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  • Computer उपकरण क्या है | Computer Output

    Computer उपकरण क्या है | Computer Output

    Computer Output

    क्या आप जानते हैं Computer का आविष्कार Charles Babbage द्वारा किया गया है जिसे कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है.

    आपका बहुत-बहुत स्वागत है हमारे इस Blog पर और आज हम सीखने वाले हैं Computer के कुछ भौतिक स्वरूप उपकरणों के बारे में जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है अगर आप कंप्यूटर सीखना चाहते हैं.

    आज के इस Article में आपको बहुत ही आसान भाषा में Computer के उपकरणों के बारे में जानने को मिलेगा जैसे कि मॉनिटर कीबोर्ड माउस या सिस्टम यूनिट और प्रिंटर यह क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं आपको सभी जानकारी आज पढ़ने को मिलेगी

    Computer के विभिन्न उपकरण

    Computer की आंतरिक संरचना के बारे में विस्तार से जानने और समय इसके भौतिक रूप से परिचित होते हैं। वर्तमान समय में आम बोलचाल की भाषा कम्प्यूटर को PC या Personal Computer कहा जाता है। जब हमारी नजर पहली बार पड़ती है तो इसके निम्न भाग हमें दिखाई देते हैं।

    (1) Monitor-

    Computer का वह अनिवार्य भाग जिसकी Screen या पटल पर यह देता है कि काम क्या हो रहा है? यह भाग Computer की Output यति अन्तर्गत आता है।

    monitor kya he

    यह कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है जिसकी मदद से आपको यह जानने को मिलता है कि कंप्यूटर Software पर क्या Run हो रहा है और यह कैसे काम करता है बिना Monitor के Computer को चलाना लगभग नामुमकिन है

    (2) Keyboard-

    कम्प्यूटर का वह अनिवार्य भाग जिसके द्वारा हम Computer को काम करने के आदेश और डाटा इनपुट करते हैं। यह भाग Computer Unit के अन्तर्गत आता है।

    keyboard kya he

    आप इस Keyboard की मदद से Data Entry, Application Type, कर सकते हैं Email लिख सकते हैं और भी बहुत सारे Typing वर्क आप कर सकते हैं.

    (3) System Unit-

    कम्प्यूटर का वह अनिवार्य भाग जिसमें कार्य की प्रोसेसिंग, उसके परिणामों यानी पूरे PC को चलाने के अंदरूनी Hardware संसाधन लगे होते हैं। Memory (प्राइमरी और सेकेण्डरी) और कम्युनिकेशन Port जैसे समस्त कम्पोनेन्ट इसी के अन्तर्गत आते हैं। Keyboard, Monitor, Printer, – इत्यादि को इसी से जोड़ा जाता

    System Unit Hindi

    (4) Mouse-

    वर्तमान समय में Computer का वह अनिवार्य भाग जिसके द्वारा Screen पर मनचाही जगह प्वाइंटर को ले जाकर कमांड क्रियान्वित करते हैं। इन कमांडों को iCon के कहा जाना है। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को इसके बिना संचालित नहीं किया जा सकता है।

    mouse kya he

    (5) Printer-

    यह एक वैकल्पिक भाग होता है। इससे अपने काम और दस्तावेज की छपी कॉपी निकालते हैं। इसे सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट में बनी कम्युनिकेशन पोर्ट से जोड़ा जाता है। इसे वर्तमान समय में USB और LPT1 से जोडते हैं।

    Printer kya he

    नये आवश्यक उपकरण

    नये आवश्यक उपकरण– इन दिनों Computer के साथ और कई उपयोगी उपकरण लगे होते हैं जिनसे इसकी कार्य-क्षमता में बढोत्तरी तो होती ही है और इसके साथ ही यह बहुआयामी भी हो जाता है। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं

    (1) CD, DVD Driver –

    फ्लॉपी की जगह अब इसी ड्राइव का अधिक उपयोग हो रहा है। इसके द्वारा जहाँ बड़े-बड़े सॉफ्टवेयरों को इन्सटॉल करते हैं वहीं इसमें Data Backup भी लिया जाता है। आज Computer को Boot भी इसी से किया जाता है।

    (2) Speaker-

    वर्तमान समय में Multimedia तकनीक की वजह से इसका प्रयोग लगभग अनिवार्य हो गया है। इससे कम्प्यूटर में स्टोर आवाज को सुना जा सकता है। इन्हें सीपीय में लगी लाउंड पोट से जोड़ा जाता है।

    (3) Mic-

    वर्तमान समय में Multimedia तकनीक की वजह से इसका प्रयोग भी लगभग अनिवार्य हो गया है। इससे कम्प्यूटर आवाज को इनपूट किया जा सकता है। इंटरनेट से फोन करने में इसका प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। यदि हम Headphone का प्रयोग करते हैं तो यह हैडफोन में लगा होता है। स्पीच रिकग्नीशनं के लिये इसका कम्प्यूटर से जुड़ना अनिवार्य है।

    (4) Modem-

    इस उपकरण का प्रयोग फोन लाइन से संदेश लेन-देन और इंटरनेट से जुड़ने के लिये किया जाता है। यदि हमारे पास इंटरनेट का डॉयल-अप कनेक्शन है तो इसका कम्प्यूटर में लगा होना जरूरी है। इसे सीपीयू के अन्दर भी लगाया जा सकता है।

    (5) LAN card-

    वर्तमान समय में पर्सनल Computer की जगह Network कम्प्यूटरों का चलन बढ़ रहा है। इसी वजह से इस कार्ड का प्रयोग भी बढ़ गया है। यह कार्ड आज के प्रत्येक कम्प्यूटर में किसी न किसी रूप में लगा होता है। इसके द्वारा एक कम्प्यूटर को एक तार के जरिये दूसरे कम्प्यूटर से जोड़ सकते हैं। इसके अलावा इससे Broadband Internet को प्रयोग किया जाता है।

    (6) Scanner, Digital Camera-

    इन उपकरणों का प्रयोग Computer में Image को Input करने के लिये किया जाता है। Scanner जहाँ कागज पर छपी इमेज को स्कैन करके कम्प्यूटर में इनटपुट करता है वहीं डिजिटल कैमरा इमेज खींचकर उसे एक फाइल के रूप में कम्प्यूटर में इनपुट कर सकता है।

    (7) UPS-

    इस उपकरण का प्रयोग बिजली के उतार-चढ़ावों के नुकसान से पीसी को बचाने और लगातार बिजली की आपूर्ति के लिये किया जाता है।

    आपने अक्सर देखा होगा कि, जब कभी भी हम Computer Desktop पर अपना कार्य करते हैं और अचानक से अगर बिजली चली जाती है तो हमारा कंप्यूटर का सारा Work का नुकसान हो जाता है, लेकिन इसके समाधान के लिए UPS बनाया गया है जो कि आपको 15 से 20 मिनट की बिजली दे देता है जब कभी भी बिजली चली जाती है.


    हम आशा करते हैं कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा इस आर्टिकल में हमने Computer के सभी उपकरणों के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

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    आप हमारे Blog से Computer के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं एस Blog पर कंप्यूटर की सभी जानकारी के बारे में बताया जाता है वह भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद आपका इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए.



  • Computer क्या हैं? इनके 8 उपयोगी कार्य

    Computer क्या हैं? इनके 8 उपयोगी कार्य

    हम आशा करते हैं कि आज का दिन आपका बहुत ही अच्छा बीता होगा. हम आपका बहुत-बहुत स्वागत करते हैं. Computer-hindi.com ब्लॉग में आज हम इस Article में सीखेंगे Computer के बारे में Computer क्या है और यह कैसे काम करता है और साथ ही साथ जानेंगे Computer उपयोगी कार्य.

    Computer क्या हैं
    Computer क्या हैं

    Computer– ‘कम्प्यूटर‘ शब्द ‘कम्प्यूट‘ से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- गणना करना। सामान्य मान्यता है कि कम्प्यूटर अति आधुनिक मशीन है जिसे उच्च प्रशिक्षित लोगों द्वारा चलाया जाता है। इसके पूर्णतः विपरीत कम्प्यूटर एक सामान्य गणक मशीन है जो कि उच्चस्तरीय गणना करने के साथ-साथ आँकड़ों का संग्रह भी करती है। यह कोई भी ऐसा कार्य नहीं सम्पन्न करती जिसे मानव मस्तिष्क नहीं कर सकता है.

    कम्प्यूटर सामान्यतः सूचनाओं तथा आँकड़ों के विश्लेषण का कार्य करती है। इसे हम सूचना-विश्लेषक भी कह सकते हैं। यह आँकड़ों एवं सूचनाओं को प्राप्त करता है। उन्हें पूर्व निर्दशित मानकों पर विश्लेषित करता है तथा उसके आधार पर परिणाम प्रदर्शित करता है.

    यह जानना अति आवश्यक है कि कम्प्यूटर अपने आप कुछ भी नहीं करता है बल्कि उसे प्रत्येक कार्य हेतु पूर्व में ही निर्देशित करना होता है। यदि निर्देश स्पष्ट नहीं है तो कम्प्यूटर कुछ भी विश्लेषण नहीं कर पायेगा। जबकि मानव-मस्तिष्क पूर्व निर्धारित मानकों से अलग हटकर भी बहुत से विश्लेषण करने में सक्षम है.

    कम्प्यूटर की परिभाषा-Computer एक electronic यन्त्र है, जो पढ़ सकता है, भण्डारण (storage) कर सकता है, बहुत सारे निर्देशों को बहुत कम समय में विश्लेषित कर सकता है और इसकी गति अत्यन्त तीव्र तथा इसका कार्य अति विश्वसनीय होता है.

    अन्य शब्दों में- कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है, जो अधिकांश समस्याओं को हल करने में हमारी सहायता करता है। यह हमारे मस्तिष्क को क्षमता और दृढ़ता प्रदान करता और हमें उन सब कार्यों को करने के योग्य बनाता है, जो शायद हम सपने में भाना सकते थे.

    Computer क्या हैं? इनके उपयोगी कार्य

    कंप्यूटर का आविष्कार Charles Babbage द्वारा किया गया है और इन्हें कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है

    Radio, Television, Music System व वीसीआर की तरह Computer इलेक्टॉनिक Machine ही हैं, परन्तु उनमें और अन्य मशीनों में एक विशेष अंतर टेलिविजन आदि मशीनें अधिकतर मनोरंजन के काम में ही ली जाती हैं जबकि उपयोगी कार्य करने के लिये निर्मित मशीन है.

    Televison kya he

    इसने हमारे निजी व व्यावसायिक जीवन अनेक कार्यों में हमारा हाथ बँटा कर हमारा जीवन सरल व अधिक समृद्धिशाली बना है। साथ ही यह भी बिल्कुल सत्य है कि असंख्य कम्प्यूटर मनोरंजन के लिये भी काम में लिये जा रहे हैं जिनका लाभ परिवार के छोटे-बड़े सभी सदस्य उठा रहे हैं.

    कम्प्यूटर के इस उपयोग का एक लाभ यह हुआ कि सामान्य घरों में इनका प्रवेश आसान हो गया जिससे और अधिक लोग कम्प्यूटरों के सम्पर्क में आने लगे और उन्हें यह विश्वास होने लगा कि कम्प्यूटरों का उपयोग करना बहुत सरल है.

    विविध कायों की आवश्यकताओं के अनुरूप कम्प्यूटर विभिन्न आकार-प्रकारों के बनाये जाते हैं। बड़े कम्प्यूटरों को मेन फ्रेम कम्प्यूटर कहा जाता है। ये आकार में बड़े होते हैं और इनकी कार्य करने की गति तथा क्षमता अत्याधिक होती है। ऐसे कम्प्यूटरों का उपयोग बड़े संस्थानों व मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त करने जैसे क्षेत्रों में की जाती है जहाँ पर बहुत अधिक सूचनाओं का शीघ्रता से विश्लेषण किया जाना होता है.

    radio kya he

    मध्यम आकार के कम्प्यूटर Mini Computer कम्प्यूटर कहलाते हैं। ऐसे कम्प्यूटरों का उपयोग बीमा कम्पनियों, बैंकों व बड़ी कम्पनियों के कार्यालयों में किया जाता है ताकि ग्राहकों को तात्कालिक आवश्यक जानकारी तुरंत दी जा सके। ऐसे कम्प्यूटरों के साथ अनेक छोटे कम्प्यूटर संलग्न किये जा सकते हैं जिनसे इनका उपयोग एक से अधिक व्यक्ति एक साथ कर सकते हैं, और पारस्परिक सहयोग रखते हुये अपने-अपने कार्य कर सकते हैं.

    इससे छोटे आकार के कम्प्यूटरों को माइक्रो कम्प्यूटर कहा जाता है. इन कम्प्यूटरों की क्षमता Mini कम्प्यूटरों से कम होती है। ऐसे कम्प्यूटर सामान्यतया एक समय में एक ही व्यक्ति के उपयोग के लिये निर्मित होते हैं और इसलिये उन्हें पर्सनल कम्प्यूटर या संक्षेप में पीसी भी कहा जाता है। सबसे अधिक उपयोग इन्हीं कम्प्यूटरों का होता है। लोग इन्हें अपने-अपने निजी कार्यों या व्यवसायों में काम में लेते हैं। छोटी कंपनियाँ ऐसे कम्प्यूटरों को अपने व्यापार के लेखे-जोखे व कर्मचारियों के प्रबंध के काम में लेती हैं.

    Internet तथा E-Mail की सुविधायें उपलब्ध होने के पश्चात् तो पर्सनल कम्प्यूटरों का प्रचलन और भी अधिक हो गया है। व्यापारी इनके द्वारा ई-मेल से अपने व्यापार में वृद्धि करते हैं। इन्टरनेट पर बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध है जिसे पर्सनल कम्प्यूटरों से प्राप्त करके ज्ञान की वृद्धि की जा सकती है.

    email kya he

    अपनी विशिष्ट क्षमताओं के कारण पर्सनल कम्प्यूटर इतने अधिक उपयोगी सिद्ध हुये कि बाहर टूर पर जाने वाले व्यापारी व अफसर इन्हें हर समय साथ रखना चाहने लगे। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिये ऐसे आकार-प्रकार के कम्प्यूटरों का निर्माण किया जाने लगा जिसे कोई भी व्यक्ति अपने साथ कहीं पर भी ले जा सके। और उसका उपयोग कर सके। सामान्यतया ये चार्ज की जा सकने वाली बैटरियों पर चलते हैं और इनमें संचित सूचनाओं का पर्सनल कम्प्यूटरों पर आसानी से आदान-प्रदान किया जा सकता है। गोद में रखे जा सकने वाले आकार के ऐसे कम्प्यूटरों को लैपटॉप व और भी छोटे आकार के हाथ में रखे जा सकने वाले कम्प्यूटरों को पामटॉप कम्प्यूटर कहा जाता है.

    Computer Machine के निजी संचालन के लिये निर्मित प्रोग्रामों को सिस्टम सॉफ्टवेयर कहा जाता है, और उपयोगी कार्य करने के लिये काम में आने वाले प्रोग्रामों को ऐप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहा जाता है। वर्तमान में उपयोगी कार्यों को करने के लिये विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं। इनका संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है.

    Also Read: What is Personal Computer?

    Computer के उपयोगी कार्य

    (1) वर्ड प्रोसेसिंग-

    इन प्रोग्रामों के द्वारा आप अपने पीसी को टाइपराइटरं की तरह ही पाठ्य-लेखन के काम में ले सकते हैं और पत्र, रपटें, कानूनी दस्तावेज, लेख व पुस्तकें आदि सुगमता से तैयार कर सकते हैं। कागज पर छापे जाने पर ये दस्तावेज उच्च कोटि के दिखाई देते हैं। वर्डस्टार, वर्डपरफैक्ट, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड बाजार में उपलब्ध प्रोसेसिंग प्रोग्रामों के उदाहरण हैं।

    वर्ड प्रोसेसिंग

    (2) डेटाबेस मैनेजमेंट-

    इन प्रोग्रामों के द्वारा हम अनेक प्रकार की विस्तृत सूचनाओं को व्यवस्थित ढंग से जमा कर रख सकते हैं ताकि उनका उपयोग आसानी से किया जा सके। ऐसी सूचनाओं को कम्प्यटर की भाषा में डाटा कहा जाता है। ग्राहकों की सूची, पत्र-व्यवहार के लिये पते, दिनचर्या के कार्यों की सूची, लेनदेन का लेखा जोखा व दुकान में उपलब्ध सामान की सूचियाँ डाटा के उदाहरण जानकारी कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क पर रिकॉर्ड करके रखी जाती है जा बड़ी सुगमता से सुव्यवस्थित किया जा सकता है और वांछित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

    डेटाबेस मैनेजमेंट

    फॉक्स बेस, डिबेस व माइक्रोसॉफ्ट का एक्सेस बा उपलब्ध डेटाबेस मैनेजमेंट प्रोग्रामों के उदाहरण हैं जिन्हें पीसी पर उपयोग में लिया जा सकता है।

    (3) स्प्रेडशीट-

    इन प्रोग्रामों के द्वारा हम अपने पीसी पर बहीखाते के हिसाब-कि बिना केलकुलेटर की सहायता के ही तैयार कर सकते हैं। इससे गणना कार आसानी होती है व व्यापार के आँकड़ों का विश्लेषण भी अति शीघ्रता से किया जा सकता है। ऐसे विश्लेषणों से व्यवसाय में अनेक महत्वपूर्ण व लाभप्रद निर्णय शीघ्रता से लिया जा सकते हैं। लोटस 1-2-3, व माइक्रोसॉफ्ट का एक्सेल बाजार में उपलब्ध ऐसे प्रोग्रामों के उदाहरण हैं।

    स्प्रेडशीट

    (4) संचार-

    इन प्रोग्रामों से हम सुदूर स्थित कम्प्यूटरों से टेलिफोन लाइनों के द्वारा संपर्क स्थापित कर सकते हैं और सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते है। कम्प्यूटर को टेलिफोन की लाइन से जोड़ने के लिये एक अतिरिक्त उपकरण की आवश्यकता होती है जिसे मोडेम कहा जाता है।

    (5) शिक्षा-

    ये प्रोग्राम कक्षाओं में पढ़ाये जाने वाले विज्ञान, गणित, भूगोल आदि विषयों की अतिरिक्त जानकारी रोचक रूप में प्रस्तुत करके कठिन विषयों के अध्ययन को भी सरल बना देते हैं। इनमें अनेक प्रकार के प्रश्नोत्तर भी होते हैं।जिन से विषय की गहराइयों को आसानी से समझा जा सकता है।

    (6) चित्रकला-

    इन प्रोग्रामों द्वारा कम्प्यूटर के पटल पर अनेक प्रकार के श्याम-श्वेत या रंगीन जटिल प्रकार के चित्र तैयार किय जा सकते हैं जिन्हें छोटा या बड़ा करके किसी भी आकार में कागज पर छापा जा सकता है।

    कोरेल ड्रॉ और ऑटोकैड ऐसे प्रोग्रामों के उदाहरण हैं जिनका प्रचलन बहुत अधिक है। इन प्रोग्रामों में तैयार किये गये चित्र प्रकाशन के काम में भी लिये जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त अनेक प्रकार के इंजीनियरिंग के डिजाइन भी कम्प्यूटर पर तैयार किये जा सकते हैं जिसे Computer Aided Design या संक्षेप में CAD कहा जाता

    (7) डेस्क टॉप पब्लिशिंग-

     डेस्क टॉप पब्लिशिंग

    इन प्रोग्रामों के द्वारा वर्ड प्रोसेसरों द्वारा तैयार किया गया पाठ्य व चित्रकला के प्रोग्रामों द्वारा तैयार किये गये चित्रों को सही ढंग से जमा कर प्रकाशन के योग्य पृष्ठ शीघ्रता व सुगमता से बनाये जा सकते है। इस विधि से प्रकाशन योग्य विज्ञापन, व्यापारिक पत्र, लघु समाचार-पत्र या पुस्तकें आदि बहुत ही आसानी से बनाई जा सकती हैं।

    (8) मनोरंजन-

    जब आप काम से थक चुके हों तब मनोरंजन के प्रोग्रामों के द्वारा ताश, शतरंज या अन्य प्रकार के खेल कम्प्यूटर के साथ खेल कर अपनी थकावट दूर कर सकते हैं।


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