Author: Ram

  • File Operations फाइलों का संचालन किस प्रकार किया जाता है?

    File Operations फाइलों का संचालन किस प्रकार किया जाता है?

    file operations

    फाइलों का संचालन करना- एम.एस. एक्सेल में फाइलों के संचालन में फाइलों को खोलना, फाइलें बनाना, फाइलों को सुरक्षित करना, उसका नाम बदलना एवं बन्द करना आता है।

    (A) नई फाइल/वर्कबुक बनाना-

    नयी फाइल या वर्कबुक बनाने के लिये कोई एक विधि का प्रयोग करें.

    • File मैन्यू से New का चयन करे। या Ctrl+N दबायें। या स्टैन्डर्ड टूलबार से न्यू बटन को क्लिक करें।

    • न्यू डायलॉग बॉक्स में वर्कबुक पर क्लिक करें।

    • OK बटन का चयन करें।

    (B) फाइल या वर्कबुक खोलना-

    फाइल या वर्कबुक खोलने के लिये.

    • फाइल मैन्यू से ओपन का चयन करें।

    या, Ctrl + 0 दबायें और इच्छित फाइल का चयन करें। या, स्टैन्डर्ड टूलबार से ओवन बटन पर क्लिक करें और इच्छित फाइल को चुनें।

    • Look in उस ड्राइव तथा फोल्डर का चयन करें जिसमें फाइल संगृहीत है।
    • इच्छित फाइल के नाम पर क्लिक करें।
    • Open बटन पर क्लिक करे। 

    (C) फाइल या वर्कबुक सुरक्षित करना-

    फाइल या वर्कबुक सुरक्षित करने के लिये

    • File मैन्यू से Save पर क्लिक करें। या Ctrl+S दबायें। या स्टैन्डर्ड टूलबार से सेब बटन को क्लिक करें.
    • Save As डायलॉग बॉक्स में Save in से उस ड्राइव तथा फोल्डर का चयन करें जिसमें फाइल को संगृहीत करना है.
    • फाइल का इच्छित नाम टाइप करें.
    • OK बटन दबायें। Save As.

    फाइलों की प्रतिलिपि बनाने के पद लिखिये।

    • फाइल को क्लिक करें तथा Open का चयन करें या, Ctrl+0 की-बोर्ड से एक साथ दबायें। या फिर ओपन बटन को स्टैन्डर्ड टूलबार से क्लिक करें।
    • Look in बॉक्स में, उस ड्राइव या फोल्डर को क्लिक करें, जिससे फाइल को कॉपी करना है।
    • जिस फाइल को कॉपी करना है उसका दायाँ क्लिक करें तथा शॉट-कट मैन्यू से कॉपी का चयन करें।
    • इसके बाद, Look in बॉक्स में उस ड्राइव या फोल्डर को क्लिक करें जिसमें कॉपी किये गये फाइल को पेस्ट करना है।
    • फोल्डर लिस्ट में दायाँ क्लिक करें तथा शॉट-कट मैन्यू से Paste को क्लिक करें। 

    अब फाइल को एक और विधि से भी कॉपी कर सकते हैं। इसके लिये निम्न पदों का अनुसरण करें-

    • आप फाइल को खोले जिसका प्रतिलिपि बनाना है। 
    • File मैन्यू से Save As का चुनाव करें या Ctrl+A की-बोर्ड से दबायें। 
    • File name में डॉक्यूमेन्ट का नया नाम टाइप करें। 
    • Save बटन पर क्लिक करें या एन्टर की दबायें।

    फाइल के नाम किस प्रकार बदले जाते हैं?

    फाइल के नाम को बदलना- फाइल के नाम को बदलने के लिये ऐसा करें.

    • फाइल को क्लिक करें तथा Open का चयन करें। या Ctrl+O की-बोर्ड से एक साथ दबायें। या फिर Open बटन को स्टैन्डर्ड टूलबार से क्लिक करें।
    • Look in बॉक्स में उस ड्राइव या फोल्डर को क्लिक करें जिसमें वह फाइल है जिसका नाम बदलना है।
    • उस फाइल पर दायां क्लिक करें जिसका नाम बदलना है।
    • शॉट-कट मेन्यू से Rename को चुनें।
    • इच्छित नाम टाइप करें।

    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

  • MS Word में Document को प्रिन्ट कैसे करे?

    MS Word में Document को प्रिन्ट कैसे करे?

    ms word

    Ms Word– कोई भी डॉक्यूमेंट Print करवाने से पहले किसी Printer को Default printer के रूप में स्थापित करना पड़ता है, यदि आपका default printer स्थापित हो चुका है और आप किसी खुले हुए डॉक्यूमेंट के सभी पेजों को केवल एक-एक कॉपी print करवाना चाहते हैं तो स्टैण्डर्ड टूल बार में print बटन को क्लिक कीजिये ऐसा करने पर आपका दस्तावेज डॉक्यूमेंट प्रिंटर पर छाप दिया जायेगा।

    MS Word में Document को प्रिन्ट कैसे करे?

    यदि आपके पास कई प्रिंटर हैं और उसमें से किसी एक को चुनना चाहते हैं या आप पूरे Document के बजाय कुछ चुने हुये पेज प्रिंट करना चाहते हैं अथवा एक से अधिक copy निकलवाना चाहते हैं तो स्टैण्डर्ड टूल बार की बजाय File menu के print विकल्प का use कीजिये, यह आदेश देते ही आपकी स्क्रीन पर एक DialogBox प्रदर्शित होगा।

    जब हम प्रिन्ट प्रिव्यू में (Print preview) अपने डॉक्यूमेन्ट को देखकर सन्तुष्ट हो जाते हैं, तब हम इसको प्रिन्ट करने के लिये भेज देते हैं। अपने डॉक्यूमेन्ट को प्रिन्ट करने के लिये निम्न तरीके हैं।

    पहले फाइल मेन्यू पर क्लिक करके फिर प्रिन्ट विकल्प पर क्लिक करते हैं। ऐसा करते ही स्क्रीन पर प्रिन्ट डायलॉग बॉक्स खुल जाता है।

    ms word

    इस डायलॉग बॉक्स में निम्न विकल्प हैं

    (1) प्रिन्टर (Printer)– इस विकल्प के द्वारा हमें उस प्रिन्टर (Printer) का नाम दिखायी देता है जिसके द्वारा फाइल को प्रिन्ट किया जा रहा है।

    (2) प्रिन्ट व्हाट (Print what)- इस विकल्प का उपयोग यह निर्धारित करने के लिये करते हैं कि प्रिन्टर के द्वारा किस प्रकार की सूचना को प्रिन्ट करना है।

    (3) नम्बर ऑफ कॉपिस (Number of copies)– इस विकल्प का उपयोग यह निश्चित करने के लिये करते हैं कि फाइल की कितनी कॉपी प्रिन्ट होनी है।

    (4) पेज रेन्ज (Page range)- इस विकल्प का उपयोग तब किया जाता है जब हमें फाइल को प्रिन्टर द्वारा प्रिन्ट न करके प्रिन्ट फाइल में बदलना होता है। इस Dialog Box में कई ऑप्शन दिये होते हैं। प्रिंट डॉयलॉग के copies वाले भाग में छापी जाने वाली copies की संख्या दी जाती है इसके लिये No. of copies स्पिन बॉक्स में वह संख्या भर दीजिये। मान लीजिये आपके डॉक्यूमेंट में 5 पेज हैं और आप उस डॉक्यूमेंट की 4 copies print कराना चाहते हैं तो हम संख्या 4 डालकर OK बटन पर क्लिक करते हैं तो उस डॉक्यूमेंट की 4 copies हमें प्राप्त हो जाती हैं।

    Also Read: PowerPoint Kya he?

    डॉक्यूमेंट को छापने से पहले उसको स्क्रीन पर देखने की क्रिया को प्रिंट प्रिव्यू कहते हैं इससे डॉक्यूमेंट कागज पर छपने के बाद कैसा लगेगा इसकी जानकारी मिल जाती है। प्रिंट प्रिव्यू को देखने के लिये Menu Bar पर File मैन्यू से print preview को चुनते हैं हमें प्रिंट प्रिव्यू दिख जाता है उसके बाद हम उस डॉक्यूमेंट की print copy निकाल सकते हैं। प्रिंट कॉपी निकालने के लिये निम्न चरणों का पालन करना होता है.

    (1) उस डॉक्यूमेंट को खोलो जिसकी print copy करना चाहते हैं।

    (2) File मैन्यू को चुनो। 

    (3) इसमें से print ऑप्शन पर क्लिक करो। 

    आपके डॉक्यूमेंट की print copy प्राप्त हो जायेगी.

  • किसी Document को Edit किस प्रकार करेंगे?

    किसी Document को Edit किस प्रकार करेंगे?

    आज हम सीखने वाले हैं कि किस प्रकार किसी भी Document को Edit किस प्रकार किया जाता है तो मित्रों पढ़ते रहिए हमारे Article को और सीखे किस तरह से यह कार्य करता है.

    Document

    एम.एस. वर्ड के अन्तर्गत एडिटिंग (editing) से जुड़े सभी कार्य एम.एस. वर्ड एडिट मीनू द्वारा सम्पन्न करते हैं। किसी भी डॉक्यूमेन्ट को एडिट करने के लिये निम्न का आवश्यक हैं

    (1) सर्वप्रथम डॉक्यूमेन्ट में सही स्थान का चुनाव करना।

    (2) न्यू टैक्स्ट (New text) को इन्टर (Enter) करना।

    (3) अनचाहे टैक्स्ट को हटाना।

    (1) सर्वप्रथम डॉक्यूमेन्ट में सही स्थान का चुनाव करना (Choose a right place in a document)-

    माउस के द्वारा डॉक्यूमेन्ट में सही स्थान चुनने या खोजने के लिये scrollbar का उपयोग करते हैं। वर्ड के अन्दर टैक्स्ट का सिलेक्शन माउस और की बोर्ड की सहायता से आसानी से किया जा सकता है।

    माउस के द्वारा टैक्स्ट को चुनने के दो तरीके हैं

    (i) क्लिक और ड्रेग तरीके का उपयोग- इसके उपयोग के निम्नलिखित स्टैप्स (steps)

    (a) जहाँ से आप सिलेक्ट करना चाहते हैं, उस वर्ड के बायें कार्नर (Left comer) पर क्लिक करें तथा माउस बटन को दबाकर रखें।

    (b) टैक्स्ट के चुने जाने पर वह टैक्स्ट सिलेक्ट हो जायेगा तब माउस का बटन छोड़ देते हैं।

    (ii) क्लिक और शिफ्ट तरीके का उपयोग- इसके उपयोग के निम्नलिखित स्टैप्स (steps) हैं.

    (a) जिस वर्ड (word) को चुनना चाहते हैं उसके लेफ्ट साइड (Left side) के फर्स्ट कैरेक्टर (First character) पर क्लिक करें।

    (b) टैक्स्ट को आप जहाँ तक चुनना चाहते हैं। वहाँ तक स्क्रॉल बार की सहायता से स्क्रॉल करें।

    (c) जहाँ तक चुनना चाहते हैं, उसके अन्त में क्लिक करें। स्टार्ट (Start) से लेकर क्लिक करने वाले स्थान तक का सारा टैक्स्ट हाईलाइट (Highlight) हो जाये।

    यदि हम चाहें तो की-बोर्ड के द्वारा भी टैक्स्ट को चुन सकते हैं। इसके लिये टैक्स्ट को सिलैक्ट करने के लिये शिफ्ट की को प्रेस कर Insertion प्वाइन्ट को चलाने वाली किसी भी की (kev) जैसे- Arrow key का उपयोग करके सिलेक्ट कर सकते हैं।

    (2) न्यू टैक्स्ट को एन्टर करना (Enter of New text)-

    न्यू टैक्स्ट को इन्सर्ट कराने के लिये की-बोर्ड से टाइप करते हैं ऐसा करते हुये इन्सर्शन प्वाइन्ट (Insertion point) आगे-आगे व अक्षर (character) पीछे दिखायी देते हैं।

    (3) अनचाहे टैक्स्ट को हटाना (Delete of Unusable text)-

    Insertion point या कर्सर (cursor) के लेफ्ट साइड स्थित अक्षर (character) को हटाने के लिये Delete की का उपयोग करते हैं तथा left side के अक्षर को मिटाने के लिये बैकस्पेस-की (backspacekevl का उपयोग करते हैं। तेजी से मिटाने के लिये दो तरीके हैं। जिसमें पहला तरीका यह कन्टोल + डिलीट-की को दबाने से text में Insertion point से वर्ड के last का पार्ट मिट जाता है तथा कन्ट्रोल + बेकस्पेस की (ctrl + backspace key) दबाने से Insertion point से वर्ड के स्टार्ट तक का पार्ट मिट जाता है।


    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

    हम आशा करते हैं कि आपको यह जानकारी प्राप्त कर अच्छा लगा होगा और आपको लगता है कि हमसे किसी प्रकार की जानकारी छूट गई है तो कृपया कर हमें उसकी जानकारी कमेंट के जरिए दे सकते हैं

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    आप हमारे Blog से Computer के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं, Blog पर कंप्यूटर की सभी जानकारी के बारे में बताया जाता है वह भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद आपका इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए

  • PowerPoint क्या है? इसके प्रमुख अवयव कौन-कौन से हैं

    PowerPoint क्या है? इसके प्रमुख अवयव कौन-कौन से हैं

    आज हम सीखने जा रहे हैं कि PowerPoint क्या है और इसके प्रमुख अवयव कौन कौन से हैं इस Site की मदद से आप बहुत आसान भाषा में सीख सकते हो कंप्यूटर के बारे में, तो पढ़ते रहे आप इस आर्टिकल को.

    PowerPoint के द्वारा विभिन्न सभाओं और प्रशिक्षणों आदि में प्रस्तुत करने के लिये सामग्री तैयार की जाती है। इसके बहुत से टूलबार, मेन्यू आदि एमएस ऑफिस के अन्य प्रोग्राम से सुमेलित होते हैं, जिससे इस पर कार्य करना आसान होता है। पॉवर प्वाइंट के प्रस्तुतीकरण में हम एमएस-वर्ड, एमएस एक्सेल आदि दूसरे प्रोग्रामों से भी सामग्री ला सकते है। इसमें ध्वनि को प्रस्तुत करने की भी सुविधा रहती हैं.

    प्रस्तुतिकरण के प्रमुख अवयव 

    (A) स्लाइड्स– स्लाइड्स प्रस्तुतिकरण में उपयोग किये जाने वाले पृष्ठ हैं। स्लाइड्स में शीर्षक, टैक्स्ट, ग्राफ्स, आकृतियाँ, क्लिपआर्ट हो सकते हैं। उसको कागज एवं पारदर्शिताओं पर छाप भी सकते हैं।

    (B) हैण्डआउट्स– हैण्ड हाउट्स प्रस्तुतिकरण को सहारा प्रदान करते हैं। प्रस्तुतिकरण से पूर्व आप अपने श्रोतागण में हैण्डआउट्स वितरित कर सकते हैं। इनमें स्लाइड के ही छोटे प्रिन्ट, एक पृष्ठ पर दो, तीन, छः या नौ की संख्या होती है। कम्पनी का नाम, पृष्ठ संख्या एवं तिथि इत्यादि भी इस पर पिन्ट की जा सकती है।

    (C) वक्ता नोट्स- प्रस्तुतिकरण के समय वक्ता या प्रस्तुतकर्ता के स्पष्टीकरण के लिये स्लाइड्स के नीचे वक्ता नोट्स लिखे जाते हैं। वक्ता या प्रस्तुतकर्ता प्रस्तुतिकरण के समय स्लाइड शो करते हुये अपने शो इन नोट्स से सहायता लेता है।

    PowerPoint को प्रारम्भ करने तथा प्रस्तुति बनाने के विभिन्न चरण

    powerpoint hindi

    एमएस-पॉवर प्वाइंट का आरम्भ- एमएस-पॉवर प्वाइंट का आरम्भ निम्न तीन विधियो में से किसी भी एक विधि द्वारा किया जा सकता है

    (1) डेस्कटॉप पर एमएस-पॉवर प्वाइंट के आइकॉन को माउस के बायें बटन द्वारा दो बार क्लिक करके।

    (2)(a) स्टार्ट बटन पर माउस के बायें बटन से एक बार क्लिक करें। ऊपर की ओर खुलती हुई एक सूची मिलेगी। 

    (b) इस सूची में माउस के बायें बटन द्वारा प्रोग्राम्स पर एक बार क्लिक करें। दायीं ओर एक सूची खुल जायेगी।

     (c) दायीं ओर खुली हुई इस सूची में माउस के बायें बटन द्वारा माइक्रोपॉवर प्वाइन्ट पर एक बार क्लिक करें। एमएस-पाँवर प्वाइंट आरम्भ हो जायेगा।

    (3)(a) डेस्कटॉप पर एमएस पॉवर प्वाइंट के आइकॉन को माउस के बायें बटन द्वारा एक बार क्लिक करें। एमएस पॉवर प्वाइंट के आइकॉन का रंग बदल जायेगा। 

    (b) इस आइकॉन पर माउस के दायें बटन द्वारा एक बार क्लिक करें। बायीं ओर एक सूची खुल जायेगी। 

    (c) बायीं ओर खुली हुई इस सूची में माउस के बायें बटन द्वारा ओपन पर एक बार क्लिक करें। एमएस पॉवर प्वाइंट आरम्भ हो जायेगा।

    एमएस-पॉवर प्वाइंट का आरम्भ होते ही Window कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देगी।


     इस Window में निम्न विभाग होते हैं

    (1) मेन्यू बार-

    Window का सबसे ऊपरी भाग मेन्यू बार कहलाता है। इस मेन्यू बार में कई पुल डाउन मेन्यू होते हैं। जैसे- File, Edit, View, Insert, Format, Tools, Slide Show, Window और Help/ किसी भी मेन्यू को खोलने के लिये उस पर माउस के बायें बटन द्वारा एक बार क्लिक कर वांछित कार्य कर सकते हैं।

    (2) टूल बार-

    यह मेन्यू बार के ठीक नीचे होता है। टूल बार की संख्या अधिक होती है। एमएस पॉवर प्वाइंट की Window में आवश्यक टूल बार को रखते हैं शेष को आवश्यकतानुसार लाया जा सकता है। कुछ मुख्य टूल बार हैं- Standard, Fomating, Table and Borders, Drawing, Animation Effects और Picture आदि।

    (3) स्टेटस एरिया-

    यह पाठ्य-क्षेत्र के नीचे होता है। इस क्षेत्र में हमारे प्रस्तुतीकरण के बारे में जानकारी उपलब्ध होती है। जैसे-Slide number आदि।


    स्लाइड मास्टर और टैम्पलेट का प्रयोग कर विभिन्न कलर स्कीम में प्रस्तुतीकरण का निर्माणटैम्पलेट का प्रयोग कर प्रस्तुतीकरण का निर्माण करने के लिये निम्न कार्य किये जाते हैं

    (1) पॉवर प्वाइंट का आरम्भ करते हैं।पॉवर प्वाइंट डायलॉग बॉक्स खुल जायेगा। 

    (2) इस डॉयलॉग बॉक्स में डिजायन टेम्पलेट विकल्प का चुनाव कर ओके बटन पर क्लिक करें।

    New Presentation डायलॉग बॉक्स खुल जायेगा। 

    (3) इस डायलॉग बॉक्स में तीन विकल्प होते हैं और प्रत्येक विकल्प में एक सूची उपस्थित रहती है। उनमें से किसी भी विकल्प का चुनाव कर ओके बटन पर क्लिक करें। New Slide डायलॉग बॉक्स खुल जायेगा। 

    (4) इस डायलॉग बॉक्स में वांछित विकल्प का चुनाव कर ओके बटन पर क्लिक करें।

    उदाहरण के लिये यदि हम ब्लेंक प्रस्तुतीकरण का चुनाव करते है, तो हमें एक स्लाइड दिखाई देती है। स्लाइड मास्टर का प्रयोग करने के लिये निम्न कार्य करते हैं.

    (1) रिक्त प्रस्तुतीकरण का निर्माण करते हैं। 

    (2) मेन्यू बार के व्यू मेन्यू को क्लिक करते हैं।

    एक ड्रॉप डाउन लिस्ट खुल जायेगी। . 

    (3) इस ड्रॉप डाउन लिस्ट में मास्टर विकल्प पर माउस प्वाइंटर ले जाते हैं। दायीं ओर एक Window खुल जायेगी।

    (4) स्लाइड मास्टर पर क्लिक करते ही निम्न स्लाइड हमारे सामने आती हैंइस स्लाइड में हम अपना प्रस्तुतीकरण तैयार कर सकते हैं।

    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

    हम आशा करते हैं कि आपको हमारी वेबसाइट से जानकारी प्राप्त हुई होगी और आप जान चुके होंगे कि PowerPoint Kya he और यह किस प्रकार कार्य करता है. अगर हमसे किसी भी प्रकार की कोई जानकारी छूट गई हो तो उसकी सूचना आप कृपया कर हमें कमेंट के जरिए दें

  • E-mail Ethics in Hindi ई-मेल इथिक्स का तात्पर्य क्या है

    E-mail Ethics in Hindi ई-मेल इथिक्स का तात्पर्य क्या है

    आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं ईमेल इथिक्स के बारे में किया, किस प्रकार कार्य करता है और यह क्या है साथ ही साथ हम आपको कुछ कॉमन वर्ड के मतलब की बताएंगे.

    ई-मेल इथिक्स का तात्पर्य क्या है E-mail Ethics

    E-mail Ethics पत्र लिखना एक कला होती है जो केवल संदेश का संचार ही नहीं करती वरन पत्र प्रेषित करने वाले व्यक्ति के मूड तथा संवेदनाओं को भी संचारित करती है। जब हम किसी को कोई व्यक्तिगत या व्यावसायिक पत्र लिखते हैं तो हम कुछ अलिखित नियमों का अनुपालन करते हैं.

    पत्र लिखने के यही अलिखित नियम इथिक्स या आचार नीति कहलाते हैं। चूँकि ई-मेल भी पत्रों के समकक्ष होते हैं। अतः पत्र लेखन के अलिखित नियम ई-मेल लेखन में भी लाग होते हैं। इण्टरनेट पर इथिक्स को नेटीक्यूटी कहा जाता है। जब हम इण्टरनेट पर किसी परिचित या अपरिचित व्यक्ति से परस्पर संदेशों का आदान-प्रदान कर रहे होते हैं तो हमें कुछ आवश्यक नियमों या नेटीक्यूटियो का अनुपालन करना आवश्यक होता है.

    इस सन्दर्भ में कुछ महत्वपूर्ण नेटीक्यूटियाँ निम्नलिखित है

    • हमें मेल लिखते समय शान्त तथा प्रसन्नचित रहना चाहिये.
    •  Subject फील्ड को खाली नहीं छोडना चाहिये। इस फील्ड को खाली छोड़ने से यह प्रतीत होता है कि हमें महत्वपूर्ण बात नहीं कहनी. 
    • कोई ऑफिशियल मेल या किसी बड़े व्यक्ति को मेल भेजें तो एक्रोनिम्स का प्रयाग नहीं करना चाहिये.
    • अधिक बड़े या बोल्ड अक्षरों का प्रयोग नहीं करना चाहिये। बोल्ड अक्षर किता विशिष्ट शब्द या कथन के लिये प्रयुक्त होते हैं.
    • आवश्यक मेल ही भेजना चाहिये न कि अनावश्यक रूप से किसी का परशाना उत्पन्न करने के लिये मेल करना.
    • अंक (व्यर्थ) मेल नहीं भेजने चाहिये.
    • ई-मेल संदेश स्पष्ट तथा संक्षिप्त होने चाहिये, न कि लम्बे, टूटे तथा उबाऊ.
    • ई-मेल में कछ बिन्दुओं पर विवरण प्रस्तुत करने के लिये, यह विवरण हमशा छोटे-छोटे टुकड़ों में नम्बर डालकर देने चाहिये.
    • Message के ड्राफ्ट को चैक अवश्य करना चाहिये। मेल भेजने से पहले स्पेलिंग की गलतियों के चैक के लिये स्पेल चैकर का उपयोग कर लेना चाहिये.
    • मेल send करने से पूर्व उसे एक बार अवश्य पढ़ लेना चाहिये.
    •  प्राप्त ई-मेलों को सतत रूप से देखते रहना चाहिये। भेजे गये ई-मेल की प्राप्ति का प्रमाण या उत्तर चाहने पर उसे शीघ्र ही भेजना चाहिये.

    Common E-mail Abbreviations or Acronyms Acronym

    AcronymTranslation
    BFNBye for now
    BTWBye the way
    FYIFor your information
    HTHHope this help
    IJWTKI just want to know
    IJWTSI just want to stay
    IMOIn my opinion
    IMHOIn my humble opinion
    LOLLaughing out loud
    NOYBNone of your business
    OTLOut to lunch
    OTOHOn the other hand
    PMFJIPardon me for jumping in
    ROTFLRolling on the floor laughing
    TIAThanks in advance
    WOAWork of art
    WYSIWYGWhat you see is what you get

    Common E-Mail Emoticons (Smileys)

    EmoticonsEmoticonsTranslation
    🙂Happy
    🙁Sad
    😮Surprised
    :-@Screaming
    :-IIndifferent
    :-eDisappointed
    😀Laughing
    😉Wink

    कंप्यूटर के बारे में

  • What is URL in Hindi- Uniform Resource Locator

    What is URL in Hindi- Uniform Resource Locator

    अगर आप Internet का उपयोग करते हैं, तो कभी ना कभी आपने जरूर URL का इस्तेमाल किया होगा आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे URL के बारे में यह किस प्रकार कार्य करें करता है तथा URL क्या है?

    what is url

    आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस Blog पर और आज हम सीखने वाले हैं, URL? के बारे में जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है, अगर आप कंप्यूटर अथवा वेबसाइट सीखना चाहते हैं.

    इंटरनेट के ऊपर अगर आप Website बनाना चाहते हैं तो आपको URL के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है क्योंकि बिना किसी URL के किसी भी Website को एक्सेस करना लगभग मुश्किल हो जाता है.

    What is URL क्या है?

    URL (Uniform Resource Locator)- वर्ल्ड बाइड वेब से सवाध अन्य सर्वर पर फाइलों के स्थान को बताने के लिए यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (Unifom Resource Locator) का प्रयोग करते हैं। U.R.L. में एक्सेस किए जाने वाले संसाधन के प्रकार (जैसे- वेब , गोफर, ET.P.), सर्वर का पता (Address), तथा फाइल का स्थान (Location) होता है.

    इसका Syntax इस प्रकार है.

    • स्कीम : होस्ट डोमेन : पोर्ट]/पाथ/फाइल नेम
    • जहाँ स्कीम (Scheme) से तात्पर्य है
    • फाइल (file)- स्थानीय सिस्टम का फाइल
    • एफ.टी.पी. (FTP)-बेनाम FTP सर्वर का फाइल
    • एच.टी.टी.पी. (http)- बर्ल्ड बाइड वेब सर्वर का फाइल
    • गोफर (Gopher)- गोफर सर्वर का फाइल
    • बायस (WAIS)- वायस (WAIS) सर्वर का फाइल
    • न्यूज (News)- यूजनेट का एक न्यूजग्रुप
    • टेलनेट (Telnet)- टेलनेट सेवा के साथ संयोजन

    इसके द्वारा Port Number सामान्यतः समाप्त कर दिए जाते हैं।

    दूरस्थ लॉग इन क्या है? (Remote Login)-

    इंटरनेट रिमोट लॉग यह सेवा उपलब्ध कराता है, जो किसी user को दूरस्थ time-sharing कम्प्यूटर सिस्टम को इस प्रकार अभिनय करने में समर्थ बनाता है, जैसे प्रयोक्ता का की-बोर्ड (Key-Board) और मॉनीटर प्रत्यक्षतः दूरस्थ कम्प्यूटर से जुड़े हों। सेवा का उपयोग करने के लिए, एक User Local Computer पर एक application प्रोग्राम का आग्रह करता है।

    एक Remote computer का नाम निर्देशित करता है। स्थानीय एप्लीकेशन प्रोग्राम एक क्लाइन्ट बन जाता है जो इंटरनेट का प्रयोग दूरस्थ कम्प्यूटर से जोड़ने के लिए होता है। एक बार connection स्थापित हो जाने पर Remote computer user के Display को takeover कर लेता है और इन Login तथा password देने का आग्रह करता है वैसे ही जैसे यह प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ने वाले टर्मिनल के साथ करता है.


    FAQ:-

    What is the full form of URL?

    URL का फुल full form यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform Resource Locator) होता है.

    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

    हम आशा करते हैं, कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा, इस आर्टिकल में हमने What is URL? के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

    अगर आपको यह Article Helpful रखता है तो आप इस आर्टिकल को अपने मित्रों के साथ और घर के सदस्यों के साथ Share कर सकते हैं और उन्हें भी कंप्यूटर की जानकारी दे सकते हैं.

    आप हमारे Blog से Computer के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं एस Blog पर कंप्यूटर की सभी जानकारी के बारे में बताया जाता है वह भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद आपका इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए.

  • What is the Domain Name? डोमेन नाम क्या है?

    What is the Domain Name? डोमेन नाम क्या है?

    Domain name : डॉमेन नाम एक ऐसा पता है जिसके जरिये Internet प्रयोक्ता आपको web पर देखेंगे, web प्रकाश का पहला चरण है.

    what is domain name in hindi

    आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस Blog पर और आज हम सीखने वाले हैं, Domain Name? के बारे में जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है, अगर आप कंप्यूटर अथवा वेबसाइट सीखना चाहते हैं.

    आज के इस Article में आपको बहुत ही आसान भाषा में  Domain Name  के बारे में जानने को मिलेगा और कैसे काम करते हैं आपको सभी जानकारी आज पढ़ने को मिलेगी.

    अगर आप Website के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी खुद की एक वेबसाइट बनाना चाहते हैं तो आपको यह जानना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है कि Domain Name Kya he है, और यह कैसे काम करता है.

    What is a domain name?

    Domain Name की मदद से हम किसी भी वेबसाइट को Search कर सकते हैं Google पर या और किसी Search Engine पर यह भी एक प्रकार का IP Address होता है जो कि आसान भाषा में आप को दर्शाया जाता है, ताकि आपको किसी भी वेबसाइट का IP Address याद रखने की जरूरत ना पड़े बजाय उसके आपको एक आसान नाम दिया जाता है जिसे कहते हैं Domain Name.

    Domain name planning and registration डॉमेन का नाम निबंधित करवाते समय कुछ बातें आपको दिमाग में रखनी चाहिए। सबसे पहले जो चीज आपको करने की आवश्यकता होती है वह है प्रस्तावित साइट के लिये एक Domain नाम प्राप्त करना Domain name वह name है जिसे आप अपने साइट पर देना चाहते हैं। उदाहरण के लिये computer-hindi.com एक domain name है। एक domain name प्राप्त करने के लिए आपको एक register को एक वार्षिक शुल्क उस नाम का प्रयोग करने देने की अनुमति को पहले देना पड़ता है।

    एक नाम प्राप्त कर लेने से आपको website नहीं मिल पाता है। यह सिर्फ एक नाम है। यह ठीक वैसा है जैसे नकल से बचने के लिए किसी सरकारी संस्था के अधीन किसी व्यावसायिक नाम का निबंधन कराना।

    what is domain name

    एक डॉमेन नाम का चयन करना (Choosing a Domain Name)-

    इसे पूर्व की आप शीघ्रता बरतते हुए अपना डॉमेन नाम चुनें और website का नामकरण करें। आपको निम्न बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है

    आपका डॉमेन नाम ही आपके वेब साइट का नाम होना चाहिए (Your Domain Name should be your website name)-

    ऐसा Domain name जो आपके ब्रांड से मेल खाता है, बहुत महत्वपूर्ण है। वह नेम जिसका प्रयोग आप अपने उत्पाद के विज्ञापन में करते हैं। आप अपने डॉमेन के लिये भी चाहेंगे क्योंकि यही वह पहली चीज होगी जिसे लोग अपने Browser में डालकर देखेंगे। आपका डॉमेन नाम बहुत लम्बा नहीं होना चाहिए।

    आपका डॉमेन नाम बहुत लम्बा नहीं होना चाहिए (Your Domain name should not be too long)-

    Domain 67 अक्षर (character) तक किसी भी लम्बाई के हो सकते हैं। आपको एक अस्पष्ट और दुर्योध Domain नाम जैसे- nbo.com से ही संतोष कर लेने की आवश्यकता नहीं है। जबकि आप जो चाहते हैं, वह है। hamarabinaronine.com यद्यपि आप एक छोटा Domain name प्राप्त करने में सफल हो जाते हैं। जो मुख्य बात यह सुनिश्चित करता है कि यह अक्षरों का एक सार्थक मेल या संयोजन है या नहीं।

    आपके डॉमेन नाम को hyphen मुक्त होना चाहिए (Your Domain name should be hyphen free)-

    Hyphemation युक्त Domain Name के कुछ-कुछ अपने फायदे हैं और नुकसान भी। यदि hyphen सहित है। तो search इंजन आपके keywords के बेहतर रूप से पहचान सकते हैं। नुकसान यह है कि नाम Type करते समय hyphen को भूल जाना अत्यन्त आम बात है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति मौखिक रूप आपके साइट को अपने किसी मित्र को recommend करता है तो आपके Domain name में hyphen होना गलती होने की संभावना बढ़ाता है।

    डॉमेन नाम में बहुवचन शब्द नहीं होना चाहिए (Your domain should not contain plural words)-

    Domain name का बहुवचन नाम (forex website.com) हमेशा ही नुकसान का कारण बनता है। चूँकि आग क्रम द्वारा नाम में ‘S’ Type की बात भूल जाने की संभावना बहुत रहती है। उदाहरण के लिये मान लीजिए कोई व्यक्ति website.com को log on करना चाहता है, किन्तु गलती से website.com log on कर देता है तो बहुत संभव है इससे cinenet नुकसान होने का खतरा रहेगा यदि दोनों ही डॉमेन के उत्पाद समान हों।


    Abbreviation (Extensions)(एक्सटेंशन)Full Form (पुरा नाम)
    comCommercial Internet Sites
    .netInternet Administrative Site
    .orgOrganization Site
    .eduEducation Sites
    .firmBusiness Site
    .govGovernment Site
    .intInternational Institutions
    .milMilitary Site
    .mobiMobile Phone Site
    .intInternational Organizations site
    .ioIndian Ocean (British Indian Ocean Territory)
    .milU.S. Military site
    .govGovernment site
    .storeA Retail Business site
    .webInternet site
    .inIndia
    .auAustralia
    .aeArab Emirates
    .saSaudi Arabia
    .usUnited States
    .ukUnited Kingdom
    .khCambodia
    .thThailand
    .cnChina
    .vnVietnam
    .jpJapan
    .sgSingapore
    .nzNew Zealand
    .myMalaysia

    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

    हम आशा करते हैं कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा, इस आर्टिकल में हमने What is a domain name? के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

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  • What is ISP यह कैसे काम करता है?

    What is ISP यह कैसे काम करता है?

    Internet Service Provider (ISP)- वह कंपनी जो Internet सुविधा प्रदान करती है। इंटरनेट सेवा प्रदाता (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) कहलाती है। किसी अन्य कम्पनी की तरह ही इंटरनेट सेवा प्रदाता अपनी सेवाओं के लिए प्रयोक्ता से पैसा लेती है। सामान्यतः यह शुल्क राशि इंटरनेट सेवा प्रदाता द्वारा दो प्रकार से ली जाती है.

    what is isp

    अगर आप Internet के बारे में सीखना चाहते हो तो, आपको यह बहुत ही ज्यादा जरूरी है जानना की Internet Service Provider (ISP) क्या है? और यह कैसे काम करता है.

    आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस Blog पर और आज हम सीखने वाले हैं, ISP? के बारे में जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है, अगर आप कंप्यूटर अथवा वेबसाइट सीखना चाहते हैं.

    What is ISP

    Internet Service Provider (ISP)- वह कंपनी जो Internet सुविधा प्रदान करती है। इंटरनेट सेवा प्रदाता (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) कहलाती है। किसी अन्य कम्पनी की तरह ही इंटरनेट सेवा प्रदाता अपनी सेवाओं के लिए प्रयोक्ता से पैसा लेती है। सामान्यतः यह शुल्क राशि इंटरनेट सेवा प्रदाता द्वारा दो प्रकार से ली जाती है

    (i) इंटरनेट प्रयोग करने के लिये।

    (ii) इंटरनेट कनेक्शन देने के लिये।

    Internet पर किए जाने वाले कार्य के बदले प्रत्येक प्रयोक्ता अपने हिस्से का भुगतान करता है। नेटवर्क एक साथ संयोजित होते हैं तथा कैसे आपस में जोड़ें यह निर्णय करते हैं। विद्यालय या विश्वविद्यालय अथवा एक कम्पनी अपने संयोजन का भुगतान क्षेत्रीय नेटवर्क को करती है तथा वह क्षेत्रीय नेटवर्क इस एक्सेस के लिए राष्ट्रीय प्रदाता को भुगतान करता है।

    ISP के सभी ग्राहकों को Internet प्रयोग के बदले में शुल्क राशि का भुगतान करना ही होता है। अधिकतर मामलों में आई.एस.पी. ग्राहक पर एक निश्चित् मासिक शुल्क लगाती है। इसमें कस्टमर को समयावधि, संचार की दूरी तथा DATA Download या UPDATE की मात्रा के लिए स्वतंत्रता दी जाती है। प्रयोग शुल्क के बदले आई.एस.पी. ग्राहक के computer से गंतव्य स्थान तक अन्य स्थानों से ग्राहक के computer तक डाटा को ले जाने और लाने पर सहमत होता है।

    क्या आपको पता है: WWW क्या है?

    ISP एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान (organization) से एक व्यक्ति की तुलना में अधिक शल्क लेते हैं क्योंकि एक व्यक्तिगत प्रयोक्ता (user) इंटरनेट का प्रयोग कम्प्यूटर पर कभीकभी करता है जबकि व्यावसायिक Organization में Internet का प्रयोग कई लोग करते * वहाँ प्रतिदिन डाटा स्थानान्तरण की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा Internet का शुल्क इस बात पर भी निर्भर करता है कि उस ग्राहक के पास कौन-सा संयोजन है ?

    ऐसे ग्राहक जिनके पास बड़ी मात्रा में Data को स्थानान्तरित करने के योग्य संयोजन है, को कम क्षमता संयोजन वाले ग्राहकों की तुलना में अधिक शुल्क देना पड़ता हैं। अब तक अन्य प्रकार का गोजन शल्क की वैसे ग्राहकों के लिए निर्धारित होता है जिनके पास अनेक site तथा ISP के बीच अलग से एक समर्पित Dedicate संयोजन होता है, BSNL, VSNL, Reliance, Sify, Bharti भारत के कुछ इंटरनेट प्रोवाइडर के नाम है .


    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

    हम आशा करते हैं कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा, इस आर्टिकल में हमने What is ISP (Internet Service Provider)? (ISP क्या है) के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

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  • World Wide Web WWW क्या है?

    World Wide Web WWW क्या है?

    अगर आप Internet का उपयोग करते हैं तो आपको WWW के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि यह Internet का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. World Wide Web क्या है ? और यह कैसे काम करता है, यह जानकारी आपको हमारे ब्लॉग पर मिलेगी.

    www kya he

    आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस Blog पर और आज हम सीखने वाले हैं, WWW? के बारे में जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है, अगर आप कंप्यूटर अथवा वेबसाइट सीखना चाहते हैं.

    आज के इस Article में आपको बहुत ही आसान भाषा में  WWW के बारे में जानने को मिलेगा और कैसे काम करते हैं आपको सभी जानकारी आज पढ़ने को मिलेगी.

    What is WWW?

    World Wide Web (WWW)- सर्वर की एक संख्या है जो कि Hyper Text के माध्यम से आपस में संयोजित होती है, Hyper Text सूचना को प्रस्तुत करने का वैसा तरीका है, जिससे कुछ खास आयटम डाउनलोड होते हैं। उस डाउनलोडेड text को चुनने पर आप उससे सम्बन्धित विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं जो आपको एक document से दूसरे document में जाने में सहायता करता है तथा जो इंटरनेट पर किसी भी सर्वर में उपलब्ध हो सकते हैं।

    Web को विशेष बनाने में प्रमुख यह है आप इंटरनेट पर इनके माध्यम से कहीं भी भ्रमण कर सकते हैं। जैसे आप किसी एफ.टी.पी. साइट, गोफर. Veronica या किसी अन्य दस्तावेज में डाल सकते हैं। Web को भ्रमण करने के लिए आप ब्राउजर सॉफ्टवेयर जैसे (Mosaic), मौजिक नेटस्केप नवीगेटर (Netscape Navigator) या इंटरनेट एक्सप्लोरर का प्रयोग करते हैं। वेब हायपर टैक्सट के साथ उच्च स्तरीय ग्राफिक्स का उत्तम प्रयोग करता है। FTP तथा Telnet जैसी Text पर आधारित सेवाओं के साथ ही web में अच्छी मात्रा में ग्राफिक्स का प्रयोग होता है। आज हम वेब पेजों में चित्र तथा ध्वनि का समावेश आसानी से बहुतायत में देख सकते हैं।

    वेब का इतिहास (History of web)-

    वर्ल्ड वाइड वेब के आविष्कार से पहले इंटरनेट का प्रयोग बहुत ही कठिन था। इस पर उपलब्ध सूचनाओं को खोजना तथा इसका – प्रयोग में लाना और कठिन था। इंटरनेट पर उपलब्ध files को ढूंढ़ना तथा उसे डाउनलोड करने के लिए यूनिक्स स्कीलर (skiller) तथा विभिन्न tools की आवश्यकता पड़ती थी।

    Com में उनके कार्य के लिए हमेशा इंटरनेट की आवश्यकता पड़ती थी। Internet का प्रयोग वह शोध, तथा अपने शोधकर्ता मित्रों के साथ सम्पर्क करने में करते थे, उन्हें इंटरनेट को उपयोग किये जाने में आने वाली कठिनाइयों ने इस बात के लिए उनके अन्दर ऐसी प्रणाली का विकास करने पर प्रेरित किया जो उनके काम को आसान बना सके। 1989 में

    उन्होंने World Wide Web के विकास के लिए सर्न के इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड computing and for physics विभाग को एक प्रस्ताव दिया लेकिन इस प्रस्ताव को बहुत अधिक स्वीकृति नहीं मिली फिर जब दोबारा उन्होंने अपने मित्र रॉबर्ट कैलियो के साथ, प्रस्ताव की अस्वीकृति के कारण पर विचार करने के बाद दुबारा प्रस्तुत किया हो तो उसे स्वीकृति मिल गयी.

    InternetIntranet
    (1) Internet लोकल एरिया नेटवर्क लेनोवा वाइड एरिया नेटवर्क इन दोनों की स्थापित कर सकता हैIntranet केबल लोकल एरिया नेटवर्क प्लेन को जोड़ता है
    (2) यह मानको Protocol का प्रयोग विश्वव्यापी करता हैIntranet इंटरनेट मानकों का प्रयोग किसी निश्चित जगह या संगठन में करता है
    (3) इंटरनेट मेलसर्वर व सूचनाओं का प्रयोग सार्वजनिक न्यूज़ ग्रुप बनाने में करता हैIntranet मेलसर्वर व सूचनाओं का उपयोग निजी न्यूज़ ग्रुप बनाने में करता है
    (4) किसी Internet साइट को बिना इंटरनेट साइट के बना सकते हैंIntranet साइट को बिना इंटरनेट साइट की सहायता के नहीं बनाया जा सकता है
    (5) Internet का प्रयोग करने वाली User कि संख्या अधिक होती हैIntranet प्रयोग प्रयोग करने वाले इधर की संख्या इंटरनेट की तुलना में कम होती है
    (6) इंटरनेट से जोड़ा Hardware इंटरनेट से जुड़े Hardware की तुलना में बहुत अधिक क्षमता वाला होता हैइससे जुड़ा Hardware इंटरनेट से जुड़े Hardware की तुलना में कम क्षमता वाला होता है

    कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल

    हम आशा करते हैं कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा, इस आर्टिकल में हमने What is WWW? (World Wide Web क्या है) के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

    अगर आपको यह Article Helpful रखता है तो आप इस आर्टिकल को अपने मित्रों के साथ और घर के सदस्यों के साथ Share कर सकते हैं और उन्हें भी कंप्यूटर की जानकारी दे सकते हैं.

    आप हमारे Blog से Computer के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं एस Blog पर कंप्यूटर की सभी जानकारी के बारे में बताया जाता है वह भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद आपका इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए