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  • Slides को देखने के विभिन्न व्यू कोने कोने से है?

    Slides को देखने के विभिन्न व्यू कोने कोने से है?

    Slides को देखने के विभिन्न व्यू कोने कोने से है?

    Slides को विभिन्न प्रकार से स्क्रीन पर देखना- Microsoft PowerPoint आपको स्लाइड्स संपादन को सरल एवं सहज बनाने हेतु कई प्रकार के व्यूज प्रदान करता है। इनमें दो महत्वपूर्ण व्यूज नॉर्मल तथा स्लाइड सॉटर व्यू आपके प्रस्तुति में आवश्यक भूमिका निभाते हैं। आप इन व्यूज के मध्य स्वीच करने के लिये पावर पॉइन्ट विण्डो के नीचे बायीं ओर के बटनस का प्रयोग कर सकते हैं। 

    कोने कोने से View है Slides को देखने के?

    (अ) नॉर्मल व्यू-

    इस प्रदर्शन में बायीं ओर इसके सभी Slides पर दी गयी सूचनायें प्रदर्शित होती हैं और इस भाग में चुनी गयी स्लाइड का प्रदर्शन इस विंडो में दायीं ओर होता है । प्रस्तुति के इस प्रकार के प्रदर्शन में स्लाइड्स को संपादित किया जा सकता है साथ ही साथ दायीं ओर स्लाइड्स के नीचे के भाग जिसमें क्लिक टू ऐड नोट्स लिखा है, में स्पीकर्स नोट्स भी तैयार किये जा सकते हैं। 

    (ब) आउटलाइन व्यू-

    इस प्रदर्शन में भी बायीं ओर इसकी सभी स्लाइड्स पर दी गयी सूचनायें प्रदर्शित होती है और इस भाग में चुनी गयी स्लाइड का प्रदर्शन इस विंडो में दायीं ओर होता है। नॉर्मल व्यु और इसमें मुख्य अन्तर यह है। प्रस्तुति के इस प्रकार के प्रदर्शन में स्लाइड्स को संपादित भी किया जा सकता है साथ ही दायीं ओर स्लाइड्स के नीचे के भाग जिसमें क्लिक टू ऐड नोट्स लिखा है, में स्सीकर्स नोटस् भी तैयार किये जा सकते हैं।

     (स) स्लाइड व्यू-

    इस प्रदर्शन में भी बायीं ओर इसके सभी स्लाइड्स के आइकन्स प्रदर्शित होते हैं, इनमें से वांछित आईकन पर क्लिक करने पर इस विंडो में दायीं ओर वह स्लाईड प्रदर्शित होती है। स्लाइड के इस प्रकार के व्यू में भी स्लाइड को संपादित किया जा सकता है।

    (द) स्लाइड सॉर्टर व्यू-

    प्रस्तुति के इस प्रदर्शन में इसके सभी स्लाइड्स का प्रदर्शन मॉनिटर स्क्रीन पर एक बार में लघुरूप में होता है। इस प्रकार के व्यू में प्रस्तुति में स्लाइड्स के क्रम का निर्धारण किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इस व्यू में नये स्लाइड को जोड़ना, अनावश्यक स्लाइड को मिटाना, इन्हें कॉपी करना तथा मूव करना इत्यादि जैसे कार्य सहजता से सम्पन्न हो जाते हैं। 

    (फ) स्लाइड शो ब्यू-

    स्लाइड के इस व्यू में एक स्लाइड पूरी स्क्रीन पर प्रदर्शित होती है।यदि प्रस्तुति में एक स्लाइड से दूसरे स्लाइड के प्रदर्शन के मध्य कोई समय निर्धारित किया गया है तो उस समय स्वतः ही अगला स्लाइड मॉनिटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होती है और यदि समय पर निर्धारण नहीं किया है तो माउस क्लिक या पेज डाउन की को दबाने से अगला स्लाइड मॉनिटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है। यदि स्लाइड में एनिमेशन प्रभावों को प्रयोग किया है तो वे प्रभाव निर्धारित किये गये समय के अनुरूप प्रदर्शित होते हैं।

    स्लाइड्स ट्रांज़िशन का प्रयोग

    स्लाइड्स ट्रांज़िशन

    स्लाइड्स ट्रांज़िशन का प्रयोग- स्लाइड्स में ट्रांजिशन का उपयोग इलेक्ट्रिॉनिक शो के दौरान इसमें विशेष प्रभाव डालने के लिये किया जाता है। स्लाइड्स ट्रांजिशन का प्रयोग करने के लिये यह करें•

    • पावर पॉइन्ट विण्डों से स्लाइड सोर्टर व्यू बटन को क्लिक करें या व्यू मैन्य से स्लाइड सोर्टर को चुनें।
    • उस स्लाइड का चयन करें जिसमें ट्रांजिशन प्रभाव जोड़ना है।
    • स्लाइड शो मैन्यू से स्लाइड ट्रांजिशन को चुनें। या स्लाइड सोर्टर टूलबार से स्लाइड ट्रांजिशन आइकन को क्लिक करें।
    • स्लाइड ट्रांजिशन डायलॉग बॉक्स से इफेक्ट के ड्रॉप डाउन लिस्ट बॉक्स से उपयुक्त ट्रांजिशन का चयन करें।
    • Slow, Medium या Fast में वांछित रेडियो बटन को क्लिक करें।

    (i) माउस कलिक द्वारा स्लाइड्स को चलाने के लिये On Mouse click के चैक बॉक्स पर क्लिक करें।

    (ii) स्लाइडस को स्वतः निर्धारित किये गये समय अन्तराल में चलाने के लिये Automatically after के स्क्रॉल टैक्स्ट बॉक्स में इच्छित समय टाइप करें या स्क्रॉल पर क्लिक कर निर्धारित करें।

    • ट्रांजिशन परिणाम को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये एडह्ववांस में दो विकल्प दिये गये हैं ।
    • साउण्ड के ड्रॉप डाउन लिस्ट बॉक्स से इच्छित ध्वनि का चयन करें।
    • चयनित स्लाइड में निर्धारित परिणाम के लिये Apply का चयन करें तथा सभी स्लाइडों में परिणाम डालने के लिये ‘Apply to All’ का प्रयोग करें।
  • Slides में Text का संपादन किस प्रकार किया जाता है? इसके विभिन्न कार्य

    Slides में Text का संपादन किस प्रकार किया जाता है? इसके विभिन्न कार्य

    Slides में Text

    Slides में टैक्स्ट को संपादित करना- आप स्लाइड में आवश्यकतानुसार टैक्स्ट जोड़ सकते हैं, मिटा सकते हैं, बदल सकते हैं, या किसी भी प्रकार का बदलाव कर सकते हैं।

    Slides में Text संपादित करने के लिये यह करें 

    • उस स्लाइड का चयन करें जिसके टैक्स्ट को संपादित करना है। 
    • टैक्स्ट के स्थान पर क्लिक करें और इच्छित संपादन करें। 

    (A) टैक्स्ट कॉपी करना-

    टैक्स्ट को कॉपी करने के लिये.

    • उस स्लाइड का चयन करें और टैक्स्ट को चुनें जिसके कॉपी करना है। •
    • Edit मैन्यू से कॉपी का चयन करें या स्टैन्डर्ड टूलबार से कॉपी पर क्लिक करें या की-बोर्ड से Ctrl+C दबायें।
    • उस स्लाइड का चयन करें जहाँ कॉपी करना है एवं वांछित स्थान पर क्लिक करें।
    • Edit मैन्यू से पैस्ट का चयन करें या स्टैन्डर्ड टूलबार से पैस्ट क्लिक करें या की बोर्ड से Ctrl+V दबायें। 

    (B) टैकस्ट को मूव करना-

    टैक्स्ट को मूव करने के लिये.

    • स्लाइड का चयन करें और टैक्स्ट को चुने जिसको मूव करना है।
    • स्लाइड का चयन करें और टैक्स्ट को चुनें जिसको मूव करना है.’
    • Edit मैन्यू से कट चुनें या स्टैन्डर्ड टूलबा से कट पर क्लिक करें या की बोर्ड की सहायता से Ctrl+X दबायें।
    • उस स्लाइड का चुनाव करें एवं प्लेसहोल्डर के अंदर क्लिक करें।
    • Edit मैन्यू से पैस्ट चुनें या स्टैन्डर्ड टूलबार से पैस्ट को क्लिक करें या की बोर्ड से Ctrl+V दबायें। 

    (C) टैक्स्ट को मिटाना-

    टैक्स्ट को मिटाने के लिये.

    • स्लाइड का चयन करें फिर टैक्स्ट चुनें।
    • DEL की दबायें। 

    (D) टैक्स्ट का फॉन्ट एवं आकार बदलना-

    टैक्स्ट का फॉन्ट बदलने के लिये •

    • स्लाइड तथा टैक्स्ट का चुनाव करें। •
    • Format मैन्यू से Font को क्लिक करें। स्क्रीन पर चित्र की भाँति बॉक्स प्रदर्शित होगा।
    • टैक्स्ट का फॉन्ट बदलने के लिये Font के टैक्स्ट बॉक्स में फॉन्ट का नाम टाइप करें। अथवा सूची से इच्छित फॉन्ट का चयन करें।
    • टैक्स्ट का आकार बदलने के लिये साइज के बॉक्स में आकार टाइप करें या फिर इसके लिस्ट बॉक्स में से चयन करें।
    • टैक्स्ट का आकार बदलने के लिये Size के बॉक्स में आकार टाइप करें या इपा सिके लिस्ट बॉक्स में से चयन करें।

    Font style के चार विकल्प रेग्यूलर

    • रेग्यूलर– यह टैक्स्ट को उसका सामान्य रूप प्रदान करता है।
    • बोल्ड– यह टैक्स्ट को गहरा रूप देता है।
    • इटैलिक– यह टैक्स्ट को तिरछा रूप देता है।
    • बोल्ड इटैलिक– यह टैक्स्ट को गहरा और तिरछा बनाता है।

    टैक्स्ट को विशेष प्रभाव देने के लिये Effects

    • Underline : टैक्स्ट को रेखांकित करता है।
    • Shadow : टैक्स्ट को एक छाया देता है।
    • Emboss : टैक्स्ट को उत्कीर्ण रूप देता है।
    • Superscript : टैक्स्ट को घातिय रूप देता है जैसे a।
    • Subscript : टैक्स्ट को नीचे करता है जैसे 02।

    टैक्स्ट को रंगीन बनाने के लिये

    • फॉन्ट डायलॉग बॉक्स से कलर के ड्रॉप डाउन लिस्ट बॉक्स को क्लिक करें।
    • इच्छित रंग का चुनाव करें।

    की-बोर्ड के माध्यम से टैक्स्ट फॉरमेटिंग के कुछ शार्टकट्स सारणी में दिये जा रहे हैं। इनका प्रयोग कर की-बोर्ड की मदद से भी टैक्स्ट फॉरमेटिंग का काम आसानी से कर सकते हैं।

    FormatingShortcuts
    BoldCtrl + B
    ItalicCtrl + I
    UnderlineCtrl + U
    SuperscriptCtrl + Shift ++
    SubscriptCtrl + =
    Copy FormatingCtrl + C
    Paste FormattingCtrl + Shift + V
    Remove FormattingCtrl + Spacebar
    Change FontCtrl + Shift + F
    Change Font SizeCtrl + Shift + P
    Increase Font SizeCtrl + Shift + >
    Decrease Font SizeCtrl + Shift + <
  • मास्टर स्लाइड क्या है और स्लाइड में ग्राफिक्स को कैसे जोड़े?Master Slide

    मास्टर स्लाइड क्या है और स्लाइड में ग्राफिक्स को कैसे जोड़े?Master Slide

    what is master slide in hindi

    मास्टर स्लाइड क्या है? और उसके लाभ

    PowerPoint में एक विशेष प्रकार का स्लाइड आता है जिसे Slide Master कहते हैं। स्लाइड मास्टर, टैक्स्ट फीचर जैसे- टैक्स्ट का आकार बढ़ाना, उन्हें रंगना, उन्हें गहरा करना, रेखांकित करना, तिरछा करना साथ-साथ बैकग्राउण्ड रंग तथा विशेष प्रभाव यथा बुलेट स्टाइल, छापा (shadow) को control करता है।

    Slide master में Text place holder तथा footer के प्लेस होल्डर तथा तिथि, समय, स्लाइड संख्या रहता है। जब हम अपने स्लाइड के रूप में समान बदलाव लाना चाहते हैं तो हमें केवल slide master में वह बदलाव करना पड़ता है। जैसे ही हम उस slide master में बदलाव करते हैं पॉवर प्वाइन्ट सभी slides को update कर देता है तथा हमारे द्वारा जोड़े गये बदलाव को लागू कर देता है। उदाहरण के लिये यदि हम Place holder Text का Color Red करते हैं तो बने हुये slide तथा नये स्लाइड के Text का color स्वतः ही Red हो जायेगा। हम slide का use चित्र को जोड़ने, Background बदलने, placeholder के आकार को control करने तथा font style, size तथा color बदलने में कर सकते हैं।

    उदाहरण के लिये हम किसी company का presentation बना रहे हैं तो स्वाभाविक है कि हम उसका “Logo” प्रस्तुति के प्रत्येक स्लाइड पर जोड़ना चाहेंगे। इस कार्य को करने के लिये हम केवल slide master में “लोगो” जोड़ सकते हैं ऐसा करने पर अन्य slides पर स्वयं आ जायेगा। जिस स्थिति पर वह ऑब्जेक्ट आप स्लाइड मास्टर पर जोड़ेंगे उसी स्थिति में वह बाकी स्लाइडों पर प्रदर्शित होगा।

    Slide master का सबसे बड़ा लाभ यह है कि हमें एक ही कार्य को बार-बार अलगअलग slide में नहीं करना पड़ता हैं।

    स्लाइड में ग्राफिक्स को कैसे जोड़े?

    एडिंग क्लिप आर्ट– क्लिप आर्ट को स्लाइड को स्लाइड में जोड़ने के लिये निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है।

    (1) एक रिक्त स्लाइड का निर्माण किया जाता है।

    (2) मेन्यूबार में इन्सर्ट मेन्यू पर क्लिक करते हैं, तो एक ड्रॉप डाउन लिस्ट खुल जाती।

    (3) इस ड्रॉपडाउन लिस्ट में पिक्चर बटन पर माउस पाइंटर रखते ही दाहिनी ओर एक खिड़की खुल जाती है।

    (4) इस विण्डो में क्लिपआर्ट बटन पर क्लिक करते हैं, तो इन्सर्ट क्लिप आर्ट डायलॉग बॉक्स खुल जाता है।

    (5) यहाँ दिये गये विभिन्न विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चुनाव कर इन्सर्ट क्लिप बटन पर क्लिक किया जाता है। ऐसा करते ही चुना गया विकल्प रिक्त स्लिाइड पर जुड़ जाता है।

    एडिंग वर्डआर्ट स्टाइल

    वर्डआर्ट का उपयोग टैक्स्ट को विभिन्न रंगों में आकर्षक बनाकर प्रस्तुत करना है। इसलिये वर्डआर्ट का उपयोग logo, title तथा प्रचार सामग्री के लिये किया जाता है।

    वर्डआर्ट का उपयोग करने के लिये वर्डआर्ट बटन पर क्लिक करते हैं ऐसा करते ही एडिट वर्डआर्ट टैस्क्ट डायलॉग box खुल जाता है। इस डायलॉग box में वांछित टैक्स्ट टाइप किया जाता है। तथा आवश्यकतानुसार font तथा इटेलिक, bold आदि बटनों का उपयोग करके टैक्स्ट की फॉरमेटिंग की जा सकती है इसके बाद OK बटन पर क्लिक करके सम्बन्धित ऑब्जेक्ट को डॉक्यूमेन्ट में जोड़ा जा सकता है।

    एडिंग साउण्ड-

    साउण्ड जोड़ने के लिये निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है.

    (1) प्रजेन्टेशन को खोलते हैं।

    (2) इन्सर्ट मेन्यू में से साउण्ड का चयन करते हैं। तो इन्सर्ट साउण्ड डायलॉग बॉक्स खुल जाता है।

    (3) जिस साउण्ड को जोड़ना है, उस पर डबल क्लिक करते हैं।

    (4) साउण्ड आइकन को चुनने के बाद स्लाइड शो व कस्टम एनीमेशन का चयन किया जाता है

  • File Operations फाइलों का संचालन किस प्रकार किया जाता है?

    File Operations फाइलों का संचालन किस प्रकार किया जाता है?

    file operations

    फाइलों का संचालन करना- एम.एस. एक्सेल में फाइलों के संचालन में फाइलों को खोलना, फाइलें बनाना, फाइलों को सुरक्षित करना, उसका नाम बदलना एवं बन्द करना आता है।

    (A) नई फाइल/वर्कबुक बनाना-

    नयी फाइल या वर्कबुक बनाने के लिये कोई एक विधि का प्रयोग करें.

    • File मैन्यू से New का चयन करे। या Ctrl+N दबायें। या स्टैन्डर्ड टूलबार से न्यू बटन को क्लिक करें।

    • न्यू डायलॉग बॉक्स में वर्कबुक पर क्लिक करें।

    • OK बटन का चयन करें।

    (B) फाइल या वर्कबुक खोलना-

    फाइल या वर्कबुक खोलने के लिये.

    • फाइल मैन्यू से ओपन का चयन करें।

    या, Ctrl + 0 दबायें और इच्छित फाइल का चयन करें। या, स्टैन्डर्ड टूलबार से ओवन बटन पर क्लिक करें और इच्छित फाइल को चुनें।

    • Look in उस ड्राइव तथा फोल्डर का चयन करें जिसमें फाइल संगृहीत है।
    • इच्छित फाइल के नाम पर क्लिक करें।
    • Open बटन पर क्लिक करे। 

    (C) फाइल या वर्कबुक सुरक्षित करना-

    फाइल या वर्कबुक सुरक्षित करने के लिये

    • File मैन्यू से Save पर क्लिक करें। या Ctrl+S दबायें। या स्टैन्डर्ड टूलबार से सेब बटन को क्लिक करें.
    • Save As डायलॉग बॉक्स में Save in से उस ड्राइव तथा फोल्डर का चयन करें जिसमें फाइल को संगृहीत करना है.
    • फाइल का इच्छित नाम टाइप करें.
    • OK बटन दबायें। Save As.

    फाइलों की प्रतिलिपि बनाने के पद लिखिये।

    • फाइल को क्लिक करें तथा Open का चयन करें या, Ctrl+0 की-बोर्ड से एक साथ दबायें। या फिर ओपन बटन को स्टैन्डर्ड टूलबार से क्लिक करें।
    • Look in बॉक्स में, उस ड्राइव या फोल्डर को क्लिक करें, जिससे फाइल को कॉपी करना है।
    • जिस फाइल को कॉपी करना है उसका दायाँ क्लिक करें तथा शॉट-कट मैन्यू से कॉपी का चयन करें।
    • इसके बाद, Look in बॉक्स में उस ड्राइव या फोल्डर को क्लिक करें जिसमें कॉपी किये गये फाइल को पेस्ट करना है।
    • फोल्डर लिस्ट में दायाँ क्लिक करें तथा शॉट-कट मैन्यू से Paste को क्लिक करें। 

    अब फाइल को एक और विधि से भी कॉपी कर सकते हैं। इसके लिये निम्न पदों का अनुसरण करें-

    • आप फाइल को खोले जिसका प्रतिलिपि बनाना है। 
    • File मैन्यू से Save As का चुनाव करें या Ctrl+A की-बोर्ड से दबायें। 
    • File name में डॉक्यूमेन्ट का नया नाम टाइप करें। 
    • Save बटन पर क्लिक करें या एन्टर की दबायें।

    फाइल के नाम किस प्रकार बदले जाते हैं?

    फाइल के नाम को बदलना- फाइल के नाम को बदलने के लिये ऐसा करें.

    • फाइल को क्लिक करें तथा Open का चयन करें। या Ctrl+O की-बोर्ड से एक साथ दबायें। या फिर Open बटन को स्टैन्डर्ड टूलबार से क्लिक करें।
    • Look in बॉक्स में उस ड्राइव या फोल्डर को क्लिक करें जिसमें वह फाइल है जिसका नाम बदलना है।
    • उस फाइल पर दायां क्लिक करें जिसका नाम बदलना है।
    • शॉट-कट मेन्यू से Rename को चुनें।
    • इच्छित नाम टाइप करें।

    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

  • MS Word में Document को प्रिन्ट कैसे करे?

    MS Word में Document को प्रिन्ट कैसे करे?

    ms word

    Ms Word– कोई भी डॉक्यूमेंट Print करवाने से पहले किसी Printer को Default printer के रूप में स्थापित करना पड़ता है, यदि आपका default printer स्थापित हो चुका है और आप किसी खुले हुए डॉक्यूमेंट के सभी पेजों को केवल एक-एक कॉपी print करवाना चाहते हैं तो स्टैण्डर्ड टूल बार में print बटन को क्लिक कीजिये ऐसा करने पर आपका दस्तावेज डॉक्यूमेंट प्रिंटर पर छाप दिया जायेगा।

    MS Word में Document को प्रिन्ट कैसे करे?

    यदि आपके पास कई प्रिंटर हैं और उसमें से किसी एक को चुनना चाहते हैं या आप पूरे Document के बजाय कुछ चुने हुये पेज प्रिंट करना चाहते हैं अथवा एक से अधिक copy निकलवाना चाहते हैं तो स्टैण्डर्ड टूल बार की बजाय File menu के print विकल्प का use कीजिये, यह आदेश देते ही आपकी स्क्रीन पर एक DialogBox प्रदर्शित होगा।

    जब हम प्रिन्ट प्रिव्यू में (Print preview) अपने डॉक्यूमेन्ट को देखकर सन्तुष्ट हो जाते हैं, तब हम इसको प्रिन्ट करने के लिये भेज देते हैं। अपने डॉक्यूमेन्ट को प्रिन्ट करने के लिये निम्न तरीके हैं।

    पहले फाइल मेन्यू पर क्लिक करके फिर प्रिन्ट विकल्प पर क्लिक करते हैं। ऐसा करते ही स्क्रीन पर प्रिन्ट डायलॉग बॉक्स खुल जाता है।

    ms word

    इस डायलॉग बॉक्स में निम्न विकल्प हैं

    (1) प्रिन्टर (Printer)– इस विकल्प के द्वारा हमें उस प्रिन्टर (Printer) का नाम दिखायी देता है जिसके द्वारा फाइल को प्रिन्ट किया जा रहा है।

    (2) प्रिन्ट व्हाट (Print what)- इस विकल्प का उपयोग यह निर्धारित करने के लिये करते हैं कि प्रिन्टर के द्वारा किस प्रकार की सूचना को प्रिन्ट करना है।

    (3) नम्बर ऑफ कॉपिस (Number of copies)– इस विकल्प का उपयोग यह निश्चित करने के लिये करते हैं कि फाइल की कितनी कॉपी प्रिन्ट होनी है।

    (4) पेज रेन्ज (Page range)- इस विकल्प का उपयोग तब किया जाता है जब हमें फाइल को प्रिन्टर द्वारा प्रिन्ट न करके प्रिन्ट फाइल में बदलना होता है। इस Dialog Box में कई ऑप्शन दिये होते हैं। प्रिंट डॉयलॉग के copies वाले भाग में छापी जाने वाली copies की संख्या दी जाती है इसके लिये No. of copies स्पिन बॉक्स में वह संख्या भर दीजिये। मान लीजिये आपके डॉक्यूमेंट में 5 पेज हैं और आप उस डॉक्यूमेंट की 4 copies print कराना चाहते हैं तो हम संख्या 4 डालकर OK बटन पर क्लिक करते हैं तो उस डॉक्यूमेंट की 4 copies हमें प्राप्त हो जाती हैं।

    Also Read: PowerPoint Kya he?

    डॉक्यूमेंट को छापने से पहले उसको स्क्रीन पर देखने की क्रिया को प्रिंट प्रिव्यू कहते हैं इससे डॉक्यूमेंट कागज पर छपने के बाद कैसा लगेगा इसकी जानकारी मिल जाती है। प्रिंट प्रिव्यू को देखने के लिये Menu Bar पर File मैन्यू से print preview को चुनते हैं हमें प्रिंट प्रिव्यू दिख जाता है उसके बाद हम उस डॉक्यूमेंट की print copy निकाल सकते हैं। प्रिंट कॉपी निकालने के लिये निम्न चरणों का पालन करना होता है.

    (1) उस डॉक्यूमेंट को खोलो जिसकी print copy करना चाहते हैं।

    (2) File मैन्यू को चुनो। 

    (3) इसमें से print ऑप्शन पर क्लिक करो। 

    आपके डॉक्यूमेंट की print copy प्राप्त हो जायेगी.

  • किसी Document को Edit किस प्रकार करेंगे?

    किसी Document को Edit किस प्रकार करेंगे?

    आज हम सीखने वाले हैं कि किस प्रकार किसी भी Document को Edit किस प्रकार किया जाता है तो मित्रों पढ़ते रहिए हमारे Article को और सीखे किस तरह से यह कार्य करता है.

    Document

    एम.एस. वर्ड के अन्तर्गत एडिटिंग (editing) से जुड़े सभी कार्य एम.एस. वर्ड एडिट मीनू द्वारा सम्पन्न करते हैं। किसी भी डॉक्यूमेन्ट को एडिट करने के लिये निम्न का आवश्यक हैं

    (1) सर्वप्रथम डॉक्यूमेन्ट में सही स्थान का चुनाव करना।

    (2) न्यू टैक्स्ट (New text) को इन्टर (Enter) करना।

    (3) अनचाहे टैक्स्ट को हटाना।

    (1) सर्वप्रथम डॉक्यूमेन्ट में सही स्थान का चुनाव करना (Choose a right place in a document)-

    माउस के द्वारा डॉक्यूमेन्ट में सही स्थान चुनने या खोजने के लिये scrollbar का उपयोग करते हैं। वर्ड के अन्दर टैक्स्ट का सिलेक्शन माउस और की बोर्ड की सहायता से आसानी से किया जा सकता है।

    माउस के द्वारा टैक्स्ट को चुनने के दो तरीके हैं

    (i) क्लिक और ड्रेग तरीके का उपयोग- इसके उपयोग के निम्नलिखित स्टैप्स (steps)

    (a) जहाँ से आप सिलेक्ट करना चाहते हैं, उस वर्ड के बायें कार्नर (Left comer) पर क्लिक करें तथा माउस बटन को दबाकर रखें।

    (b) टैक्स्ट के चुने जाने पर वह टैक्स्ट सिलेक्ट हो जायेगा तब माउस का बटन छोड़ देते हैं।

    (ii) क्लिक और शिफ्ट तरीके का उपयोग- इसके उपयोग के निम्नलिखित स्टैप्स (steps) हैं.

    (a) जिस वर्ड (word) को चुनना चाहते हैं उसके लेफ्ट साइड (Left side) के फर्स्ट कैरेक्टर (First character) पर क्लिक करें।

    (b) टैक्स्ट को आप जहाँ तक चुनना चाहते हैं। वहाँ तक स्क्रॉल बार की सहायता से स्क्रॉल करें।

    (c) जहाँ तक चुनना चाहते हैं, उसके अन्त में क्लिक करें। स्टार्ट (Start) से लेकर क्लिक करने वाले स्थान तक का सारा टैक्स्ट हाईलाइट (Highlight) हो जाये।

    यदि हम चाहें तो की-बोर्ड के द्वारा भी टैक्स्ट को चुन सकते हैं। इसके लिये टैक्स्ट को सिलैक्ट करने के लिये शिफ्ट की को प्रेस कर Insertion प्वाइन्ट को चलाने वाली किसी भी की (kev) जैसे- Arrow key का उपयोग करके सिलेक्ट कर सकते हैं।

    (2) न्यू टैक्स्ट को एन्टर करना (Enter of New text)-

    न्यू टैक्स्ट को इन्सर्ट कराने के लिये की-बोर्ड से टाइप करते हैं ऐसा करते हुये इन्सर्शन प्वाइन्ट (Insertion point) आगे-आगे व अक्षर (character) पीछे दिखायी देते हैं।

    (3) अनचाहे टैक्स्ट को हटाना (Delete of Unusable text)-

    Insertion point या कर्सर (cursor) के लेफ्ट साइड स्थित अक्षर (character) को हटाने के लिये Delete की का उपयोग करते हैं तथा left side के अक्षर को मिटाने के लिये बैकस्पेस-की (backspacekevl का उपयोग करते हैं। तेजी से मिटाने के लिये दो तरीके हैं। जिसमें पहला तरीका यह कन्टोल + डिलीट-की को दबाने से text में Insertion point से वर्ड के last का पार्ट मिट जाता है तथा कन्ट्रोल + बेकस्पेस की (ctrl + backspace key) दबाने से Insertion point से वर्ड के स्टार्ट तक का पार्ट मिट जाता है।


    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

    हम आशा करते हैं कि आपको यह जानकारी प्राप्त कर अच्छा लगा होगा और आपको लगता है कि हमसे किसी प्रकार की जानकारी छूट गई है तो कृपया कर हमें उसकी जानकारी कमेंट के जरिए दे सकते हैं

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    आप हमारे Blog से Computer के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं, Blog पर कंप्यूटर की सभी जानकारी के बारे में बताया जाता है वह भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद आपका इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए

  • PowerPoint क्या है? इसके प्रमुख अवयव कौन-कौन से हैं

    PowerPoint क्या है? इसके प्रमुख अवयव कौन-कौन से हैं

    आज हम सीखने जा रहे हैं कि PowerPoint क्या है और इसके प्रमुख अवयव कौन कौन से हैं इस Site की मदद से आप बहुत आसान भाषा में सीख सकते हो कंप्यूटर के बारे में, तो पढ़ते रहे आप इस आर्टिकल को.

    PowerPoint के द्वारा विभिन्न सभाओं और प्रशिक्षणों आदि में प्रस्तुत करने के लिये सामग्री तैयार की जाती है। इसके बहुत से टूलबार, मेन्यू आदि एमएस ऑफिस के अन्य प्रोग्राम से सुमेलित होते हैं, जिससे इस पर कार्य करना आसान होता है। पॉवर प्वाइंट के प्रस्तुतीकरण में हम एमएस-वर्ड, एमएस एक्सेल आदि दूसरे प्रोग्रामों से भी सामग्री ला सकते है। इसमें ध्वनि को प्रस्तुत करने की भी सुविधा रहती हैं.

    प्रस्तुतिकरण के प्रमुख अवयव 

    (A) स्लाइड्स– स्लाइड्स प्रस्तुतिकरण में उपयोग किये जाने वाले पृष्ठ हैं। स्लाइड्स में शीर्षक, टैक्स्ट, ग्राफ्स, आकृतियाँ, क्लिपआर्ट हो सकते हैं। उसको कागज एवं पारदर्शिताओं पर छाप भी सकते हैं।

    (B) हैण्डआउट्स– हैण्ड हाउट्स प्रस्तुतिकरण को सहारा प्रदान करते हैं। प्रस्तुतिकरण से पूर्व आप अपने श्रोतागण में हैण्डआउट्स वितरित कर सकते हैं। इनमें स्लाइड के ही छोटे प्रिन्ट, एक पृष्ठ पर दो, तीन, छः या नौ की संख्या होती है। कम्पनी का नाम, पृष्ठ संख्या एवं तिथि इत्यादि भी इस पर पिन्ट की जा सकती है।

    (C) वक्ता नोट्स- प्रस्तुतिकरण के समय वक्ता या प्रस्तुतकर्ता के स्पष्टीकरण के लिये स्लाइड्स के नीचे वक्ता नोट्स लिखे जाते हैं। वक्ता या प्रस्तुतकर्ता प्रस्तुतिकरण के समय स्लाइड शो करते हुये अपने शो इन नोट्स से सहायता लेता है।

    PowerPoint को प्रारम्भ करने तथा प्रस्तुति बनाने के विभिन्न चरण

    powerpoint hindi

    एमएस-पॉवर प्वाइंट का आरम्भ- एमएस-पॉवर प्वाइंट का आरम्भ निम्न तीन विधियो में से किसी भी एक विधि द्वारा किया जा सकता है

    (1) डेस्कटॉप पर एमएस-पॉवर प्वाइंट के आइकॉन को माउस के बायें बटन द्वारा दो बार क्लिक करके।

    (2)(a) स्टार्ट बटन पर माउस के बायें बटन से एक बार क्लिक करें। ऊपर की ओर खुलती हुई एक सूची मिलेगी। 

    (b) इस सूची में माउस के बायें बटन द्वारा प्रोग्राम्स पर एक बार क्लिक करें। दायीं ओर एक सूची खुल जायेगी।

     (c) दायीं ओर खुली हुई इस सूची में माउस के बायें बटन द्वारा माइक्रोपॉवर प्वाइन्ट पर एक बार क्लिक करें। एमएस-पाँवर प्वाइंट आरम्भ हो जायेगा।

    (3)(a) डेस्कटॉप पर एमएस पॉवर प्वाइंट के आइकॉन को माउस के बायें बटन द्वारा एक बार क्लिक करें। एमएस पॉवर प्वाइंट के आइकॉन का रंग बदल जायेगा। 

    (b) इस आइकॉन पर माउस के दायें बटन द्वारा एक बार क्लिक करें। बायीं ओर एक सूची खुल जायेगी। 

    (c) बायीं ओर खुली हुई इस सूची में माउस के बायें बटन द्वारा ओपन पर एक बार क्लिक करें। एमएस पॉवर प्वाइंट आरम्भ हो जायेगा।

    एमएस-पॉवर प्वाइंट का आरम्भ होते ही Window कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देगी।


     इस Window में निम्न विभाग होते हैं

    (1) मेन्यू बार-

    Window का सबसे ऊपरी भाग मेन्यू बार कहलाता है। इस मेन्यू बार में कई पुल डाउन मेन्यू होते हैं। जैसे- File, Edit, View, Insert, Format, Tools, Slide Show, Window और Help/ किसी भी मेन्यू को खोलने के लिये उस पर माउस के बायें बटन द्वारा एक बार क्लिक कर वांछित कार्य कर सकते हैं।

    (2) टूल बार-

    यह मेन्यू बार के ठीक नीचे होता है। टूल बार की संख्या अधिक होती है। एमएस पॉवर प्वाइंट की Window में आवश्यक टूल बार को रखते हैं शेष को आवश्यकतानुसार लाया जा सकता है। कुछ मुख्य टूल बार हैं- Standard, Fomating, Table and Borders, Drawing, Animation Effects और Picture आदि।

    (3) स्टेटस एरिया-

    यह पाठ्य-क्षेत्र के नीचे होता है। इस क्षेत्र में हमारे प्रस्तुतीकरण के बारे में जानकारी उपलब्ध होती है। जैसे-Slide number आदि।


    स्लाइड मास्टर और टैम्पलेट का प्रयोग कर विभिन्न कलर स्कीम में प्रस्तुतीकरण का निर्माणटैम्पलेट का प्रयोग कर प्रस्तुतीकरण का निर्माण करने के लिये निम्न कार्य किये जाते हैं

    (1) पॉवर प्वाइंट का आरम्भ करते हैं।पॉवर प्वाइंट डायलॉग बॉक्स खुल जायेगा। 

    (2) इस डॉयलॉग बॉक्स में डिजायन टेम्पलेट विकल्प का चुनाव कर ओके बटन पर क्लिक करें।

    New Presentation डायलॉग बॉक्स खुल जायेगा। 

    (3) इस डायलॉग बॉक्स में तीन विकल्प होते हैं और प्रत्येक विकल्प में एक सूची उपस्थित रहती है। उनमें से किसी भी विकल्प का चुनाव कर ओके बटन पर क्लिक करें। New Slide डायलॉग बॉक्स खुल जायेगा। 

    (4) इस डायलॉग बॉक्स में वांछित विकल्प का चुनाव कर ओके बटन पर क्लिक करें।

    उदाहरण के लिये यदि हम ब्लेंक प्रस्तुतीकरण का चुनाव करते है, तो हमें एक स्लाइड दिखाई देती है। स्लाइड मास्टर का प्रयोग करने के लिये निम्न कार्य करते हैं.

    (1) रिक्त प्रस्तुतीकरण का निर्माण करते हैं। 

    (2) मेन्यू बार के व्यू मेन्यू को क्लिक करते हैं।

    एक ड्रॉप डाउन लिस्ट खुल जायेगी। . 

    (3) इस ड्रॉप डाउन लिस्ट में मास्टर विकल्प पर माउस प्वाइंटर ले जाते हैं। दायीं ओर एक Window खुल जायेगी।

    (4) स्लाइड मास्टर पर क्लिक करते ही निम्न स्लाइड हमारे सामने आती हैंइस स्लाइड में हम अपना प्रस्तुतीकरण तैयार कर सकते हैं।

    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

    हम आशा करते हैं कि आपको हमारी वेबसाइट से जानकारी प्राप्त हुई होगी और आप जान चुके होंगे कि PowerPoint Kya he और यह किस प्रकार कार्य करता है. अगर हमसे किसी भी प्रकार की कोई जानकारी छूट गई हो तो उसकी सूचना आप कृपया कर हमें कमेंट के जरिए दें

  • E-mail Ethics in Hindi ई-मेल इथिक्स का तात्पर्य क्या है

    E-mail Ethics in Hindi ई-मेल इथिक्स का तात्पर्य क्या है

    आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं ईमेल इथिक्स के बारे में किया, किस प्रकार कार्य करता है और यह क्या है साथ ही साथ हम आपको कुछ कॉमन वर्ड के मतलब की बताएंगे.

    ई-मेल इथिक्स का तात्पर्य क्या है E-mail Ethics

    E-mail Ethics पत्र लिखना एक कला होती है जो केवल संदेश का संचार ही नहीं करती वरन पत्र प्रेषित करने वाले व्यक्ति के मूड तथा संवेदनाओं को भी संचारित करती है। जब हम किसी को कोई व्यक्तिगत या व्यावसायिक पत्र लिखते हैं तो हम कुछ अलिखित नियमों का अनुपालन करते हैं.

    पत्र लिखने के यही अलिखित नियम इथिक्स या आचार नीति कहलाते हैं। चूँकि ई-मेल भी पत्रों के समकक्ष होते हैं। अतः पत्र लेखन के अलिखित नियम ई-मेल लेखन में भी लाग होते हैं। इण्टरनेट पर इथिक्स को नेटीक्यूटी कहा जाता है। जब हम इण्टरनेट पर किसी परिचित या अपरिचित व्यक्ति से परस्पर संदेशों का आदान-प्रदान कर रहे होते हैं तो हमें कुछ आवश्यक नियमों या नेटीक्यूटियो का अनुपालन करना आवश्यक होता है.

    इस सन्दर्भ में कुछ महत्वपूर्ण नेटीक्यूटियाँ निम्नलिखित है

    • हमें मेल लिखते समय शान्त तथा प्रसन्नचित रहना चाहिये.
    •  Subject फील्ड को खाली नहीं छोडना चाहिये। इस फील्ड को खाली छोड़ने से यह प्रतीत होता है कि हमें महत्वपूर्ण बात नहीं कहनी. 
    • कोई ऑफिशियल मेल या किसी बड़े व्यक्ति को मेल भेजें तो एक्रोनिम्स का प्रयाग नहीं करना चाहिये.
    • अधिक बड़े या बोल्ड अक्षरों का प्रयोग नहीं करना चाहिये। बोल्ड अक्षर किता विशिष्ट शब्द या कथन के लिये प्रयुक्त होते हैं.
    • आवश्यक मेल ही भेजना चाहिये न कि अनावश्यक रूप से किसी का परशाना उत्पन्न करने के लिये मेल करना.
    • अंक (व्यर्थ) मेल नहीं भेजने चाहिये.
    • ई-मेल संदेश स्पष्ट तथा संक्षिप्त होने चाहिये, न कि लम्बे, टूटे तथा उबाऊ.
    • ई-मेल में कछ बिन्दुओं पर विवरण प्रस्तुत करने के लिये, यह विवरण हमशा छोटे-छोटे टुकड़ों में नम्बर डालकर देने चाहिये.
    • Message के ड्राफ्ट को चैक अवश्य करना चाहिये। मेल भेजने से पहले स्पेलिंग की गलतियों के चैक के लिये स्पेल चैकर का उपयोग कर लेना चाहिये.
    • मेल send करने से पूर्व उसे एक बार अवश्य पढ़ लेना चाहिये.
    •  प्राप्त ई-मेलों को सतत रूप से देखते रहना चाहिये। भेजे गये ई-मेल की प्राप्ति का प्रमाण या उत्तर चाहने पर उसे शीघ्र ही भेजना चाहिये.

    Common E-mail Abbreviations or Acronyms Acronym

    AcronymTranslation
    BFNBye for now
    BTWBye the way
    FYIFor your information
    HTHHope this help
    IJWTKI just want to know
    IJWTSI just want to stay
    IMOIn my opinion
    IMHOIn my humble opinion
    LOLLaughing out loud
    NOYBNone of your business
    OTLOut to lunch
    OTOHOn the other hand
    PMFJIPardon me for jumping in
    ROTFLRolling on the floor laughing
    TIAThanks in advance
    WOAWork of art
    WYSIWYGWhat you see is what you get

    Common E-Mail Emoticons (Smileys)

    EmoticonsEmoticonsTranslation
    🙂Happy
    🙁Sad
    😮Surprised
    :-@Screaming
    :-IIndifferent
    :-eDisappointed
    😀Laughing
    😉Wink

    कंप्यूटर के बारे में

  • What is URL in Hindi- Uniform Resource Locator

    What is URL in Hindi- Uniform Resource Locator

    अगर आप Internet का उपयोग करते हैं, तो कभी ना कभी आपने जरूर URL का इस्तेमाल किया होगा आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे URL के बारे में यह किस प्रकार कार्य करें करता है तथा URL क्या है?

    what is url

    आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस Blog पर और आज हम सीखने वाले हैं, URL? के बारे में जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है, अगर आप कंप्यूटर अथवा वेबसाइट सीखना चाहते हैं.

    इंटरनेट के ऊपर अगर आप Website बनाना चाहते हैं तो आपको URL के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है क्योंकि बिना किसी URL के किसी भी Website को एक्सेस करना लगभग मुश्किल हो जाता है.

    What is URL क्या है?

    URL (Uniform Resource Locator)- वर्ल्ड बाइड वेब से सवाध अन्य सर्वर पर फाइलों के स्थान को बताने के लिए यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (Unifom Resource Locator) का प्रयोग करते हैं। U.R.L. में एक्सेस किए जाने वाले संसाधन के प्रकार (जैसे- वेब , गोफर, ET.P.), सर्वर का पता (Address), तथा फाइल का स्थान (Location) होता है.

    इसका Syntax इस प्रकार है.

    • स्कीम : होस्ट डोमेन : पोर्ट]/पाथ/फाइल नेम
    • जहाँ स्कीम (Scheme) से तात्पर्य है
    • फाइल (file)- स्थानीय सिस्टम का फाइल
    • एफ.टी.पी. (FTP)-बेनाम FTP सर्वर का फाइल
    • एच.टी.टी.पी. (http)- बर्ल्ड बाइड वेब सर्वर का फाइल
    • गोफर (Gopher)- गोफर सर्वर का फाइल
    • बायस (WAIS)- वायस (WAIS) सर्वर का फाइल
    • न्यूज (News)- यूजनेट का एक न्यूजग्रुप
    • टेलनेट (Telnet)- टेलनेट सेवा के साथ संयोजन

    इसके द्वारा Port Number सामान्यतः समाप्त कर दिए जाते हैं।

    दूरस्थ लॉग इन क्या है? (Remote Login)-

    इंटरनेट रिमोट लॉग यह सेवा उपलब्ध कराता है, जो किसी user को दूरस्थ time-sharing कम्प्यूटर सिस्टम को इस प्रकार अभिनय करने में समर्थ बनाता है, जैसे प्रयोक्ता का की-बोर्ड (Key-Board) और मॉनीटर प्रत्यक्षतः दूरस्थ कम्प्यूटर से जुड़े हों। सेवा का उपयोग करने के लिए, एक User Local Computer पर एक application प्रोग्राम का आग्रह करता है।

    एक Remote computer का नाम निर्देशित करता है। स्थानीय एप्लीकेशन प्रोग्राम एक क्लाइन्ट बन जाता है जो इंटरनेट का प्रयोग दूरस्थ कम्प्यूटर से जोड़ने के लिए होता है। एक बार connection स्थापित हो जाने पर Remote computer user के Display को takeover कर लेता है और इन Login तथा password देने का आग्रह करता है वैसे ही जैसे यह प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ने वाले टर्मिनल के साथ करता है.


    FAQ:-

    What is the full form of URL?

    URL का फुल full form यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform Resource Locator) होता है.

    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

    हम आशा करते हैं, कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा, इस आर्टिकल में हमने What is URL? के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

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    आप हमारे Blog से Computer के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं एस Blog पर कंप्यूटर की सभी जानकारी के बारे में बताया जाता है वह भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद आपका इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए.