके।

    कम्प्यूटर नेटवर्क का पर्पस नेटवर्क पर अन्य डिवाइसेस में स्टोर किये गए डेटा को सेन्ड तथा रिसिव करना है। इन डिवाइसेस को कई बार नोड्स के रूप में भी संदर्भित किया जाता है। स्कैल, सिंगल PC (पर्सनल कम्प्यूटर) से लेकर दुनियाभर में स्थित सभी विशाल डेटा सेन्टर्स तक बेसिक पेरिफेरल्स को इंटरनेट पर शेयर करना हो सकता है। स्कोप के साथ ही सभी नेटवर्क्स-कम्प्यूटर और या व्यक्तियों को इन्फॉर्मेशन तथा रिसोर्सेस शेयर करने की अनुमति प्रदान करते हैं।

    कम्प्यूटर नेटवर्क computer network advantage

    1. परफॉर्मेन्स कम्प्यूटर नेटवर्क की परफॉर्मेन्स रिस्पॉन्स टाइम के संदर्भ में मापी जाती है। एक नोड कम्प्यूटरको कई बार नोड भी कहा जाता है) से डेटा सेंड तथा रिसिव करने का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम होना चाहिये।

    2. डेटा शेयरिंग कम्प्यूटर नेटवर्क का उपयोग करने का एक कारण यह है कि ट्रांसमिशन मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से कनेक्टेड विभिन्न सिस्टम्स के बीच डेटा शेयर किया जा सके।

    3. बैन्डअप कम्प्यूटर में एक सेन्ट्रल सर्वर का होना आवश्यक है, जो एक नेटवर्क पर शेयर किये जाने वाले सभी डेटा का बैकअप रखता है, ताकि फैल्युअर के केस में यह डेटा को रिकवर करने में सक्षम हो।

    4. सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर कॉम्पेटिबिलिटी- एक कम्प्यूटर नेटवर्क को एक ही सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर का उपयोग करने के लिये एक कम्प्यूटर नेटवर्क में सभी कम्प्यूटर्स को सीमित नहीं करना चाहिये, इसके बजाए इसे विभिन्न सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर कान्फिगरेशन के बीच बेहतर कॉम्पेटिबिलिटी की अनुमति प्रदान करना चाहिये।

    5. रिलएबिलिटी नेटवर्क में कोई भी फैल्योर नहीं होना चाहिये या यदि ऐसा होता है, फैल्योर की रिकवरीतेजी से होना चाहिये।

    6. सिक्योरिटी कम्प्यूटर नेटवर्क सिक्योर होना चाहिये, ताकि किसी नेटवर्क पर ट्रांसमिट होने वाले डेटा अनऑथोराइज्ड एक्सेस से सेफ रहे। इसके साथ ही, सेंड किये गए डेटा को रिसिव भी किया जाना चाहिये, क्योंकि यह रिसिविंग नोड पर है, जिसका अर्थ है कि ट्रांसमिशन के दौरान डेटा का कोई लॉस नहीं होना चाहिये।

    7. स्कैलेबिलिटी कम्प्यूटर नेटवर्क स्केलेबल होना चाहिये, जिसका अर्थ है कि इसे हमेशा एक्सिस्टिंग कम्प्यूटर नेटवर्क में नए कम्प्यूटर (या नोड्स) को एड करने की अनुमति प्रदान करना चाहिये। उदाहरण के लिये, एक कम्पनी अपने 100 एम्प्लॉइज के लिये एक कम्प्यूटर नेटवर्क पर 100 कम्प्यूटर्स रन करती है, माना कि वह अन्य 100 एम्प्लॉयीज को हायर करती है और नए 100 कम्प्यूटर्स को एक्सिस्टिंग LAN से जोड़ना चाहती है, तो इस स्थिति में लोकल एरिया कम्प्यूटर नेटवर्क को इसकी अनुमति प्रदान करना चाहिये

  • Web Browser ke Components kya hai Web Browser ke Prakar

    वेब ब्राउजर के कम्पोनेन्ट्स web browser components

    1. युजर इन्टरफेस- यूजर इन्टरफेस एक ऐसा क्षेत्र जहाँ यूजर कई ऑप्शन्स जैसे- एड्रेस बार, बैंक तथा फॉरवर्ड बटन, मेन्यू, बुकमार्किंग और कई अन्य ऑप्शन्स का उपयोग कर सकता है।

    2. ब्राउजर इंजन- यह VI (यूजर इन्टरफेस) तथा टेंडरिंग इंजन को एक पुल के रूप में जोड़ना है। यह कई यूजर इन्टरफेस के इनपुट मेनिप्युलेट करता है। के आधार पर रेंडरिंग इंजन से क्वैरी तथा

    3. रेंडरिंग इंजन- यह ब्राउजर स्क्रिन पर रिक्वेस्टेड कन्टेन्ट को प्रदर्शित करने के लिये रिस्पॉन्सिबल होता है। यह HTML, XML तथा इमेजेस को ट्रांसलेट करता है, जिन्हें CSS का उपयोग करने फॉर्मेट किया जाता है। यह कन्टेन्ट के लेआउट को जनरेट करता है। हालांकि, यह विभिन्न प्रकार के प्लगइन्स या एक्सटेन्शन्स का उपयोग करके अन्य प्रकार के कन्टेन्ट को भी प्रदर्शित कर सकता है। जैसे कि-

    इन्टरनेट एक्सप्लोरर ट्रिडेंट का उपयोग करता है।

    क्रोम तथा ओपेरा ब्लिक का उपयोग करते हैं।

    .क्रोम (आईफोन) तथा सफारी वेबकिट का उपयोग करते हैं।

    फायरफॉक्स तथा अन्य मोजिला ब्राउजर्स गेक्को (Gecko) का उपयोग करते हैं।

    4. नेटवर्किंग- यह HTTP या FTP जैसे इन्टरनेट प्रोटोकॉल्स का उपयोग करके URL को रिड्राइव करती है। यह इन्टरनेट कम्युनिकेशन तथा सिक्योरिटी के सभी पहलुओं को मेन्टेन करने के लिये रिस्पॉन्सिबल है। इसके साथ ही, इसका उपयोग नेटवर्क ट्रैफिक को कम करने के लिये एक रिड्राइव्ड डॉक्यूमेन्ट को सैशे के रूप में किया जाता है।

    5. जावास्क्रिट इन्टरप्रिंटर जैसा कि नाम से स्पष्ट है, जावास्क्रिप्ट इन्टरप्रिंटर, जावास्क्रिप्ट कोड को ट्रांसलेट तथा एक्जिक्युट करता है, जो एक वेबसाइट में सम्मिलित है। ट्रांसलेटेड रिजल्ट्स, डिवाइस स्क्रीन पर रिजल्ट्स प्रदर्शित करने के लिये टेंडरिंग इंजन भेजे जाते हैं।

    6. UI बैक एंड – इसका उपयोग बेसिक कॉम्बो बॉक्स तथा विंडोज (विजेट्स) बनाने के लिये किया जाता है। यह एक जनरल इन्टरफेस स्पेसिफाइ करता है, जो प्लेटफॉर्म-स्पेसिफिक नहीं है।

    7. डेटा स्टोरेज- डेटा स्टोरेज एक परसिस्टेन्स लेयर है, जिसका उपयोग ब्राजर द्वारा कुकीज की तरह लोकल तरह से सभी प्रकार की इन्फॉर्मेशन को स्टोर करने के लिये किया जाता है। ब्राउजर अलग-अलग स्टोरेज मैकेनिज्म जैसे कि इन्टेक्स्ट DB, वेब SQL, लोकल स्टोरेज तथा पाइल सिस्टम को सपोर्ट करता है। यह आपके डेटाबेस है, जहाँ ब्राउजर इंस्टॉल है। यह कैशे, बुकमार्क, कुकीज तथा प्रिफरेन्सेस जैसे डेटा को हैंडल करता है।

    वेब ब्राउजर के प्रकार (web browser)

    1. इन्टरनेट एक्स्प्लोरर- इन्टरनेट एक्सप्लोरर (IE) सॉफ्टवेयर कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट का प्रोडक्ट है। यह विश्व में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला ब्राउजर है। यह विडोज 95 लॉन्च के साथ वर्ष 1995 में इन्ट्रोडयूज किया गया था और इसने वर्ष 1998 में नेटस्केप रिटी हासिल की।

    2. गूगल क्रोम यह वेब ब्राउजर गूगल द्वारा डेवलप किया गया है और इसका बीटा वर्जन पहली बार 2 सितम्बर 2008 को माइक्रोसोफ्ट विडोज के लिये रीलिज किया गया था। आज क्रोम को 50% शेयर के साथ सबसे पॉपुलर वेब ब्राउजर्स में से एक माना जाता है।

    3. मोजिला फायरफॉक्स फायरफॉक्स, मोजिला द्वारा ड्राइव किया गया एक ब्राउजर है। यह वर्ष 2004 में रीलिज किया गया था और इन्टरनेट पर दूसरा सबसे पॉप्युलर ब्राउजर बन गया है।

    4. सफारी सफारी, एप्पल इन्कॉर्पोरेशन द्वारा डेवलप किया गया एक वेब ब्राउजर है और मैक OX X में सम्मिलित है। इसे पहली बार वर्ष 2003 में पब्लिक बीटा के रूप में रीलिज किया गया था। सफारी में XMTML, CSS2 आदि जैसी लेटेस्ट. टेक्नोलॉजीस के लिये बेहतर सपोर्ट है।

    5. ओपेरा ओपेरा अधिकांश अन्य ब्राउजर्स की तुलना में छोटा तथा तेज़ है, फिर भी यह फुल-फिचर्ड है। कीबोर्ड, इन्टरफेस, मल्टिपल, विंडोज, जूम, फंक्शन्स आदि के साथ तेज, यूजर फ्रेंडली है। जावा तथा नॉन, जावा इनेबल्ड वर्शन्स उपलब्ध है। इन्टरनेट पर न्यूकमर्स, स्कूल के बच्चों, विकलांगों तथा CD-रोम तथा कियोस्क के लिये फ्रंट एंड यूजर के ऊपर में आदर्श है।

    6. कॉन्कुरर (Konqueror) कॉन्कुरर HTML 4.01 कम्प्लाएंस के साथ एक ओपन सोर्स वेब ब्राउजर है, जो जावा एस्टेट्स, जावास्क्रिट, CSS 1. CSS 2.1, साथ ही नेटस्केप प्लगइन्स की सपोर्ट करता है। यह फाइल मैनेजर के रूप में कार्य करता है और साथ ही लोकल UNIX फाइल सिस्टम पर बेसिक फाइल मैनेजमेन्ट को सपोर्ट करता है, जिसमें सिपल कट/कॉपी तथा पेस्ट ऑपरेशन्स से लेकर एडवांस्ड रिमोट तथा लोकल नेटवर्क फाइल ब्राउजिंग सम्मिलित है।

    7. लिंक्स (Lynx) लिंक्स यूनिक्स, VMS तथा अन्य प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के लिये फुली फिचर्ड वर्ल्ड वाइड वेब ब्राउजर है, जो कर्सर एड्रेसेबल, कैरेक्टर सेल टर्मिनल या एम्यूलेटर्स रन करता है

  • Web Browser kya hai? Advantages

    वेब ब्राउजर web browser

    एक वेब ब्राउजर या सिर्फ ब्राउजर ऐसी एप्लीकेशन है, जिसका उपयोग वेबसाइट्स को एक्सेस करने तथा व्यू करने के लिये किया जाता है। सामान्य वेब ब्राउजर्स में माइक्रोसॉफ्ट इन्टरनेट एक्सप्लोरर, गूगल क्रोम, मोजिला फायरफॉक्स तथा एप्पल सफारी सम्मिलित है। वेब ब्राउजर का प्राथमिक कार्य HTML को रेंडर करता है, जिसका उपयोग वेबपेजेस के डिजाइन। या मार्क करने के लिये किया जाता है। जब भी कोई ब्राउजर किसी वेब पेज को लोड करता है, तो वह HTML को प्रोसेस करता है, जिसमें टेक्स्ट, लिक्स तथा इमेजेस के रेफरेन्सेस, और अन्य आइटम्स जैसे कास्कोटिंग स्टाइल शीट्स तथा जावा स्क्रिप्ट फंक्शन सम्मिलित हो सकते हैं। ब्राउजर इन आइटम्स को प्रोसेस करता है, फिर उन्हें ब्राउजर विडो में रेंडर करता है।

    प्रारम्भिक वेब ब्राउजर्स जैसे मोजेक तथा नेटस्केप नेविगेटर सिंपल एप्लिकेशन्स थी जो HTML प्रोसेस्ड फॉर्म इनपुट तथा सपोर्टेड बुकमार्क्स को रेंडर करते थे। चूँकि वेबसाइट्स विकसित हो चुकी है, इसलिये वेब ब्राउजर की आवश्यकता है। आज के ब्राउजर्स अधिक एडवान्स्ड है और साथ ही कई प्रकार के HTML (जैसे HTML तथा MTML 5) डायनेमिक जावास्क्रिप्ट तथा सिक्योर वेबसाइट्स द्वारा उपयोग किये जाने वाले एन्क्रिप्शन को सपोर्ट करते हैं।

    मॉडर्न वेबसाइट्स की कैपेबिलिटीज वेब डेवलपर्स को अत्यधिक इन्टरेक्टिव वेबसार क्रिएट करने की अनुमति प्रदान करती है। उदाहरण के लिये, एजाक्स एक ब्राउजर को, पेज रिलोड करने की आवश्यकता के बिना वेब पेज पर डायनेमिकली इन्फॉर्मेशन अपडेट करने में सक्षम बनाना है। CSS में एडवान्स ब्राउजर एक रिस्पॉन्सिव वेबसाइट लेआउट तथा विजुअल इफेक्ट्स को एक वाइड अरे डिस्प्ले करने की अनुमति प्रदान करता है। कुकीज, स्पेसिफिक वेबसाइट्स के लिये आपकी सेटिंग्स को याद रखने की अनुमति प्रदान करती हैं।

    जबकि नेटस्केप के बाद से वेब ब्राउजर टेक्निक एक बेहद लम्बा सफर तय कर चुका है, ब्राउजर कम्पेटिबिलिटी आज भी समस्या बनी हुई है। चूंकि ब्राउजर्स विभिन्न टेंडरिंग इंजन्स का उपयोग करते हैं, इसलिये वेबसाइट कई ब्राउजर्स में समान दिखाई दे, यह जरूरी नहीं है। कुछ केसेस में, एक वेबसाइट, एक ब्राउजर में ठीक कार्य कर सकती है, लेकिन दूसरे में ठीक से काम नहीं करती है इसलिये अपने कम्प्यूटर पर की ब्राउजर्स इन्स्टॉल करना स्मार्ट एप्रोच है ताकि आवश्यकता होने पर आप एक अल्टरनेट ब्राउजर का उपयोग कर सकें।

    वेब ब्राउजर के गुण अधिकांश वेब ब्राउजर्स सामान्य गुण प्रदान करते हैं, जैसे-

    1. रिफ्रेश बटन रिफ्रेश बटन वेबसाइट को वेब पेजेस के कंटेन्ट्स को रिलोड करने की अनुमति प्रदान करता है। अधिकांश वेब ब्राउजर्स कैशिंग मैकेनिज्म का उपयोग करने परफॉर्मेन्स को बढ़ाने के लिये विजिट किये गए पेजेस की लोकल कॉपीज स्टोर करते हैं। कभी-कभी आपको अपडेटेड इन्फॉर्मेशन देखने से रोकता है। इस स्थिति में, फ्रेश बटन पर क्लिक करके आप अपडेटेड इन्फॉर्मेशन देख सकते हैं।

    2. स्टॉप बटन- इसका उपयोग सर्वर के साथ वेब ब्राउजर के कम्युनिकेशन को कैंसल करने के लिये किया जाता है और पेज कंटेंट को लोड करना बंद कर देता है। उदाहरण के लिये, यदि कोई मेलिशियस साइट बटन पर क्लिक करके इसे बचाने में सहायता करती है।

    3. होम बटन- यह यूजर्स को वेबसाइट के प्रिडिफाइंड होम पेज को लाने का ऑप्शन प्रदान करता है।

    4. वेब एड्रेस बार यह युजर्स को एक वेब एड्रेस में प्रवेश करने और वेबसाइट पर जाने की अनुमति प्रदान करता है।

    5. डेल्ड ब्राउजिंग- यह यूजर्स को विंडो पर कई वेबसाइट्स ओपन करने का ऑप्शन प्रदान करता है। यह यूजर्स को एक ही समय में विभिन्न वेबसाइट्स को रीड करने में सहायता करता है। उदाहरण के लिये, जब आप ब्राज़र पर कुछ सर्च करते हैं, तो यह आपको आपकी क्वेरी के लिये सर्च, रिजल्ट्स की एक लिस्ट प्रदान करता है। आप प्रत्येक लिंक पर राइट-क्लिक करके एक ही पेज पर रहकर सभी रिजल्ट्स ओपन कर सकते हैं।

    6. बुकमार्क – यह यूजर्स को इन्फॉर्मेशन के बाद के रिड्राइवल के लिये इसे सेव करने के लिये किसी विशेष वेबसाइट को सिलेक्ट करने की अनुमति प्रदान करती है, जो यूजर्स द्वारा प्रिडिफाइंड है।

  • Web Server ke Prakar kya hai?

    वेब सर्वर के प्रकार (web server)

    1.अपाचे HTTP सर्वर: यह सबसे लोकप्रिय वेब सर्वर है और विश्व की लगभग 60 प्रतिशत वेब सर्वर मशीन्स इस वेब सर्वर को रन करती है। अपाचे HTTP वेब सर्वर अपाचे सॉफ्टवेयर फाउंडेशन द्वारा विकसित किया गया था। यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, जिसका अर्थ है कि हम इसके कोड को एक्सेस कर सकते हैं और अपनी पसंद के अनुसार इसमें चेन्जेज कर सकते हैं। अपाचे वेब सर्वर को लगभग सभी ऑपरेटिंग सिस्टम्स जैसे लिनक्स, मैक ऑपरेटिंग सिस्टम, विडोज आदि पर आसानी से इन्स्टॉल तथा ऑपरेट किया जा सकता है।

    2. माइक्रोसॉफ्ट इन्टरनेट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (ITS): इन्टरनेट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (IIS) माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित किया गया एक हाई परफॉर्मिंग वेब सर्वर है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम ने साथ दृढ़ता से एकजुट है और इसलिये इसे एडमिनिस्टर करना अपेक्षाकृत आसान है। इसमें एक अच्छा कस्टमर सपोर्ट सिस्टम है, जिसे एक्सेस करना बेहद आसान है, जब हम सर्वर में किसी इशू को एनकाउंटर करते हैं। इसमें अपाचे HTTP सर्वर के सभी गुण होते हैं, सिवाए इसके कि यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर नहीं है और इसका कोड इनएक्सेबल है, जिसका अर्थ है कि हम अपनी आवश्यकता के अनुरूप कोड में चेन्जेस नहीं कर सकते हैं। इसे आसानी से किसी भी विडोज डिवाइस में इंस्टाल किया जा सकता है।

    3. लाइट tpd (lightipal): लाइट tpd (lighttpd) को ‘लाइटली’ के रूप में प्रनाउन्स किया जाता है। वर्तमान में यह विश्व की लगभग 0.1 वेबसाइट पर रन होता है। लाइट tpd में एक छोटा सर्वर लोड होना है, और इसलिये इसे रन करना आसान होता है। इसमें तो मेमोरी फुटप्रिंट होता है और इसलिये अन्य वेब सर्वर्स की तुलना में इसे रन करने के लिये कम मेमोरी स्पेस की आवश्यकता होती है, जो हमेशा ही लाभ प्रदान करता है। इसमें स्पीड ऑप्टिमाइजेशन होना है। कि हम अपनी आवश्यकता के अनुसार इसकी स्पीड को ऑप्टिमाइज या चेन्ज कर सकते हैं। यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, जिसका अर्थ है, कि हम इसके कोड को एक्सेस कर सकते हैं और अपनी जरूरत के अनुसार चेन्जेस एड कर सकते हैं, और इसके बाद अपना स्वयं का मॉड्यूल (चेन्ज किया गया कोड) अपलोड कर सकते हैं।

    4. जिग्सों सर्वर: जिग्सों को जावा लैंग्वेज में लिया गया है, और यह (GI (कॉमन गेटवे इन्टरफेस) स्क्रिट के साथ-साथ PHP प्रोग्राम्स भी रन कर सकता है। यह फूल फ्लेव्ड सर्वर नहीं है और नए वेब प्रोटोकॉल्स को प्रदर्शित करने के लिये एक्सपेरिमेंटल सर्वर के रूप में डेवलप किया गया था। यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, जिसका अर्थ है कि. हम इसके कोड को एक्सेस कर सकते हैं और अपनी जरूरत के अनुसार इसमें चेन्जेस एड कर सकते हैं और इसके बाद अपना स्वयं का मॉड्यूल (चेन्ज किया गया कोड) अपलोड कर सकते हैं। इसे किसी भी डिवाइस पर इंस्टॉल किया जा सकता है, बशर्ते कि डिवाइस जावा में जावा लैंग्वेज तथा मेडिफिकेशन्स को सपोर्ट करता है।

    5. सन जावा सिस्टम: सन जावा सिस्टम वेब 2.0 के लिये आवश्यक विभिन्न लैंग्वेजेस, स्क्रिप्ट्स तथा टेक्नोलॉजीस को सपोर्ट करता है, जैसे कि पायथन, PHP आदि। यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर नहीं है और इसलिये इसका कोड एनएक्सेसिबल है, जिसका अर्थ है कि आवश्यकता होने पर भी हम कोड में चेन्जेस नहीं कर सकते हैं।

  • Web Server kya hai?

    वेब सर्वर (web server)

    वेब सर्वर एक कम्प्यूटर है, जो वेबसाइट्स को रन करता है। यह एक कम्प्यूटर प्रोग्राम है, जो तब डिस्ट्रिब्यूट किये जाते हैं, जब उनकी आवश्यकता होती है। वेब सर्वर का मुख्य उद्देश्य युजर्स के लिये वेब पेजेस को स्टोर, प्रोसेस तथा डिलिवर करना है। यह इंटर कम्युनिकेशन हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (HTTP) का उपयोग करके किया जाता है।

    ये वेब पेजेस अधिकतर स्टेटिक कंटेंट होते हैं, जिनमें HTML डाक्यूमेंट, इमेज, स्टाइल, शीट, टेक्स्ट आदि सम्मिलित होते हैं। HTTP के अलावा, एन्ड वेब सर्वर ईमेल करने के लिये SMTP (सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल तथा फाइल ट्रांसफर और स्टोर करने के लिये FTP (फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल को सपोर्ट करता है।

    वेब सर्वर का मुख्य कार्य वेबसाइट के कंटेंट को प्रदर्शित करना है। यदि किसी वेब सर्वर को पब्लिक के सामने नहीं लाया जाता है और इन्टरनली उपयोग किया जाता है, तो इसे इन्ट्रानेट सर्वर कहा जाता है। जब कोई वेब ब्राउजर (जैसे क्रोम या फायरफॉक्स) एड्रेस बार जैसे www.economictimes.com) पर URL या वेब एड्रेस को जोड़कर किसी वेबसाइट के लिये रिक्वेस्ट करता है, तो ब्राउजर उस एड्रेस के लिये करस्पॉन्डिंग वेब पेज को व्यू करने हेतु इन्टरनेट पर रिक्वेस्ट करता है। एक डोमेन नेम सर्वर (DNS) इस URL को IP एड्रेस में कन्वर्ट करता है (उदाहरण के लिये, 192.168.216.345) जो बदले में वेब सर्वर को पाइंट करता है।

    वेब सर्वर पर यूजर के ब्राउजर पर कन्टेन्ट वेबसाइट को प्रेजेन्ट करने की रिक्वेस्ट की जाती है। इन्टरनेट पर सभी वेबसाइट्स में IP एड्रेस के रेफरेन्स में एक यूनिक आइडेन्टिफायर होता है। इसका उपयोग इन्टरनेट प्रोटोकॉल इन्टरनेट में विभिन्न सर्वर्स के बीच कम्यूनिकेट करने के लिये किया जाता है। इन दिनों अपाचे सर्वर मार्केट में सबसे कॉमन सर्वर है। अपाचे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, आज उपलब्ध सभी वेबसाइट्स का लगभग 70 प्रतिशत संभालता है। अधिकांश वेब बेस्ड एप्लिकेशन्स अपाचे को उनके डिफॉल्ट वेब सर्वर एन्वायर्नमेन्ट के रूप में उपयोग करते हैं। एक अन्य वेब सर्वर, जो सामान्य तौर पर उपलब्ध होता है, वह इन्टरनेट इन्फॉर्मेशन सर्विस (IIS) हैं, जो माइक्रोसोफ्ट के स्वामित्व में है।

  • Web Page kya hai?

    वेब पेज web page

    एक वेब पेज वर्ल्ड वाइड वेब के लिये डॉक्यूमेन्ट है, जिसे एक यूनिक यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) द्वारा आइडेन्डिफाय किया जाता है।

    वेब पेज को वेब ब्राउजर के माध्यम से मॉनिटर या मोबाइल डिवाइस पर एक्सेस तथा डिस्प्ले किया जा सकता है। वेब पेज में पाया जाने वाला डेटा आमतौर पर HTML या XHTM फॉर्मेट में होता है। वेब पेज में सामान्य तौर पर प्रेजेन्टेशन के लिये स्टाइल शीट, स्क्रिप्ट तथा इमेजेस जैसे अन्य रिसोर्सेस भी होते है। यूजर्स हाइपरटेक्स्ट लिंक के माध्यम से अन्य पेजेस को नेविगेट करने में सक्षम हो सकते हैं।

    वेब पेज एक डॉक्यूमेन्ट का रिप्रेजेन्टेशन है, जो वास्तव में एक रिमोट साइट पर स्थित होता है। वेब पेज की इन्फॉर्मेशन इन्टरनेट एक्सप्लोरर, मोजिला फायरफॉक्स या गूगल क्रोम जैसे वेब ब्राउजर की सहायता से प्रदर्शित की जाती है। वेब ब्राउजर, वेब सर्वर से कनेक्टेड होता है, जहाँ वेबसाइट का कन्टेन्ट HTTP के माध्यम से होस्ट किया जाता है। प्रत्येक वेब पेज, विजिटर को विजुअल तथा रिडेबल तरीके से प्रेजेन्ट की जाने वाली विभिन्न प्रकार की इन्फॉर्मेशन से करस्पॉन्ड करता है।

  • Website kitne Prakar ki hoti hai ?

    वेबसाइट्स के प्रकार

    आज इन्टरनेट पर अरबों वेबसाइट्स हैं, जिन्हें निम्न प्रकार की श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। ध्यान रखें कि वेबसाइट के लिये निम्न में से एक से अधिक वेबसाइट्स में वर्गीकृत होता संभव है। उदाहरण के लिये, वेबसाइट एन्ड फ्लेटफॉर्म, वेबमेल, ब्लॉग या सर्च इंजन भी हो सकती है।

    1. अर्थिव वेबसाइट- अर्चिव वेबसाइट एक ऐसी साइट है, जो एक या अधिक अन्य वेबसाइट्स के कन्टेन्ट्स का रिकॉर्ड रखती है। इन्टरनेट आर्चिव वेबसाइट का सबसे अच्छा उदाहरण है।

    2. ब्लांग (वेबलॉग)- ब्लॉग, वेबसाइट का प्रकार है, जो अक्सर किसी व्यक्ति द्वारा की गई एन्ट्रीज की लिस्ट रखने के लिये होता, जिनमें वे रुचि रखते हैं। माइक्रोब्लॉग वेबसाइट भी ब्लॉगिंग वेबसाइट का ही एक अन्य लोकप्रिय रूप है, जो प्रत्येक ब्लॉग एंट्री में किसी व्यक्ति द्वारा पोस्ट किये जाने वाले कैरेक्टर्स की संख्या को सीमित करता है। ट्विटर माइक्रोब्लॉग के लिये सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट का एक उदाहरण है।

    3. बिजनेस वेबसाइट तथा कॉर्पोरेट वेबसाइट-बिजनेस वेबसाइट या कार्पोरेट वेबसाइट कस्टमर्स पार्टनर्स, क्लॉट्स तथा पोटेन्शल कस्टमर्स को अकाउंट इन्फॉर्मेशन तथा एक्सेस प्रदान करने के लिये बनाई जाती है।

    4. कम्युनिटी वेबसाइट कम्युनिटी वेबसाइट, एक वेबसाइट या वेबसाइट का सेक्शन है, जो विजिटर्स को चैट, फोरम्स या बुलेटिन बोर्ड के अन्य रूप का उपयोग करके साइट पर आने में सहायता करता है।

    5. कन्टेन्ट वेबसाइट तथा इन्फॉर्मेशन वेबसाइट एक कन्टेन्ट वेबसाइट तथा इन्फॉर्मेशन वेबसाइट यूनिक कन्टेन्ट प्रदर्शित करने के इन्टेन्शन से बनाई जाती है, जो अक्सर एक स्पेसिफिक कैटेगरी से सम्बन्धित होती है। उदाहरण के लिये, कम्प्यूटर होप को कम्प्यूटर से सम्बन्धित कन्टेन्ट वाली साइट माना जा सकता है। अन्य कैटेगरीज में पॉलिटिकल वेबसाइट को सम्मिलित किया जा सकता है, जिसमें पॉलिटिक्स से सम्बन्धित कन्टेन्ट या फिर किसी विशेष धर्म के बारे में इन्फॉर्मेशन देते हुए धार्मिक वेबसाइट भी बनाई जा सकती है।

    6. ई-कॉमर्स वेबसाइट ई-कॉमर्स (इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स) वेबसाइट ऐसी साइट है, जो ऑनलाइन प्रोड्क्ट्स या सर्विसेस को बेचने के इन्टेन्शन से बनाई जाती है। अमेजन एक ई-कॉमर्स वेबसाइट का बेहतर उदाहरण है। ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को निम्नलिखित सब- कैटेगरीज में तोड़ा जा सकता है-

    (i) अफिलिएट वेबसाइट- अफिलिट वेबसाइट को थर्ड पार्टी प्रोडक्स को बेचने के इन्टेन्शन से बनाया जाता है। उदाहरण के लिये, अमेजन के पास किसी अन्य कम्पनी को लिक करने के लिये अफिलियेट प्रोग्राम है और प्रोडक्ट्स के खरीदे जाने के बाद वह कमीशन लेता है। एक अफिलिएट वेबसाइट को ई-कॉमर्स वेबसाइट के साथ अमित नहीं होना चाहिये।

    (11) ऑक्शन वेबसाइट- ऑक्शन वेबसाइट ऐसी वेबसाइट है, जो अन्य लोगों को अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेस को बेचने की अनुमति प्रदान करती है। उदाहरण के लिये, इसे सबसे प्रसिद्ध ऑक्शन वेबसाइट्स में से एक है।

    (111) क्लासिफाइड एड्स वेबसाइट- क्लासिफाइड एड्स वेबसाइट एक ऐसी वेबसाइट है, जो किसी को प्रोडक्ट्स या सर्विसेस को सूचीबद्ध करने की अनुमति प्रदान करती है। आमतौर पर की या कम कॉस्ट पर क्रेगलिस्ट, क्लासिफाइड एड्स वेबसाइट का एक उदाहरण है।

    (iv) काडडिंग वेबसाइट क्राउडफंडिंग वेबसाइट का सेट अप किसी बिजनेस, पर्सन या किसी अन्य कारण से एक समय या मासिक भुगतान करने में सहायता करने के लिये किया जाता है। फिकस्टारर क्राउडफंडिंग वेबसाइट का एक उदाहरण है।

    7. गेमिंग वेबसाइट गेमिंग वेबसाइट एक ऐसी वेबसाइट होती है, जिसमें वेबसाइट पर खेले जा सकने वाले गेम्स होते हैं। ये ऑनलाइन गेम्स अक्सर HTML फ्लैश या जावा का उपयोग करके बनाए जाते हैं। गेमिंग वेबसाइट्स को गेमिंग कन्टेन्ट वेबसाइट के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिये, जिसमें एक्चुअल गेम्स के होने के बजाए ऑनलाइन गेम कन्टेन्ट होता है।

    8. गवर्नमेन्ट वेबसाइट एक गवर्नमेन्ट वेबसाइट किसी डिपार्टमेन्ट लोकल या स्टेट गवर्नमेन्ट साइट होता है, जो गवर्नमेन्ट बिजनेस तथा सर्विसेस के बारे में पब्लिक को इन्फॉर्म करने में सहायता करने के लिये बनाई जाती है। पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायता करने के लिये भी लोकल गवर्नमेन्ट वेबसाइट का सेट-अप किया जा सकता है।

    9. मेलिशियस वेबसाइट मेलिशियस वेबसाइट ऐसी वेबसाइट होती है, किसी अन्य कम्प्यूटर को इन्फैक्ट करने का पर्सनल डेटा कलेक्ट करने के उद्देश्य से बनाया जाता है। उदाहरण के लिये, मालवेयर वेबसाइट किसी भी विजिटर को मालवेयर, स्पायवेयर या ट्रोजन हॉर्स के साथ इन्पेक्ट करने के इन्टेन्शन से बनाया जाता है। इस प्रकार की साइट्स में डाउनलोड किया जाने वाला कोई भी डेटा इन्फेक्टेड हो सकता है और डाउनलोड होने के बाद आपके कम्प्यूटर इन्फेक्ट कर सकता है। अन्य सामान्य मेलिशियन वेबसाइट्स में फिशिंग वेबसाइट्स सम्मिलित है। इन साइट्स को अन्य ऑफिशियल साइट्स (उदाहरण के लिये, आपके बैंक) की तरह इस उम्मीद के साथ डिजाइन किया जाता है कि वे आपके यूजरनेम तथा पासवर्ड जैसी ऐसिटिव इन्फॉर्मेशन किरा कर सके। फेक न्यूज वेबसाइट्स अन्य प्रकार की मेलिशियल वेबसाइट्स होती हैं, जो भय तथा झूठ फैलाने के इन्टेन्शन से न्यूज के लेजिरिमेन्ट सोर्स (वैद्य स्वोत) के रूप में दिखाई देती है।

    10. मीडिया शेयरिंग वेबसाइट मीडिया शेयरिंग वेबसाइट ऐसी वेबसाइट है, जो विजिटर्स को एक या अधिक प्रकार की मीडिया को शेयर करने की अनुमति प्रदान करती है। उदाहरण के लिये यूट्यूब वीडियो मीडिया शेयर करने की साइट है। साउंड क्लाउड म्यूजिक शेयर करने की साइट है। फ्लिक्ट फोटोज शेयर करने की साइट है। डिवेएन्ट आर्ट आर्ट को शेयर करने का पेज है।

    11. मिरर वेबसाइट एन्ड मिरर वेबसाइट किसी अन्य वेबसाइट से पूर्णता डुप्लिकेट होती है, जो किसी वेबसाइट पर ओवरलोड होने पर उपयोग की जाती है। यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में वेबसाइट की स्पीड के साथ सहायता करती है। साथ ही, भले ही दे समान होती है, फिर भी मिरर साइट को स्क्रैपर वेबसाट याCDN (कन्टेन्ट डिलिवरी नेटवर्क) के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए।12. न्यूज वेबसाइट

    12. न्यूज वेबसाइट न्यूज वेबसाइट लेटेस्ट लोकल या वर्ल्ड न्यूज प्रदान करने के लिये एक डेडिकेटेड वेबसाइट है। न्यूज वेबसाइट किसी स्पेसिफिक टॉपिक के लिये भी डेडिकेटेड हो सकती है। उदाहरण के लिये, कई कम्प्यूटर-रिलेटेड न्यूज वेबसाइट्स लेटेस्ट कम्प्यूटर तथा टेक्नोलॉजी-रिलिटेड न्यूज के बारे में बात करने के लिये डेडिकेटेड होती हैं।

    13. पर्सनल वेबसाइट पर्सनल वेबसाइट किसी व्यक्ति द्वारा बनाई गई साइट होती है, जो उसकी पर्सनल लाइफ, एक्सपीरियेंसेस के बारे में बताती है। की बार इसमें रिज्यूमे भी सम्मिलित होता है। आज बहुत से लोग पर्सनल वेबसाइट्स को एक ब्लॉग के रूप में बना रहे हैं, या अपने बारे में इन्फॉर्मेशन स्टोर करने के लिये सोशल नेटवर्किंग साइट्स का उपयोग कर रहे हैं।

    14. पर्सनालिटी वेबसाइट पर्सनालिटी वेबसाइट किसी व्यक्ति विशेष को कवर करती है, जैसे- आर्टिस्ट, सेलिब्रिटी ऑथर या कोई अन्य व्यक्ति। इस प्रकार की वेबसाइट किसी व्यक्ति से अफिलिएट व्यक्ति द्वारा सेट की जाती है, जैसे कि एक पब्लिसिस्ट एजेन्सी या किसी पर्सनॉलिटी का फैन।

    15. पोर्टल पोर्टल एक वेबसाइट या सर्विस का आइडिया है, जो ईमेल, गेम, कोट्स, सर्च, न्यूज तथा स्टॉक्स जैसी सर्विसेस की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है।

    16. सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट युजर्स फ्रेंड्स, फेमिली, सेलिब्रिटिज, ग्रुप्स तथा ऑर्गेनाइजेशन्स से कनेक्ट करती है। यह सर्विस आमतौर पर फ्री होती है, इस शर्त पर कि वेबसाइट युजर की इन्फॉर्मेशन कलेक्ट तथा उपयोग कर सकती हैं। फेसबुक राइट के उदाहरण हैं।

  • Website kya hai?

    वेबसाइट

    एक वेबसाइट पब्लिकली एक्सेसिबल तथा इंटरलिक किये गए वेब पेजेस का कलेक्शन है, जो सिंगल डोमेन नेम शेयर करते हैं। एक व्यक्ति, ग्रुप, बिजनेस या आर्गेनाइजेशन द्वारा विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिये वेबसाइट्स को क्रिएट तथा मेन्टेन रखा जा सकता है।

    सभी पब्लिकली एक्सेसिवल वेबसाइट्स के साथ ही वर्ल्ड वाइड वेब का गठन होता है। हालांकि कभी-कभी इसे ‘वेब पेज’ को कहा जाता है, लेकिन यह गलत है, क्योंकि वेब पेजेस से मिलकर वेबसाइट बनती है।

    एक वेबसाइट को ‘वेब प्रेजेन्स या सिर्फ ‘साइट’ के रूप में भी जाना जाता है। वेबसाइट्स की कई वैराइटीज होती है, जिनमें एजुकेशनल साइट्स, न्यूज साइट्स, फोरम्स, सोशल मीडिया साइट्स, ई-कॉमर्स साइट्स तथा और भी कई सम्मिलित हैं। किसी वेबसाइट के पेजेस आमतौर पर टेक्स्ट तथा अन्य मीडिया का मिश्रण होते हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि वेबसाइट को निर्धारित करने के कोई नियम नहीं होते हैं। एक व्यक्ति काले सफेद गुलाबों की पिक्चर्स की वेबसाइट बना सकता है, या एक शब्द ‘केट’ को अन्य वेब पेज,

    जिसका नाम ‘माउस’ है, से लिंक कर सकता है। यद्यपि की वेबसाइट्स होमपेज के लिये एक स्टैन्डर्ड पैटर्न को फॉलो करती है, जो वेबसाइट के भीतर अन्य कैटेगरीज तथा कन्टेन्ट से लिंक होती हैं।

    होमपेज (या होम) साइट के मेन पेज को रिप्रेजेन्ट करता है। अक्सर, मेन पेज एक प्रकार का ‘हब’ होता है, जहाँ से अन्य सभी पेजेस को एक्सेस किया जा सकता है। एक इन्टर्नल वेब पेज, जिसमें कई अन्य पेजेस एक कोहेरेन्ट स्ट्रक्चर (जैसे कि किसी टॉपिक की स्पेसिफिक कैटेगरी) से लिक होते हैं, को पेरेन्ट पेज कहा जाता है।

    हर पेज एन्ड सिंगल HTML डॉक्यूमेन्ट है, और वे सभी हाइपरलिंक (या लिंक) के माध्यम से कनेक्टेड होते हैं, जिन्हें आसानी से उपयोग करने के लिये नेविगेशन बार से कम्बाइन किया जाता है। नेविगेशन बार केवल मेन पेज के बजाए प्रत्येक पेज पर प्रदर्शित होता है और यूजर को मेन वेबसाइट के स्ट्रक्चर में शीघ्र मूव होने की अनुमति प्रदान करता है।

    अधिकांश वेबसाइट्स का अन्य महत्वपूर्ण सेक्शन फूटर होता है, जो अन्य रिकरिंग सेक्शन होता है और प्रत्येक पेज के नीचे पाया जाता है। आमतौर पर फूटर में समान वेबसाइट्स तथा अन्य एक्सटर्नल लिंक्स को पॉइन्ट करने वाली विक्स होती है, साथ में अन्य महत्वपूर्ण इन्फॉर्मेशन, जैसे- डिस्क्लाइमर्स, सर्विस की टर्म्स की कम्प्यूटर या मोबाइल डिवाइस पर विजिट किया जाने वाला लिक्स, प्राइवेसी पॉलिसी तथा कॉन्टेक्ट पेजेस, साथ ही कम्पनी का फिजिकल एड्रेस सम्मिलित होता है।

    वेबसाइट्स को सर्वर्स पर होस्ट किया जाता है, और वेब ब्राउजर की आवश्यकता होती है, जैसे- कम्प्यूटर या मोबाईल डिवाइस पर विजिट किया जाने वाला क्रोम, फायरफॉक्स या इन्टरनेट एक्सप्लोरर ।

    वेबसाइट को सीधे अपने URL एड्रेस में एंटर करके या गूगल या बिंग जैसे सर्च इंजन पर सर्च करने एक्सेस किया। जा सकता है।

    मूल रूप से, वेबसाइट्स को उनके टॉप लेवल डोमेन द्वारा कैटेगराइज किया गया था। कुछ उदाहरणों में सम्मिलित है।

    गवर्नमेन्ट एजेन्सी वेबसाइट्स = .gov

    एजुकेशनल इन्स्टीट्यूशन वेबसाइट्स = .edu

    नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन वेबसाइट्स = .org

    कमर्शियल वेबसाइट्स = .com

    इन्फॉर्मेशन साइट्स .info H

  • Chat kya hai?

    चैट

    चैट इन्टरनेट पर कम्युनिकेट करने, और मैसेजेस को इन्टरेक्ट तथा/ या एक्सचेंज करने की प्रोसेस को रेफर करती है। इसमें दो या अधिक व्यक्ति सम्मिलित होते हैं, जो चैट-इनेबल्ड सर्विस या सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम्यूनिकेट करते हैं। चैट को चैटिंग, ऑनलाइन चैट या इन्टरनेट चैट के रूप में भी जाना जाता है।

    चैट को इन्टरनेट के माध्यम से टेक्स्ट, वर्बल, ऑडियो, विजुअल या ऑडियो विजुअल (A/V) कम्युनिकेशन के माध्यम से डिलिवर किया जा सकता है। यदि इसे डेस्कटॉप के माध्यम से कंडक्ट किया जाता है, तो चैट को ऐसे सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है, जो इन्टरनेट रिले चैट (IRC) या एक इन्स्टेन्ट मैसेंजर विभिन्न एन्ड यूजर क्लाइंट्स के बीच चैट कम्युनिकेशन को मैनेज करता है।

    कुछ ऑनलाइन चैट सर्विसेस भी है, जिनके लिये यूजर्स को वैलिड ईमेल एड्रेस के साथ साइन अप करना होता है। साइन अप करने के बाद, यूजर्स ग्रुप चैट रूम को जॉइन कर सकते हैं या किसी अन्य व्यक्ति को प्राइवेट मैसेज भेज सकते हैं। ऑनलाइन चैट सर्विसेस में पर्पस-बिल्ट चैट इन्टरफेसेस होते हैं, जो सम्पूर्ण कम्युनिकेशन प्रोसेस को मैंनेज करती हैं।