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  • फिशिंग (Phishing) kya hai?

    फिशिंग (Phishing))

    फिशिंग एक प्रकार का सोशल इंजीनियरिंग अटैक है, जिसका उपयोग अक्सर युजर डेटा की चोरी करने के लिए किया जाता है, जिसमें लॉगिन क्रिडेन्शियल्स तथा क्रेडिट कार्ड नम्बर्स सम्मिलित है। यह तब होता है, जब एक अटैकर किसी ट्रस्टेड एन्टिटी के रूप में विक्टिम को ईमेल, इंस्टेन्ट मैसेज या टेक्स्ट मैसेज ओपन करने के रूप में धोखा देता है। प्राप्तकर्ता को मेलिशियस लिंक पर क्लिक करने के रूप में धोखा दिया जाता है, जो मालवेयर के इन्स्टॉलेशन का कारण बन सकता है, रेन्समवेयर अटैक के हिस्से के रूप में सिस्टम को फ्रीज किया जा सकता है या सेन्सिटिव इन्फॉर्मेशन को उजागर किया जा सकता है। अटैक के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। व्यक्तियों के लिए, इसमें अनआथोराइज्ड खरीदारी, धन की चोरी या आइडेन्टिटी थेफ्ट सम्मिलित है।

    इसके साथ ही, फिशिंग का उपयोग अक्सर कॉर्पोरेट या गवर्नमेनन्टल नेटवर्क में एक बड़े अटैक के हिस्से के रूप में पैर जमाने के लिए किया जाता है, जैसे कि एक एडवान्स्ड परिसिस्टेन्ट थ्रेट (API) इवेन्ट इसके बाद के सिनेरियो में, सिक्योरिटी पैरीमीटर्स को बायपास करने, एक क्लोस्ड एन्वायर्नमेन्ट में मालवेयर डिस्ट्रिब्युट करना या सिक्योर्ड डेटा को एक्सेस करने के लिए प्रिविलेज प्राप्त करने के लिए एम्प्लॉयीज से समझौता किया जाता है।

    फिशिंग अटैक्स, सामान्य तौर पर मेल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन मेथड्स पर निर्भर करते हैं, जिसमें सोशल नेटवर्क पर भेजे गए डायरेक्ट मैसेजेस, SMS, टेक्स्ट मैसेजेस तथा अन्य इन्स्टेन्ट मैसेजिंग मोड्स सम्मिलित हैं। फिशर्स सोशल इंजीनियरिंग तथा अन्य पब्लिक सोसेंस का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें विक्टिम की पर्सनल तथा वर्क हिस्ट्री के बारे में बैकग्राउंड की जानकारी एकत्रित करने के लिए सोशल मीडिया नेटवर्क्स, जैसे लिंक्डइन, फेसबुक तथा ट्विटर सम्मिलित है।

    प्रि-फिशिंग अटैक रिकनेसेन्स पोटेन्शल विक्टिम्स के नाम, जॉब टाइटल्स तथा ईमेल एड्रेसेस के साथ-साथ उनके कलीग्स तथा उनके आर्गेनाइजेशन्स में प्रमुख एम्प्लॉयीज की जानकारी को उजागर करता है। इस जानकारी का उपयोग विश्वसनीय ईमेल तैयार करने के लिये किया जा सकता है। टार्गेटेड अटैक्स में एडवान्स्ड पर्सिस्टेन्ट थ्रेट (APT) ग्रुप्स द्वारा किए गए अटैक सम्मिलित है, जो सामान्य तौर पर एक फिशिंग ईमेल से शुरू होते हैं, जिसमें एक मैलिशियस लिक या अटैचमेन्ट सम्मिलित होता है।

    हालांकि, कई फिशिंग ईमेल्स खराब तरीके से लिखे जाते हैं और स्पष्ट रूप से फैल होते हैं। साइबर क्रिमिनल ग्रुप्स तेजी से इन्हीं टेक्निक्स का उपयोग कर रहे हैं, जिसका उपयोग प्रोफेशनल मार्केटर्स सबसे प्रभावी प्रकार के मैसेजेस की पहचान करने के लिए करते हैं। ये मैसेजेस वो फिशिंग हुक्स होते हैं, जो हाइएस्ट ओपन या क्लिक-ध्रु रेट प्राप्त करते हैं और फेसबुक पोस्ट्स पर अधिकतम लाइक्स जनरेट करते हैं। फिशिंग कैम्पेन्स अक्सर मेजर इवेन्ट्स, हॉलीडेज तथा एनिवर्सरीज या सच्ची तथा काल्पनिक दोनो तरह की ब्रेकिंग न्यूज का लाभ उठाते हैं।

    सामान्य तौर पर, विक्टिम को एक मैसेज प्राप्त होता है, जो किसी जाने-पहचाने कॉन्टेक्ट या आर्गेनाइजेशन द्वारा भेजा गया प्रतीत होता है। अटैक या तो मेलिशिस फाइल अटैचमेन्ट के माध्यम से किया जाता है, जिसमें फिशिंग सॉफ्टवेयर होता है, या मेलिशियस वेबसाइट्स से कनेक्ट होने वाली लिंक के माध्यम से किया जाता है। किसी भी केस में, इसका उद्देश्य युजर की डिवाइस पर मालवेयर इन्स्टॉल करना या विक्टिम को पर्सनल तथा फाइनेन्शियल इन्फॉर्मेशन, जैसे पासवर्ड, अकाउंट ID या क्रेडिट कार्ड डिटेल्स प्रकट करने के रूप में धोखा देने के लिए इन्स्टॉल्ड मेलिशियस वेबसाइट पर निर्देशित करता है।

  • parsanal computer ke bhaag kaun-kaun se hai? (components of Personal Computer)

    पर्सनल कम्प्यूटर इनपुट डिवाइस (inpur device), आउटपुट डिवाइस (output device), सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) तथा अतिरिक्त डिवाइसेज़ जैसे मॉडेम स्कैनर, प्रिन्टर इत्यादि पर आधारित होता है।

    आइए हम देख हैं कि किसी पर्सनल कम्प्यूटर के विभिन्न कम्पोनेन्ट्स क्या है ? (What are the components of a personal computer?) पर्सनल कम्प्यूटर के विभिन्न भागों को समझने के लिए हमें इसके आंतरिक भाग तथा बाहरी भाग दोनों को समझना होगा।

    पर्सनल कम्प्यूटर का आंतरिक भाग से यहाँ तात्पर्य वे भाग हैं जो सी०पी०यू० कैबिनेट के अंदर होते हैं। मदरबोर्ड, रैम, हार्ड डिस्क, विडियो कार्ड, पावर सप्लाई इत्यादि सो०पा०यू० कैबिनेट के अंदर होते हैं जो हमें दिखते नहीं है।

    इसी प्रकार सी०पी०यू० कबिनेट के आगे हमें फ्लॉपी डिस्क ड्राइव तथा सी०डी० या डी० वी० डी० ड्राइव मिलते हैं। सी० पी० यू० कैबिनेट के पौड़ के भाग कुछ महत्वपूर्ण कनेक्शन्स होते हैं

    जो आपके सी० पी० पू० कैबिनेट के अंदर के भागों को अन्य पेरिफेरल से जोड़ते है । उन सभी कम्पोनन्ट्स को क्रमांक दिया गया है ताकि आप भलीभांति समझ सकें । ये कम्पोनेन्ट इस क्रम में है

    1) यूनिवर्सल सिरियल बस (Universal Serial Bus)

    2) इथरनेट कार्ड (Ethernet Card))

    3) हार्ड ड्राइव (Hard Drive)

    4) सी० पी० यू० (CPU)

    5) पावर सप्लाई (Power Supply)

    6) समानांतर पोर्ट

    7) फ्लॉपी डिस्क ड्राइव (Floppy Disk Drive)

    8) रैम (RAM)

    9) विडियो कार्ड (Video Card)

    10) मदर बोर्ड (Mother Board)

  • इथिकल हेकिंग (Ethical Hacking) kya hai?

    इथिकल हेकिंग (Ethical Hacking)

    इथिकल हैकिंग कम्प्युटर सिस्टम तथा/या कम्प्युटर नेटवर्क में कमजोरी की पहचान करती है और कमजोरियों को प्रोटेक्ट करने वाले काउंटर मेजर के साथ आती है। इथिकल हैकर्स को नियमों का पालन करना आवश्यक है:

    हैंकिंग से पहले कम्प्युटर सिस्टम तथा/ या कम्प्युटर नेटवर्क के ऑनर से लिखित अनुमति लेना।

    आर्गेनाइजेशन की प्राइवेसी को हैक करके प्रोटेक्ट करना।

    कम्प्युटर सिस्टम में पहचानी गई सभी कमजोरियों के बारे में आर्गेनाइजेशन को पारदर्शी रूप से रिपोर्ट करना।

    पहचानी गई कमजोरियों के बारे में हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर बेंडर्स को सूचित करना

    इथिकल हैकिंग क्यों (Why Ethical Hacking?)

    इन्फॉर्मेशन किसी आर्गेनाइजेशन की सबसे मुल्यवान असेट्स में से एक है। इन्फॉर्मेशन को सिक्योर रखने से आर्गेनाइजेशन की इमेज को प्रोटेक्ट किया जा सकता है और आर्गेनाइजेशन का बहुत सारा धन बच सकता है।

    हैकिंग से उन आर्गेनाइजेशन्स के लिए बिजनेस को नुकसान हो सकता है, जो पेपाल जैसे फाइनेन्स में डील करते हैं। इथिकल हैकिंग उन्हें साइबर क्रिमिनल्स से एक कदम आगे रखती है, जो अन्यथा बिजनेस को नुकसान पहुँचाते हैं।

    इथिकल हैकिंग की वैधता (Hegality of Ethical Hacking)

    इथिकल हैकिंग लीगल है, यदि हैकर इथिकल हैकिंग की परिभाषा पर उपरोक्त सेक्शन में निर्धारित नियमों का पालन करता है। इन्टरनेशनल काउंसिल आफ ई-कॉमर्स कंसल्टेंट्स (EC-काउंसिल) एक सर्टिफिकेशन प्रोग्राम प्रदान करता है, जो व्यक्ति के कौशल का परीक्षण करता है। परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को सर्टिफिकेट्स से सम्मानित किया जाता है। सर्टिफिकेट्स को बहुत समय के पश्चात् रिन्यु किया जाना चाहिए।

  • हैकर kya hai? हैकर्स के प्रकार (Types of Hackers)

    हैकर हैकर्स के प्रकार (Types of Hackers)

    हैकर वह व्यक्ति होता है, जो एक्सेस हासिल करने के लिए कम्प्युटर सिस्टम तथा /या नेटवर्क में कमजोरियों का पता लगाता है और उनका फायदा उठाता है। हैकर्स सामान्य तौर पर कुशल कम्प्युटर प्रोग्रामर्स होते हैं, जिन्हें कम्प्युटर सिक्योरिटी का भरपूर ज्ञान होता है।

    हैकर्स को उनके कार्यों के इरादों के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। आगे दर्शाई गई सूची हैकर्स को उनके इरादों के अनुसार वर्गीकृत करती है।

    हैकर्स के प्रकार (Types of Hackers)

    1. इथिकल हैकर (व्हाइट हैट): एक हैकर, जो पहचानी गई कमजोरियों को ठीक करने की दृष्टि से सिस्टम पर एक्सेस हासिल करता है, इथिकल हैकर कहलाता है। वह पेनिट्रेशन टेस्टिंग तथा वल्नरेबिलिटी असेसमेन्ट्स को भी परफॉर्म कर सकता है।

    2. क्रेकर (ब्लैक हैट): एक हैकर, जो व्यक्तिगत लाभ के लिए कम्प्युटर सिस्टम को अनआथोराइज्ड तरीके से एक्सेस करता है, क्रेकर कहलाता है। इनका इरादा सामान्य तौर पर कार्पोरेट डेटा चोरी करने, प्राइवेसी राइट्स का उल्लंघन करने, बैंक अकाउंट्स से फंड ट्रांसफर करने आदि का होता है।

    3. ये हैटः एक हैकर, जो इथिकल तथा ब्लैक हैट हैकर्स के बीच में होता है, ग्रे हैट हैकर कहलाता है। वह कमजोरियों की पहचान करने और उन्हें सिस्टम के ऑनर के सामने प्रकट करने की दृष्टि से बिना अधिकार के कम्प्युटर सिस्टम की फंक्शनालिटी को अस्त-व्यस्त कर देता है।

    4. स्क्रिप्ट किडीज: एक गैर, कुशल व्यक्ति, जो पहले से बने टूल का उपयोग करके कम्प्युटर सिस्टम को एक्सेस कर लेता है, स्क्रिप्ट विडीज कहलाता है।

    5. हैक्टिविस्ट एक हैकर, जो हैकिंग का उपयोग सामाजिक धार्मिक तथा राजनीतिक आदि संदेश भेजने के लिए करता है, हैक्टिविस्ट कहलाता है। यह आमतौर पर वेबसाइट्स को हाइजैक करके तथा संदेश को हाईजैक की गई वेबसाइट पर छोड़कर किया जाता है।

    6. फ्रीकरः एक हैकर, जो कम्प्युटर के बजाए टेलीफोन में कमजोरियों की पहचान करता है और उन्हें एक्सप्लाइट करता है, फ्रीकर कहलाता है।

  • Personal computer kya hai?

    परिचय (Introduction)

    पर्सनल कम्प्यूटर से सायद हो कोई अनजान होगा। पर्मनस कम्युटर तथा साइको कम्प्यूटर सम्भवतः विनिमयशील (interchangeable) शब्द है। पर्सनल कम्प्यूटर सम्भवतः ऐसे कम्प्यूटर के लिए प्रयोग किया जाता है

    जिसका प्रयोग किसी एक व्यक्ति तक ही सीमित हो। अस्पष्ट है कि स्वतल कम्यूटर कोई भी सामान्य माइको कम्प्युटर होता है तथा इसका अर्थ कार्यालय में होने पर शायद ही किसी व्यक्ति के दिनों रूप में प्रयोग होता है। यह अध्याय पर्सनल कम्प्यूटर के विभिन्न अप पर जानकारी प्रदान करता है।

    पर्सनल कम्प्यूटर (personal computer)

    पर्सनल कम्प्यूटर अर्थात् पी.सी काम आए इस आता है कि पर्सनल कम्प्यूटर क्या है? (What is a personal computer?) पर्सनल कंप्यूटर एक ऐसा कम्प्यूटर है जिसको कोर आकार कालो के लिए इस easy बनाती है।

    यह शब्द 1970 के अंतिम तथा 1980 में Apple Computer द्वारा प्रसिद्ध हुआ तथा बाद में इसको आईबीएम द्वारा विकसित पाँच कम्प्यूटर का कप्यूटर भी कहा प्राकम्प्यूटर शब्द का प्रयोग विशेष करता है|

    जिन पर साइट विण्डोन का परिचालन हो रहा है। पर्सनल कम्प्यूटर को एक समय में एक ही यूजर द्वारा सामान्यतः वर्ड प्रोसेसिंग, इण्टरनेट ब्राउजिंग इण्टरनेट इनकम, कण्टर गम्स खेलत, कम्यूटर प्रोग्रामिंग इत्यादि जैसे सामान्य उददेशीय कार्यों हेतु परिचालित किया जाता है।

    कोई माइक्रो कम्यूटर जो निजी कार्यों के लिए प्रयोग किया जाता है अथवा छोटे मोटे कार्यों जैसे पई प्रोसेसिंग (word processing), अकाउन्टिंग (account- ing) तथा सामान्य अनुप्रयोगों तथा कोई सिस्टम सॉफ्टवेयर जैसे लाइन इत्यादि एक्जिक्यूट कर रहा है| पर्सनल कम्प्यूटर कहा जा सकता है।

    1990 के दशक के दौरान पर्सनल कम्यूटर की बता में भारी मात्र में इस पतित कम्यूटर तथा मल्टीयूटर कम्प्यूटर जैसे मेनफ्रेम के मुख्य के अन्तरों में कमी आई है।

    पर्सनल कम्प्यूटर के अनुप्रयोग (Uses of Personal Computer)

    आजकल पर्सनल कंप्यूटर के प्रयोगकर्ता को निशनामों की अच्छी जानकारी हो सकती है, परन्तु यह आवश्यक नहीं कि यह में तो कम्प्यूट मों को लिखने में सक्षम हो। अतः पर्सनल कम्प्यूटरों के लिए अधिकतर सॉफ्टवेयर इसक प्रयोगको तया इली होने को ध्यान में रखकर ही लिखे जाते हैं|

    किन्तु सॉफ्टवेयर उद्योग निरंतर पर्सनल कम्प्यूटरों के नय उत्पाद क. श्रृंखला प्रदान करता रहा है जो विशेषता तथा प्रशिक्षुओं दोनों के लिए जाते हैं। संक्षेप में, यूटर के नम्नलिखित विन्दुओं का समावेश होता है

    1) सिंगल ऑपरेटिंग सिस्टम चलाना

    2) वर्ड प्रोसेसर जैसे माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, Abode पेजमेकर, ओपन ऑफिस डॉट ऑर्ग (Open Office Org) इत्यादि का प्रयोग कर कोई पत्र टाइप करना।

    3) स्प्रेडशीट जैसे माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल इत्यादि का प्रयोग कर अकाउण्ट्स (accounts) व्यवस्थित करना, ग्राफ बनाना, चार्ट तथा शीट तैयार करना।

    4)एम.एस. पावरप्वाइन्ट का प्रयोग कर प्रजेन्टेशन बनाना।

    5) डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम तथा रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम का प्रयोग करना।

    6) इन्टरनेट सेवाएँ यथा डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू. (WWW), एफ. टी. पी. (PIP), टेलनेट (Telnet) इत्यादि का प्रयोग करना।

    7) सामान्य उद्देशीय अनुप्रयोगों जैसे टैली, कस्टमाइज किये गये सॉफ्टवेयर इत्यादि का प्रयोग करना।

    8) डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवयर जैसे कोरल ड्रॉ (Corel Draw), फोटोशॉप इत्यादि का प्रयोग करना।

  • Computer soochana praudyogikee mein ( computers in information technology)

    कम्प्यूटर के क्षेत्र के विस्तार होने से एक नई प्रौद्योगिकी (technology) का जन्म हुआ है जिसे ‘सूचना प्रौद्योगिकी (Information Techmology) कहते हैं। कंप्यूटर सूचना प्रौद्योगिकी में किस तरह उपयोगी है इस सेक्शन में संक्षेप में बताया जा रहा है

    1) इण्टरनेट (Internet) – इण्टरनेट (Internet) कम्प्यूटर का अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क (Network) है। दुनिया भर के कम्प्यूटर नेटवर्क इण्टरनेट से जुड़ होते हैं और हम कहीं से भी घर बैठे अपने कम्प्यूटर से सहित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

    राजनीति, खेल, सिनेमा, संगीत, स्वास्थ्य, चिकित्सा विज्ञान, कला, संस्कृति आदि लगभग सभी विषय पर विविध सामग्री इण्टरनेट पर उपलब्ध है। अपना मनपसंद चुनने के लिए सर्व जन (Search Engine) सॉफ्टवेयर इन्टरनेट पर होते हैं।

    यह (Yahoo), खोज (Khoj) आदि कुछ सर्च इंजिनों के उदाहरण है। यह सर्च इंजन बेवसाइट (Website) का पता लगाते हैं। लगभग सभी को शुरुआत अंग्रेजी के अक्षरों ‘www’ से होती है, जिसका आशय ‘वर्ल्ड ‘वाइस’ (World Wide Web www) होता है।

    2) ई-बिजनेस (e-Business) – कम्प्यूटर में ऑपरेशन इलेक्ट्रॉनिक विधि (electronically) में होते है, अत: आध निक बिजनेस जो कम्प्यूटर और इण्टरनेट के सहयोग से किया जाता है

    ‘विजन’ (e-Business) या ‘इलेक्ट्रॉनिक बिजनेस’ (Electronic Business) कहलाता है। यह बिजनेस एक विषय ‘ई-कॉमर्स’ (c- Commerce) के अन्तर्गत आता है।

  • Chikitseey Jaanch Mein Computer (Computers in Medical Treatment)

    कम्प्यूटर हमें स्वस्थ और दीर्घायु बनाने के लिए अथक प्रयासरत है। कम्प्यूटर के चिकित्सा के क्षेत्र में क्या योगदान हैं इन सेक्शन में चर्चा की गई है।

    1)कम्प्यूटर असिस्टेड डाइग्नोसिस (Computer Assisted Diagnosis) – यह एक ऐसी सुविधा है जिसमें हार्डवयर अथवा सॉफ्टवेयर, चिकित्सकों को रोगियों के परीक्षण में सहायता करते हैं। रोगी के लक्षणों को कम्प्युटर में इनपुट (Input) किया जाता है

    सॉफ्टवेयर इस रोगी के लक्षणों का तुलना अब तक के पिछले रोगिया के कम्प्यूटर में स्टार लक्षणों व रोगों से करते हैं और रोग का पता लगाते हैं।

    2) कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (Computed Tomography) – यह एक ऐसा सुविधा है जिसमें कैट स्कैनिंग (CAT Scanning) की जाती है| इसमें x-ray, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मिलकर रोगी के आन्तरिक अंगों त्रिविमीय ( Three Dimensional) चित्र प्रस्तुत करते हैं। चिकित्सक इस चित्र से रोगी के रोग को अधिक शुद्धता से जाँच सकते हैं।

    3) कम्प्यूटराइज्ड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (Computerized Life Support System) – यह नसिंग (Nursing aid) सहायता है, जिससे गम्भीर अवस्था के रोगों का लगातार प्रेक्षण (monitor) किया जाता है और रोगी को हृदयगति, तापमान और रक्तचाप में प्राणघातक बदलाव को अलार्म (Alarm) से सूचित किया जाता है।

    यह सिस्टम कम्प्यूटर द्वारा ही संचालित होता है। आजकल कम्प्यूटरों का उपयोग विकलांगों के लिये भी बढ़ रहा है। ऐसे पोर्टेबल कम्प्यूटर ( Portable Computers) तैयार किये गये हैं

    जो मानव की आवाज से निर्देश प्राप्त करते हैं। यहाँ तक कि नेत्रहीनों के लिए भी कम्प्यूटर तैयार कर लिये गये हैं।

  • Vaigyaanik Shodh Mein Computer ka Kya Yogadaan hai? (Computers in Scientific Research)

    कम्प्यूटर का मौसम की भविष्यवाणी (Weather forecasting) में प्रमुख उपसंग है। मौसम का अनुमान लगाने के लिए, वर्तमान मौसम की स्थिति के डाटा (Data) मटर में इनपुट (Input) किये जाते है,

    जिसकी भूतकाल के मीराम की स्थितियों से कम्प्यूटर तुलना करता है। मौसम की भविष्यवाणी को प्रक्रियण बाबासों घट चलती है। इसमें डाटा (Data) की संख्या अधिक होती है|

    इसलिए इस कार्य के लिए सुपर कम्प्यूटर का राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग किया जाता है। अन्तरिक्ष यात्रियों का अन्तरिक्ष यानों में संचार कराके हम कम्प्यूटर को सहायता से उन्हें अन्तरिक्ष यात्री करवाते हैं।

    इस कार्य में जटिल खगोलीय गणनाएँ होती है और खगोलीय पिण्डों की दूरियों का आकलन आदि कम्प्यूटर हो शुद्धता (Accuracy) से कर सकता है। Simulation एक ऐसी तकनीक है जिसमें कम्प्यूटर किसी वास्तविक वस्तु का वशाल मंदिर (virtual models) बना देत और उसका परीक्षण किया जाता है।

    इस प्रकार भवनों, कारों वायुयानों, प्रज्ञास्त्र अन्तरिक्षयानों के मॉडल Simulation तकनीक से बनाकर उनका परीक्षण किया जाता है। Simulation की यह क्रिया कम्प्यूटर एडेड डिजाइनिंग (Computer Aided Designing) भी कहलाता है।

  • Manoranjan Mein Computer ka Kya Yogadaan hai? (Computers in Entertainment)

    कंप्यूटर आज सबसे अधिक मनोरंजन करने वाले यंत्रों में एक है। यदि शिक्षित वर्ग में वोटिंग करवायी जाए, तो मैं समझती हूँ कि लोगों का बहुमत बोट कंप्यूटर को मनोरंजन के मुख्य साधन के रूप में जाएगा ।

    प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कंप्यूटर आज का एक बड़ा मनोरंजनकर्ता है । मैं तब बिल्कुल चकित रह गया जब मैंन कुछ महीने पहले youtube.com को लॉग किया। वहाँ मुझे वो तमाम गाने और विडियों सुनने को मिले जो मैंने चाहा था

    और में यकीन के साथ कह सकता हूँ कि इतना बड़ा म्यूजिकल स्टोर संसार के किसी भी कोने में नहीं होगा । इस सेक्शन में मनोरंजन के अन्य मुख्य क्षेत्रों का वर्णन किया जा रहा है जहाँ कंप्यूटर बिल्कुल जरूरी बन गया है।

    1) खेल (Games) – कम्प्यूटर में हम मनोरंजक और बौद्धिक क्षमता बढ़ाने वाले खेलों का आनंद ले सकते हैं।

    2) चलचित्र (Movies) – फिल्म उद्योग में कम्प्यूटर से चलचित्रों में अनेक फाटोग्राफिक प्रभाव, संगीत प्रभाव, एक्शन प्रभाव आदि का उत्पन्न किया जाता है। कम्प्यूटर में मल्टीमीडिया (Multimedia) तकनीक का सुविधा से काल्पनिक दृश्य भी जीवंत से लगते हैं।

    आपको याद होगा. पिछले दशक में एक फिल्म ‘जुरासिक पार्क (Jurassik Park)’ आयी थी, जिसमें एक विलुप्त प्रजाति के जीव डायनासोर का फिल्मांकन कम्प्यूटर और मल्टीमीडिया के कुछ सॉफ्टवेयर, जैसे- 3D स्टूडियो मैक्स (3D Studio Max) आदि की मदद से किया गया था।

    3) संगीत Music – संगीतकार ( Musicians) एक कम्प्यूटर, जिसे इलेक्ट्रॉनिक सिंथेसाइजर (Electrome Synthesizer) कहते हैं, को काम में लेते हैं। यह आवाज रिकॉर्ड करता है तथा पुरानी धुनों को मेमोरी (Memory) में से देता है। कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न वाद्ययंत्रा की धुन कृत्रिम रूप से तैयार की जा सकती हैं।

    4) कला (Art) – कम्प्यूटर के द्वारा हम आकृतियों का विभिन्न रूप आकार तथा रंग आदि दे सकते हैं। चित्रकला जैसे कार्य करने वाले अनेक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कम्प्यूटर में उपलब्ध होते हैं। फोटोशॉप (Photoshop ) इसी प्रकार का एक सॉफ्टवेयर है।

    कम्प्यूटर सिम्युलेशन (Computer simulation)

    कम्प्यूटर सिम्युलेशन वास्तविक तथा सैद्धांतिक भौतिक प्रणाली (Theoretical Physical System) को डिजाइन करने की एक विद्या है।

    सिम्युलेशन के माध्यम से किसी डिजिटल कम्प्यूटर पर मॉडलों का एक्जिक्यूशन किया जा सकता है तथा एक्जिक्यूशन उपरान्त इसके आउटपुट का विश्लेषण भी हो सकता है।

    सिम्युलेशन ‘करते हुए सोखने’ के सिद्धान्त को मूर्त रूप देता है। सिम्युलेशन का प्रयोग एक गतिविधि होता है जो उतना ही प्राकृतिक है जितना कोई बच्चा किसी भूमिका को निभाता है।

    बच्चे अपने चारों ओर की दुनिया का जैसे अन्य लोगों, जानवरों तथा वस्तुओं के साथ अन्योन्यक्रिया (interaction) सिम्युलेशन के माध्यम से समझते हैं। सिम्युलेशन का प्रयोग प्रायः असैनिक तथा सैनिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने में होता है।

    यह आमतौर पर तब होता है। जब यह निषेधात्मक रूप से महंगा तथा प्रशिक्षुओं के लिए वास्तविक यंत्रों का प्रयोग करवाना अत्यंत घातक हो। ऐसी परिस्थितियों में वे एक सुरक्षित काल्पनिक वातावरण के बहुमूल्य पाठों को सीखते हैं।

    इसका प्रायः एक और लाभ यह है कि इसमें प्रशिक्षण के दौरान होने वाली गलतियों से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है तथा इसमें आपको सीखने की भावना से गलतियाँ करने की छूट होती है।

  • हैकिंग (Hacking) kya hai?

    हैकिंग (Hacking)

    हैकिंग इन्फॉर्मेशन, डेटा या फाइल्स को चुराने या मैनिप्युलेट करने के लिए किसी नेटवर्क या कन्प्युज में अनआथोराइज्ड एंट्री है। इस प्रोसेस में सम्मिलित व्यक्ति को हैकर कहा जाता है। कम्प्युटर हैकिंग कई प्रकार के प्रोग्राम्स, जैसे- रूटकिट, ट्रोजन, कीलॉगर आदि का उपयोग करके की जाती है। हैकर्स, युजर्स की पर्सनल या फाइनेन्शियल डिटेल्स को कैप्चर करने के लिए ब्राउजर हाइजैक्स, स्पूफिंग, फिशिंग आदि जैसी टेक्निक्स का उपयोग करते हैं।

    अन्य शब्दों में, हैकिंग एक कम्प्युटर सिस्टम या कम्प्युटर के भीतर एक प्राइवेट नेटवर्क को एक्सप्लॉइट करने का प्रयास है। सीधे शब्दों में कहें, तो यह किसी अवैध उद्देश्य के लिए कम्प्युटर नेटवर्क सिक्योरिटी सिस्टम्स पर अनआथोराइज्ड एक्सेस या कंट्रोल है।

    हैकिंग का बेहतर वर्णन करने के लिए पहले हैकर्स को समझना होगा। कोई भी उन्हें आसानी से कम्प्युटर में बुद्धिमान तथा अत्यधिक कुशल समझ सकता है। वास्तव में, एक सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ने के लिए वास्तव में बनाने की तुलना में अधिक बुद्धिमता तथा विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। कोई कठोर या तेज नियम नहीं है, जिससे हम हैकर्स को बेहतर तरीके से जान पाएँ। हालाँकि सामान्य कम्प्युटर भाषा में, हम उन्हें व्हाइट हैट्स, ब्लैक हैट्स तथा ग्रे हैट्स कहते हैं।

    व्हाइट हैट प्रोफेशनल्स इसे और अधिक हैक-प्रूफ बनाने के लिए अपने सिक्योरिटी सिस्टम्स को चैक करने के लिए हैक करते हैं। अधिकतर मामलों में, वे एक ही आर्गेनाइजेशन का हिस्सा होते हैं। ब्लैक हैट हैकर्स व्यक्तिगत लाभ के लिए सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए हैकिंग करते हैं। वे आथोराइज्ड युजर्स को डिस्ट्राय कर सकते हैं, चोरी कर सकते हैं, और सिस्टम को एक्सेस करने से रोक सकते हैं। वे सिस्टम में कमियाँ तथा कमजोरियाँ ढूंढकर ऐसा करते हैं।

    कुछ कम्प्युटर विशेषज्ञ उन्हें हैकर्स के बजाए ब्रेकर्स कहते हैं। ये हैट हैकर्स में वे जिझासु व्यक्ति सम्मिलित होते हैं, जिनके पास नेटवर्क सिक्योरिटी सिस्टम में संभावित कमियों का पता लगाने के लिए पर्याप्त कम्प्युटर लैंग्वेज स्किल्स होती हैं। ग्रे हैट्स, ब्लैक हैट्स से इस अर्थ में भिन्न हैं क्योंकि पूर्व नेटवर्क सिस्टम के एडमिन को सिस्टम में खोजी गई कमजोरियों के बारे में सूचित करता है, जबकि बाद वाला केवल व्यक्तिगत लाभ की तलाश में होता है। व्हाइट हैट हैकर्स द्वारा कि गए कार्य को छोड़कर बाकी सभी तरह की हैकिंग को अवैध माना जाता है।