फाइल सिस्टम कैसे कार्य करते हैं? (How file systems work?) एक फाइल सिस्टम डेटा के स्टोर तथा आर्गेनाइज करता है और स्टोरेज डिवाइस में मौजूद डेटा के लिए एक प्रकार के इन्डेक्स के रूप में विचारणीय है। इन डिवाइसेस में हार्ड ड्राइव्स, ऑप्टिकल ड्राइव्स तथा फ्लैश ड्राइव्स सम्मिलित हो सकती है। फाइल सिस्टम्स, नेमिंग फाइल्स के लिए कन्वेन्शन्स को स्पेसिफाए करते हैं। यह किसी नाम में कैरेक्टर्स की अधिकतम संख्या को सम्मिलित करता है, साथ ही यह स्पेसिफाए करता है कि किन कैरेक्टर्स का उपयोग किया जा सकता है तथा कुछ सिस्टम्स में किसी फाइल नेम का सफिक्स कितना लम्बा हो सकता है। कई फाइल सिस्टम में फाइल नेम्स केस सेन्सिटिव नहीं होते हैं। फाइल के साथ ही, फाइल सिस्टम्स में फाइल की साइज, साथ ही मेटाडेटा में डायरेक्ट्री के अंतर्गत इसके एट्रिब्युट्स, लोकेशन तथा हायराक जैसी इन्फॉर्मेशन होती है। मेटाडेटा, ड्राइव पर उपलब्ध स्टोरेज के फ्री ब्लॉक्स और उपलब्ध स्पेस को आइडेन्टिफाय करता है।
एक फाइल सिस्टम में डायरेक्ट्रीज के स्ट्रक्चर के माध्यम से फाइल का पाथ स्पेसिफाय करने के लिए फॉर्मेट भी सम्मिलित होना है। फाइल को ट्री स्ट्रक्चर में वांछित स्थान पर विडोज आपरेटींग सिस्टम या सब- डायरेक्ट्री में एक डायरेक्ट्री या फोल्डर में रखा जाता है। पर्सनल कम्प्युटर्स (PCs) तथा मोबाइल आपरेटिंग सिस्टम्स में भी फाइल सिस्टम्स होते है, जिनमें फाइल्स को हायरार्किकल ट्री स्ट्रक्चर में रखा जाता है।
स्टोरेज मीडियम पर फाइल्स था डायरेक्ट्रीज बनाने से पहले पार्टिशन्स किए जाना चाहिए। एक पार्टिशन हार्ड डिस्क या अन्य स्टोरेज का ऐसा क्षेत्र है, जिसे आपरेटिंग सिस्टम अलग से मैनेज करता है। फाइल सिस्टम प्राइमरी पार्टिशन में निहित होता हैं और कुछ आपरेटिंग सिस्टम्स एक डिस्क में कई पार्टिशन्स की अनुमति प्रदान करते हैं। इस स्थिति में, यदि एक फाइल सिस्टम करप्ट हो जाता है, तो अन्य पार्टिशन का डेटा सेफ रहेगा। मैनिप्युलेट करने के लिए रूल्स भी डिफाइन करता है।
डेटाबेस (DB) डेटा का एक आर्गेनाइज्ड कलेक्शन है। संक्षिप्त रूप से, डेटाबेस एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है, जो डेटा को आसानी से एक्सेस, मैनिप्युलेट तथा अपडेट करने की अनुमति प्रदान करता है। अन्य शब्दों में, डेटाबेस का उपयोग किसी आर्गेनाइजेशन द्वारा इन्फॉर्मेशन को स्टोर मैनेज तथा रिट्राइव करने के रूप म किया जा सकता है। मॉडर्न डेटाबेसेस को डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) द्वारा मैनेज किया जाता है। डेटाबेस का मुख्य उद्देश्य डेटा को स्टोर, रिट्राइव तथा मैनेज करके इन्फॉर्मेशन की बड़ी मात्रा को ऑपरेट करना होता है।
सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर्स ओरेकल, SQL सर्वर तथा MySQL इत्यादि जैसे रिलेशनल डेटाबेसेस के माध्यम से डेटाबेस कॉन्सेप्टस से परिचित होते हैं। साधारण तौर पर, एक डेटाबेस स्ट्रक्चर डेब्युलर फॉर्मेट में डेटा स्टोर करता है। डेटाबेस का आर्किटेक्चर एक्सटर्नल, इन्टर्नल या कॉन्सेप्चुअल हो सकता है। एक्सटर्नल लेवल वह तरीका स्पष्ट करता है, जिसमें प्रत्येक एन्ड युजर डेटाबेस में रेलेवेन्ट डेटा के करस्पॉन्डिंग इसके आर्गेनाइजेशन की समझ रखता है। इन्टर्नल लेवल परफॉर्मेन्स, स्कैलेबिलिटी, कॉस्ट तथा अन्य ऑपरेशनल मैटर्स के साथ डील करता है। कॉन्सेप्चुअल लेवल एक डिफाइन्ड तथा ग्लोबल व्यु में विभिन्न एक्सटर्नल व्यूज को सही तरह से युनिफाए करता है। इसमें प्रत्येक एन्ड युजर के लिए आवश्यक जैनेरिक डेटा सम्मिलित होता है।
Chatting : Chat का अर्थ सामान्यतः बातचीत करना होता है। जिस प्रकार हम आमने-सामने खड़े रहकर या टेलीफोन पर बातें करते हैं उसी प्रकार इंटरनेट पर चैटिंग की परिकल्पना है। इंटरनेट पर chat कई रूप में उपलब्ध है.
जिसमें दो प्रमुख एवं प्रचलित:
(1) Text chatting, (2) Voice chatting
Text Chatting
Text chatting– Text chatting में keyboard के द्वारा संदेश Input किए जाते हैं तथा दूसरी तरफ बैठा व्यक्ति हमारे प्रेसित message को पढ़ता है तथा इसका उत्तर इसी fom और process के द्वारा देता है। हम एक या एक से अधिक व्यक्तियों के साथ chat कर सकते हैं। चैट पूरी तरह से इंटर एक्टिव है तथा इसमें तत्काल message प्रेसित किया जाता है या प्राप्त होता है। इसके लिये दोनों तरफ के व्यक्तियों का Online होना। आवश्यक है। Text chatting के लिए कई website उपलब्ध हैं.
Voicechatting– जिस प्रकार टेलीफोन से अपने मित्रों तथा रिश्तेदारों के साथ बातचीत करते हैं ठीक उसी प्रकार voice chatting के द्वारा हम इंटरनेट पर किसी भी व्यक्ति से बात कर सकते हैं। बॉइस chat टेलीफोन की तुलना में सस्ती सेवा है। इसमें दूरी के आधार पर शुल्क नहीं देना होता है। voice chat के माध्यम से हम एक समय में केवल एक ही व्यक्ति के साथ सम्पर्क बना सकते हैं, परन्तु यदि हमारे पास full duplex sound card है तो हम दो व्यक्तियों के साथ एक साथ बात कर सकते है। इसके लिए हमारे पास एक माइक्रोफोन, एक स्पीकर तथा इसके लिए प्रयोग होने वाला विशेष प्रोग्राम होना चाहिए। इंटरनेट पर इंटरनेट फोन नाम का शेयरवेयर www.vocaltec.com पर उपलब्ध है, जिसका प्रयोग voice chatting software के रूप में कर सकते हैं।
Portals: यह एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल (Portal) होता है। वह वेब साइट जो हमें सामान की खरीद-बिक्री से सम्बन्धित जानकारी या E-commerce की सुविधा प्रदान करती है, E-portal या portal कहलाती है। जैसे- Yahoo.com एक पोर्टल है जो Email. Chat, News, Advertisement आदि की सुविधा देती है। इसके अलावा हवाई यात्रा के लिए आरक्षण व किसी वस्तु की नीलामी में भागीदारी तक की सुविधा देती है। E-portal के माध्यम से कोई भी यूजर घर बैठे कुछ भी खरीद व बेच सकता है।
आजकल कई कम्पनियों की websites इस concept को अपना रही है। इस तरीके के अपनाने के कारण किसी यूजर को कुछ खरीदने व बिक्री करने के लिए किए गए अन्य खों से छुटकारा मिल जाता है। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति कोई वाहन खरीदना चाहता है, तो E-portals की सहायता से वह अपना वाहन घर बैठे खरीद सकता है, इसके लिए उसे केवल वेब साइट पर लिखी प्रविष्टियाँ भरनी होंगी, व कम्पनी को अपना Address देना होगा ताकि वह अपने ऐजेंट के माध्यम से आपको वाहन उपलब्ध करा सके।
S.M.T.P. का आशय सिम्पल मेल ट्रान्सफर प्रोटोकाल (Simple Mail Transfer Protocol) है। E-mail system के लिए यह एक main प्रोटोकॉल है। इस प्रोटोकॉल की सहायता से ही इलेक्ट्रॉनिक mail एक computer से दूसरे computer पर पहुँचती है। यह TCP/IP परिवार का प्रोटोकॉल है। SMTP किसी मेल को एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक पहुंचने का विवरण देता है। इंटरनेट पर हजारों-लाखों सिस्टम S.M.T.P. की सहायता से B. mail भेजते व प्राप्त करते हैं।
Web based E-mail- वेब आधारित E-mail द्वारा हम E-mail प्रदाता की साइट पर पहुँचने के लिए Intemet Browser का प्रयोग कर सकते हैं और इसके बाद user name तथा password की सहायता से Login कर सकते हैं। E-mail provider हमारे सभी संदेशों को हमारे लिए संग्रहित करके रखता है। अधिकांश विशालकाय free Email provider (प्रदाता) वेब बेस्ड E-mail व्यवसाय के अन्तर्गत कार्य करते हैं। क्योंकि इस प्रकार की service सरलता से कार्यान्वित हो जाती है तथा यह साइट पर visitors को बार-बार आने के लिए invite करता है। कई सेवाएँ अतिरिक्त कार्य जैसे- ऑनलाइनबर्तनी जाँच, Personal Address book, Index आदि को भी करती है।
Pop based E-mail Services
Pop based E-mail Services– पॉप आधारित ई-mail services हमारे Email को किसी Remote server पर store करती है। हम इस server से किसी भी समय जुड़ सकते हैं तथा अपने E-mail को पसंदीदा E-mail software पैकेज में डाउनलोड कर सकते हैं। साधारणतः Pop E-mail के साथ अपने-अपने स्थानीय कम्प्यूटर पर एक बार में ही सभी नए संदेशों को डाउनलोड कर सकते हैं। Pop based (Pop) mail service हमारे आने वाले messages को तब तक server पर store रखता है, जब तक हम इसे store करने के लिए तैयार नहीं हो जाते, इन्हें E-mail Download software जैसे- युडोरा (Eudora) आउटलुक आदि की सहायता से Download कर सकते हैं। एक बार जब हम message को Download कर लेते हैं तो वे अधिकांश इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) में Pop-mail ही उपलब्ध रखता है। इसलिए हमारे पास पहले से ही संभवतः कम से कम एक कम एक Pop-mail एकाउण्ट होना चाहिये।
Word Processor- वर्ड प्रोसेसिंग के अन्तर्गत किसी भी डॉक्यूमेन्ट को टाइप करना, सुरक्षित करना तथा प्रिंट करना आदि कार्य आते है। वड प्रातात सहायता देने वाले सिस्टम को वर्ड प्रोसेसर कहते हैं। वर्ड प्रोसेसर ऐसे सिस्टम को कहा जाता है जो Document टाइप करने में परिवर्तित करने में. सरक्षित करने में सहायता करता है। इसके द्वारा अनेक कार्य जैसे लेटर ड्रॉफ्टिंग, मेलिंग लिस्ट निकालना, रिपोर्ट तैयार आदि किये जाते हैं।
वर्ड प्रोसेसिंग के लिये कई सॉफ्टवेयर बाजार में उपलब्ध हैं। जैसे Word-97, Word2000 आदि जिन्हें माइक्रो सॉफ्ट कार्पोरेशन ने विकसित किया है। माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के ऑफिस-2000 में एक सुविधाजनक बात यह है कि इसके सभी उपयोगों में समानता होती है सभी उपयोगों में एकसमान स्क्रीन एलीमेन्ट (Screen Element), मेन्यू बार (Menu bar), टूलबार (Tool bar) और डायलॉग बॉक्स (DialogBox) का उपयोग होता है।
इन सॉफ्टवेयरों का उपयोग करने के लिये Keyboard के अलावा Mouse का उपयोग भी बहुत ज्यादा किया जाता है।
World Processor जैसे- Word-97, Word-2000 को उपयोग करने के लिये स्टार्ट बटन (Start Button) दबाते हैं ऐसा करते ही एक लिस्ट प्रदर्शित होती है। जिसमें कई विकल्प मौजूद होते हैं। यहाँ से प्रोग्राम विकल्प का चुनाव करते हैं, तब एक अन्य सूची प्रदर्शित होती है जहाँ से इन सॉफ्टवेयरों को क्लिक करके Open किया जा सकता है।
इस प्रकार के वर्ड प्रोसेसर सॉफ्टवेयर पर यूजर्स जो कि कम्प्यूटर का थोड़ा-सा ज्ञान रखते हैं। आसानी से कार्य कर सकते हैं। आजकल के आधुनिक ऑफिसों में डॉक्यूमेन्ट को इन्हीं सॉफ्टवेयरों की मदद से निर्मित किया जाता है।
Text Editor
Text Editor-टैक्स्ट एडिटर निम्न कार्य करता है
नये टैक्स्ट को प्रविष्ट करना (Inserting a test)
अनचाहे टैक्स्ट को मिटाना (Deletinga test)
टैक्स्ट को कॉपी या मूव करना (Moving and Copying a text)
1. नये टैक्स्ट को प्रविष्ट करना (Inserting a test)– नये टैक्स्ट को इन्सर्ट करने की लिये जहाँ पर टैक्स्ट को प्रविष्ट कराना है वहाँ पर इन्सर्शन बिन्दु यानि कर्सर को ऐरी का (Arrow key) की सहायता से ले जाते हैं। उसके बाद टैक्स्ट को टाइप करते हैं। इन्सर्शन बिन्द के आगे चलने के साथ-साथ टैक्स्ट स्क्रीन पर प्रकट होता जाता है।
2. अनचाहे टैक्स्ट को मिटाना (Deleting a test)– टैक्स्ट को मिटाने की निम्न विधियाँ हैं.
(i) इन्सर्शन बिन्दु या कर्सर (cursor) के दायें तरफ स्थिर कैरेक्टर्स (characters) को मिटाने के लिये डिलीट कुंजी (Delete key) का प्रयोग करते हैं तथा बायें तरफ के कैरेक्टर्स को मिटाने के लिये बेकस्पेस (Backspace) कुंजी का प्रयोग करते हैं। ये विधि सबसे ज्यादा प्रभावी तब होती है जब यूजर (user) टाइप कर रहा होता है तथा कुछ अक्षर या लाइन मिटानी हो।
(ii) अधिक लाइनों को मिटाने के लिये उन लाइनों को चुना जाता है जिन्हें मिटाना होता है तथा डिलीट कुंजी (Delete key) दबाने पर उक्त लाइनें डिलीट हो जाती हैं।
(iii) तेज गति से मिटाने के लिये कन्ट्रोल + डिलीट कुंजी दबाने से टैक्स्ट में इन्सर्शन बिन्दु से शब्द के अन्त तक का भाग मिट जाता है। तथा कन्ट्रोल + बेकस्पेस कुंजी को दबाने पर इन्सर्शन बिन्दु से शब्द शुरू तक का भाग मिट जाता है यह विधि उस समय बहुत प्रभावी होती है, जब पहले से बने हुये बॉक्स में कोई नाम शब्द डालना चाहते हैं।
3. टैक्स्ट को कॉपी या मूव करना (Moving and Copying a text)- टैक्स्ट को एक स्थान से दूसरे स्थान पर कॉपी व मूव (move) करने के लिये दो विधियाँ हैं
कट तथा पेस्ट विधि (Cut and Paste Method)
ड्रेग तथा ड्रॉप विधि (Drag and Drop Method)
(i) कट तथा पेस्ट विधि (Cut and Paste Method)- यह विधि दो चरण में परी होती है पहले चुने हुये टैक्स्ट को कट (cut) या कॉपी (copy) कहते हैं। जिससे टैक्स्ट क्लिप बोर्ड पर स्थित हो जाता है तत्पश्चात् पेस्ट करने पर टैक्स्ट उचित स्थान पर मूव हो जाता है।
(ii) ड्रेग तथा ड्रॉप विधि (Drag and Drop Method)- इस विधि में सम्बन्धित टैक्स्ट को माउस की सहायता से ड्रेग करके, उचित जगह पर ड्रॉप करके मूव कराया जाता है।
पैराग्राफ फॉर्मेटिंग- वर्ड के द्वारा Paragraph formatting करके हम इसे आसानी से इच्छित रूप में प्राप्त कर सकते हैं। पैराग्राफ फॉर्मेटिंग के अन्तर्गत पैराग्राफ के बीच में space छोड़ना, पैराग्राफ की Lines को Special बनाना, पहली लाइन को Effective दिखाना इत्यादि सम्मिलित हैं।
पैराग्राफ फॉर्मेटिंग के लिये निम्न steps प्रयोग किये जाते हैं
Step-1. सर्वप्रथम फॉर्मेटिंग (Formatting) किये जाने वाले Text को select किया जाता है।
Step-2. मेन्यूबार (Menu bar) में format menu पर click करने के बाद paragraph पर क्लिक करते हैं तो पैराग्राफ डायलॉग बॉक्स प्रकट हो जाता है।
Step-3. अब अपनी जरूरत के हिसाब से dialog box में सेटिंग करें।
Step-4. OK पर क्लिक करें अब हम वापस डॉक्यूमेन्ट पर लौट आते हैं।
Step-5. यदि हम चाहते हैं कि चुने हुये Text के बीच में एक line से दूसरे लाइन के singal double लाइन का space हो तो लाइन स्पसिंग आप्शन line spacing option में से उपयुक्त ऑप्शन को सिलेक्ट करते हैं।
Step-6. प्रत्येक पैराग्राफ के मध्य में एक खाली लाइन के बराबर जगह छूटे तो आप पहले After पर क्लिक करें तथा 12 प्वाइन्ट स्पेसिफाई (specify) करें अथवा Before or after दोनों पर 6 प्वाइन्ट लागू कर। यदि हम 12 प्वाइन्ट का उपयोग कर रहे हैं तो यह लगभग एक लाइन के बराबर होता है। तब हर बार Enter key दबाने पर एक लाइन के बराबर space छूट जायेगा।
मर्जिंग (Merging) करने के लिये दो document की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया में main document को डाटा फाइल (data file) के साथ मर्ज (merge) करने के निम्नलिखित चरणों की आवश्यकता होती है.
1. फॉर्म लेटर (Form letter) से ‘मेल मर्ज हेल्पर’ (Mail merge helper) बटन पर क्लिक करते हैं। ऐसा करते ही mail merge helper डायलॉग बॉक्स प्रकट हो जाता है।
2. इस डायलॉग बॉक्स में मर्ज (merge) पर क्लिक करते हैं मर्ज डायलॉग बॉक्स प्रकट हो जाता है।
3. मर्ज विकल्प का चयन निम्न प्रकार से करते हैं
(i) मर्ज फाइल के नये गंतव्य स्थान का निर्धारण करते हैं।
(ii) यदि रिकॉर्ड (Record) एक क्रम में हो, तो उसको मर्ज (merge) करने के लिये अंक प्रदान कर देते हैं।
4. जब विकल्प का चयन हो जाता है, तो मर्ज (merge) पर क्लिक करते हैं।
MS Word के अन्तर्गत एडिटिंग (Editing) से जुड़े सभी काय एम.एस. वर्ड के द्वारा सम्पन्न करते हैं। किसी भी डॉक्यमेन्ट को एडिट करने के लिये निम्न आवश्यक हैं.
सर्वप्रथम डॉक्यूमेन्ट में सही स्थान का चुनाव करना.
न्यू टैक्स्ट (New text) को इन्टर (Enter) करना.
अनचाहे टैक्स्ट को हटाना.
सर्वप्रथम डॉक्यूमेन्ट में सही स्थान का चुनाव करना (Choose a right place in a document)-
माउस के द्वारा डॉक्यमेन्ट में सही स्थान चुनने या खोजने के लिये Scrollbar का उपयोग करते हैं। वर्ड के अन्दर टैक्स्ट का सिलेक्शन माउस और की बोर्ड की सहायता से आसानी से किया जा सकता है.
माउस के द्वारा टैक्स्ट को चुनने के दो तरीके हैं.
(1). क्लिक और ड्रेग तरीके का उपयोग- इसके उपयोग के निम्नलिखित स्टैप्स (steps).
(A) जहाँ से आप सिलेक्ट करना चाहते हैं, उस वर्ड के बायें कार्नर (Left comer) पर क्लिक करें तथा माउस बटन को दबाकर रखें।.
(B) टेक्स्ट के चुने जाने पर वह टैक्स्ट सिलेक्ट हो जायेगा तब माउस का बटन छोड देते हैं.
(2). क्लिक और शिफ्ट तरीके का उपयोग- इसके उपयोग के निम्नलिखित स्टैप्स (steps) हैं.
(A). जिस वर्ड (word) को चुनना चाहते हैं उसके लेफ्ट साइड (Left side) के फर्स्ट कैरेक्टर (First character) पर क्लिक करें.
(B) टैक्स्ट को आप जहाँ तक चुनना चाहते हैं। वहाँ तक स्क्रॉल बार की सहायता से स्क्रॉल करें.
(C) जहाँ तक चुनना चाहते हैं, उसके अन्त में क्लिक करें। स्टार्ट (Start) से लेकर क्लिक करने वाले स्थान तक का सारा टैक्स्ट हाईलाइट (Highlight) हो जाये। यदि हम चाहें तो की-बोर्ड के द्वारा भी टैक्स्ट को चुन सकते हैं। इसके लिये टैक्स्ट को सिलेक्ट करने के लिये शिफ्ट को को प्रेस कर Insertion प्वाइन्ट को चलाने वाली किसी भी की (key) जैसे- Arrow key का उपयोग करके सिलेक्ट कर सकते हैं.
न्यू टैक्स्ट को एन्टर करना (Enter of New text)
न्यू टैक्स्ट को इन्सर्ट कराने के लिये की-बोर्ड से टाइप करते हैं ऐसा करते हुये इन्सर्शन प्वाइन्ट (Insertion point) आगे-आगे व अक्षर (character) पीछे दिखायी देते हैं.
अनचाहे टैक्स्ट को हटाना (Delete of Unusable text)
Insertion point या कर्सर (cursor) के लेफ्ट साइड स्थित अक्षर (character) को हटाने के लिये Delete की का उपयोग करते हैं तथा left side के अक्षर को मिटाने के लिये बैकस्पेस-की (Backspace Key) का उपयोग करते हैं। तेजी से मिटाने के लिये दो तरीके हैं। जिसमें पहला तरीका यह कन्टोल + डिलीट-की को दबाने से text में Insertion point से वर्ड के last का पार्ट मिट जाता है तथा कन्ट्रोल + बेकस्पेस की (ctrl + backspace key) दबाने से Insertion point से वर्ड के स्टार्ट तक का पार्ट मिट जाता है.