Author: Ram

  • Kya Netflix Paytm Payment support Karta he?

    Kya Netflix Paytm Payment support Karta he?

    क्या आप भी Netflix का शौकीन रखते ? आपके पास क्रेडिट और डेबिट कार्ड नहीं है और जानकारी पाना चाहते हैं कि Paytm से नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है, कि नहीं तो आज हम आपको इस प्रश्न का उत्तर देंगे, पढ़ते रहिए हमारे इस आर्टिकल को.

    Netflix Paytm Payment support

    जैसे कि आप जानते हैं कि Netflix एक ऑनलाइन Movies एंड TV Shows स्ट्रीमिंग सर्विस है जोकि दिन-ब-दिन बहुत ही ज्यादा प्रचलित होते जा रहे हैं, यह कुछ साल पहले ही हमारे हिंदुस्तान में लांच की गई थी जब से ही यह बहुत ही पॉपुलर है.

    What is Netflix?

    Netflix एक अमेरिकन Company है, जो कि आपको लेटेस्ट मूवीस और टीवी शोस ऑनलाइन प्रोवाइड कराती है इसके जरिए आप अपने कंप्यूटर लैपटॉप पर मजेदार मूवीस और अमेजिंग वेब सीरीज को देख सकते हो चंद रुपयों में.

    अगर आप नेटफ्लिक्स का शौकीन रखते हो तो जरूर आपने इंडिया में इसकी एक वेब सीरीज का नाम सुना होगा जो कि बहुत ही ज्यादा पॉपुलर है जिसका नाम है sacred games, ऐसा कहा जाता है कि नेटफ्लिक्स को अधिक से अधिक ग्रोथ दिलवाने में इस वेब सीरीज का हाथ है.

    Kya Netflix Paytm Payment support karta he?

    Not supportable

    Netflix Paytm Payment support

    यह शायद आपके लिए बहुत बुरी बात हो सकती है कि नेटफ्लिक्स पेटीएम जैसी पेमेंट को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करता है साथ ही साथ आप इसे Phone Pay पर Bhim UPI या फिर Google Pay जैसे अकाउंट से भी आप नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन नहीं खरीद सकते हैं.

    Only Payments

    • Credit or Debit card.
    • PayPal.
    • Gift Code

    नेटफ्लिक्स केवल इंटरनेशनल डेबिट और क्रेडिट कार्ड को ही सपोर्ट करता है, जैसे कि आप जानते हैं कि यह एक अमेरिकन कंपनी है और यह होने के कारण यह इंडियन पेमेंट मेथड बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं करता है.

    अगर आप चाहते हैं कि नेटफ्लिक्स का किसी भी सब्सक्रिप्शन को खरीदना तो आपको उसके लिए Paypal अकाउंट का प्रयोग करना होगा या फिर आप Visa कार्ड, मास्टर कार्ड या फिर किसी भी अमेरिकन बैंक कार्ड यूज कर सकते हो.

    Netflix Payment Solution

    अगर आप चाहते हो नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन को खरीदना और आपके पास क्रेडिट और डेबिट कार्ड नहीं है तो यहां पर आप एक PayPal का अकाउंट बनाकर इसकी पेमेंट कर सकते हो, यह बहुत बढ़िया ऑप्शन हो सकता है आपके लिए पेपल अकाउंट बनाने के लिए आपको कुछ ही डॉक्यूमेंट की आवश्यकता पड़ती है और आपका अकाउंट जारी हो जाता है.

    अधिक जानकारी के लिए आप PayPal की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हो.

    हम आशा करते हैं कि हमारी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी और Netflix Paytm Payment के बारे में कुछ नॉलेज मिला होगा हमारी वेबसाइट पर और भी ऐसे आर्टिकल है आप उनका भी चयन कर सकते हैं.

  • Nox App Player ke Alternative kya he?

    Nox App Player ke Alternative kya he?

    क्या आप भी सर्च कर रहे हैं Nox Player Emulator के Alternatives? जोकि नॉक्स प्लेयर जैसे वर्क करते हो, तो आप इस Article को पढ़ते रहिए क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको 3 ऐसे बेहतरीन Android Emulator के बारे में बताएंगे जो Nox Player जैसे बेहतरीन काम करते हैं.

    Nox App Player ke Alternative kya he?

    What is Android Emulator?

    Android Emulator बह सॉफ्टवेयर होता है, जो कि किसी भी कंप्यूटर या लैपटॉप पर आपको Android के Apps और Games चलाने की अनुमति देता है, यह सॉफ्टवेयर की मदद से आप किसी भी प्रकार के Android सामग्री को यूज कर पाएंगे और इसके लिए आपको किसी भी एंड्राइड ओएस को अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं पड़ती यह आपको एक वर्चुअल डिवाइस सिस्टम प्रोवाइड करता है.

    3 Best Nox Player ke Alternative

    1. BlueStacks

    Nox App Player ke Alternative kya he?

    जो सबसे पहले Android Emulator आता है, हमारे लिस्ट में वह है BlueStacks emulator इस के बारे में कौन नहीं जानता अगर आप एंड्राइड गेम्स को अपने कंप्यूटर पर रन करते हैं, तो आप जरूर ही इस Android Emulator के बारे में जानते होंगे यहAndroid Emulator इंडस्ट्री में सबसे पॉपुलर Android Emulator है.

    यह Android Emulator बिल्कुल मुफ्त आता है, आप इसे आपके कंप्यूटर लैपटॉप पर डाउनलोड कर सकते हैं और माइक्रोसॉफ्ट विंडोज और एप्पल कंप्यूटर जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम पर इसे रन कर सकते हैं.

    System Requirements

    • OS: Microsoft Windows 7 and above.
    • Processor: Intel or AMD Processor.
    • RAM: Your PC must have at least 2GB of RAM. ( Note that having 2GB or more disk space is not a substitute for RAM)
    • HDD: 5GB Free Disk Space.
    • You must be an Administrator on your PC.
    • Up to date graphics drivers from Microsoft or the chipset vendor.

    2. Droid4X

    यह Android Emulator हमारे लिस्ट में दूसरे नंबर पर आता है.

    Nox App Player ke Alternative kya he?

    यह भी Android Emulator इंडस्ट्री में काफी पॉपुलर एंडॉयड Emulator है, इस Emulator की खास बात यह है कि यह Low कंप्यूटर सिस्टम पर भी वर्क कर जाता है जैसे कि BlueStack को रन करने के लिए आपका कंप्यूटर Higher होना चाहिए, लेकिन इस Android Emulator में आप Low सेटिंग पर भी games खेल पाएंगे.

    System Requirements

    • Minimum A Dual Core CPU supporting virtualization technology
    • 32bit/64bit System
    • 1GB Ram
    • Graphics Chipset/Graphics Card supporting at least Open GL 2.0

    3. MeMu

    यह हमारा लास्ट Android Emulator जो कि आपको Nox Player जैसे सामान फीचर्स प्रोवाइड करता है, साथ ही साथ Android Emulator बिल्कुल फ्री है, आपको इसके लिए ₹ 1 भी देने की जरूरत नहीं है अगर आप काफी High-end gaming करते हैंया फिर किसी अन्य कार्य में इसका उपयोग करते हैं तो यह Emulator आसानी से आपके सभी कार्य में सहायक होगा.

    System Requirements

    • x86/x86_64 Processor (Intel or AMD CPU)
    • WinXP SP3 / Win7 / Win8 / Win8.1 / Win10
    • Windows DirectX 11 / Graphics driver with OpenGL 2.0
    • Hardware Virtualization Technology (Intel VT-x/AMD-V) shall be enabled in BIOS
    • Minimum 2GB of system memory
    • Minimum 2GB of hard disk free space

    तो मित्रों यह थे कुछ बेहतरीन Nox Player के Alternatives, हम आशा करते हैं कि आपको यह हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा और कुछ सीखने को मिला होगा और अगर हमसे कोई Best Android Emulator छूट जाता है, तो कृपया कर उसकी जानकारी हमें कमेंट के जरिए दें.

  • Kali Linux Kaise Install Kare Windows 10 me?

    Kali Linux Kaise Install Kare Windows 10 me?

    क्या आप Kali Linux OS को अपने Windows 10 ऑपरेटिंग सिस्टम के ऊपर इंस्टॉल करना चाहते हो तो आज आप इस आर्टिकल को पढ़ते रहिए क्योंकि आज हम सीखेंगे कि आप किस तरह से Windows10 पर Kali Linux को इंस्टॉल कर सकते हो बिना किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम को Uninstall किए.

    Kali Linux Debian Based Linux है जोकि Penetration एंड Security के लिए बनाई गई है जिसका उपयोग Hackers करते हैं किसी भी सिस्टम की सिक्योरिटी कितनी सुरक्षित है जानने के लिए.

    यह एक प्रकार का ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे कंप्यूटर पर इंस्टॉल किया जाता है और यह बिल्कुल फ्री है डाउनलोड करने के लिए Kali Linux को डाउनलोड करने के लिए आपको इसकी ऑफिशल साइट पर जाकर आर्किटेक्चर के हिसाब से डाउनलोड कर सकते हैं. आज हम सीखेंगे कि आप किस तरह से Kali Linux को इंस्टॉल कर सकते हैं विंडोज 10 मैं Virtual Box की मदद से. यह एक बहुत ही अच्छा सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से आप किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम को अपने Windows10 के ऊपर इंस्टॉल कर सकते हो. यह एक वर्चुअल ऑपरेटिंग सिस्टम बना देता है आपकी किसी भी विंडोज के ऊपर.

    Kya Windows 10 aur Kali Linux sath me Install ki ja sakti he?

    अगर आप Kali Linux को अपने कंप्यूटर पर इंस्टॉल करने वाले हैं तो यह प्रश्न आपके मन में जरूर आता होगा कि Windows10 और Kali Linux को हम एक कंप्यूटर में एक साथ इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं जिसका उत्तर देते हुए हमें खुशी है कि आप दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम को अपने कंप्यूटर में एक साथ चला सकते हैं इसे चलाने के दो तरीके हैं आप डायरेक्टली दो Boot Create कर सकते हैं अपने कंप्यूटर में या फिर आप Virtual Box की मदद ले सकते हैं Kali Linux को अपने Windows10 में इस्तेमाल करने तथा इंस्टॉल करने के लिए.

    Kaise Kare Kali Linux Install Windows 10 me?

    Step 1. सबसे पहले आपको Kali Linux की ISO फाइल और Virtual Box को डाउनलोड कर लेना है अपने कंप्यूटर पर और आप नीचे दिए हुए लिंक पर भी क्लिक करें इन्हें डाउनलोड कर सकते हैं.

    Kali Linux ISO फाइल डाउनलोड करने से पहले आपको यह सुनिश्चित कर लेना है कि Windows 10 64bit या 32bit बाली है जिसके लिए आप My Computer में जाकर प्रॉपर्टी में चेक कर सकते हो अपने कंप्यूटर का आर्किटेक्चर.

    Virtual Box Installation

    Step 2. Virtual Box को अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करने के बाद आपको इसे इंस्टॉल करना है अपने कंप्यूटर पर.

    Step 3. Virtual Box को ओपन करें और Next पर क्लिक करें.

    Step 4. Install होने के बाद इसे ओपन करें.

    Step 5. Open करने के बाद आपको बाय और “New” का आइकन दिख रहा होगा उस पर आपको क्लिक करना है और आप नीचे दी हुई एक इमेज में भी देख सकते हैं.

    Step 6. उसके बाद आपको Virtual Box Machine Create करनी है Kali Linux के लिए जिसमें आपको Name, Type, Version पूछेगा तो आपको यह Information enter कर देना है.

    Kali Linux Kaise Install Kare Windows 10 me?

    Step 7. अब आपको Kali Linux के लिए Memory Ram सेलेक्ट करनी है आप यहां पर अपने कंप्यूटर के हिसाब से मेमोरी रैम सिलेक्ट कर सकते हैं जैसे कि अगर आपके पास कंप्यूटर में 8GB Ram है तो आप यहां पर 2GB रैम दे सकते हैं.

    Step 8. अब आपको यहां पर Kali Linux के लिए Storage सिलेक्ट करना है जहां पर आप कम से कम 32GB स्टोरेज देना जरूरी है.

    अब Kali Linux तैयार है Install करने के लिए

    Step 8. अब आप को “Start” पर क्लिक कर देना है उसके बाद आपके सामने एक Window ओपन होगी और यहां पर आपको Kali Linux की ISO फाइल को सेलेक्ट करना है जो कि आपने डाउनलोड की होगी.

    Kali Linux Kaise Install Kare Windows 10 me?

    Step 9. Kali Linux की ISO फाइल को सेलेक्ट करने के बाद Machine Start हो जाएगी उसके बाद आपको कीबोर्ड की मदद से “Graphical Install” को सेलेक्ट करना है.

    Kali Linux Kaise Install Kare Windows 10 me?

    Step 10. अब आपको यहां पर अपनी भाषा को सेलेक्ट करना है और “continue” बटन पर क्लिक करना.

    Step 11. Hostname मैं आपको यहां पर “Kali” enter करना है और Domain name में Kali Linux.

    Step 12. अब आपको यहां पर “Username और Password” enter करना होगा उसके बाद continue पर क्लिक करें.

    Step 13. अब यहां पर आपको Partitions Disk सेलेक्ट करनी है जो कि हम डिफॉल्ट रहने देंगे.

    Step 14. अब आपको “Finish partitioning and write changes to disk” पर क्लिक करना है उसके बाद ही “YES” कर continue पर क्लिक कर देना है.

    Kali Linux Kaise Install Kare Windows 10 me?

    अब Kali Linux का Installation स्टार्ट हो जाएगा आपके कंप्यूटर में जो कि कुछ ही समय में खत्म हो जाएगा.

    Step 15. क्लिक करें /dev/sda पर और continue पर क्लिक कर दें.

    Step 16. Kali Linux की Installation कंप्लीट होने के बाद यह आपसे Username और Password मांगेगा जो कि हमने Install करने के दौरान इसे दिया था जिसकी मदद से आप Kali Linux के अंदर Login कर सकते हैं.

    Kali Linux Kaise Install Kare Windows 10 me?

    इस तरह आप Kali Linux को अपने Windows10 में Install कर सकते हैं जैसे कि आपने देखा कि Kali Linux को Install करना कितना आसान है. कंप्यूटर पर अगर आपको कोई भी समस्या आती है Kali Linux को Install करने में तो आप नीचे दिए हुए Video को भी देख सकते हैं जिसमें हमने बहुत अच्छी तरह से समझाया है.

    https://youtu.be/tKY4Bd9Ahoc

    हम आशा करते हैं कि हमारा यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा और अभी तक आप सीख चुके होंगे कि किस तरह से Kali Linux को Install किया जाता है अपने Windows10 पर अगर आपको कोई भी समस्या आती है Kali Linux Installation में तो आप हमें नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स के जरिए संपर्क कर सकते हैं.

  • Garena Free Fire खेलने के लिए कंप्यूटर में कितना GB Ram/ROM और कोनसा Processor होना चाहिए?

    Garena Free Fire खेलने के लिए कंप्यूटर में कितना GB Ram/ROM और कोनसा Processor होना चाहिए?

    System Requirements

    क्या आप Garena Free Fire गेम के शौकीन हैं, और चाहते हैं अपने कंप्यूटर पर इस गेम को खेलना तो आज आप इस आर्टिकल को पढ़ते रहिए क्योंकि हम आपको Garena Free Fire गेम कैसे कंप्यूटर पर खेलते हैं और उसके लिए कितनी Ram, Rom और Processor की जरूरत पड़ती है.

    जैसे कि आप जानते ही होंगे कि Garena Free Fire एक बहुत ही लोकप्रिय गेम हैं जिसे पूरी दुनिया भर में खेला जाता है अपने मोबाइल फोन तथा कंप्यूटर पर यह एक प्रकार का Battle Royal गेम है, जिसमें 50 प्लेयर हिस्सा लेते हैं और यह गेम लगभग 10 minutes में चलाया जाता है जिसमें आप अपनी खुद की squads बना सकते हैं जिसमें 4 प्लेयर एक साथ खेल सकते हैं, squads में आप आपके Friends या family मेंबर्स को ऐड कर सकते हैं साथ ही साथ इस गेम में बहुत अच्छे Graphics भी देखने को मिल जाते हैं जिसे आप अपने मोबाइल फोन या लैपटॉप पर इंजॉय कर सकते हैं इस गेम को PUBG Mobile का Alternative कहा जाता है.

    हम आज आपको बताएंगे कि Garena Free Fire को आप अपने बजट में कैसे खेल सकते हैं अपने Computer पर जिसके लिए आपको ज्यादा रुपए खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी.

    अगर आप गरीना फ्री फायर को कम Graphics तथा Low Budget में खेलना चाहते हैं तो आपको नीचे दिए हुए System Requirements की तरफ जाना चाहिए अगर आप Gameplay करते हैं तो आपको लगभग 30 से 40 तक FPS देखने को मिलेगा.

    Minimum System Requirements

    • Operating System: 64 Bit Windows 7, Windows 8, Windows 10.
    • Processor: Core i3, or Ryzen 3.
    • Ram: 8GB.
    • Free HDD Space: 2GB.
    • DirectX: Version 11 or higher.

    अगर आप High-Graphics पर Garena Free Fire को खेलना चाहते हैं और आपका बजट बहुत अच्छा है तो आप नीचे दिए हुए System Requirements को बनवा सकते हैं जिसमें आपको आराम से 80 से 120fps तक देखने को मिल जाएंगे जो कि आपके लिए बहुत ही अच्छा गेमिंग एक्सपीरियंस होगा.

    Recommended System Requirements

    • Operating System: 64 Bit Windows 7, Windows 8, Windows 10.
    • Processor: i5 or Ryzen 5.
    • Ram: 16GB.
    • Free HDD Space: 2GB.
    • DirectX: Version 11 or higher.

    Garena Free Fire Kaise Computer me khele?

    Garena Free Fire गेम को कंप्यूटर तथा लैपटॉप पर खेलना बहुत ही ज्यादा आसान है बस आपको नीचे दिए हुए कुछ स्टेप्स को फॉलो करना है और आप भी अपने कंप्यूटर पर गेम को खेल पाएंगे.

    Step 1. गेम को खेलने के लिए सबसे पहले आपको Android Emulator को डाउनलोड करना होगा जिसके लिए BlueStacks Emulator सबसे अच्छा माना जाता है.

    Step 2. BlueStacks Emulator को डाउनलोड करने के बाद आपको इसे अपने कंप्यूटर में Install कर लेना है उसके बाद इसे ओपन करना है.

    Step 3. इस Emulator को ओपन करने के बाद सर्वप्रथम आपको Google PlayStore ओपन करना है जिसमें आपको अपना Gmail Account Login करना है अगर आपके पास कोई भी जीमेल अकाउंट उपलब्ध नहीं है तो आप आपका नया अकाउंट जारी कर सकते हैं.

    Step 4. अब आपको Google PlayStore में सर्च करना है Garena Free Fire और जो पहला रिजल्ट दिखेगा उस पर click कर इस गेम को डाउनलोड कर लेना है, मोबाइल फोन में जितना Size इस गेम का होता है उतना ही Size कंप्यूटर का भी होगा.

    Installation Video

    https://www.youtube.com/watch?v=tmtO–cSw2s

    इस तरह Garena Free Fire को अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड कर खेल सकते हैं वह भी बिना किसी परेशानी के जब कभी भी आप इस गेम को अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करें आपको सिस्टम रिक्वायरमेंट का ध्यान रखना बहुत जरूरी है अगर आपके कंप्यूटर में बहुत Low Specifications है तो यह गेम आपके कंप्यूटर में बहुत धीरे चलेगा और आपको गेम खेलने में कोई भी मजा नहीं आएगा.

    हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और कुछ सीखने को मिला होगा Garena Free Fire गेम के बारे में हमने आपको Low Budget और High Budget दोनों सिस्टम रिक्वायरमेंट बताई है जिसमें से आप कोई भी सेलेक्ट कर सकते हैं अपने मन मुताबिक.

  • DOS कमाण्ड का प्रारूप क्या है?

    DOS कमाण्ड का प्रारूप क्या है?

    dos

    आज हम सीखेंगे कि Dos कमाण्ड प्रारूप क्या है? और यह कैसे काम करता है, तो आप इस Article को पढ़ते रहें.

    1. XCOPY
    2. DISKCOPY
    3. DISKCOMP
    4. ATTRIB
    5. MOVE

    1. XCOPY– यह कमाण्ड copy कमाण्ड से ज्यादा अच्छी है, यह कमाण्ड बहत तेज है जो सारी डारेक्ट्री व उप डायरेक्ट्री तथा उनकी फाइलों को कॉपी करने में मदद करती है.

    प्रारूप (Syntax)- xcopy < source file >< Target file 
    उदाहरण: C:\Rahul > xcopy * * A:/s 

    2. DISCOPY– इस कमाण्ड के द्वारा केवल एक प्रकार की प्लॉपी से उसी प्रकार का फ्लापी की अन्य प्रतिलिपि बनाई जा सकती है.

    प्रारूप (Syntax)-A:/> Diskcopy < Source Disk > <Target Disk > 
    उदाहरण: A:/>DiscopyA: A: - 

    यहाँ फ्लॉपी ड्राइव ही सोर्स और लक्ष्य ड्राइव है। इसके बाद हमें निम्न संदेश प्राप्त होंगे, Enter source disk is drive A and press any key कॉपी करने वाली फ्लॉपी को इन्सर्ट करके एण्टर ‘की’ दबायें, अब निम्न संदेश प्राप्त होगा- Enter Target disk in drive Aand press any key जिस फ्लॉपी में कॉपी करना है, उसे इन्सर्ट करके कोई भी ‘की’ दबायें.

    3. DISKCOMP– दो डिस्कों की तुलना करने के लिये इस कमाण्ड का प्रयोग किया जाता है.

    प्रारूप (Syntax)-C:\> Diskcomp < source disk > < Target disk >

    इस कमाण्ड का प्रयोग इसलिये करते हैं ताकि हम पता कर सकें कि डिस्क की कॉपी बनाने में कोई गलती न रह गई हो.

    4. ATTRIB COMMAND– यह डॉस की बाहरी कमाण्ड है, जिसका प्रयोग फाइल के attribute को बदलने के लिये किया जाता है.

    प्रारूप- C:\> ATTRIB/ < Switch > 

    इस कमाण्ड में निम्न स्विचों का प्रयोग किया जाता है.

    +R- फाइल को Read only बनाने के लिये 
    -R- फाइल के Read only गुण को समझने के लिये 
    +A- फाइल का archive attribute को set करने के लिये 
    -A- फाइल के archive attribute को समाप्त करने के लिये
    +H- फाइल को Hidden करने के लिये 
    -H- Hide file को देखने के लिये

    5. MOVE– इस कमाण्ड का प्रयोग display output देखने के लिये किया जाता है.

    प्रारूप: C:\>MOVE | PATH < file name >

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  • Dos की System Files कौनसी हैं? Booting process

    Dos की System Files कौनसी हैं? Booting process

    dos system files

    MS DOS की कुछ मुख्य फाइलें कुछ विशेष कार्य जैसे Booting Process इनपुट/आउटपुट के लिये डिवाइसेस निर्धारित करना, Operating System के समस्त निर्देशों को मेमोरी में स्टोर करना आदि के लिये प्रयोग की जाती है, इन सभी फाइलों के विस्तारक नाम भी विशेष होते हैं, जैसे-sys, exe, com आदि ये फाइलें निम्न हैं.

    1. IO.SYS व MS-DOS.SYS फाइल
    2. COMMAND.COM फाइल
    3. AUTOEXEC.BAT फाइल
    4. CONFIG.SYS फाइल

    1. IO.SYS व MS DOS.SYS फाइल– इन फाइलों को सिस्टम फाइल भी कहते है, इसीलिये इनका विस्तारक नाम होता है, ये दोनों सिस्टम Files Booting के समय अपने आप ही कम्प्यूटर की मेमोरी में लोड हो जाती है, ये फाइलें DOS कर्नल का प्रतिनिधित्व करती है, इन फाइलों का मुख्य कार्य इनपुट आर आउटपट डिवाइसों को ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जोड़ना है, ये फाइल इनपुट/आउटपुट डिवाइसों की जानकारी अपने पास रखती हैं, इन फाइलों को हम फाइलों की सूची में नहीं देख सकते क्योंकि ये फाइलें छुपी रहती हैं.

    2. COMMAND COM– MS DOS के अन्दर एक command इन्टरप्रीटर होता है जो तीनों फाइलों IO. sys, MS DOS.sys तथा COMMAND.COM का एक समूह होता है, ये IO. sys तथा MS DOS.sys छिपी हुई फाइलें होती हैं जबकि COMMAND.COM एक प्रोग्राम फाइल है, जब कम्प्यूटर वूट होता है तो ये तीनों फाइल स्वतः ही मेमोरी में लोड हो जाती हैं, COMMAND.COM फाइल यूजर का कम्प्यूटर से सम्पर्क स्थापित करती है, उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम की विभिन्न Intermal Command स्टोर रहती है, जिसे user डॉस प्राम्पट पर टाइप करके प्रयोग कर सकता है.

    3. AUTOEXEC.BAT– बूटिंग के बाद ऑपरेटिंग सिस्टम इस फाइल को ढूंढ़ता है, और इसे Execute कर देता है. यह क्रिया कम्प्यूटर को ऑन करने पर होती है, यह एक बैच फाइल है इसीलिये इसका Extension. BAT होता है. प्रोग्राम फाइल के समान ही इसमें लिखे निर्देशों को अपने आप Execute किया जाता है इसीलिये इसका नाम AUTOEXEC है.

    4. CONFIG.SYS- यह एक टैक्सट फाइल होती है, जिसमें ऐसे प्रोग्राम होते हैं, जो कम्प्यूटर के हार्डवेयर मेमोरी, Keyboard, printer आदि को configure करता है, जिससे डॉस और एप्लिकेशन प्रोग्राम इनका प्रयोग कर सक CONFIG.SYS फाइल डिस्क पर मूल डायरेक्ट्री में स्टोर रहती है.

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  • Disk, Directory तथा Files का व्यवस्थापन किस प्रकार किया जाता है?

    Disk, Directory तथा Files का व्यवस्थापन किस प्रकार किया जाता है?

    disk, directory, files

    Operating System प्रोग्राम, मेमोरी और फाइल को मैनेज करता है और सभी इनपुट, आऊटपुट डिवाइसेस को चैक करता है, कम्प्यूटर हार्डवेयर सीधा यूजर से नहीं जुड़ सकता, इसे एक माध्यम की आवश्यकता होती है, यह माध्यम इसे ऑपरेटिंग सिस्टम प्रदान करता है, MS-DOS का पूरा नाम माइक्रोसॉफ्ट डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम है. इसे अगस्त, 1981 ई. में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने तैयार किया था, MS-DOS कम्प्यूटर पर सारा नियन्त्रण विभिन्न कमाण्ड्स के द्वारा करता है. जिस प्रकार मनुष्य का मस्तिष्क उसके पूरे शरीर पर नियन्त्रण करता है उसी प्रकार MS-DOS कम्प्यूटर की प्रणाली पर नियन्त्रण करता है, वर्तमान समय में दो प्रकार के डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम प्रचलित हैं.

    1. माइक्रोसॉफ्ट डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (MS-DOS)
    2. पर्सनल कम्प्यूटर डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (PC-DOS)

    Dos Computer हार्डवेयर एवं विभिन्न एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के मध्य सम्बन्ध स्थापित करता है, डॉस के बिना कम्प्यूटर अधूरा है, डॉस को कम्प्यूटर की आत्मा भी कहा जा सकता है.

    Dos के कार्य

    1. डॉस हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के मध्य सम्बन्ध स्थापित करता है.
    2. डॉस इनपुट डिवाइसेज जैसे की-बोर्ड या माउस द्वारा दिये गये निर्देशों को कम्प्यूटर के समझने योग्य भाषा में अनुवादित करके सी.पी.यू. में प्रेषित करता है.
    3. डॉस कम्प्यूटर में फाइलों को नियन्त्रित करता है.
    4. डॉस कम्प्यूटर व उसके विभिन्न अंगों को नियन्त्रित करता है.
    5. डॉस कम्प्यूटर के साथ वार्तालाप को सम्भव बनाता है.

    सिस्टम बूट करना

    कम्प्यूटर में MS-DOS होने पर कम्प्यूटर के ऑन होते ही MS-DOS मेमोरी में संग्रहीत हो जाता है, MS-DOS के मेमोरी में संगृहीत होने की क्रिया को बूटिंग कहते हैं, बूटिंग के बाद कम्प्यूटर की स्क्रीन पर MS-DOS प्रोम्ट आ जाता है, MS-DOS में की-बोर्ड से निर्देश टाइप करते हैं तथा एण्टर-की दबाते हैं. एण्टर की दबाने के बाद MS-DOS निर्देश सम्पन्न हो जाता है.

    Disk, Directory एवं Files– कम्प्यूटर का संयोजन अत्यन्त व्यवस्थित रूप से किया गया है, डिस्क, डायरेक्ट्री एवं फाइलों को समझने के लिये एक अलमारी की कल्पना कीजिये, डिस्क उस अलमारी की भाँति है, जिसकी विभिन्न दराजों में विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षित रहते हैं.

    Disk– डिस्क को मूल डायरेक्ट्री भी कहा जा सकता है, A एवं B फ्लॉपी ड्राइवों को निरूपित करता है तथा C, D….. हार्डडिस्क को, यदि हार्डडिस्क में विभाजन किया हुआ है तो यह ड्राइव नहीं, केवल मूल डायरेक्ट्री कहलाती है.

    Directory एवं उप Directory– यदि किसी अलमारी की दराज के दो अथवा दो से अधिक भाग हों तो दराज डायरेक्ट्री और उसके हिस्से उप-डायरेक्ट्री कहलायेंगे, जिन्हें Back Slash द्वारा अलग करते है.

    C: RAM RAMI> 
    यहाँ पर C: मूल डायरेक्ट्री राम डायरेक्ट्री एवं सम 1 उप-डायरेक्ट्री है.

    Cursor– बूट होने पर मॉनीटर पर प्रदर्शित, प्रोम्प्ट के आगे एक टिटिमाता डैश होता है, यही कर्सर कहलाता है.

    Files का नाम– जिस प्रकार दराजों में रखी फाइलों अथवा फोल्डरों पर अलग नाम लिखे जाते हैं, उसी प्रकार कम्प्यूटर की फाइलों को भी नाम दिया जाता है.

    किसी भी फाइल के नाम को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है.

    1. नाम 2. विस्तारित नाम

    Note– फाइलों में अधिकतम आठ अक्षर एवं विस्तारित नाम से अधिकतम तीन अक्षर होते हैं, नाम एवं विस्तारित नाम को डॉट ‘.’ द्वारा जोड़ा जाता है एवं डांट से पहले अथवा बाद में कोई स्थान रिक्त नहीं छोड़ा जाता है. जैसे- Config.Sys, Autoexec. Bat.

    फाइलों का नाम– फाइलों का नामकरण करते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखा जाता है.

    1. फाइल के नाम में A से Z तक (Capital or Small or Both) के अक्षर, 0 से 9 तक के अंक एवं विशेष चिन्ह जैसे- ), $, &, #, -, ._ @,.,% का प्रयोग किया जा सकता है.
    2. फाइल के नाम के मध्य रिक्त स्थान नहीं होना चाहिये.
    3. फाइल के नाम में ये चिन्ह .,?, <, >, [,],/,\, : नहीं होने चाहिये.
    4. फाइल के नाम में निम्नलिखित ग्यारह शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता परन्तु अन्य अक्षर, अंक अथवा चिन्हों के साथ इनका प्रयोग किया जा सकता है Com1, Com2, Com3, Com4, Lpt1, Lpt2, Avx, Con, Pm Bir Nul.
    5. डॉट ‘.’ का प्रयोग केवल एक बार मात्र फाइल के नाम और विस्तारित नाम को जोड़ने के लिये ही किया जाता है.

    DOS Prompt

    DOS– के कम्प्यूटर में लोड होने के बाद स्क्रीन पर एक प्रॉम्प्ट दिखता है जिसका मतलब है कि यह यूजर के आदेश लेने के लिये तैयार है, – अगर हम हार्डडिस्क पर काम करते हैं तब Prompt C कॉलन करके दिखाता हैं.

    C:\> 

    अगर हम फ्लॉपी डिस्क पर काम करते हैं तब Prompt A कॉलन करके दिखाता है.

    A: >

    इस प्रॉम्प्ट पर यूजर अपने आदेश लिखता है, ये आदेश निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं.

    1. आन्तरिक आदेश- ये डॉस के वे कमाण्ड्स हैं, जिनके लिये केवल डॉस का कम्प्यूटर में स्थान ही पर्याप्त होता है, इनके लिये विशेष फाइलों का होना आवश्यक नहीं है, इन कमाण्ड्स का सम्बन्ध डॉस की बूटिंग के समय लोड हुई फाइल Command.com से होता है, इस प्रकार की कमाण्ड्स को आन्तरिक कमाण्ड्स कहतें हैं, जैसे- COPY, DEL, DIR, CD, MD, DATE, TIME आदि.
    2. बाहरी आदेश- Dos की कुछ कमाण्ड्स इस प्रकार की होती हैं जिनके कार्यान्वयन के लिये उनके कार्यान्वयन से सम्बन्धित फाइल को कम्प्यूटर में विशेष डायरेक्ट्री में होना आवश्यक होता है. इस प्रकार की कमाण्ड्स को बाहरी कमाण्ड्स (Extermal Commands) कहते हैं, जैसे- FORMAT, PRINT,XCOPY आदि.

    Note– Dos द्वारा कोई भी कार्य सम्पन्न कराने के लिये डॉस प्रॉम्प्ट पर कमाण्ड को टाइप करके एण्टर- Key को दबाया जाता है, यदि हमने कमाण्ड को सही प्रकार टाइप किया है तो वाछित कार्य पूर्ण हो जाता है और यदि कमाण्ड टाइप करने में कोई त्रुटि रह जाती है तो डॉस स्क्रीन पर निम्नलिखित सन्देश प्रदर्शित करता है.

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    Dos के आदेश-

    डॉस के मेमोरी में लोड होने के बाद सबसे पहले तारीख और समय माँगता है, जैसे-

    Current Date is The 15-09-2019
    Enter New Date :

    इसमें या तो नई तारीख दे सकते हैं या सीधे ही एण्टर की दबा सकते हैं, तब वह अगली सूचना देगा, जैसे

    Current Time is : 7:05:20
    Enter New Time: 

    इसमें भी या तो नया टाइम दे सकते हैं या सीधे ही एण्टर-की दबा सकते हैं, इसके बाद डॉस C कॉलन पर आ जाता है, जिसका मतलब है हम आगे कमाण्ड लिख सकते हैं, डॉस के प्रमुख आदेश इस प्रकार हैं.

    Note– लिखने की शैली में <Enter> को – से भी प्रदर्शित करते हैं, पुस्तक में आगे आप जहाँ भी इस चिन्ह – का प्रयोग देखें,वहाँ <Enter> को दबाना ही समझें.

    1. Directory में उपस्थित फाइलों एवं उप-डायरेक्ट्री की सूची देखना– इस कमाण्ड की सहायता से कम्प्यूटर की वर्तमान डिस्क की वर्तमान क्रियाशील डायरेक्ट्री में उपस्थित फाइलों एवं उपडायरेक्ट्री की सूची तथा उसे सम्बन्धित सूचनाओं को मॉनीटर स्क्रीन पर देखा जा सकता है.

    DIRJ

    2. फाइल कॉपी करना– इस कमाण्ड का प्रयोग फाइल की प्रतिलिपि, वर्तमान डायरेक्ट्री से किसी अन्य ड्राइव अथवा डायरेक्ट्री में उसी नाम से अथवा किसी अन्य नाम से तैयार करने एवं कई फाइलों को एक साथ जोड़ने के लिये किया जाता है, यह एक आन्तरिक कमाण्ड है.

    COPY <Source File- Name> <Target Drive> - जैसे-C:\> Copy Ram.Doc A:\ Raml.DocVd

    फाइल में कॉपी होते ही मॉनीटर स्क्रीन पर एक फाइल कॉपी आदेश प्रदर्शित होगा, इस प्रकार Ram.doc जो C ड्राइव की मूल डायरेक्ट्री में है, इसकी प्रतिलिपि A: फ्लॉपी ड्राइव में स्थित फ्लॉपी पर Ram.doc के नाम से तैयार हो जायेगी.

    3. फाइल को मिटाना- इस कमाण्ड का प्रयोग किसी फाइल को कम्प्यूटर की स्मृति से मिटाने के लिये किया जाता है. यह एक आन्तरिक कमाण्ड है, इस कमाण्ड का सूत्र निम्नानुसार है.

    Del < File-Name>

    मान लीजिये, हमें C: ड्राइव की मूल डायरेक्ट्री में स्थित फाइल Ram.doc को मिटा तो इसके लिये हम निम्नानुसार कमाण्ड देंगे-

    C:\Del Ram.doc - 

    DEL कमाण्ड के साथ /P स्विच का प्रयोग किया जा सकता है, इस स्विच का प्रयोग करने पर DEL कमाण्ड फाइल को समाप्त करने से पूर्व कन्फमेशन चाहता है, यदि हम की को दबा देते हैं तो फाइल मिट जाती है और यदि N की को दबाते हैं तो कमाण्ड ए को समाप्त किये बिना आगे बढ़ जाती है.

    4. फाइल का नाम परिवर्तित करना– इस कमाण्ड का प्रयोग फाइल का नाम बदलने के लिये किया जाता है, कभी-कभी त्रुटिवश हम फाइल का नाम गलत रख देते हैं, तब दस कमाण्ड द्वारा हम फाइल का नाम परिवर्तित कर सकते हैं.

    REN<Source FileName><New-Name>

    5. नयी उप-डायरेक्ट्री बनाना- MD अथवा MKDIR कमाण्ड का प्रयोग नई उप डायरेक्ट्री बनाने के लिये किया जाता है, इस कमाण्ड का सूत्र निम्नलिखित है.

    MD<Directory-Name>

    अथवा

    MKDIR <Directory-Name> 

    यदि हमें Jay नाम की उप-डायरेक्ट्री, मूल डायरेक्ट्री में बनानी है तो इसके लिये हम निम्नानुसार कमाण्ड देंगे-

    C:\>MD Jay 

    इस प्रकार ड्राइव की मूल डायरेक्ट्री में एक नई उप-डायरेक्ट्री Jay बन जायेगी.

    6. दिनांक बदलना– इस कमाण्ड का प्रयोग कम्प्यूटर की दिनांक देखने एवं यदि हम चाहें तो कम्प्यूटर द्वारा प्रदर्शित दिनांक को बदलने के लिये किया जाता है.

    DATE

    इस कमाण्ड को देने के लिये डॉस प्रॉम्प्ट पर डेट लिखकर एण्टर-की दबाने से पहले तो कम्प्यूटर मे संचित डेट प्रदर्शित होती है, इसके बाद हम कम्प्यूटर से नयी दिनांक, (जो भी हम देना चाहते हैं), इनपुट करने के लिये सन्देश स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है.

    यदि हम कम्प्यूटर की दिनांक बदलना चाहते हैं तो [MM-DD-YY] फॉरमेट में दिनांक इनपुट कर सकते हैं, अन्यथा केवल <Enter> की दबाकर इस कमाण्ड को कैन्सिल कर सकते हैं, (MM-DD-YY) में MM का अर्थ है दो अंकों का महीना अर्थात् जनवरी के लिये 01तथा नवम्बर के लिये 11 लिखा जायेगा, DD का अर्थ है दो अंकों का दिनांक अर्थात् 01 से 31 तक एवं YY का अर्थ है दो अंकों का वर्ष अर्थात् 2006 के लिये 06, 2007 के लिये 07 लिखा जायेगा.

    7. समय (टाईम) बदलना– इस कमाण्ड का प्रयोग कम्प्यूटर में सुरक्षित समय (टाईम) को स्क्रीन पर देखने एवं यदि हम चाहें तो कम्प्यूटर द्वारा प्रदर्शित समय को बदलने के लिये किया जाता है.

    TIME इस कमाण्ड को देने के लिये Dos Prompt पर टाइम लिखकर एण्टर की दबाने से पहले तो कम्प्यूटर टाईम प्रदर्शित होता है एवं बाद में कम्प्यूटर हा से टाईम इनपुट करने के लिये कहता है, यदि हम कम्प्यूटर के टाईम को बदलना चाहते हैं तो हम [Hours : Minutes : Seconds] फॉरमेट में समय (टाईम) इनपुट कर सकते हैं, अन्यथा हम एण्टर-की दबाकर कमाण्ड को निरस्त करके डॉस प्रॉम्प्ट पर आ सकते हैं.

    8. CLS आदेश- CLS आदेश स्क्रीन पर उपस्थित सभी अवयवों को मिटा देता है.

     C:\CLSI  

    9. डायरेक्ट्री को बदलने का आदेश– यदि यूजर एक डायरेक्ट्री से दूसरी डायरेक्ट्री में जाना चाहता है, तो इस कमाण्ड का उपयोग करता है.

    C:\>Cd <Directory-Name> 

    10. COPY Con आदेश- डॉस में नयी फाइल बनाने के लिये COPY Con कमाण्ड का प्रयोग किया जाता है जिसका सूत्र निम्नानुसार है.

    C:\>COPY Con-< File Name>

    यदि हमें RAJA नाम की फाइल बनानी है तो सूत्र निम्नानुसार होगा.

    C:\Copy Con- RAJA

    नोट– डॉस में फाइल का नाम देने के बाद उसे कण्ट्रोल (^z) जेड या ‘F6’ से सुरक्षित किया जाता है.

    11. TYPE आदेश– इस कमाण्ड के द्वारा फाइल में उपलब्ध सूचनाओं को स्क्रीन पर देखा जा सकता है, इसका सूत्र निम्नानुसार है.

    C:> TYPE-<File Name> - 

    यदि हमें RAJA फाइल देखनी है तो हमारा सूत्र निम्नानुसार होगा.

    C:\TYPE-RAJA 

    एन्टर की दबाने के बाद रवि फाइल से सम्बन्धित सभी सूचनायें स्क्रीन पर दिखाई देंगी.

    12. PROMPT आदेश– इस कमाण्ड का प्रयोग डॉस प्रॉम्प्ट को बदलने के लिये किया जाता है, सामान्यतः जब हम कम्प्यूटर ऑन करते हैं तो स्क्रीन पर C Prompt (C:\>) आता है. यदि हमें इसका नाम बदलकर ‘NISHA करना हो तो इस कमाण्ड का प्रयोग निम्नानुसार करेंगे.

    C:\>PROMPT - NISHA

    एन्टर की दबाते ही कम्प्यूटर स्क्रीन निम्न प्रकार हो जायेगी.

    NISHA:\>

    13. RD आदेश- RD से तात्पर्य है- Remove directory जब किसी डायरेक्ट्री को समाप्त करना होता है, तो यह कमाण्ड प्रयोग किया जाता है.

    C:\> RD- <Directory Name> 

    हम आशा करते हैं कि आपको Disk, Directory, तथा Files के बारे में समझ आ गया होगा अगर आपको कोई सुझाव है, तो आप हमें उसे कमेंट के जरिए पहुंचा सकते हैं.

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    (FAT) का पूरा नाम File Allocation Table है, इसका प्रयोग कम्प्यूटर में हार्ड डिस्क में फाइल को भण्डारण (store) करने एवं भण्डारण किये गये डाटा फाइलों को प्राप्त करने में किया जाता है. FAT वास्तव में हार्ड डिस्क को बाइट्स के गुच्छों में बाट देता है। और फिर उनमें Bit By Bit फाइलों को store करता है। इसे क्लस्टर (cluster) कहते हैं। फाइल के store होने के समय जो पहला क्लस्टर प्रयोग किया जाता है वह Root Directory से लिया जाता है.

    और यदि फाइल का आकार क्लस्टर से ज्यादा हो तो भण्डारण अगले क्लस्टर की ओर बढ़ा दिया जाता है, किन्तु पिछले वाले क्लस्टर में आगे वाले क्लस्टर का पता होता है, जिससे उसे पहचाना जाता है। FAT ही इन क्लस्टर को जोड़कर एक फाइल का निर्माण करता है.

    यदि FAT में Entry Zero है तो क्लस्टर free है, और इसके अलावा यदि अन्य कोई अंक है तो इसका तात्पर्य है कि वह अभी प्रयोग में है। Windows 98 से पूर्व FAT 16 प्रणाली का प्रयोग किया जाता था किन्तु अब FAT 32 प्रणाली का प्रयोग किया जाता है.

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    Batch File Executable file (करणीय फाइल) होती है, जिसका तात्पर्य है कि यह क्रियान्वित (Execute) करने के लिये प्रयोग की जाती है। बैच फाइल का Extension. BAT होता है, Dos के लिये एक विशेष बैच फाइल होती है, जिसे AUTOEXECUTE.BAT कहते हैं? चूँकि यह स्वतः क्रियान्वित होती है। इसलिये इसे autoexecute file की संज्ञा दी गई है। इसके अन्दर डॉस के सभी निर्देश होते हैं, जब कम्प्यूटर बूट होता है। हर बार यह डिस्क पर इस file को ढूंढ़ता है और इसके अन्दर लिखे निर्देशों को स्वतः क्रियान्वित करता है.

    Dos के अन्दर बैच फाइल का निर्माण करने के लिये कम्प्यूटर की एक विशेष कमाण्ड copy.con का प्रयोग करते हैं। तथा Extension के लिये BAT जोड़ते हैं.

    इसका syntax निम्न प्रकार है

    Syntax- C:\> copycon TEST.BAT 
    PATH = C:\>WINDOS

    इसके बाद ctrl + ‘z’ की (key) एक साथ दबाकर इसे save कर लेते हैं.

    इसे execute करने के लिये इसका नाम (Test_BAT) लिखकर ENTER key दबाते हैं.

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    Directory– डायरेक्ट्री फाइलों का एक कलेक्शन है, जिसमें विशेष प्रकार की कई काइलें एक साथ रखी जाती हैं। उदाहरण के लिये जिस प्रकार ऑफिस में विभिन्न प्रकार के पत्र, लेख, दस्तावेज, ऑर्डर, फार्म इत्यादि अलग-अलग प्रकार की फाइलों में सुरक्षित रखे जाते हैं। और फिर इन फाइलों को आसानी से प्राप्त करने के लिये किसी ड्रावर या कैबिनेट में रखते हैं। उसी प्रकार डॉस में इन फाइलों को सुरक्षित रखते हैं, जिसे डायरेक्ट्री कहते हैं.

    Files– जब हम किसी एप्लिकेशन प्रोग्राम की सहायता से किसी Document को तेयार करते हैं तो उसे सुरक्षित करने के लिये एक विशेष Extension देना होता है। जैसे MSWord में तैयार की गई फाइलों का Extension.doc होता है। फोटोशॉप में तैयार फोटो का Extension.psd होता है। इन अलग-अलग प्रकार के document को फाइलें कहते हैं.

    Rules For Creating a Filename

    1. फाइलों के नाम को बनाने के निम्न भाग होते हैं.
    (A) फाइल का आइडेन्टिकल (पहचान वाला) नाम.
    (B) फाइल का विस्तारित नाम (Extension) डॉट-ऑपरेटर के द्वारा इन दोनों नामों को जोड़ा जाता है।.

    2. एक्सटेंशन छोड़कर फाइल के नाम में 1-8 तक अक्षर हो सकते हैं.

    3.एक्सटेंशन नाम में 0-3 अक्षर हो सकते हैं.

    4. डॉट-ऑपरेटर के बाद में और पहले खाली जगह नहीं छोड़ी जाती है.

    5. फाइलों के नाम में symbols (विशेष चिन्ह) जैसे-&, $, [, ], <, >, इत्यादि का प्रयोग नहीं कर सकते हैं.

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