हार्ड डिस्क के कार्य करने के तरीके को जानने से पहले हम जानते है कि हार्ड डिस्क हमारे कम्प्यूटर सिस्टम के किन-किन क्षेत्रों (fields) में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है ?
हार्ड डिस्क आपके कम्प्यूटर सिस्टम के निम्नलिखित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एक विशेष भूमिका अदा करता है ।
1) परफॉरमेन्स (Performance)- हार्ड डिस्क संपूर्ण सिस्टम को परफारमेन्स में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
पी0 सी0 के बूट होने की तथा प्रोग्राम के लोड होने की गति हार्ड डिस्क की गति से सीधे-सीधे संबंधित होता है।
हार्ड डिस्क की परफॉरमेन्स तब अधिक महत्वपूर्ण होती है जब मल्टीटास्किंग प्रयोग की जा रही हो
या जब डाटा का बड़ी मात्रा जैसे ग्राफिक्स कार्य, साउण्ड तथा विडियो संपादन (editing) या डाटाबेस कार्य को प्रोसेस किया जा रहा है|
2) स्टोरेज क्षमता (Storage Capacity ) – यह विशिष्ट प्रकार का परफॉरमेंन्स है। हार्ड डिस्क जितनी बड़ी होगी उतने हो अधिक प्रोग्राम तथा डाटा आपके कंप्यूटर में स्टोर होंगे ।
3) सॉफ्टवेयर सपोर्ट (Software Support )- नये सॉफ्टवेयर को ठीक तरह से लोड करने के लिए ज्यादा स्थान वाली तथा अधिक तेज हार्ड डिस्क की आवश्यकता होती है।
एक समय था जब कुछ एम० बी० की हार्ड डिस्क ही पर्याप्त था। परन्तु आज के पी0सी0 में 40 जी०बी० की हार्ड डिस्क भी पुराने जमाने की हार्ड डिस्क लगती है
तथा आधुनिक ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करने के लिए कई गोगाबाइट हार्ड डिस्क की न्यूनतम आवश्यकता होती है ।
4) विश्वसनीयता (Reliability) – किसी हार्डवेयर आइटम के महत्व का आकलन करने के लिए यह पता लगाना ही पर्याप्त है कि इसके काम करना बंद करने के फलस्वरूप कितनी परेशानी हो सकती है।
इस पैमाने पर कम्प्यूटर के किसी भी हार्डवेयर आइटम से अधिक महत्वपूर्ण डाटा हो सकता है।
हार्डवेयर को बदला जा सकता है, परन्तु डाटा किसी भी परिस्थिति में नहीं बदला जा सकता है।
अच्छे मेन्टेनेन्स तथा बैकअप प्रवृत्ति वाली अच्छी क्वालिटी का हार्ड डिस्क डाटा के नुकसान के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली भयावह स्थिति से हमें बचा सकती है।