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  • Web Browser ke Components kya hai Web Browser ke Prakar

    वेब ब्राउजर के कम्पोनेन्ट्स web browser components

    1. युजर इन्टरफेस- यूजर इन्टरफेस एक ऐसा क्षेत्र जहाँ यूजर कई ऑप्शन्स जैसे- एड्रेस बार, बैंक तथा फॉरवर्ड बटन, मेन्यू, बुकमार्किंग और कई अन्य ऑप्शन्स का उपयोग कर सकता है।

    2. ब्राउजर इंजन- यह VI (यूजर इन्टरफेस) तथा टेंडरिंग इंजन को एक पुल के रूप में जोड़ना है। यह कई यूजर इन्टरफेस के इनपुट मेनिप्युलेट करता है। के आधार पर रेंडरिंग इंजन से क्वैरी तथा

    3. रेंडरिंग इंजन- यह ब्राउजर स्क्रिन पर रिक्वेस्टेड कन्टेन्ट को प्रदर्शित करने के लिये रिस्पॉन्सिबल होता है। यह HTML, XML तथा इमेजेस को ट्रांसलेट करता है, जिन्हें CSS का उपयोग करने फॉर्मेट किया जाता है। यह कन्टेन्ट के लेआउट को जनरेट करता है। हालांकि, यह विभिन्न प्रकार के प्लगइन्स या एक्सटेन्शन्स का उपयोग करके अन्य प्रकार के कन्टेन्ट को भी प्रदर्शित कर सकता है। जैसे कि-

    इन्टरनेट एक्सप्लोरर ट्रिडेंट का उपयोग करता है।

    क्रोम तथा ओपेरा ब्लिक का उपयोग करते हैं।

    .क्रोम (आईफोन) तथा सफारी वेबकिट का उपयोग करते हैं।

    फायरफॉक्स तथा अन्य मोजिला ब्राउजर्स गेक्को (Gecko) का उपयोग करते हैं।

    4. नेटवर्किंग- यह HTTP या FTP जैसे इन्टरनेट प्रोटोकॉल्स का उपयोग करके URL को रिड्राइव करती है। यह इन्टरनेट कम्युनिकेशन तथा सिक्योरिटी के सभी पहलुओं को मेन्टेन करने के लिये रिस्पॉन्सिबल है। इसके साथ ही, इसका उपयोग नेटवर्क ट्रैफिक को कम करने के लिये एक रिड्राइव्ड डॉक्यूमेन्ट को सैशे के रूप में किया जाता है।

    5. जावास्क्रिट इन्टरप्रिंटर जैसा कि नाम से स्पष्ट है, जावास्क्रिप्ट इन्टरप्रिंटर, जावास्क्रिप्ट कोड को ट्रांसलेट तथा एक्जिक्युट करता है, जो एक वेबसाइट में सम्मिलित है। ट्रांसलेटेड रिजल्ट्स, डिवाइस स्क्रीन पर रिजल्ट्स प्रदर्शित करने के लिये टेंडरिंग इंजन भेजे जाते हैं।

    6. UI बैक एंड – इसका उपयोग बेसिक कॉम्बो बॉक्स तथा विंडोज (विजेट्स) बनाने के लिये किया जाता है। यह एक जनरल इन्टरफेस स्पेसिफाइ करता है, जो प्लेटफॉर्म-स्पेसिफिक नहीं है।

    7. डेटा स्टोरेज- डेटा स्टोरेज एक परसिस्टेन्स लेयर है, जिसका उपयोग ब्राजर द्वारा कुकीज की तरह लोकल तरह से सभी प्रकार की इन्फॉर्मेशन को स्टोर करने के लिये किया जाता है। ब्राउजर अलग-अलग स्टोरेज मैकेनिज्म जैसे कि इन्टेक्स्ट DB, वेब SQL, लोकल स्टोरेज तथा पाइल सिस्टम को सपोर्ट करता है। यह आपके डेटाबेस है, जहाँ ब्राउजर इंस्टॉल है। यह कैशे, बुकमार्क, कुकीज तथा प्रिफरेन्सेस जैसे डेटा को हैंडल करता है।

    वेब ब्राउजर के प्रकार (web browser)

    1. इन्टरनेट एक्स्प्लोरर- इन्टरनेट एक्सप्लोरर (IE) सॉफ्टवेयर कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट का प्रोडक्ट है। यह विश्व में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला ब्राउजर है। यह विडोज 95 लॉन्च के साथ वर्ष 1995 में इन्ट्रोडयूज किया गया था और इसने वर्ष 1998 में नेटस्केप रिटी हासिल की।

    2. गूगल क्रोम यह वेब ब्राउजर गूगल द्वारा डेवलप किया गया है और इसका बीटा वर्जन पहली बार 2 सितम्बर 2008 को माइक्रोसोफ्ट विडोज के लिये रीलिज किया गया था। आज क्रोम को 50% शेयर के साथ सबसे पॉपुलर वेब ब्राउजर्स में से एक माना जाता है।

    3. मोजिला फायरफॉक्स फायरफॉक्स, मोजिला द्वारा ड्राइव किया गया एक ब्राउजर है। यह वर्ष 2004 में रीलिज किया गया था और इन्टरनेट पर दूसरा सबसे पॉप्युलर ब्राउजर बन गया है।

    4. सफारी सफारी, एप्पल इन्कॉर्पोरेशन द्वारा डेवलप किया गया एक वेब ब्राउजर है और मैक OX X में सम्मिलित है। इसे पहली बार वर्ष 2003 में पब्लिक बीटा के रूप में रीलिज किया गया था। सफारी में XMTML, CSS2 आदि जैसी लेटेस्ट. टेक्नोलॉजीस के लिये बेहतर सपोर्ट है।

    5. ओपेरा ओपेरा अधिकांश अन्य ब्राउजर्स की तुलना में छोटा तथा तेज़ है, फिर भी यह फुल-फिचर्ड है। कीबोर्ड, इन्टरफेस, मल्टिपल, विंडोज, जूम, फंक्शन्स आदि के साथ तेज, यूजर फ्रेंडली है। जावा तथा नॉन, जावा इनेबल्ड वर्शन्स उपलब्ध है। इन्टरनेट पर न्यूकमर्स, स्कूल के बच्चों, विकलांगों तथा CD-रोम तथा कियोस्क के लिये फ्रंट एंड यूजर के ऊपर में आदर्श है।

    6. कॉन्कुरर (Konqueror) कॉन्कुरर HTML 4.01 कम्प्लाएंस के साथ एक ओपन सोर्स वेब ब्राउजर है, जो जावा एस्टेट्स, जावास्क्रिट, CSS 1. CSS 2.1, साथ ही नेटस्केप प्लगइन्स की सपोर्ट करता है। यह फाइल मैनेजर के रूप में कार्य करता है और साथ ही लोकल UNIX फाइल सिस्टम पर बेसिक फाइल मैनेजमेन्ट को सपोर्ट करता है, जिसमें सिपल कट/कॉपी तथा पेस्ट ऑपरेशन्स से लेकर एडवांस्ड रिमोट तथा लोकल नेटवर्क फाइल ब्राउजिंग सम्मिलित है।

    7. लिंक्स (Lynx) लिंक्स यूनिक्स, VMS तथा अन्य प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के लिये फुली फिचर्ड वर्ल्ड वाइड वेब ब्राउजर है, जो कर्सर एड्रेसेबल, कैरेक्टर सेल टर्मिनल या एम्यूलेटर्स रन करता है

  • Web Browser kya hai? Advantages

    वेब ब्राउजर web browser

    एक वेब ब्राउजर या सिर्फ ब्राउजर ऐसी एप्लीकेशन है, जिसका उपयोग वेबसाइट्स को एक्सेस करने तथा व्यू करने के लिये किया जाता है। सामान्य वेब ब्राउजर्स में माइक्रोसॉफ्ट इन्टरनेट एक्सप्लोरर, गूगल क्रोम, मोजिला फायरफॉक्स तथा एप्पल सफारी सम्मिलित है। वेब ब्राउजर का प्राथमिक कार्य HTML को रेंडर करता है, जिसका उपयोग वेबपेजेस के डिजाइन। या मार्क करने के लिये किया जाता है। जब भी कोई ब्राउजर किसी वेब पेज को लोड करता है, तो वह HTML को प्रोसेस करता है, जिसमें टेक्स्ट, लिक्स तथा इमेजेस के रेफरेन्सेस, और अन्य आइटम्स जैसे कास्कोटिंग स्टाइल शीट्स तथा जावा स्क्रिप्ट फंक्शन सम्मिलित हो सकते हैं। ब्राउजर इन आइटम्स को प्रोसेस करता है, फिर उन्हें ब्राउजर विडो में रेंडर करता है।

    प्रारम्भिक वेब ब्राउजर्स जैसे मोजेक तथा नेटस्केप नेविगेटर सिंपल एप्लिकेशन्स थी जो HTML प्रोसेस्ड फॉर्म इनपुट तथा सपोर्टेड बुकमार्क्स को रेंडर करते थे। चूँकि वेबसाइट्स विकसित हो चुकी है, इसलिये वेब ब्राउजर की आवश्यकता है। आज के ब्राउजर्स अधिक एडवान्स्ड है और साथ ही कई प्रकार के HTML (जैसे HTML तथा MTML 5) डायनेमिक जावास्क्रिप्ट तथा सिक्योर वेबसाइट्स द्वारा उपयोग किये जाने वाले एन्क्रिप्शन को सपोर्ट करते हैं।

    मॉडर्न वेबसाइट्स की कैपेबिलिटीज वेब डेवलपर्स को अत्यधिक इन्टरेक्टिव वेबसार क्रिएट करने की अनुमति प्रदान करती है। उदाहरण के लिये, एजाक्स एक ब्राउजर को, पेज रिलोड करने की आवश्यकता के बिना वेब पेज पर डायनेमिकली इन्फॉर्मेशन अपडेट करने में सक्षम बनाना है। CSS में एडवान्स ब्राउजर एक रिस्पॉन्सिव वेबसाइट लेआउट तथा विजुअल इफेक्ट्स को एक वाइड अरे डिस्प्ले करने की अनुमति प्रदान करता है। कुकीज, स्पेसिफिक वेबसाइट्स के लिये आपकी सेटिंग्स को याद रखने की अनुमति प्रदान करती हैं।

    जबकि नेटस्केप के बाद से वेब ब्राउजर टेक्निक एक बेहद लम्बा सफर तय कर चुका है, ब्राउजर कम्पेटिबिलिटी आज भी समस्या बनी हुई है। चूंकि ब्राउजर्स विभिन्न टेंडरिंग इंजन्स का उपयोग करते हैं, इसलिये वेबसाइट कई ब्राउजर्स में समान दिखाई दे, यह जरूरी नहीं है। कुछ केसेस में, एक वेबसाइट, एक ब्राउजर में ठीक कार्य कर सकती है, लेकिन दूसरे में ठीक से काम नहीं करती है इसलिये अपने कम्प्यूटर पर की ब्राउजर्स इन्स्टॉल करना स्मार्ट एप्रोच है ताकि आवश्यकता होने पर आप एक अल्टरनेट ब्राउजर का उपयोग कर सकें।

    वेब ब्राउजर के गुण अधिकांश वेब ब्राउजर्स सामान्य गुण प्रदान करते हैं, जैसे-

    1. रिफ्रेश बटन रिफ्रेश बटन वेबसाइट को वेब पेजेस के कंटेन्ट्स को रिलोड करने की अनुमति प्रदान करता है। अधिकांश वेब ब्राउजर्स कैशिंग मैकेनिज्म का उपयोग करने परफॉर्मेन्स को बढ़ाने के लिये विजिट किये गए पेजेस की लोकल कॉपीज स्टोर करते हैं। कभी-कभी आपको अपडेटेड इन्फॉर्मेशन देखने से रोकता है। इस स्थिति में, फ्रेश बटन पर क्लिक करके आप अपडेटेड इन्फॉर्मेशन देख सकते हैं।

    2. स्टॉप बटन- इसका उपयोग सर्वर के साथ वेब ब्राउजर के कम्युनिकेशन को कैंसल करने के लिये किया जाता है और पेज कंटेंट को लोड करना बंद कर देता है। उदाहरण के लिये, यदि कोई मेलिशियस साइट बटन पर क्लिक करके इसे बचाने में सहायता करती है।

    3. होम बटन- यह यूजर्स को वेबसाइट के प्रिडिफाइंड होम पेज को लाने का ऑप्शन प्रदान करता है।

    4. वेब एड्रेस बार यह युजर्स को एक वेब एड्रेस में प्रवेश करने और वेबसाइट पर जाने की अनुमति प्रदान करता है।

    5. डेल्ड ब्राउजिंग- यह यूजर्स को विंडो पर कई वेबसाइट्स ओपन करने का ऑप्शन प्रदान करता है। यह यूजर्स को एक ही समय में विभिन्न वेबसाइट्स को रीड करने में सहायता करता है। उदाहरण के लिये, जब आप ब्राज़र पर कुछ सर्च करते हैं, तो यह आपको आपकी क्वेरी के लिये सर्च, रिजल्ट्स की एक लिस्ट प्रदान करता है। आप प्रत्येक लिंक पर राइट-क्लिक करके एक ही पेज पर रहकर सभी रिजल्ट्स ओपन कर सकते हैं।

    6. बुकमार्क – यह यूजर्स को इन्फॉर्मेशन के बाद के रिड्राइवल के लिये इसे सेव करने के लिये किसी विशेष वेबसाइट को सिलेक्ट करने की अनुमति प्रदान करती है, जो यूजर्स द्वारा प्रिडिफाइंड है।

  • Mini Computer kya hai?

    ये कम्प्यूटर मध्यम आकार के कम्प्यूटर होते हैं। ये माइको कम्प्यूटर (Micro Computer) को तुलना में अधिक कार्यक्षमता वाले होते हैं। मिनी कम्प्यूटरों की कीमत माइको कम्प्यूटर से अधिक होती है और ये व्यक्तिगत रूप से नहीं खरीदे जा सकते हैं।

    इन्हें छोटी या मध्यम स्तर की कम्पनियों काम में होती है। इस कम्प्यूटर पर एक से अधिक व्यक्ति काम कर सकते हैं। मिनी कम्प्यूटर में एक से अधिक सी. पी. यू. (CPU) होते हैं। इनकी मेमारी (Memory) औरत (Speed) माइका कम्प्यूटर से अधिक और मेनफ्रेम कम्प्यूटर से कम होती है। में सेनफ्रेम कम्प्यूटर से सम्त होते हैं। मध्यम स्तर को कम्पनियों में मिनी कम्प्यूटर ही उपयोगी माने जाते हैं।

    यद्यपि अनेक व्यक्तियों के लिए अलग-अलग माइका कम्प्यूटर लगाना भी सम्भव है, परन्तु यह महँगा पड़ता है। प्रति व्यक्ति का कम्प्यूटर की अपेक्षा मिनी कम्प्यूटर कम्पन में केन्द्रीय कम्प्यूटर के रूप में कार्य करता है और इससे कम्प्यूटर के संसाधनका साझा हो जाता है।

    इसके अलावा अनेक माइको कम्प्यूटर होने पर उनके रख-रखाव व मरम्मत की समस्या बढ़ जाती है। एक मध्यम स्तर को कम्पनी मिनी कम्प्यूटर का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए कर सकती है।

    1) कर्मचारियों के वेतनपत्र (Payroll) तैयार करना

    2) वित्तीय खातों का रख-रखाव

    3) लागत-विश्लेषण

    4) बिक्री-विश्लेषण

    5) उत्पादन योजना।

    मिनी कम्प्यूटरों के अन्य उपयोग में यात्रियों के लिए आरक्षण का संचालन और बैंकों में बैंकिंग (Banking) के कार्य है।

    सबसे पहला मिनी कम्प्यूटर PDP 8 एक रेफ्रिजरेटर (Refrigerator) के आकार का 18000 डॉलर कीमत का था जिसे डिजीटल इक्विपमेण्ट कॉरपोरेशन (Digital Equipment Corporation) न सन् 1965 में तैयार किया था।

  • Computer ke fundamental uses kya hai (Fundamentals uses of computer)

    कम्प्यूटर आधुनिक जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गया है। देश के राष्ट्रपति से लेकर एक लिपिक या आम आदमी तक कम्प्यूटर के प्रभाव से अछूता नहीं है।

    यदि देश को सरकार जनगणना के कार्य को कम्प्यूटर के बिना नहीं कर सकती है तो भारतीय रेलवे अपनी आरक्षण प्रणाली (reservation system) को इसके बिना इतने प्रभावशाली रूप से नहीं चला सकती।

    विश्वविद्यालय एवं शिक्षण संस्थान कम्प्यूटर को सहायता से हजारों अंकतालिकाएँ बहुत कम समय में ही तैयार कर लेते हैं। कई संगठन अपने कार्यकका संचालन कम्प्यूटर के द्वारा जो कर रहे हैं। बैंकों में किये जाने वाले लेन-देन को कम्प्यूटर हो आज सुचारु रूप से कर रहा है।

    आज की प्रभावशाली टेलीफोन व्यवस्था सम्पूर्ण रूप से हो गई है। हम पर में बैठकर दी वो (TV) के कार्यक्रम देखते हैं, वे सभी आज कम्प्यूटर द्वारा ही संपादित (edited) किये जाते है और उन्हें हम तक पहुंचाने में भी कम्प्यूटर अपनी भूमिका उपाय के साथ मिलकर निभाता है। भारतवर्ष एक विकासशील देश है

    इसकी एक प्रमुख समस्या बरोजगारी है। इसे दूर करने के लिए भी कम्प्यूटर ने रोजगार ये द्वार खाते हैं। आज भारत दुनिया में सॉफ्टवेयर (Software) के नियतिकों से एक है, अत: इस क्षेत्र में रोजगार बढा है।

  • Workstation kya hai

    वर्कस्टेशन आकार में माइको कम्प्यूटर के समान होने के बावजूद अधिक शक्तिशाली होते हैं तथा ये विशेष रूप से जटिल (complex) कार्यों के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं।

    इस प्रकार के कम्प्यूटर माइक्रो कम्प्यूटर के सभी लक्षणों को अपने अन्दर रखते हैं तथा माइक्रो कम्प्यूटर के समान ही एक समय में एक ही यूजर (user) के द्वारा संचालित किए जाते हैं।

    इनकी कार्यक्षमता मिनी कम्प्यूटरों के समान होती है। इनका प्रयोग मूलतः वैज्ञानिकों, अभियंताओं (Engineers) तथा अन्य विशेषज्ञों द्वारा होता है। ये माइला कम्प्यूटर की अपेक्षा महंगे होते हैं।

    किन्तु, माइक्रो कम्प्यूटर में अपार बदलाव तथा इसके बृहद स्तर पर विकास के बाद अब वर्कस्टेशन का प्रचलन कम हुआ है तथा माइक्रो कम्प्यूटर के उन्नत उत्पाद ने इसका स्थान लेना प्रारम्भ कर दिया है। अब माइक्रो कम्प्यूटर भी उन्नत ग्राफिक्स (advanced graphics) तथा संचार क्षमताओं के साथ बाजार में उपलब्ध हो रहे हैं।

  • Aakar ke aadha par computer ke prakar (types of computers based on size)

    कंप्यूटरों को उनके कार्य के आधार पर माइक्रा वर्कस्टेशन, मिनी, मेनफ्रेम तथा सुपर में वर्गीकृत किया जा सकता है। कभी-कभ यह वर्गीकरण प्रायगिक नहीं होता फिर भी यही प्रचलन में है ।

    1) माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computers)

    तकनीक के क्षेत्र में सन् 1970 में एक क्रांतिकारी आविष्कार हुआ। यह आविष्कार माइक्रोप्रोसेसर (Microprocesar) क था

    जिसके उपयोग से सस्ती कम्प्यूटर प्रणाली (computer system) बनाना सम्भव हुआ। ये कम्प्यूटर एक डेस्क (Del) पर अथवा एक बीफकस में भी रखे जा सकते हैं।

    ये छोटे कम्प्यूटर माइको कम्प्यूटर कहलाते हैं। माइको कम्प्यूटर कीम में मस्त और आकार में छोटे होते हैं इसलिए में व्यक्तिगत उपयोग (personal use) के लिए घर या बाहर किसी भी कार्य में लगाये जा सकते हैं।

    अत: इन्हें पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer) या पी. सी. (PC) भी कहते हैं।माइको कम्प्यूटर घरों में, विद्यालयों को कक्षाओं में और दफ्तरों में लगाये जाते हैं। घरों में से परिवार के खर्च का ब्योरा रखहैं तथा मनोरंजन के साधन के रूप में काम आते हैं।

    विद्यालयों को कक्षाओं में ये विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र तैयार करने विभिन्न विषयों की शिक्षा प्रदान करने आदि के काम आते हैं। दफ्तरों में माइक्रो कम्प्यूटर एक सहायक के रूप आते हैं। इनसे पत्र लेखन, फाइलों का रख रखाव व अन्य कार्य किये जा सकते हैं।

    काम व्यापार में माइको कम्प्यूटरों का व्यापक उपयोग है। व्यवसाय बड़ा हो या छोटा, माइक्रो कम्प्यूटर दोनों में उपयोगी है। चोट व्यवसाय में यह किये गये व्यापार का ब्यौरा रखता है, पत्र-व्यवहार के लिए पत्र तैयार करता है, उपभोक्ताओं के लिए बिल (bill) बनाकर देता है और नियमित लेखांकन (Accounting) करता है।

    बड़े व्यवसायों इन्हें वर्ड प्रोसेसिंग (Word Processing) और फाइल मेन्टेनेन्स (maintainance) में उपयोग करते हैं। विश्लेषण के साधन के रूप में इनका उपयोग कर व्यापार में निर्णय भी लिये जाते हैं।

    माइको कम्प्यूटर में एक ही सौ. पी. यू. (CPU) लगा होता है। वर्तमान समय में माइक्रो कम्प्यूटर का विकास तेजी से रहा है। परिणामस्वरूप माइक्रो कम्प्युटर एक पुस्तक के आकार, फोन के आकार और यहाँ तक कि घड़ी आकार में भी आ रहे हैं।

    माइको कम्प्यूटर 20-25 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक की कीमत में उपलब्ध है। माइक्रोप्रोसेसर तकनीक में बढ़ते हुए विकास के साथ माइक्रो कम्प्यूटर छोटा तथा पोर्टेबल हो गया है। ये विभिन्न आकार तथा स्वरूप में पाये जाते हैं, जिनकी चर्चा आगे है

    1) डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computers)

    2) लैपटॉप /नोटबु (Laptops/Notebooks)

    3) पामटॉप कम्प्यूटर (Polmtop Computers)

    1) डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computers) पर्सनल कम्प्यूटर का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला प्रकार डॅस्कटॉप कम्प्यूटर है। डेस्कटॉप जैसाकि नाम से उपलक्षित होता है, एक ऐसा कम्प्यूटर है जिसे डेस्क पर सेट किया जा सकता है तथा यह वहीं से कार्य कर सकत है।

    इसमें एक सी. पी. यू. (एक कैबिनेट जो मदरबोर्ड तथा अन्य भागों को ढके रहता है), मॉनीटर, की- बोर्ड तथा मार होते हैं। इन्हें हम अलग अलग देख सकते हैं। डेस्कटॉप कम्प्यूटर की कीमत कम होती है

    परन्तु इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मुश्किल होता है। आज आप नवीनतम कनफिगयूरेशन (configuration) के साथ डेस्कटॉप कम्प्यूटर 20-25 हजार रुपयों की रेन्ज में ले सकते हैं।

    2) नोटबुक तथा लॅपटॉप (Notebook and Laptop) नोटबुक तथा लैपटाप पर्यायवाची होते हैं यद्यपि कई कम्पनियाँ लैपटॉप के साथ अन्य फीचर्स को प्रदान करते हैं तथा लैपटॉप को नोटबुक की अपेक्षाकृत थोड़े महंगे दामों में बेचते हैं।

    डेस्कटॉप कम्प्यूटर से भिन्न नोटबुक तथा लैपटॉप में कुछ भी अलग से नहीं होता है। सभी इनपुट आउटपुट तथा प्रोसेसिंग युक्तियाँ एक डिब्बे में समावेशित होती हैं जो आपकी यात्रा में प्रयोग किये जाने वाले ब्रीफकेस (briefcase) की होता है।

    आमतौर पर यात्रा के दौरान या कुर्सी पर बैठकर इन्हें गोद में रखकर परिवर्तित किया जा सकता है इसलिए इस पागोट के ऊपर (laptop or at the top of lap) कहा जाता है। नोटबुक तथा लैपटॉप वजन में एक किलोग्राम से भी कम होते हैं। ये डेस्कटॉप से महँगे होते हैं|

    परन्तु उन्हें एक जगह से दूसरी सेकता है। यह पोर्टल होता है अर्थात् इसे आप कहीं भी अपने साथ ले जा सकता में बैटरी पैक होता है जो बिजली जाने के बादाम 45 घंटे बैंक प्रदान करता है।

    3) पामटॉप कम्प्यूटर (Polmtop Computers) – पॉमटॉप सबसे अधिक पोर्टेबल (pinable) पसंतान कम्प्यूटर होते हैं तथा आपके हथेली में पकड़े जा सकते हैं। इन्हें पॉकेट कम्प्यूटर भी कहा जाता है। यद्यपि यह अधिकारिक रूप में मान्य नहीं है। पॉमटॉप कार्यालयों में प्रचलित नहीं है। पॉप कम्प्यूटर कई स्वरूप में अब उपलब्ध है। ये टैबलेट पी.सी. तथा पी.डी.ए. हो सकते है|

    टैबलेट पी सी (Tablet PC)- टैबलेट पी. सी. अधिक पोर्टल तथा लैपटॉप कम्प्यूटर के सभी लक्षणों (फीचर्स) से युक्त होते हैं। ये लैपटॉप की तुलना में अधिक हल्के होते हैं तथा निर्देशों की इनपुट करने के लिए स्टायलम (stylus) या डिजिटल पेन का प्रयोग करते हैं।

    यूजर (user) निर्देशों को स्क्रीन पर सीधे सीध लिख सकता है। आपक टेवलट पी. सी. में पूर्व निर्मित माइक्रोफोन तथा विशिष्ट सॉफ्टवेयर होता है, जो इनपुट का मौखिक रूप में प्राप्त करता है। आप इसका प्रयोग एक सी. पी. यू. की तरह परम्परागत तरीके में की बोर्ड तथा एक मॉनीटर का जोड़ने में कर सकते हैं।

    पर्सनल डिजिटल असिसटेण्ट (Personal Digital Assistant) – पर्सनल डिजिटल असिस्टेण्ट एक सैन्ड हेल्ड (handheld) पर्सनल कम्प्यूटर है जो टेबलेट पी. सी. की तरह है तथा इसे एक प्रकार का पामटॉप कम्प्यूटर भी कह सकत है। पी.डी.ए. अब अन्य विशेषताओं जैसे- कैमरा, सेलफान, म्यूजिक प्लेयर, इत्यादि के साथ उपलब्ध है।

    यह एक छोटे से कैलकुलेटर की भाँति होता है तथा इसका प्रयोग नोट लिखने, एड्रेस प्रदर्शित करने, टेलिफोन नम्बर तथा मुलाकात (appointments) का प्रदर्शित करने में किया जाता है। पी. डी. ए (PDA) अब एक पैन के साथ भी उपलब्ध है जिसकी सहायता से यूजर instructions को directly इनपुट कर सकता है। प्रयोक्ता की आवश्यकता अनुसार इसमें अलग से एक छोटा की-बोर्ड तथा माइक्रोफोन टेक्स्ट तथा आवाज़ को इनपुट करने के उद्देश्य से लगाए जा रहे है।

  • Web Server ke Prakar kya hai?

    वेब सर्वर के प्रकार (web server)

    1.अपाचे HTTP सर्वर: यह सबसे लोकप्रिय वेब सर्वर है और विश्व की लगभग 60 प्रतिशत वेब सर्वर मशीन्स इस वेब सर्वर को रन करती है। अपाचे HTTP वेब सर्वर अपाचे सॉफ्टवेयर फाउंडेशन द्वारा विकसित किया गया था। यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, जिसका अर्थ है कि हम इसके कोड को एक्सेस कर सकते हैं और अपनी पसंद के अनुसार इसमें चेन्जेज कर सकते हैं। अपाचे वेब सर्वर को लगभग सभी ऑपरेटिंग सिस्टम्स जैसे लिनक्स, मैक ऑपरेटिंग सिस्टम, विडोज आदि पर आसानी से इन्स्टॉल तथा ऑपरेट किया जा सकता है।

    2. माइक्रोसॉफ्ट इन्टरनेट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (ITS): इन्टरनेट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (IIS) माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित किया गया एक हाई परफॉर्मिंग वेब सर्वर है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम ने साथ दृढ़ता से एकजुट है और इसलिये इसे एडमिनिस्टर करना अपेक्षाकृत आसान है। इसमें एक अच्छा कस्टमर सपोर्ट सिस्टम है, जिसे एक्सेस करना बेहद आसान है, जब हम सर्वर में किसी इशू को एनकाउंटर करते हैं। इसमें अपाचे HTTP सर्वर के सभी गुण होते हैं, सिवाए इसके कि यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर नहीं है और इसका कोड इनएक्सेबल है, जिसका अर्थ है कि हम अपनी आवश्यकता के अनुरूप कोड में चेन्जेस नहीं कर सकते हैं। इसे आसानी से किसी भी विडोज डिवाइस में इंस्टाल किया जा सकता है।

    3. लाइट tpd (lightipal): लाइट tpd (lighttpd) को ‘लाइटली’ के रूप में प्रनाउन्स किया जाता है। वर्तमान में यह विश्व की लगभग 0.1 वेबसाइट पर रन होता है। लाइट tpd में एक छोटा सर्वर लोड होना है, और इसलिये इसे रन करना आसान होता है। इसमें तो मेमोरी फुटप्रिंट होता है और इसलिये अन्य वेब सर्वर्स की तुलना में इसे रन करने के लिये कम मेमोरी स्पेस की आवश्यकता होती है, जो हमेशा ही लाभ प्रदान करता है। इसमें स्पीड ऑप्टिमाइजेशन होना है। कि हम अपनी आवश्यकता के अनुसार इसकी स्पीड को ऑप्टिमाइज या चेन्ज कर सकते हैं। यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, जिसका अर्थ है, कि हम इसके कोड को एक्सेस कर सकते हैं और अपनी जरूरत के अनुसार चेन्जेस एड कर सकते हैं, और इसके बाद अपना स्वयं का मॉड्यूल (चेन्ज किया गया कोड) अपलोड कर सकते हैं।

    4. जिग्सों सर्वर: जिग्सों को जावा लैंग्वेज में लिया गया है, और यह (GI (कॉमन गेटवे इन्टरफेस) स्क्रिट के साथ-साथ PHP प्रोग्राम्स भी रन कर सकता है। यह फूल फ्लेव्ड सर्वर नहीं है और नए वेब प्रोटोकॉल्स को प्रदर्शित करने के लिये एक्सपेरिमेंटल सर्वर के रूप में डेवलप किया गया था। यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, जिसका अर्थ है कि. हम इसके कोड को एक्सेस कर सकते हैं और अपनी जरूरत के अनुसार इसमें चेन्जेस एड कर सकते हैं और इसके बाद अपना स्वयं का मॉड्यूल (चेन्ज किया गया कोड) अपलोड कर सकते हैं। इसे किसी भी डिवाइस पर इंस्टॉल किया जा सकता है, बशर्ते कि डिवाइस जावा में जावा लैंग्वेज तथा मेडिफिकेशन्स को सपोर्ट करता है।

    5. सन जावा सिस्टम: सन जावा सिस्टम वेब 2.0 के लिये आवश्यक विभिन्न लैंग्वेजेस, स्क्रिप्ट्स तथा टेक्नोलॉजीस को सपोर्ट करता है, जैसे कि पायथन, PHP आदि। यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर नहीं है और इसलिये इसका कोड एनएक्सेसिबल है, जिसका अर्थ है कि आवश्यकता होने पर भी हम कोड में चेन्जेस नहीं कर सकते हैं।

  • Web Server kya hai?

    वेब सर्वर (web server)

    वेब सर्वर एक कम्प्यूटर है, जो वेबसाइट्स को रन करता है। यह एक कम्प्यूटर प्रोग्राम है, जो तब डिस्ट्रिब्यूट किये जाते हैं, जब उनकी आवश्यकता होती है। वेब सर्वर का मुख्य उद्देश्य युजर्स के लिये वेब पेजेस को स्टोर, प्रोसेस तथा डिलिवर करना है। यह इंटर कम्युनिकेशन हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (HTTP) का उपयोग करके किया जाता है।

    ये वेब पेजेस अधिकतर स्टेटिक कंटेंट होते हैं, जिनमें HTML डाक्यूमेंट, इमेज, स्टाइल, शीट, टेक्स्ट आदि सम्मिलित होते हैं। HTTP के अलावा, एन्ड वेब सर्वर ईमेल करने के लिये SMTP (सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल तथा फाइल ट्रांसफर और स्टोर करने के लिये FTP (फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल को सपोर्ट करता है।

    वेब सर्वर का मुख्य कार्य वेबसाइट के कंटेंट को प्रदर्शित करना है। यदि किसी वेब सर्वर को पब्लिक के सामने नहीं लाया जाता है और इन्टरनली उपयोग किया जाता है, तो इसे इन्ट्रानेट सर्वर कहा जाता है। जब कोई वेब ब्राउजर (जैसे क्रोम या फायरफॉक्स) एड्रेस बार जैसे www.economictimes.com) पर URL या वेब एड्रेस को जोड़कर किसी वेबसाइट के लिये रिक्वेस्ट करता है, तो ब्राउजर उस एड्रेस के लिये करस्पॉन्डिंग वेब पेज को व्यू करने हेतु इन्टरनेट पर रिक्वेस्ट करता है। एक डोमेन नेम सर्वर (DNS) इस URL को IP एड्रेस में कन्वर्ट करता है (उदाहरण के लिये, 192.168.216.345) जो बदले में वेब सर्वर को पाइंट करता है।

    वेब सर्वर पर यूजर के ब्राउजर पर कन्टेन्ट वेबसाइट को प्रेजेन्ट करने की रिक्वेस्ट की जाती है। इन्टरनेट पर सभी वेबसाइट्स में IP एड्रेस के रेफरेन्स में एक यूनिक आइडेन्टिफायर होता है। इसका उपयोग इन्टरनेट प्रोटोकॉल इन्टरनेट में विभिन्न सर्वर्स के बीच कम्यूनिकेट करने के लिये किया जाता है। इन दिनों अपाचे सर्वर मार्केट में सबसे कॉमन सर्वर है। अपाचे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, आज उपलब्ध सभी वेबसाइट्स का लगभग 70 प्रतिशत संभालता है। अधिकांश वेब बेस्ड एप्लिकेशन्स अपाचे को उनके डिफॉल्ट वेब सर्वर एन्वायर्नमेन्ट के रूप में उपयोग करते हैं। एक अन्य वेब सर्वर, जो सामान्य तौर पर उपलब्ध होता है, वह इन्टरनेट इन्फॉर्मेशन सर्विस (IIS) हैं, जो माइक्रोसोफ्ट के स्वामित्व में है।

  • Web Page kya hai?

    वेब पेज web page

    एक वेब पेज वर्ल्ड वाइड वेब के लिये डॉक्यूमेन्ट है, जिसे एक यूनिक यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) द्वारा आइडेन्डिफाय किया जाता है।

    वेब पेज को वेब ब्राउजर के माध्यम से मॉनिटर या मोबाइल डिवाइस पर एक्सेस तथा डिस्प्ले किया जा सकता है। वेब पेज में पाया जाने वाला डेटा आमतौर पर HTML या XHTM फॉर्मेट में होता है। वेब पेज में सामान्य तौर पर प्रेजेन्टेशन के लिये स्टाइल शीट, स्क्रिप्ट तथा इमेजेस जैसे अन्य रिसोर्सेस भी होते है। यूजर्स हाइपरटेक्स्ट लिंक के माध्यम से अन्य पेजेस को नेविगेट करने में सक्षम हो सकते हैं।

    वेब पेज एक डॉक्यूमेन्ट का रिप्रेजेन्टेशन है, जो वास्तव में एक रिमोट साइट पर स्थित होता है। वेब पेज की इन्फॉर्मेशन इन्टरनेट एक्सप्लोरर, मोजिला फायरफॉक्स या गूगल क्रोम जैसे वेब ब्राउजर की सहायता से प्रदर्शित की जाती है। वेब ब्राउजर, वेब सर्वर से कनेक्टेड होता है, जहाँ वेबसाइट का कन्टेन्ट HTTP के माध्यम से होस्ट किया जाता है। प्रत्येक वेब पेज, विजिटर को विजुअल तथा रिडेबल तरीके से प्रेजेन्ट की जाने वाली विभिन्न प्रकार की इन्फॉर्मेशन से करस्पॉन्ड करता है।

  • Website kitne Prakar ki hoti hai ?

    वेबसाइट्स के प्रकार

    आज इन्टरनेट पर अरबों वेबसाइट्स हैं, जिन्हें निम्न प्रकार की श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। ध्यान रखें कि वेबसाइट के लिये निम्न में से एक से अधिक वेबसाइट्स में वर्गीकृत होता संभव है। उदाहरण के लिये, वेबसाइट एन्ड फ्लेटफॉर्म, वेबमेल, ब्लॉग या सर्च इंजन भी हो सकती है।

    1. अर्थिव वेबसाइट- अर्चिव वेबसाइट एक ऐसी साइट है, जो एक या अधिक अन्य वेबसाइट्स के कन्टेन्ट्स का रिकॉर्ड रखती है। इन्टरनेट आर्चिव वेबसाइट का सबसे अच्छा उदाहरण है।

    2. ब्लांग (वेबलॉग)- ब्लॉग, वेबसाइट का प्रकार है, जो अक्सर किसी व्यक्ति द्वारा की गई एन्ट्रीज की लिस्ट रखने के लिये होता, जिनमें वे रुचि रखते हैं। माइक्रोब्लॉग वेबसाइट भी ब्लॉगिंग वेबसाइट का ही एक अन्य लोकप्रिय रूप है, जो प्रत्येक ब्लॉग एंट्री में किसी व्यक्ति द्वारा पोस्ट किये जाने वाले कैरेक्टर्स की संख्या को सीमित करता है। ट्विटर माइक्रोब्लॉग के लिये सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट का एक उदाहरण है।

    3. बिजनेस वेबसाइट तथा कॉर्पोरेट वेबसाइट-बिजनेस वेबसाइट या कार्पोरेट वेबसाइट कस्टमर्स पार्टनर्स, क्लॉट्स तथा पोटेन्शल कस्टमर्स को अकाउंट इन्फॉर्मेशन तथा एक्सेस प्रदान करने के लिये बनाई जाती है।

    4. कम्युनिटी वेबसाइट कम्युनिटी वेबसाइट, एक वेबसाइट या वेबसाइट का सेक्शन है, जो विजिटर्स को चैट, फोरम्स या बुलेटिन बोर्ड के अन्य रूप का उपयोग करके साइट पर आने में सहायता करता है।

    5. कन्टेन्ट वेबसाइट तथा इन्फॉर्मेशन वेबसाइट एक कन्टेन्ट वेबसाइट तथा इन्फॉर्मेशन वेबसाइट यूनिक कन्टेन्ट प्रदर्शित करने के इन्टेन्शन से बनाई जाती है, जो अक्सर एक स्पेसिफिक कैटेगरी से सम्बन्धित होती है। उदाहरण के लिये, कम्प्यूटर होप को कम्प्यूटर से सम्बन्धित कन्टेन्ट वाली साइट माना जा सकता है। अन्य कैटेगरीज में पॉलिटिकल वेबसाइट को सम्मिलित किया जा सकता है, जिसमें पॉलिटिक्स से सम्बन्धित कन्टेन्ट या फिर किसी विशेष धर्म के बारे में इन्फॉर्मेशन देते हुए धार्मिक वेबसाइट भी बनाई जा सकती है।

    6. ई-कॉमर्स वेबसाइट ई-कॉमर्स (इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स) वेबसाइट ऐसी साइट है, जो ऑनलाइन प्रोड्क्ट्स या सर्विसेस को बेचने के इन्टेन्शन से बनाई जाती है। अमेजन एक ई-कॉमर्स वेबसाइट का बेहतर उदाहरण है। ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को निम्नलिखित सब- कैटेगरीज में तोड़ा जा सकता है-

    (i) अफिलिएट वेबसाइट- अफिलिट वेबसाइट को थर्ड पार्टी प्रोडक्स को बेचने के इन्टेन्शन से बनाया जाता है। उदाहरण के लिये, अमेजन के पास किसी अन्य कम्पनी को लिक करने के लिये अफिलियेट प्रोग्राम है और प्रोडक्ट्स के खरीदे जाने के बाद वह कमीशन लेता है। एक अफिलिएट वेबसाइट को ई-कॉमर्स वेबसाइट के साथ अमित नहीं होना चाहिये।

    (11) ऑक्शन वेबसाइट- ऑक्शन वेबसाइट ऐसी वेबसाइट है, जो अन्य लोगों को अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेस को बेचने की अनुमति प्रदान करती है। उदाहरण के लिये, इसे सबसे प्रसिद्ध ऑक्शन वेबसाइट्स में से एक है।

    (111) क्लासिफाइड एड्स वेबसाइट- क्लासिफाइड एड्स वेबसाइट एक ऐसी वेबसाइट है, जो किसी को प्रोडक्ट्स या सर्विसेस को सूचीबद्ध करने की अनुमति प्रदान करती है। आमतौर पर की या कम कॉस्ट पर क्रेगलिस्ट, क्लासिफाइड एड्स वेबसाइट का एक उदाहरण है।

    (iv) काडडिंग वेबसाइट क्राउडफंडिंग वेबसाइट का सेट अप किसी बिजनेस, पर्सन या किसी अन्य कारण से एक समय या मासिक भुगतान करने में सहायता करने के लिये किया जाता है। फिकस्टारर क्राउडफंडिंग वेबसाइट का एक उदाहरण है।

    7. गेमिंग वेबसाइट गेमिंग वेबसाइट एक ऐसी वेबसाइट होती है, जिसमें वेबसाइट पर खेले जा सकने वाले गेम्स होते हैं। ये ऑनलाइन गेम्स अक्सर HTML फ्लैश या जावा का उपयोग करके बनाए जाते हैं। गेमिंग वेबसाइट्स को गेमिंग कन्टेन्ट वेबसाइट के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिये, जिसमें एक्चुअल गेम्स के होने के बजाए ऑनलाइन गेम कन्टेन्ट होता है।

    8. गवर्नमेन्ट वेबसाइट एक गवर्नमेन्ट वेबसाइट किसी डिपार्टमेन्ट लोकल या स्टेट गवर्नमेन्ट साइट होता है, जो गवर्नमेन्ट बिजनेस तथा सर्विसेस के बारे में पब्लिक को इन्फॉर्म करने में सहायता करने के लिये बनाई जाती है। पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायता करने के लिये भी लोकल गवर्नमेन्ट वेबसाइट का सेट-अप किया जा सकता है।

    9. मेलिशियस वेबसाइट मेलिशियस वेबसाइट ऐसी वेबसाइट होती है, किसी अन्य कम्प्यूटर को इन्फैक्ट करने का पर्सनल डेटा कलेक्ट करने के उद्देश्य से बनाया जाता है। उदाहरण के लिये, मालवेयर वेबसाइट किसी भी विजिटर को मालवेयर, स्पायवेयर या ट्रोजन हॉर्स के साथ इन्पेक्ट करने के इन्टेन्शन से बनाया जाता है। इस प्रकार की साइट्स में डाउनलोड किया जाने वाला कोई भी डेटा इन्फेक्टेड हो सकता है और डाउनलोड होने के बाद आपके कम्प्यूटर इन्फेक्ट कर सकता है। अन्य सामान्य मेलिशियन वेबसाइट्स में फिशिंग वेबसाइट्स सम्मिलित है। इन साइट्स को अन्य ऑफिशियल साइट्स (उदाहरण के लिये, आपके बैंक) की तरह इस उम्मीद के साथ डिजाइन किया जाता है कि वे आपके यूजरनेम तथा पासवर्ड जैसी ऐसिटिव इन्फॉर्मेशन किरा कर सके। फेक न्यूज वेबसाइट्स अन्य प्रकार की मेलिशियल वेबसाइट्स होती हैं, जो भय तथा झूठ फैलाने के इन्टेन्शन से न्यूज के लेजिरिमेन्ट सोर्स (वैद्य स्वोत) के रूप में दिखाई देती है।

    10. मीडिया शेयरिंग वेबसाइट मीडिया शेयरिंग वेबसाइट ऐसी वेबसाइट है, जो विजिटर्स को एक या अधिक प्रकार की मीडिया को शेयर करने की अनुमति प्रदान करती है। उदाहरण के लिये यूट्यूब वीडियो मीडिया शेयर करने की साइट है। साउंड क्लाउड म्यूजिक शेयर करने की साइट है। फ्लिक्ट फोटोज शेयर करने की साइट है। डिवेएन्ट आर्ट आर्ट को शेयर करने का पेज है।

    11. मिरर वेबसाइट एन्ड मिरर वेबसाइट किसी अन्य वेबसाइट से पूर्णता डुप्लिकेट होती है, जो किसी वेबसाइट पर ओवरलोड होने पर उपयोग की जाती है। यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में वेबसाइट की स्पीड के साथ सहायता करती है। साथ ही, भले ही दे समान होती है, फिर भी मिरर साइट को स्क्रैपर वेबसाट याCDN (कन्टेन्ट डिलिवरी नेटवर्क) के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए।12. न्यूज वेबसाइट

    12. न्यूज वेबसाइट न्यूज वेबसाइट लेटेस्ट लोकल या वर्ल्ड न्यूज प्रदान करने के लिये एक डेडिकेटेड वेबसाइट है। न्यूज वेबसाइट किसी स्पेसिफिक टॉपिक के लिये भी डेडिकेटेड हो सकती है। उदाहरण के लिये, कई कम्प्यूटर-रिलेटेड न्यूज वेबसाइट्स लेटेस्ट कम्प्यूटर तथा टेक्नोलॉजी-रिलिटेड न्यूज के बारे में बात करने के लिये डेडिकेटेड होती हैं।

    13. पर्सनल वेबसाइट पर्सनल वेबसाइट किसी व्यक्ति द्वारा बनाई गई साइट होती है, जो उसकी पर्सनल लाइफ, एक्सपीरियेंसेस के बारे में बताती है। की बार इसमें रिज्यूमे भी सम्मिलित होता है। आज बहुत से लोग पर्सनल वेबसाइट्स को एक ब्लॉग के रूप में बना रहे हैं, या अपने बारे में इन्फॉर्मेशन स्टोर करने के लिये सोशल नेटवर्किंग साइट्स का उपयोग कर रहे हैं।

    14. पर्सनालिटी वेबसाइट पर्सनालिटी वेबसाइट किसी व्यक्ति विशेष को कवर करती है, जैसे- आर्टिस्ट, सेलिब्रिटी ऑथर या कोई अन्य व्यक्ति। इस प्रकार की वेबसाइट किसी व्यक्ति से अफिलिएट व्यक्ति द्वारा सेट की जाती है, जैसे कि एक पब्लिसिस्ट एजेन्सी या किसी पर्सनॉलिटी का फैन।

    15. पोर्टल पोर्टल एक वेबसाइट या सर्विस का आइडिया है, जो ईमेल, गेम, कोट्स, सर्च, न्यूज तथा स्टॉक्स जैसी सर्विसेस की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है।

    16. सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट युजर्स फ्रेंड्स, फेमिली, सेलिब्रिटिज, ग्रुप्स तथा ऑर्गेनाइजेशन्स से कनेक्ट करती है। यह सर्विस आमतौर पर फ्री होती है, इस शर्त पर कि वेबसाइट युजर की इन्फॉर्मेशन कलेक्ट तथा उपयोग कर सकती हैं। फेसबुक राइट के उदाहरण हैं।