MS DOS की कुछ मुख्य फाइलें कुछ विशेष कार्य जैसे Booting Process इनपुट/आउटपुट के लिये डिवाइसेस निर्धारित करना, Operating System के समस्त निर्देशों को मेमोरी में स्टोर करना आदि के लिये प्रयोग की जाती है, इन सभी फाइलों के विस्तारक नाम भी विशेष होते हैं, जैसे-sys, exe, com आदि ये फाइलें निम्न हैं.
- IO.SYS व MS-DOS.SYS फाइल
- COMMAND.COM फाइल
- AUTOEXEC.BAT फाइल
- CONFIG.SYS फाइल
1. IO.SYS व MS DOS.SYS फाइल– इन फाइलों को सिस्टम फाइल भी कहते है, इसीलिये इनका विस्तारक नाम होता है, ये दोनों सिस्टम Files Booting के समय अपने आप ही कम्प्यूटर की मेमोरी में लोड हो जाती है, ये फाइलें DOS कर्नल का प्रतिनिधित्व करती है, इन फाइलों का मुख्य कार्य इनपुट आर आउटपट डिवाइसों को ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जोड़ना है, ये फाइल इनपुट/आउटपुट डिवाइसों की जानकारी अपने पास रखती हैं, इन फाइलों को हम फाइलों की सूची में नहीं देख सकते क्योंकि ये फाइलें छुपी रहती हैं.
2. COMMAND COM– MS DOS के अन्दर एक command इन्टरप्रीटर होता है जो तीनों फाइलों IO. sys, MS DOS.sys तथा COMMAND.COM का एक समूह होता है, ये IO. sys तथा MS DOS.sys छिपी हुई फाइलें होती हैं जबकि COMMAND.COM एक प्रोग्राम फाइल है, जब कम्प्यूटर वूट होता है तो ये तीनों फाइल स्वतः ही मेमोरी में लोड हो जाती हैं, COMMAND.COM फाइल यूजर का कम्प्यूटर से सम्पर्क स्थापित करती है, उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम की विभिन्न Intermal Command स्टोर रहती है, जिसे user डॉस प्राम्पट पर टाइप करके प्रयोग कर सकता है.
3. AUTOEXEC.BAT– बूटिंग के बाद ऑपरेटिंग सिस्टम इस फाइल को ढूंढ़ता है, और इसे Execute कर देता है. यह क्रिया कम्प्यूटर को ऑन करने पर होती है, यह एक बैच फाइल है इसीलिये इसका Extension. BAT होता है. प्रोग्राम फाइल के समान ही इसमें लिखे निर्देशों को अपने आप Execute किया जाता है इसीलिये इसका नाम AUTOEXEC है.
4. CONFIG.SYS- यह एक टैक्सट फाइल होती है, जिसमें ऐसे प्रोग्राम होते हैं, जो कम्प्यूटर के हार्डवेयर मेमोरी, Keyboard, printer आदि को configure करता है, जिससे डॉस और एप्लिकेशन प्रोग्राम इनका प्रयोग कर सक CONFIG.SYS फाइल डिस्क पर मूल डायरेक्ट्री में स्टोर रहती है.
Also Read: